एक संदेश की शुरुआत
रात के लगभग दस बजे थे। अमन, जो एक साधारण नौकरीपेशा व्यक्ति था, अपने मोबाइल पर आई एक एसएमएस को देखता है। संदेश में लिखा था:
"बधाई हो! आपने 50 लाख रुपये का इनाम जीता है। कृपया अपना बैंक विवरण इस लिंक पर भेजें और इनाम प्राप्त करें।"
पहले तो अमन ने इसे एक सामान्य फ्रॉड एसएमएस समझकर नज़रअंदाज किया। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह सोच में पड़ गया। क्या यह मौका सच हो सकता है? उसने संदेह के बावजूद लिंक पर क्लिक किया। यह एक बड़ी गलती थी।
अज्ञात दुश्मन
अगली सुबह जब अमन बैंक पहुंचा, तो उसे बताया गया कि उसके खाते से सभी पैसे गायब हो गए थे। उसी समय, उसके मोबाइल पर एक और एसएमएस आया:
"तुम्हारा खाता अब हमारे नियंत्रण में है। अगर तुम पुलिस के पास गए, तो तुम्हारे परिवार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
अमन की सांसें रुक गईं। वह इस जाल में फंस चुका था, और उसका पूरा परिवार अब ख़तरे में था।
अमन ने पुलिस को सूचित करने का निर्णय लिया, लेकिन उसकी पत्नी सीमा ने उसे रोक दिया।
“अगर यह आतंकवादी संगठन है, तो हमें सावधान रहना चाहिए। हमें सब कुछ सोच-समझकर करना होगा,” सीमा ने चिंता से कहा।
अन्धकार की साज़िश
कुछ ही दिनों बाद, अमन को अपने घर के पास अजीब लोग दिखने लगे। वह किसी बड़ी साजिश का शिकार हो चुका था। उसे समझ में आया कि यह कोई साधारण फ्रॉड नहीं था, बल्कि एक बड़ा आतंकवादी संगठन था जो फ्रॉड एसएमएस के माध्यम से लोगों को अपने जाल में फंसा रहा था।
अमन की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी। संगठन ने उसे धमकी देना शुरू कर दिया कि अगर वह उनके कहे अनुसार नहीं चलेगा, तो उसके परिवार के सभी सदस्यों को खत्म कर दिया जाएगा।
उसे अचानक एहसास हुआ कि यह संगठन केवल पैसा चोरी नहीं कर रहा था, बल्कि वे लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कर रहे थे। वे अमन से बैंक खातों की जानकारी चुरवाते और उसे अपराध में फंसा देते।
जासूस की एंट्री
अमन के दोस्त विकास, जो एक जासूस था, इस पूरे मामले में मदद करने के लिए आगे आया। उसने अमन को विश्वास दिलाया कि वह संगठन का पर्दाफाश कर सकता है। विकास ने अमन के फोन से मिले एसएमएस को डिकोड करना शुरू किया और पाया कि यह संगठन एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी गिरोह से जुड़ा हुआ था, जो धोखाधड़ी के माध्यम से फंडिंग जुटा रहा था।
विकास ने एक योजना बनाई। उन्होंने एसएमएस के भेजे गए लिंक का पीछा किया और एक गुप्त सर्वर का पता लगाया। वहाँ से उसे इस संगठन के प्रमुख सदस्यों की जानकारी मिली।
विकास और अमन ने मिलकर पुलिस और साइबर क्राइम टीम को सूचित किया। एक जाल बिछाया गया। अमन को एक नकली संदेश भेजने के लिए कहा गया, जिसमें उसने संगठन को विश्वास दिलाया कि वह उनकी हर शर्त मानने के लिए तैयार है।
जैसे ही आतंकवादी संगठन का प्रमुख सदस्य अमन के घर में घुसने की कोशिश कर रहा था, पुलिस ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
अन्त का आरम्भ
इस पूरी घटना के बाद, अमन का परिवार फिर से सुरक्षित हो गया। लेकिन इस अनुभव ने अमन को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाया: किसी भी फ्रॉड एसएमएस या संदिग्ध लिंक पर कभी भरोसा न करें।
यह आतंकवादी संगठन तो पकड़ा गया, लेकिन उसकी जड़ें अभी भी समाज में फैली हुई थीं। अमन और विकास ने मिलकर एक जागरूकता अभियान शुरू किया ताकि लोग ऐसे खतरनाक फ्रॉड से सावधान रहें और समय रहते उचित क़दम उठाएं।
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अगले भाग में..........
एक नई चुनौती