आज की कविता का टॉपिक थोड़ा सा नाजुक है, ये औरत के लिए है जिन्हे अक्सर ये समझाया जाता है की इतना तो चलता है।
एक औरत एक लड़की ने नई जॉब ली है, यहां उसके लिए तो पूरा ऑफिस स्टाफ उसका सीनियर हो जाता, आपने देखा है,आपने सुना है और आपने भी ये चीज को कही ना कही जेला है, और आपको भी यही कहके चुप करवाया गया होगा की इतना तो चलता है।
मजाक मजाक में तुम्हारे बॉडी पर विशेष टिप्पणी या की जाती है,
मजाक मजाक मैं तुम्हे औरत से सीधा मर्द कहा जाता है,
मजाक मजाक मैं तुम्हारी इज्जत शब्दो से लूटी जाती है,
मजाक मजाक में तुम पर हाथ तक उठाने की बात होती है,
और तुम्हे ये कह कर चुप करवा दिया जाता है की इतना तो चलता है ऑफिस में।
लड़की बिचारी सोचती रह जाती है
आखिर हो क्यो रहा है मेरी जिंदगी के साथ,
उस लड़की के लिए पहेली जॉब है, उसने बाहर की दुनिया को नही देखा है, और अब उसको समझना है को कहा किसके साथ और कितना गुलना है, कहा किसको कितनी इज्जत बक्ष नि है,और कहा खुद के लिए स्टेंड लेना , कहा उसको इंसान के शब्दो से उसकी नीयत को पहचान ना है।
आप अपने सहकर्मचारी के साथ काम करते है और यदि उसकी बाते आपकी निजी जीवन की तरफ जाने लगे तो,
उसे रोको,काम की जगह कोई दोस्त होता ही नही उस बात को तुम समझो,
निजी सवाल करने वाले को वही रोको, उसे कहो अपने काम से काम रख बिडू ।
गलती हो जाते तो उसे मानो पर यदि गलती ना हो तो कभी मत जुको,
काम करते करते यही सहकर्मचारी तुम्हारे नजदीक आया, और तुम्हे जरा सा भी uncomfortable feel हुआ तो बोलो मेरी जान चुप मत रहो।
तुम कंपनी की कर्मचारी हो, कोई सीनियर की नही,
एक दूरी हमेशा बनाए रखो, किसी को भी उतना स्पेस मत दो की तुमसे काम के बिना बात करे,
खुद को reserve रखो,
Friendly nature अच्छा होता है लेकिन दोस्ती के लिए मेरी जान।
अंजान लोगो पर इतना जल्दी भरोसा मत करो।
पहले लोग तुम्हे inappropriate touch करेगे और बचाव मैं कहेंगे, तुम गलत समझ रही हो बेटा।
अरे तुम तो मेरी बेटी जैसी हो बेटा,
अरे तुम तो मेरी बहन जैसी हो,बेटा
मीठे शब्दो के पीछे की नियत को पहचानो और इसे लोगो से दूर रहो और उन्हें थप्पड़ बि जड़ दो बिना हिचकिचाए।
इतना तो चलता है, जी नहीं ना तो कभी इतना तो चलता है और ना तो कभी थोड़ा सा चलता है।
मत डर की तू नारी है,
तेरे कंधे नाजुक है तो क्या, तेरे अंदर की शक्ति के आगे हर दानव हारा है, क्यू की तू नारी है।
मत सोच की तुझे कोई सुनने वाला नही है,
उठा अपनी बुलंद आवाज को खुद के लिए और,
लड़ अपने हिस्से का युद्ध अकेले क्यू की तू नारी है।
मत देख पीछे मुड़ की कोई तेरा साथ देने आयेगा,
यहां हर कोई अपने स्वार्थ का सगा है,
अपने सच की लड़ाई हार नारी को अकेले ही लड़नी पड़ती है।
क्यू की तू नारी है।
मत सुन किसी का , जब बात तेरे सम्मान की रक्षा की हो,
चाहे सामने कोई भी हो, मत डर , निडर होके लड़,
जीत सिर्फ तेरी होगी सिर्फ तेरी।
नारी को अपने हक की हर चीज के लिए धैर्य रखना पड़ता है।