Devil se Mohhabat - 21 aruhi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Devil se Mohhabat - 21

कि तभी विधि ,,,,,अपनी पूरी जान लगा,,,,खुद को अनिरुद्ध से बचाने की कोशिश करने लगी थी,,,,,लेकिन वह छोटी सी नन्ही सी जान ,,,,,खुद को कैसे बचा सकती थी,,,,,,,जिससे उसने बगैर कुछ सोचे समझे,,,,,,अपने चेहरे को घुमा,,,,,,,,अनिरुद्ध जो अब भी ,,,,,थोड़ा झुक ,,,,,,अपने होंठ विधि के कंधे पर रखा था ,,,,,,उसे गरदन पर एक तेज दर्द का एहसास होता है ,,,,,,क्योंकि विधि ने बगैर कोई मौका दिए ,,,,,,अपने तीखी नुकिली दांत,,,,,अनुरोध के गले में गड़ा दिया था ,,,,,,जिस दर्द से अनुरोध दो कदम पीछे हट गया था 

की तभी उसे विधि की चिखने की आवाज आती है,,,,, दूर दूर रहो मुझसे,,,,,,मैं कोई कमजोर यां अबला नारि नहीं हूं ,,,,,,,मैं तुम्हें जान से मार दूंगी ,,,,,अगर तुमने मेरे साथ कुछ भी,,,,,ऐसा वैसा करने की कोशिश की तो ,,,,,,,सुना तुमने,,,,,,दूर हो जाओ,,,,

या कहते हुए वह हाफ रही थी,,,,,,,कि तभी अनिरुद्ध गुस्से से चिखते हुए,,,,,,तेरी इतनी हिम्मत की तूने मुझे,,,,,,,यह कहते हुए ,,,,वह आब भी अपने गरदन को,,,,छू रहा था ,,,,,,कि उसने गर्दन पर कुछ चिपचिपा सा फील होता है,,,,,,,जिससे वह अपने नोज के पास ला,,,,,उसकी सुगंध लेता है ,,,,

तब उसे एहसास होता है,,,,,,कि यह गंध तो खून की थी,,जिसे महसूस कर,,,,,अनिरुद्ध गुस्से से आगे बढ़ ,,,,,वह विधि को खींच के ,,,,थप्पड़ मारता है ,,,,,,जिससे विधि सीधा जमीन पर,,,जा गिकती है ,,,,,,और कुछ पल के लिए विधि,,,,,,

🩵🩵🩵🩵🩵

Aab aage

और फिर अयान गुस्से से चिखाते हुए ,,,,,बगैर देरी के नीचे झुक विधी को बलों सहित पकड़,,,,,,,,,उठाते हुए तेरी इतनी औकात ,,,,,की तुम मुझे थप्पड़ मारेगी ,,,,,,,,यह कहते हुए वह गुस्सा,,,,,बढ़ता जा रहा था ,,,,,,

क्योंकि अनुरोध पहले से ही गुस्से में था ,,,,,,जो कि वह ,,,,, यहाँ आ ,,,,विधि पर उतरना चाहता था,,,,,,,लेकिन विधि के दुबारा,,,,,,,यूं अचानक अपने गालो पर थप्पड़ पड़ने से,,,,,,,,,वह गुस्से से बगैर वक्त गवाये,,,,,अपने हॉट आर्य के होठों पर रख,,,,,,उसे वाइट करने लगता है,,,,,,,और फिर वह इस तरह आर्य के होठों पर वाइट करते हुए ,,,,,,,अपने कदम बैठ की तरफ बढ़ाने लगता है,,,,

और वही आर्य जॉ अब डर से कांपने लगी थी,,,,,,और वह अपने नन्हे नन्हे हाथों की मुट्ठी बना ,,,,,,,वह आब भी ,,,,,अनिरुद्ध के उन हाथों पर मार रही थी ,,,,,,,जिस हाथों ने अब भी विधि के कमर को पकड़े हुए था,,,,,,,

और फिर अनिरुद्ध बेड के बिल्कुल नजदीक पहुंच है,,,,,,,वह एकदम से विधि के होठों को ,,,,छोड,,,,उसे पीछे की तरफ धक्का दे देता है ,,,,,,,जिससे विधि सीधा बेड पर जा गिरती है ,,,,,,,और वही अनिरुद्ध विधि को गुस्से से घूरते हुए ,,,,,,,अपने शर्ट के बटन खोलने लगता है,,,,

और वही विधि जो अब भी डर से कांप रही थी,,,,,,,,वह अपने सामने खड़ी,,,,,,,उस परछाई को देख रही थी ,,,,,,,उसे नहीं पता,,,,,,,,कि वह परछाई इस वक्त क्या कर रहा है ,,,,,,,,बस उसे इतना पता था ,,,,,,,कि उसके सामने खड़ा ,,, वह शायद उसे ही घूर रहा है,,,,,,

जिससे विधि डरते हुए बेड पर खसकते हुए,,,,,,,वह पीछे की तरफ जाते हुए ,,,,,,,देखो देखो तुम्हें जो भी चाहिए ,,,,,,मुझे बता दो ,,,,,मैं मैं दे दूंगी ,,,,,,,मेरा तुम्हें कितने पैसे चाहिए ,,,,,,यह भी वह ,,,,बहुत ही मुश्किल से बोल रही थी,,,,,,क्योंकि वह डर से ,,,,उसके होंठ काप रहे थे,,,,

और वही अनिरुद्ध अपनी शर्ट उतार है,,,,,जमीन पर फेक,,,,,एक बार एकदम से ,,,,,, बेड पर आ जाता है और,,,,,,वही विधी जो पीछे की तरफ खिसक रही थी ,,,,,अनिरुद्ध को बेड पर देख,,,,,,वह एकदम से उठ जाने को होती है,,,,,,कि तब तक अनिरुद्ध आगे बढ़ ,,,,,,,विधि के पैरों को पकड़ खींच लेता है ह,,,,,,,,जिससे विधि एकदम से बेड पर गिर जाती है,,,,,,,और रोते हुए ,,,,,वह एकदम कबीर के करीब आ जाती है,,,,

और वही विधि,,,,,,विधि तो डर से ,,,,,जैसे उसकी सांसे ही रुक गई हो ,,,,,उसे समझ नहीं आता ,,,,,कि वह क्या ही बोल ,,,,,,बस उसे यहां से निकलना था,,,,,उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था ,,,,,,,जिससे वहां एकदम से अपने हाथ,,,,,,,,अपने ऊपर झुके अनिरुद्ध के सीने पर रखोश,,,,,उसे खुद से दूर करते हुए, ,,

, अपनी आंखों में आंसू लिए ,,,,सिसकियां लेते हुए ,,,,दे देखो प्लीज ,,,,,,,ऐसा मत करो ,,,,,,,मैं मर जाऊंगी ,,,,,,,मैं तुम्हारा क्या बिगाड़ा है,,; ,,,,मैं तो तुम्हें जानती भी नहीं हु,,,,

प्लीज मुझे जाने दो ,,,,,,मुझे घर जाना है यह कहते हुए विधि,,,,,,एकदम से जोर-जोर से रोने लगती है ,,,,,,उसके आंसू पता नहीं क्यों,,,,,,,लेकिन अनिरुद्ध को,,,,,,अपने सीने में एक अजीब सा दर्द महसूस करा रही थी ,,,,,जिससे वह विधि के ऊपर ,,,,,झुके हुए  बेड पर सपोर्ट लगाए ,,,,,,,,उन हाथों को गुस्से से,,,,,बेडशीट को अपनी मुट्ठी में भर,,,,,गुस्से से अपनी आंखें बंद कर लेता है ,,,,

के जैसे ही वह विधि के ऊपर से उठने को होता है,,,,,,,,की तभी उसे विधि की आवाज आती है ,,,,,,,,मेरा ,मेरा भाई मर जाएगा ,,,,,,,अगर मेरे साथ,,,,,,,ऐसा कुछ हुआ ,,,,,,,,मेरा भाई मुझे बहुत प्यार करता है ,,,,प्लीज मुझे जाने दो,,,, वह मेरे लिए,,,,,तुम्हें जितने पैसे चाहिए ,, वो दे देगे,,,,

विधि का इतना ही कहना था,,,,,कि अनिरुद्ध एकदम से विधि के गालो को पकड़ ,,,,,,,,उसे ऊपर की तरफ उठा,,,,,,,उसे अंधेरे में ही विधि के चेहरे को,,,,,,,अपने चेहरे के करीब ला ,,,,,,

तुझे लगता है ,,,,,अपने भाई की दुहाई देगी तो ,,,,,, तूझे छोड़ दूंगा ,,,;,,तो कभी नहीं,,,,,,,,आज मैं तुझे ,,,,,,वह नार्क दिखाऊंगा,, ,,,जो तूने कभी सोचा भी नहीं,,,,,,

तुझे ऐसी जिल्त भरी जिंदगी दूंगा ,,,,,,,कि तेरे भाई की रूह काप जाएगी,,,,,,,,बहुत शौक है ना दूसरों की इज्जत के साथ खेलने का ,,,,,,आब देख मैं तेरे भाई और तेरी इज्जत के साथ कैसा खेलता हूं

,,,,यह कहते हुए अनुरोध बगैर पर एक पल गवाए,,,,,अपने हाथ विधि के कंधे पर रख,,,,,,,वह एकदम से उसकी ड्रेस खींच लेता है ,,,,,,,,जिससे उसकी स्लीवलेस ड्रेस,,,,,,,,कंधे से एक साइड फट जाती है,,,,,,,,और वही विधि एकदम से चीज पड़ती है ,,,

और फिर वह अनुरोध के हाथों को झटकते हुए और,,,,,दोबारा चटपटे हुए पीछे की तरफ जाने लगती है,,,,,,और फिर वह उसे अंधेरे में ही ,,,,,,खुद को बचाने के लिए ,,,,,,प्लीज मुझे जाने दो

और वहीं अनिरुद्ध ,,,,,पहले से ही गुस्से में था,,,,,,ऊपर से विराज का नाम सुन ,,,,,,तो अब अनिरुद्ध का तो,,,,,,,,जैसे खून खोलने लगा था ,,,,,,जिससे वह दोबारा,,,,,विधि को अपने करीब खींच,,,,,,वह बगैर एक पल गवई ,,

दोबारा विधि को बेड पर धक्का दे ,,,,,,वह एकदम से विधि के होठों पर टूट पड़ता है,,,,,,,वह किस वैहिसी की तरह,,,,विधि के होठों को काट रहा था ,,,,,,और अपने हाथों को विधि के सॉफ्ट शरीर पर घूमा रहा था ,,,,,,की एकदम से अनिरुद्ध अपना हाथ बढ़ा,,,,,एक चर के आवाज के साथ ,,,,,,,विधि की ड्रेस उसके शरीर से अलग कर ,,,,जमीन पर फेंक देता है,,,

और वही विधि जिसे सिर्फ मिनी थाई लेंथ ड्रेस डाली थी ,,,,,,,,,जो की आप जमीन पर फटी हुई पड़ी थी ,,,,,,जिसे महसूस कर वह और भी तड़पने लगती है ,,,,,,,वह इस वक्त अनिरुद्ध के बिल्कुल कैद में थी ,,,,,,,वह ना ही अपने हाथ और ना ही पैर चला पा रहे थे,,,

इस वक्त विधि पूरी बेबसी,,,कि,,,,,वह कुछ नहीं कर पा रही थी,,,,,,,,,,,,,खुद को ,,, वह इस भेड़िया से बचा नहीं पा रही है,,,,,,,वह जोर-जोर से चिखना चाहती थी ,,,,,,,वह अपने भाई को बुला ,,,,,खुद को,,,,,इस भेडिये से बचाना चाहती थी ,,,,,,,,,लेकिन इस वक्त उसकी होंठ ,,,,,,,अनिरुद्ध के गिर्फत में थे ,,,,,,,,जिससे वह चाह कर भी बोल नहीं पा रही थी,,,,

शिवाय अपने आंखों में ढेर सारे आंसू लिए ,,,,,,,वह इस तरह से अपने शरीर में जान लगा,,,,,खुद को छुड़ाते हुए ,,,,,,अनिरुद्ध के नीचे अब भी लेटी हुई थी,,,,,या यू कहे की दबी हुई थी ,,

के तभी अनिरुद्ध विधि के होठों को छोड़,,,,,,अपने होंठ विधि के गर्दन पर रख,,,,,उसे बाइत करने लगता है ,,,,,,,,जिससे उस कमरे में ,,,,,,विधि की चिके गुजरे लगती है,,,,

विधि इस वक्त बहुत तड़प रही थी,,,,,,एक तो शरीर के दर्द से और एक ,,,,,उसके सामने उसकी इज्जत जो,,,,तार-तार कर रहे हैं ,,,,,,उस भेड़िया द्वारा दिए गए,,,मन के दर्द से ,,,,,वह तड़प उठी थी ,,,,,,वह बस किसी ना किसी,,,,, तरह,,,,इस भेडिया से ,,,, खुद को बचाना चाहती थी,,,,,,,,वह खुद की पवित्रता खोना नहीं चाहती थ;क्योंकि उसे विवेक का होना था,,,, न की इस भेड़िया का,,,,,,वह विवेक का होना चाहती थी,,,,

क्या ,,,यह इंसान क्या उसे,,,,,विवेक की लायक छोड़ेगा,,,,यह सोच विधि तो जैसे फट पड़ेगी,,,,,,,,उसे अपने दिल में बहुत दर्द महसूस हो रहा था ,,,,,,,कि आज उसका सब कुछ खत्म हो जाएगा ,,,,,वह तो विवेक से शादी करना चाहती थी,,,,अपना घर बसाना चाहती थी, ,,,,,,,यह सोच वह बस अपनी आंखों में आंसू लिए ,,,,,,,होठों पर दर्द है भरी आवाज प्लीज मुझे जाने दो,,,,,,,,,,वह रोते हुए ,,,,,,,यह सब कह रहे थे,,,,,,,,क्योंकि उसे दर्द हो रहा था ,,,,,,अनिरुद्ध द्वारा दिए गए ,,,बाईट से ,,,,

लगभग आधे घंटे बाद,,,,,,विधि की हालत बहुत खराब हो चुकी थी,,,,,,,,उसकी पूरी शरीर पर काटने और खरोंचो ने की निशान बन गए थे ,,,,,,जिससे विधि तड़पते हुए ,,,,,,,अब भी बेड पर लेटी हुई थी ,,,,,,,,उसके शरीर में तो जैसे,,,,,,अब जाने नहीं बची थी ,,,

की तभी अनिरुद्ध ,,,,,,बगैर किसी वोरनिग के ,,,,,,एकदम से विधि के अंदर समा जाता है ,,,,,,,,जिससे उस रूम में विधि की एक दर्द भारी चीख; गुज उठती है,,,,,,,,,

यह; चिख दर्द से भरी थी ,,,,,,,,कि किसी का भी कलेजा फटा सकती थी ,,,,,,,और किसी के भी आंखों में आंसू आ सकते थे ; विधि की दर्द भारी चीज, , , लेकिन अनिरुद्ध पर तो ,,,,,जैसे कोई असर नहीं हो रहा था ,,,,,,,विधि के चिखो से ,,,,,,,,,वह तो जैसे चाहता था ,,,,,,की विधि और रोए,,,,,,,,जिसे वह कोई भी कमी नहीं छोड़ा था,,,,,,,,विधि की आंखों में आंसू लाने के लिए,,;

और कुछ ही पल में भी विधि बेहोश हो जाती हैहै,े ,,,,,,,,,,, लेकिन अनुरोध तब भी नहीं रुकता,,,,,,,,जब तक की वहां खुद को विधि की बॉडी से सर्टिफाई नहीं कर लेता ,,,,,,,और यह सब सुबह के लगभग 4:00 बजे खत्म होता है ,,,,,,जिससे अनिरुद्ध विधि को बगैर एक नजर भी देखें,,,,,वह  सीधा अपने कपड़े पहन,,,,,उस कमरे से बाहर निकल जाता है

आज के लिए बस इतना अब आगे क्या होगा;,,,,जानने के लिए पढ़ते रहे,,,

आब विधि की जिंदगी में कौन है तूफान आने वाला है,,,अब विधि का रिएक्शन कैसा होगा ,,,,,,,अपना सब कुछ खोकर क्या वह जिंदगी में कभी भी विवेक की हो पाएगी,,,,,,,,और क्या विधि इस रात को भूल ,,,,,,आगे बढ़ पाएगी ,,,,,क्या होगा इन दोनों के बीच आगे जाने के लिए पढ़ते रहे
मेरे फ्रेंड्स अगर आप सबको यह कहानी अच्छी लग रही हो तो प्लीज आप सब मेरी दोस्ती बाकी की कहानी भी जरूर पड़े मुझे यकीन है आप सबको पसंद आएगी और अपना samiksha देना ना भूले