मृत्युलोक की क़िताब - 2 Abhishek Chaturvedi द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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मृत्युलोक की क़िताब - 2


अध्याय 5: 

किताब का प्रभाव
एक दिन, जब अमन का मनोबल पूरी तरह टूट चुका था, उसने किताब को फिर से पढ़ने का फैसला किया। वह जानना चाहता था कि आखिर इसमें ऐसा क्या है जो उसे और उसके परिवार को इतना परेशान कर रहा है। उसने किताब को पढ़ना शुरू किया और इस बार उसने सारे पन्ने पलट दिए। किताब में लिखे शब्द अब स्पष्ट हो गए थे। यह किताब "मृत्युलोक की किताब" थी, जो आत्माओं को अपने वश में कर लेती थी। उसमें लिखा था कि जो भी इसे पढ़ेगा, वह अपने प्रियजनों के खून से प्यास बुझाएगा और अंत में खुद अपनी जान लेगा।

अमन के दिलो-दिमाग पर किताब का इतना प्रभाव हो गया था कि वह अब किताब की बातों को सच मानने लगा। उसने किताब के आखिरी पन्ने पर एक विचित्र अनुष्ठान का विवरण देखा, जिसमें उसके परिवार के सदस्यों की बलि देने की बात लिखी थी।


अन्तिम रात
उस रात अमन पूरी तरह से किताब के वश में था। उसने अपने परिवार के हर सदस्य को उनके कमरों से बुलाया। उसके दादा-दादी और माता-पिता उसकी आँखों में झलक रहे पागलपन को देखकर घबरा गए। अमन के हाथ में एक धारदार चाकू था, और उसके चेहरे पर एक भयावह मुस्कान थी।

उसने धीरे-धीरे सबको एक-एक करके मार दिया। हर वार के साथ उसकी आँखों में पागलपन और बढ़ता गया। जब आखिरी में उसकी माँ ने उसके सामने हाथ जोड़कर माफी माँगी, तो उसने एक पल के लिए रुककर किताब की तरफ देखा। किताब के आखिरी पन्ने पर खून से भरी तस्वीरें दिखाई दीं। और उसने आखिरी वार किया।

अंत में, जब वह अकेला रह गया, तो किताब के पन्नों ने खुद-ब-खुद पलटना शुरू कर दिया। उसमें उसकी खुद की मौत की भविष्यवाणी लिखी थी। अमन ने बिना एक शब्द कहे, चाकू को उठाया और अपने दिल में घोंप दिया। 


रहस्य बना रहता है
गाँव के लोग जब अगले दिन अमन के घर पहुंचे, तो वहाँ का दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए। पूरे घर में खून फैला हुआ था, और अमन के परिवार के सारे सदस्य मरे पड़े थे। अमन के शव के पास ही वह किताब खुली पड़ी थी, जिसका एक पन्ना खून से सना हुआ था। 

गाँव वालों ने बिना एक शब्द बोले उस किताब को वापस उसी हवेली में छोड़ दिया। उन्होंने कभी भी उस किताब के बारे में किसी से कुछ नहीं कहा। किताब वहीं आज भी उस हवेली में रखी हुई है, इंतज़ार में... अपने अगले शिकार के।


 नए शिकार की प्रतीक्षा
अमन और उसके परिवार की मृत्यु के बाद गाँव में भय का माहौल फैल गया। हर कोई इस भयानक घटना के बारे में चर्चा कर रहा था, लेकिन कोई भी सच को समझ नहीं पाया। वे जानते थे कि अमन ने कुछ ऐसा किया था जो उसे नहीं करना चाहिए था, लेकिन उसके पीछे की असली वजह कोई नहीं जान सका। गाँव वालों ने उस घटना को अपने दिमाग से निकालने की कोशिश की, लेकिन अमन की मौत का रहस्य उनके मन में हमेशा बना रहा।

कई साल बीत गए। गाँव में समय के साथ कई बदलाव आए, लेकिन हवेली का रहस्य वैसा ही रहा। नए लोग आए, पुराने लोग चले गए, लेकिन कोई भी उस हवेली के पास नहीं गया। किताब ने अपने अगले शिकार के लिए लंबा इंतजार किया, लेकिन उसे एक दिन ऐसा व्यक्ति मिलना ही था जो उसकी ओर आकर्षित हो सके।


विक्रम का आगमन
कई सालों बाद गाँव में विक्रम नाम का एक युवक आया। विक्रम एक लेखक था, जो पुराने गाँवों और उनकी कहानियों पर शोध कर रहा था। वह गाँव के रहस्यों और कहानियों को अपनी किताब में लिखना चाहता था। जब उसने गाँव में अमन और उसके परिवार की दुखद कहानी सुनी, तो उसे उस रहस्यमयी हवेली और किताब के बारे में पता चला। विक्रम ने इसे अपनी किताब का केंद्रीय हिस्सा बनाने का निर्णय लिया।

गाँव के बुजुर्गों ने विक्रम को उस हवेली से दूर रहने की सलाह दी, लेकिन उसकी जिज्ञासा इतनी प्रबल थी कि वह मना नहीं कर सका। वह जानना चाहता था कि उस किताब में ऐसा क्या था जिसने अमन को पागल बना दिया। विक्रम ने निर्णय लिया कि वह उस हवेली में जाकर किताब को खोजेगा और उसके रहस्य को समझेगा।

अब पढ़े आगे क्या होगा जब उसे हवेली में प्रवेश किया जाएगा अगली कहानी में पढ़ें......
“हवेली में प्रवेश”