WORLD TOUR WITH ME - 4 Arun Singla द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

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WORLD TOUR WITH ME - 4

a WORLD TOUR WITH ME -PART 4

Date: 11-09-2024

 

दिल्ली टर्मिनल 3 से यात्रा का अनुभव

कल शाम हमने दिल्ली के टर्मिनल 3 से अपनी यात्रा की शुरुआत की। हमारी फ्लाइट दोपहर 2:05 बजे थी, वर्जिन-एंटार्कटिका एयरलाइंस की। हमें पहले से ही बता दिया गया था कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर बहुत भीड़ रहती है, इसलिए हमें उड़ान से 5 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुँचने की सलाह दी गई थी। इमिग्रेशन, एयरपोर्ट एंट्री, बोर्डिंग पास, और सिक्योरिटी चेक के लिए लंबी कतारों का सामना करना पड़ सकता था।  

हालाँकि हमने कोशिश की, लेकिन 3 घंटे पहले ही एयरपोर्ट पहुँचने में सफल नहीं हो पाए। लेकिन कल का दिन हमारे लिए अच्छा साबित हुआ। हमें बताया गया कि बोर्डिंग पास, सिक्योरिटी चेक और इमिग्रेशन की सभी प्रक्रियाएँ सिर्फ एक घंटे में पूरी हो गईं। एयरपोर्ट के बाहर भी कोई लंबी कतारें नहीं थीं।  

हमारी फ्लाइट 2:05 बजे लंदन-हिटलर-हवाई के लिए थी। हाँ, फ्लाइट ठीक थी और कोई समस्या नहीं हुई। 10 घंटे की यात्रा के बाद हमारी फ्लाइट सुबह 7:30 बजे हिटलर-हवाई पहुंची। फ्लाइट रात 2:00 बजे चली थी, और 10 घंटे बाद सुबह 7:30 बजे पहुँची। यह समय का अंतर है; भारत और लंदन के बीच लगभग 4.5 घंटे का अंतर है, जिसके कारण ऐसा हुआ।  

हवाई अड्डे पर उतरने के बाद, हम इमिग्रेशन के लिए गए और 5 मिनट में ही यह प्रक्रिया पूरी हो गई। हमारे टूर मैनेजर बाहर हमारा इंतजार कर रहे थे। उन्होंने हमें लिया और होटल तक पहुँचाया। होटल में चेक-इन की प्रक्रिया में भी उन्होंने हमारी मदद की।  

कुल मिलाकर, यह यात्रा बहुत सहज और आरामदायक रही। एयरपोर्ट पर भीड़-भाड़ नहीं थी, और सारी प्रक्रियाएँ जल्दी निपट गईं।

अब हमारा सफर एक बेहद मशहूर शहर की ओर बढ़ रहा है, जिसका नाम है लंदन. जैसे ही हमारी फ्लाइट लंदन में उतरी, हम फिर से एक नये देश में कदम रख चुके थे, थोड़ी सी नर्वसनेस भी थी । एयरपोर्ट के बाहर ही  हमारे टूर मैनेजर मेहता जी ने गर्मजोशी से हमारा स्वागत किया गया। उन्होंने हमें हमारे होटल तक पहुँचाया और चेक-इन की प्रक्रिया को बहुत ही सुगमता से पूरा करवाया।

 

लंदन : एक परिचय

लंदन:  इंग्लैंड की राजधानी और इंग्लैंड ग्रेट ब्रिटन का हिस्सा है, जो इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, और वेल्स (ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के तीन देश) को मिलाकर बनता है। और United Kingdom जिसमें इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स (जो ग्रेट ब्रिटेन में हैं), और उत्तरी आयरलैंड शामिल हैं।

लंदन, यहाँ की अंग्रेजी मुख्य भाषा है, हालांकि, लंदन की बहुसांस्कृतिक आबादी के कारण यहाँ विभिन्न भाषाओं का प्रयोग भी होता है, जैसे कि हिंदी, उर्दू, स्पेनिश, और फ्रेंच। इसके अलावा, ट्रेनों और बसों पर सिटीज़ के नाम  इंग्लिश में होते हैं, जो यात्रियों के लिए सुविधाजनक होते हैं।

लंदन के लोगों का भारत के प्रति काफी मैत्रीपूर्ण नज़रिया है। यहाँ भारतीय रेस्तरां, दुकान आसानी से मिल जाती हैं। भारतीय लोग भी यहाँ काफ़ी संख्या में रहते है, और लंदन में भारतीय त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

यहाँ के  में ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट सबसे प्रसिद्ध है, इसके अलावा, रीज स्ट्रीट और कैवेंडिश स्क्वायर भी शॉपिंग के लिए लोकप्रिय स्थान हैं।

यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजनों में फिश एंड चिप्स, ब्रेकफास्ट इंग्लिश, और यॉर्कशायर पुडिंग शामिल हैं। इसके अलावा, पाई और माश, बर्गर, और इंग्लिश चाय भी यहाँ बहुत  लोकप्रिय हैं।

लंदन में कई सेलिब्रिटीज़ जैसे  एल्टन जॉन, डेविड बेकहम, और केट मिडलटन  यहाँ निवास करते हैं।

लंदन में भारतीय समुदाय की एक बड़ी और महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में बसे हुए हैं। भारतीय मूल के लोग दशकों से लंदन में रह रहे हैं और यहाँ की संस्कृति, व्यापार, और समाज में अहम भूमिका निभा रहे हैं। लंदन के कुछ विशेष इलाके ऐसे हैं जहां भारतीय समुदाय की संख्या अधिक है, और ये लोग यहाँ खुशहाल जीवन बिता रहे हैं।

लंदन के जिन क्षेत्रों में भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या देखी जाती है, उनमें साउथहॉल, हारो, इलफोर्ड, और हाउंस्लो प्रमुख हैं।

साउथहॉल: साउथहॉल को "लिटिल इंडिया" के नाम से भी जाना जाता है। यह इलाका भारतीय संस्कृति का केंद्र है, जहाँ आपको भारतीय रेस्टोरेंट, दुकानें, कपड़े, और मसाले आसानी से मिल जाएंगे। यहाँ बड़े-बड़े हिंदू और सिख मंदिर भी हैं। साउथहॉल के बाजारों में भारत जैसा माहौल महसूस होता है, और यहाँ के भारतीय मूल के लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहते हैं।

हारो: हारो लंदन के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित है और यहाँ बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं। यहाँ अच्छे स्कूल, पार्क, और आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे यह परिवारों के लिए एक लोकप्रिय इलाका बन गया है। हारो में भारतीय मूल के लोग सामाजिक रूप से सक्रिय रहते हैं और विभिन्न भारतीय त्योहारों का भी आयोजन करते हैं।

इलफोर्ड: पूर्वी लंदन का इलफोर्ड इलाका भी भारतीय समुदाय के लोगों से भरा हुआ है। यह इलाका परिवारों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाता है। यहाँ भारतीय संस्कृति और परंपराओं का खूब पालन किया जाता है। कई भारतीय मूल के लोग यहाँ छोटे व्यवसाय, रेस्टोरेंट, और दुकानों का संचालन करते हैं।

हाउंस्लो: पश्चिमी लंदन का हाउंस्लो क्षेत्र भी भारतीयों की एक बड़ी आबादी को समेटे हुए है। यहाँ भारतीय रेस्टोरेंट, दुकानें, और मंदिर काफी संख्या में हैं। हाउंस्लो हीथ का क्षेत्र, विशेष रूप से, भारतीय परिवारों के बीच लोकप्रिय है।

भारतीय मूल के लोग, जो लंदन में रहते हैं, सामान्य रूप से यहाँ खुश हैं। वे यहाँ अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ जी सकते हैं, और लंदन की बहुसांस्कृतिक और सहिष्णु समाज में अच्छी तरह से घुल-मिल गए हैं। लंदन में काम के अवसर, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं, और बच्चों की उच्च शिक्षा के विकल्प भारतीय समुदाय के लिए बहुत आकर्षक हैं।

साथ ही, लंदन में भारतीय त्योहारों जैसे दीवाली, होली, और नवरात्रि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इससे भारतीय लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। यहाँ के भारतीय समुदाय ने खुद को व्यावसायिक और राजनीतिक रूप से भी सशक्त बनाया है, जिससे वे समाज के सभी क्षेत्रों में सफल हो रहे हैं।

हालांकि, हर प्रवासी समुदाय की तरह, कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि घर की याद आना या सांस्कृतिक अंतर, लेकिन कुल मिलाकर वे भारतीय मूल के लोग लंदन में अच्छा जीवन बिता रहे हैं, जो डंके रूट से नहीं आते।

लंदन का यह पहला दिन हमारे लिए आराम और सुकून का था, ताकि हम अपनी यात्रा के आगामी दिनों के लिए तरोताजा हो सकें। होटल के आरामदायक माहौल में हमने कुछ समय बिताया और फिर लंदन की रंगीन रातों  को देखने के लिए निकल पड़े ।

लंदन की अनमोल गलती

मैं और मेरे साथी  स्थानीय बाजार घूमने  गये थे,  हम एक दुकान पर पहुंचे, जहाँ हर तरह की चीजें बिक रही थीं - कपड़े, जूते, और विशेषतौर पर हेडगियर यानी टोपी। मैंने दुकान के अंदर कदम रखा और एक आकर्षक चश्मा देखा, जिसे पहनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। दुकानदार एक वृद्ध महिला थी ।

मैंने चश्मा चुना और उसे पहनकर देखा, और महिला ने भी मेरी तारीफ की। लेकिन जब मैंने भुगतान के लिए अपनी जेब से पैसे निकाले, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं पौंड  में नहीं, बल्कि रुपए  में भुगतान कर रहा था। महिला ने देखा और हंसते हुए बोली, " मेरे ख़्याल में अभी लंदन की करेंसी पौंड ही है!"

मैंने हंसते हुए कहा, "मुझे लगता है कि मेरी मुद्रा भी लंदन की खोज में है!"

यह केवल शुरुआत थी, आने वाले दिनों में हम लंदन के ऐतिहासिक स्थलों, संग्रहालयों, और बाजारों की सैर करेंगे। यह यात्रा हमें न केवल लंदन की सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराएगी बल्कि हमें इस शहर से परिचय भी करवाएगी।

रात को हमनी Atrium hotel, London में स्टे किया .