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पापी
अभी वो लोग जा ही रहें हैं कि तभी सोना की चचेरी बहन मुग्धा आ गई, वह सोनाली का हाथ खींचकर उसे अपने साथ ले गई। राजवीर को सिर धुनते देखकर निहाल और उसकी मित्र मंडली भी हँसने लग गए। दोनों बहने एक झूले पर बैठकर बतियाने लगी। ]
क्यों री ! उस राजवीर के साथ कहाँ जा रही थी?
झूला झूलने जा रहीं थीं !!
वो तो बड़ा खतरनाक झूला है।
तभी तो खतरों के खिलाडी के साथ जा रही थीं। फिर उसने उसे शर्त वाली बताई तो वह बोली, “ओह !! फिर तो मैं कबाब में हड्डी बन गई।
“कोई नहीं, वो कबाब फिर मेरे पीछे आएगा।“दोनों ज़ोर से हँसने लगी। अब रिमझिम ने निहाल को कहा कि “वह उसके साथ झूला झूले,” “ ठीक है, कहकर वह भी उसी झूले की तरफ जाने लगा, जिसमें सोना झूल रही है। उसे रिमझिम के साथ झूला झेलते देखकर मुग्धा ने पूछा कि उनका कोई चक्कर है?
“नहीं रे !! यह जनाब भी मेरे पीछे है, “ “यानी एक अनार सो बीमार।“ इस बात पर दोनों ने फिर ठहाका मारा।
इस मेले के एक दूसरे कोने में भी प्रेम कहानी की लहर नज़र आ रही है जहाँ पर किशोर मेले के एक कोने में खड़ा, सिर पर पगड़ी बांधे, किसी का इंतज़ार कर रहा है। थोड़ी देर बाद, पीले रंग का घाघरा चोली पहने, राधा आ गई। उसको देखकर वह मुस्कुराया तो वह शरमाते हुए बोली,
ऐसे मिलते हुए किसी ने देख लिया तो गज़ब हो जायेगा।
“कोई नहीं देखता, सब अपने में मस्त है, बस तुम अपनी चुनर को थोड़ा नीचे करके चेहरे को अच्छे सेढक लो। अब वह उसका हाथ पकड़े, उसे मेले से बाहर ले गया।
सोनाली अब एक झूले से उतरकर दूसरे झूले पर झूलती, निहाल भी अपने दोस्तों के साथ हर झूले का आनंद लेने लगा। किशन ने उससे कहा,
मुझे लगता है, यह झूले वाली कहानी यही खत्म हो गई। नंदन ने कहा।
नहीं रे !!! राजवीर भी कम नहीं है, वह दोबारा भाभी के पीछे जाएगा। अब सोमेश भी बोल पड़ा। निहाल ने एक साँस छोड़ी और अपने दोस्तों संग बतियाते राजवीर को देखने लगा। तभी मेले में गॉंव का सरपंच माखनलाल भी आ पहुँचा, उसने लकड़ी के बने स्टेज पर चढ़कर मेले में खेले जाने वाले खेलों की घोषणा कर दीं। जो” सबसे ज़्यादा जीतेगा, उसे ग्राम पंचायत की ओर से पाँच हज़ार रुपए का नकद ईनाम मिलेगा।“ अब लम्बी कूद, रस्सी कूद और भाला फेंकने जैसे खेल की शुरूआत हो गई । गॉंव के बच्चे और युवा सभी बढ़ चढ़कर उसमें भाग लेने लगे। अब निहाल तक़रीबन सभी खेल जीतता जा रहा है।
जब दौड़ में राजवीर भी शामिल हो गया, दस लोग एक साथ दौड़ रहें हैं। 100 मीटर की इस दौड़ को ज्यादातर सभी मेले वाले देख रहें हैं । अब राजवीर दौड़ता जा रहा है और निहाल भी जीतने के करीब है, मगर तभी निहाल एक नज़र सोना को देखता है तो वही उसका ध्यान भटक जाता है और वह रेस हार जाता है। राजवीर जीतने की ख़ुशी में कूद रहा है और अब ईनाम देने की घोषणा होती है तो निहाल का नाम पुकारा जाता है। उसके दोस्त उसका नाम लेकर चीखने लग जाते हैं ।
“राज़!! यह अच्छा नहीं हुआ कि ईनाम नन्हें ले गया,” हरिहर ने मुँह बनाते हुए कहा। “ अरे !! इससे ज़्यादा महँगी तो मेरे बापू के पास गाय है। और फिर असली ईनाम तो मैंने ही जीता है, वह अब सोना की तरफ बढ़ने लगा, सोमेश ने भी निहाल को ईशारा करके राजवीर को दिखाया।
क्यों सोना ?
मेरे साथ कब चल रही हो?
मैं तो तैयार हूँ, तुम ही झूले पर जाने के लिए बिदक गए हो।
“ठीक है, फिर चलो,” अब वह दोनों मेले के सबसे बड़े झूले की तरफ जाने लगे। इस झूले की ख़ास बात यह है कि यह बहुत तेज़ और डरवाना है, साथ ही उसकी गति सबसे लम्बी है। वह काफी देर तक चलता है, उस पर चढ़ने के लिए हमेशा लम्बी कतार लगती है। जो भी उस झूले पर सवारी करता है, उसे डर तो लगता है और जब उसे डर लगता है तो वह साथ आए व्यक्ति का हाथ थाम ही लेता है। राजवीर इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता और निहाल को यह सोचकर परेशानी हो रही है कि वह सोना का हाथ थाम लेगा। अब वे दोनों भी झूले में बैठने के लिए लम्बी कतार में खड़े हो जाते हैं। वह अपने साथ किशन को ले जाने लगा तो रिमझिम ने कहा, “मैं चलो।“ “ठीक है, चलो।“ “नंदन भैया, यह निहाल भैया के दिमाग में चल क्या रहा है।“ “निहाल का दिमाग लोमड़ी से भी तेज़ दौड़ता है।“ अब वे चारों लाइन में खड़े हो गए।
वही किशन राधा का हाथ पकड़कर नदी के किनारे बैठा है। राधा उसकी आँखों में देखकर बोलती है, “अब ब्याह तो होने ही वाला है । इस तरह मिलना ठीक नहीं है। उस दिन तुम खेतों में बुला रहें थें, आज तुम नदी के किनारे लेकर आ गए।“
तू इतना डरती क्यों है? यहीं तो दिन है, जब हम ब्याह से पहले मज़े ले सकते हैं।
भाड़ में जाए तुम्हारे मज़े, मेरे बापू इतने सख्त है कि पूछो मत !! तभी उसे दूर एक आदमी दो तीन लोगो के साथ आता दिखाई दिया।
है भगवन! यह तो बापू है, अब क्या होगा?? वह डर गई।
इतनी देर से शैतानी को याद कर रही थी न, ले शैतान आ गया। वह गुस्से में बोला। मगर राधा के तो हाथ पैर काँप रहें हैं। “अब क्या होगा किसोर !! यह बापू तो मेरी जान ही ले लेगा और साथ में तेरे घर जाकर भी शिकायत कर देगा।“
झूले की कतार में सभी आगे बढ़ते जा रहें हैं। सोना ने कतार में देखा कि निहाल भी रिमझिम के साथ आ रहा है तो राजवीर बोला, “क्या बात है, तुम्हारी सहेली इस नन्हें के साथ ज़्यादा चिपक रही है।“ “क्यों तुम्हे जलन हो रही है।“ “मुझे !! बिल्कुल नहीं, वो रिमझिम तो मेरे मयार की भी नंही है।“ अब झूले वाले ने आगे बढ़ने के लिए कहा, वे दोनों अब एक कदम दी दूर है और उनसे ज़रा से पीछे निहाल और रिमझिम खड़े हैं। दूर खड़ा नंदन बोला, “यह भी किसी फिल्म के क्लाइमेक्स से कम नहीं है कि सोना भाभी किसके साथ बैठेगी।“
सब राधा के बाबू बृजमोहन करीब आ गये तो उन्हें किशोर भी नदी के किनारे नज़र आने लगा। जैसे जैसे वो पास आते जा रहें हैं किसोर के हाथ पाँव भी डर के मारे फूल रहें हैं। “हे !! भगवान अब क्या होगा? यह ससुरा तो ब्याह से पहले छोरा छोरी के मिलने को पाप समझेगा और मुझे पापी!!”