अलविदा: आख़िरी बार Manshi K द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अलविदा: आख़िरी बार

ना उम्मीदी से शुरू हुआ रिश्ता 
प्यार से शुरू होकर मेरे आंसुओं पर खत्म हो गई....
पता नहीं क्या चाहता था वक्त मुझसे 
कोई मेरे दिल से खेला फिर तोड़ा और मैं खामोश हो गई....

***

उम्मीद है मुझसे दूर जाने के बाद आप बहुत खुश रहोगे ,
किसी से रूठने का , किसी पे गुस्सा होने का , किसी से नाराज़ होने का और कोई आपको परेशान करें ये वजह पास न होगा ।।।

इसीलिए आप हमेशा सुकून के साथ उस खाली आसमां के नीचे खुलकर मुस्कुराईगा.....

जानती हूं मेरा इतना हक नहीं है कि हक से कुछ कह सकूं पर फिर भी कहने की गलती कर रही हूं ,,,,
गुस्ताख़ी माफ करना आप 🙏🙏

मैने कहा था न आप पर भरोसा करती हूं लेकिन खुद के किस्मत पर नहीं है ....
आपको खोने का डर हमेशा सताते रहता है !!
आपको परेशान देखकर दिल बेचैन और आँखें खामोशी से बहता है।

पर अब कुछ नहीं हो सकता है न ....

खैर छोड़िए!!!

मैं ऊपर वाला पर भरोसा नहीं करती हूं, पर जबसे आप मिले थे मुझे आपकी खुशीयों के लिए हर रोज उसी खुदा 
से दुआ फ़रियाद की मैं आपको सारी खुशियों से नवाजें।

तकलीफें बहुत सहा है आपने....

अपनों को खोने का गम, किसी को धोखा देने का तकलीफ .... बहुत कुछ झेला है आपने ।
आंसुओं से आपकी भी गहरा रिश्ता है या यूं कहूं मेरी तरह खास दोस्ती है जो हर वक्त और हर परिस्थिति में साथ निभाता है , कभी पलकों से लुढ़क कर तो कभी पलकों के बीच दब कर।।।

शायद इसीलिए मैं दिल हार गई...

तकलीफों को समझते समझते, ,,,,

ओह! सॉरी माफ करना आप, गलती हो गई 
जिक्र आपका कर रही थी गलती से कुछ हकीकत बयां कर गई ।।।


शुक्रिया आपका जो अपना कीमती वक्त मुझे दिया करते थे और मैं नादान पागल सी लड़की कुछ और समझ रही थी ।।।

Sorry!! यहां गलती आपकी नही मेरी थी न ,,,,

धीरे धीरे गुजरते वक्त के साथ अपना मान आप पर हक जताने लगी थी , आपको परेशान देखकर सवाल करने लगी थी । हर वक्त आपकी फिक्र खुद से भी ज्यादा आपकी सताने लगी थी।

Sorry!! यहां गलती आपकी नही मेरी थी न ,,,,
मैं कुछ ज्यादा ही सोच रही थी ।।।।
Online था सब कुछ इसे हकीकत नही समझना चाहिए था,,,,,

पर मुझे कहां पता था सब कुछ पल भर में बिखर जायेगी .... 
जो इंसान जुबां का पक्का था वो ही दूर चला जायेगा......

हां! बेसक यहां भी मेरी गलती थी ..... मैने फिर से भरोसा किया था ।।

Sorry!!!


बस हमेशा खुश रहना आप ......😁 
दिल से मैं दुआ बस यही फरियाद करूंगी , क्या हुआ अगर हम मिल न पाए ?

क्या हुआ अगर आप मुझे भूल जायेंगे ??
क्या हुआ अब किसी सक्स पर यकीन नहीं होगा ?
क्या होगा अगर मेरे लिए प्यार शब्द मायने नहीं रखेगा?
क्या होगा दूसरी बार फिर किसी से मोहब्बत मुझे नही होगा ????
क्या होगा टूट कर बिखर जाऊंगी मैं??
क्या होगा अगर खुद को संभालने में नाकाम रहूंगी मैं ??
क्या होगा आपकी यादों में आंसू गालों को चूमते रहेंगे ??
क्या होगा अगर मैं आपको भूल जाने की कोशिश न कर पाऊंगी मैं ??

क्या होगा???
क्या होगा .....????

क्या होगा....??? अब कोई सवाल खुद से पूछ नही पाऊंगी मैं??

बस अब और बोल नही पाऊंगी मैं .......!!!


शुक्र है उस खुदा का मैने एक ऐसे इंसान से दिल लगी की जो मेरे जैसा था लेकिन सिर्फ सोचने में ....... 
लेकिन एक दूसरे से ज्यादा नहीं पर थोड़े से अलग जरूर थे......!!!

खैर छोड़िए.....!!!!

इन सब बातों का कोई मतलब तो है नही न ...…!!


आप जहां रहो हंसते और मुस्कुराते रहो ..... आखिरी ख्वाहिश और गुज़ारिश है मेरी .....
Please इसे पूरा कर देना आप ,,,,,,

कभी कुछ नहीं मांगा है आपसे आपकी मुस्कुराहट के अलावा..... 


Sorry!!

बहुत बहुत बहुत बहुत ज्यादा परेशान करने के लिए ..... पहली बार था न ये समझ नहीं पाई कुछ ज्यादा ही मेरा हक जताना हो रहा था।

पर अब समझ में आ गया है थोड़ी समझदार बन जाऊंगी.......

अपना ख्याल रखना आप..........🙏🙏


" अब मैं सिर्फ मैं ही रहूंगी , किसी को चाहने की गलती नहीं करूंगी !! "



अलविदा ......!!!