Love Contract - 21 Manshi K द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Love Contract - 21

एक महीने बाद _____________

अरुण मित्तल को छोड़ कर सभी घरवाले बात करते हुए चाय की चुस्की ले रहे होते हैं उसी बीच अरुण मित्तल आते हैं उनको देखकर सब हैरान थे ....

आज पूरे छः महीने बाद अरुण मित्तल जी अपने दोनों पैरों पर खड़े थे और अपने कमड़े से यहां तक वो चल कर आए थे । " सांवरी " अपने आंखे बड़े कर के मितल साहब को देख रही थी , फिर ये कोई सपना तो नहीं देख रही मैं आप सच में अपने पैरों पर खड़े है जी । ये कोई चमत्कार हुआ है आंटी जी जो अंकल अपने पैरों खड़े है ।

" रिवान " आपको ठीक देख आज मैं बहुत खुश पापा , आपके बिना ऑफिस वीरान सा लगता है मैं ऑफिस  तो जाता हूं पर कामों में मेरा ध्यान कहां रहता है ?अब आप बिल्कुल ठीक है तो हम दोनों मिलकर ऑफिस संभालेंगे और विराज भी तो है हमारे साथ ।

" अदिति " इसी बात पर पापा जी के पसंद के खीर बना कर लाती हूं , सब का मुंह भी मीठा हो जाएगा और सबका छोटा सा पार्टी भी ।कुछ ही देर में खीर खाने के लिए सब के सामने टेबल पर रखा गया । सभी आज बहुत खुश थे और ये खुशियां बहुत दिन के बाद मितल मैंशन में अाई थी ।

अदिति सबको खीर देने के बाद वो कुछ दूर खड़ी थी , मितल साहब उसे अपने पास बुलाया और कहा बेटा तुम्हारी शादी के इतने दिनों के बाद भी मैंने तुझे कभी अपने बहू के रूप में स्वीकार नहीं किया लेकिन आज तुम्हे अपनी बहू नहीं बेटी के रूप में स्वीकार करता हूं आज अपने पैरों पर खड़ा हूं तो सिर्फ तुम्हारी वजह से , मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत व्यवहार किया है बेटा हो सके तो मुझे माफ़ करना , अरुण मित्तल को आज बहुत पश्तावा हो रहा था । फिर हाथ जोड़ कर मितल साहब बेटा माफ़ कर देना मैं शायद तुम्हारे माफी के काबिल भी नहीं हूं ।

" अदिति " ये क्या पापा आप मुझे बेटी भी बोलते हैं और दूसरी तरफ माफी भी मांगते है ? मुझे तो आपके किसी भी बात का बुरा नहीं लगा है और आप मुझे बड़े है आपका पूरा हक बनता अपने बच्चों को डांटने का । पुरानी बातो को छोड़िए और आप हमेशा मुस्कुराते रहीए ।

दूसरी तरफ सांवरी जी मन ही मन बहुत खुश थी  ये सोचकर कि चलो देर से ही सही लेकिन इन्होंने अदिति को को अपना लिया ।

विराज का फोन रिंग हुआ स्क्रीन पर नंबर देखकर घबराने लगा , क्या हुआ विराज कॉल को देखकर क्यों घबरा रहे हो ? किसका कॉल आया है रिवान पूछा । जल्दी से कॉल कट कर दिया अरे भाई कोई अननोन नंबर था ।  बार - बार कॉल आने के कारण विराज वहां से उठ कर अपने कमड़े के तरफ बढ़ गया । कमड़े में जाने के बाद कॉल फिर आया तो कॉल रिसीव  करने के बाद " मैंने तुमसे कितनी बार कहा है जब तक मैं ना कहूं तुम मुझे कॉल नहीं करोगी , तुम्हारे दिमाग में ये बात जाती है या नहीं । मुझे तुमसे मिलना है कल और मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए समझे , मुझसे शादी कर लो वरना मैं कह रही हूं मैं खुदकुशी कर लूंगी । अगर मेरे मम्मीपापा कही और शादी करवा दिए तो देख लेना मैं हमेशा के लिए इस दुनियां को छोड़ कर चली जाऊंगी । तुम जानते हो मैं तुमसे कितना प्यार करती हूं और मुझे ये भी पता है तुम भी मुझसे उतना ही प्यार करते हो । फिर मुझे इग्नोर करते हो क्यों मैं ये नहीं समझ पाती ?? अगर तुम्हारे जिंदगी में कोई और है तो बता दो मुझे फोन के दूसरी तरफ से आवाज़ आया ।

देखो मेरा दिमाग all ready .....  ख़राब है और मत करो समझी । कॉल कट कर दिया ।

Continue.......