नक़ल या अक्ल - 64 Swati द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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नक़ल या अक्ल - 64

64

किसका बच्चा?

 

 

उसके ज़ोर से चिल्लाने पर वह बोली, “इतनी ज़ोर से क्यों चिल्ला रही है?” उसने मुड़कर देखा तो सामने सोना खड़ी है I “सोना तू !!” अब उसने उसे गले लगा लियाI” “तू कब आई? और अंदर कैसे आई? जब आख़िरी बार तुझसे बहस हुई थीं तब तू कह रही थी कि बापू नहीं मान रहें I” “अरे!! यार बताती  हूँI पहले, साँस तो ले तू I” वह दोनों वही बिछे पलंग पर बैठ गई I

 

“मैं दो घटे  पहले आई, गोपाल छोड़ गया I तेरे कमरे में ताला था तो पहले तुझे फ़ोन किया तो तेरा फ़ोन बंद आ रहा था, फिर तेरी मालकिन से बात की तो उन्होंने अपनी चाभी से तेरे कमरे का दरवाजा खोल दिया I बापू तू कभी न मानते, मगर मैंने एक तरकीब लगाई, सोमेश के दोस्त ने प्रोफेसर बनकर  बापू से बात की और उन्हें समझाया और फिर मैं यहाँ  आ गई I” उसने होकर ख़ुश उसे गले लगा लियाI “यानी कोई तिकड़म ही लगाई है I” “हाँ मेरी जान !! पर तू कहाँ थी I” अब उसने उसे नन्हें और नंदन के साथ खाना खाने के बारे में  बताया I “रुक! मैं अपना फ़ोन चार्ज पर लगाती हूँ, फिर निहाल से बात करती हूँ, वह तुझे सुबह अपनी कोचिंग ले जायेगा I”

 

अगली सुबह गॉंव में चुनाव को लेकर बड़ा प्रचार हो रहा है I सुबह से ही रैली निकल रही है, इस बार मुरलीधर भी अपने क्षेत्र से समता पार्टी की तरफ से खड़ा हुआ है I वह भी गॉंव की हर एक गली में जाकर  लोगों से वोट देने की अपील कर रहा है I

 

निहाल सोना को देखकर खुश हो गया, वह उसे अपने साथ कोचिंग ले गया और वहाँ  उसका दाखिला करवा दिया I राजवीर और रघु भी सोनाली को देखकर हैरान और खुश दोनों हो रहे  हैं I राजवीर ने उसे समीर, अजय और विजय से भी मिलवाया I सोना को उनसे बातें करते देखकर नन्हें की त्योरियाँ  चढ़ गई I  इससे पहले वो  कुछ कहता कि तभी सुधांशु सर आ गए और  क्लॉस  शुरू हो गई I सर भी अपनी क्लॉस  में  एक नई स्टूडेंट  देखकर मुस्कुराने  लगें I

 

दिन बीतते जा रहे हैं, सोनाली भी कोचिंग में स्टूडेंट्स के बीच अच्छी खासी मशहूरहो गई है, उसके सूट  उतर चुके हैं, उसने अब जीन्स टॉप ही पहनना शुरू कर दिया है I उसकी प्यारी से हँसी और चुलबुलेपन के सभी दीवाने है I उसे भी नए दोस्तों के साथ शहर घूमना अच्छा लग रहा है I आये दिन वह माधुरी समीर अजय, विजय, नंदा, राजवीर और रघु के साथ कभी किसी मॉल में तो कभी किसी मॉल में घूमती रहती है I  उसे यह आज़ादी बहुत रास आ रही है I नन्हें उसे कई बार समीर और उसके दोस्तों के साथ जाने से रोकता है, मगर वह उसे ही झाड़  देती है I आज सोनाली  का जन्मदिन है I उसने कोचिंग के दोस्तों के साथ-साथ रिमझिम को भी शाम की पार्टी में बुलाया हैI पार्टी किसी क्लब में होने वाली है I  समीर ने उसे एक ड्रेस गिफ्ट की हैI कोचिंग में अकेले  बैठकर पढ़ते नंदन ने नन्हें से पूछा,

 

“सोनाली की पार्टी में जायेगा?

 

मैं  नहीं जाने वाला I 

 

मुझे पता है तू उससे नाराज़  है I

 

वो यहाँ पढ़ने नहीं आई  है, इस शहरी  दुनिया के मज़े  लेने आई  हैं I

 

तो क्या हो गया यार !!! हर किसी की अपनी ज़िन्दगी है और अपनी ख्वाहिशे है, उसको इसमें ख़ुशी मिलती है तो अच्छी बात है  I 

 

मैं भी उसे खुश देखना चाहता हूँ I

 

क्या तू उसके साथ रोज़ मॉल में जा सकता है I  अब निहाल ने कुछ सोचा, और ज़वाब  दिया

 

“नहीं !!! मगर वह जिनके साथ जा रही है, वे भी काम के लोग नहीं है I”

 

तभी तो कह रहा हूँ, चल पार्टी में I  वहाँ  नाच गाना, शबाब कबाब सब होंगे I  उसका ध्यान रखना भी ज़रूरी  है I 

 

मैं उसका बॉडीगार्ड नहीं हूँ I उसने चिढ़कर  कहा I

 

ठीक है, मत जा, मैं और रिमझिम तो जा रहें हैं I अब वह नन्हें को अकेला छोड़कर वहाँ से चला गया I

 

मधु का पेट अब दिखाना शुरू हो गया है I  सुधीर उसका बड़ा ख्याल  रखता है I  उसे अब हरीश से रिश्ता रखने में कोई दिलचस्पी नहीं रह गई है I वह अपने कमरे में आराम से बिस्तर पर लेटकर टीवी  देख रही है कि  तभी एकदम से कोई उसके कमरे में आया और उसने टीवी की आवाज  तेज़ कर दी I उसने देखा तो हरीश  है, वह जल्दी से उसके बिस्तर पर आ गया और उसे बेतहाशा चूमने लगा, उसने उसे पीछे  करते हुए कहा,

 

क्या कर रहें हो हरीश ? और तुम अंदर कैसे आये I  वह उसके साथ बिस्तर पर लेटता  हुआ  बोला,

 

 क्योंकि तू बाहर  नहीं आती  इसलिए मैं अंदर  आ गया I

 

तुझे बताया तो था!! यह कहकर वह उससे थोड़ा अलग सरकने लगी तो वह उसे खींचता हुआ अपने पास लाकर पूछता है, “यह बच्चा सुधीर का ही है न?” कुछ देर तक वो खमोश रही I  मगर उसने फिर उससे ख़ुद  को अलग किया और बिस्तर से उठते हुए बोली,

 

“डॉक्टर की रिपोर्ट तो यही कहती हैI अब यहाँ से जा, वरना कोई आ जायेगाI फिर मधु ने टीवी की आवाज धीरे कर दीI हरीश गुस्से में बिस्तर से उठा और उसका गला दबाने लगा और उसने एक हाथ से टीवी पर गाने लगाकर छोड़ दिए I 

 

 

शाम के सात बजे हैं, नंदन सोनाली की पार्टी के लिए निकल गया है I क्लब में पहले से ही राजवीर समीर और उन दोनों के दोस्त अजय विजय रघु, माधुरी और नंदा भी पहुँच चुके हैंI समीर ने ही इस जगह का सुझाव दिया थाI सोना सिर्फ खाना खिलाएगी, बाकी ड्रिंक्स का खर्चा समीर करेगाI  ऐसा उनके बीच तय हुआ हैI समीर तो पूरी पार्टी ही स्पॉन्सर करना चाहता था, मगर सोना ने मना  कर दियाI थोड़ी देर बाद सोना और रिमझिम भी पहुँच गए, समीर की दी हुई, काले  रंग की वनपीस ड्रेस में वह  बहुत सुंदर लग रही  हैI रिमझिम ने लॉन्ग स्कर्ट के साथ टॉप पहना हुआ हैI सभी उसको देखकर बर्थडे विश करने लगेI वह भी चहकती हुई सबकी विश और उनसे गिफ्ट लेने लगीI 

 

मधु फिर दबी आवाज़ में बोली, “मैं मज़ाक कर रही थी और हरीश ने उसे छोड़ दियाI तभी उसे जमींदार की आवाज आई, “मधु बहू !!! यह आवाज  सुनकर दोनों के पसीने छूट गएI “अगर उन्होंने तुम्हें यहाँ देख लिया तो सब खत्म !!!” मधु घबराते हुए बोलीI