Devil se Mohhabat - 20 aruhi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Devil se Mohhabat - 20

जिसे सुन अनुरोध सोफे पर अपना सर रख ,,,,अपनी आंखें मुदे,,,,,,अपने असिस्टेंट अमन की तरफ देख,,,,,,तो जाओ,, उसकी बोलती बंद कर दो ,,,,,और उसका ऐसा हाल करो ,,,,,कि वह सुबह उठने लायक ना बचे ,,,,,,और इस कदर उसका मुंह बंद कर दो ,, कि दोबारा बोल ना सके,,,

अनिरुद्ध का इतना ही कहना था,,,,कि अमन अनुरोध की तरफ देख कर,,,,,में मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं ,,,,यह कह,,,वह दो कदम पीछे हट जाता है,,,

जिसे सुन अनिरुद्ध अपनी आंखें छोटी कर ,,,,,अमन को ऊपर से नीचे घूरते ;हुए,,,,,,,क्यों तुम्हें लड़कियों में इंटरेस्ट नहीं,,,,,,,

जिसे सुन अमन का पूरा फेस काला पड़ जाता है,,,,,,जिससे वह नहीं नहीं सर ,,,,,ऐसी बात नहीं है,,,,,,पर फिर भी वह लड़की मैं कैसे

जिसे सुन अनिरुद्ध,,,,शट अप ,,,, जाओ ,,चुपचाप ,,,,,जाकर वह करो ,,,,,और अगर होशियारी की,,,,,और कुछ ना किया,,,,उस लड़की के साथ ,,,,,,तो सोच लो सुबह मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगा ,,,,,,यह कहे वह अमन को,,,,उस लड़की के कमरे की तरफ जाने का इशारा करता है,,,

जिससे अमन भी एक लंबी गहरी सांस छोड़,,,,,,अपनी बस का आर्डर समझ ,,,,,,अपने कदम विधि के कमरे की तरफ बढ़ा देता है,,,,

वह स्टडी रूम का दरवाजा खोलता,,,,,,उससे पहले ही अनिरुद्ध ,,रुको

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अमन अनिरुद्ध की बात सुन ,,,,,वह पीछे पलट अनुरोध की तरफ देखते हुए ,,,,,,जी,,,

जिसे सुन अनिरुद्ध ,,,,अमन तुम ऐसा करो ,,,,तुम अपने घर जाओ ,,,

जिसे सुन अमन,,,,,पर सर वह लड़की ,,,,

अमन का इतना ही कहना था कि अनिरुद्ध जो किसी सोच में गुम हो,,,,अमन से बोल रहा था ,,,,,,वह अमन की बात सुन,,,,,वह अमन को घूरने लगता है,,,

जिसे देख अमन , ,,,,,,,जाता हूं सर,,,,,वह चलते हुए,,,,,वहां से उल्टे पाव ,,,,,उस मेंशन से बाहर निकल जाता है,,,

और वही अनिरुद्ध अमन को तो भेज चुका था,,,,,लेकिन खुद वह किसी सोच में डूब गया था ,,,,,,और फिर अपनी आंखें बंद कर ,,,,,सोफे पर सर रख,,,,,अब भी कुछ सोच रहा था ,,,,,

जिससे वह एका एक सोफे से उठ ,,,,,अपने कदम खुद ही,,,,विधि के कमरे की तरफ बढ़ा देता है,,,,और फिर वह दरवाजे के पास पहुंच,,,,,,,,वह जैसे दरवाजा खोलने लगता है ,,,,,,,

कि एक पल के लिए वह,,,,,रुक जाता है,,,,,,और फिर खुद से ही ,,,आई एम सॉरी एंजेल,,,,,,,लेकिन मैं अपनी दुश्मनी और बदले में तुम्हें भी भुलने को तैयार हूं ,,,,

मैं उसे सबक सिखाने को ,,,,तुम्हारी मुस्कुराहट,,,,,,,तुम्हारी हंसी ,,,,,तुम्हारी आंखें,,,,,तुम्हारी हरकतों को भुलने को तैयार हूं,,,,,,

लेकिन उसे विराज को नहीं छोडूंगा,,,,,उसने मेरी बहन का इस्तेमाल किया,,,,,और मैं उसकी बहन का इस्तेमाल करूंगा ,,,,,,उसने मुझे तो पहले मेरी बहन को छुआ,,,,,और मैं उसे तड़पाऊंगा,,,,,

फीउचर का तो पता नहीं है ,,,,,,लेकिन प्रेजेंट मैं खुद बनाऊंगा ,, मैं उसे लड़की की जिंदगी को जहन्नम कर दूंगा,,,,,,, की उसे खुद से नफरत होगी ,,,,,,कि वह क्यों विराज की बहन हुई,,,,,,यह कहते हुए ,,,,,वह अपने कदम ,,,,,कमरे की तरह बढ़ा देता है,,,

विधि ,,,,,और वही विधि जो कैमरे के अंदर बेड के पास बैठे सिसकियां ले रही थी ,,,,उसे इस वक्त बहुत डर लग रहा था ,,,,,कि कौन उसे यहां ले आया है ,,,,,,उसकी तो किसी से दुश्मनी भी नहीं थी,,,,,

वह तो हर किसी से हंस कर बात करती थी,,,,,फिर कौन उसे यहां कैद किया है ,,,,,यह सोच सोच विधि रो रही थी ,,,,,,और उसे अपने भाई की याद आ रही थी ,,,,,,की तभी ,,,,की तभी उसे एहसास होता है ,,,,,,कि कोई उस कमरे का दरवाजे खोल रहा है,,,,,,तब वह अपना सर उठा,,,,देखती है,,,,,,तो उसकी नजर,,,,,एक परछाई पर पड़ती है ,,,,जो की उसी की तरफ,,आ रहा था,,

विधि अंधेरे में उसकी परछाई को साफ देख सकती थी ,,,,,,की तभी देखती हैं ,,,,कि,,,,वह इंसान दरवाजा बंद कर रहा था ,,,,,जिससे धीरे-धीरे उसकी परछाई ,,,,,उस अधेरे में लुप्त होने लगी थी ,,,,,,,और सिर्फ एक साया सा ,,,उसे नजर आने लगा था,,,,,,उस अंधेरे में ,,,,,

कि एकाएक उसकी नजर उसके गले से ,,,,,,लटक रही ,,,,,उस लॉकेट पर पड़ती है ,,,,,,,जो कि उसने सड़क पर ,,,,,उस इंसान के बाहों में गिरने से पहले देखा था,,,,,,क्योंकि अंधेरा होने की वजह से ,,,,,,,वह लॉकेट दोबारा चमक उठी थी ,,,,

जिसे महसूस कर ,,,,,उसकी रोंगटे खड़े हो जाते हैं ,,,,,,,क्योंकि उसे पता चल गया था ,,,,,,कि उसे यहां तक लाने वाला कोई और नहीं ,,,,यही इंसान है,,,,,,,जिससे वह जल्दी से अपनी जगह से खड़ी हो ,,,,,वह खुद ही ,,,,उस इंसान के पास जाने लगते हैं,,,, 

और वही अनिरुद्ध अपनी आंखों में गुस्सा,,और विराज के लिए नफरत लिए ,,,,,,,विधि को तबाह करने ,,,,,उसके करीब आ रहा था ,,,,,,इस वक्त उसकी आंखों में सिर्फ और सिर्फ विधि को चोट पहुंचना ही था ,,,,,,

लेकिन विधि के साये को खुद के करीब आता देख ,,,,उसकी आंखें छोटी हो जाती है ,,,,, की तभी, उसे विधि की डरी हुई आवाज आती है ,,,,,,प्लीज प्लीज मुझे जाने दो , ,,,,,देखो तुम तुमने मुझे क्यों किडनेप किया ,,,,मुझे मुझे नहीं पता ,,,,,तुम्हें पैसे चाहिए,,,, तुम्हें जितने पैसे चाहिए ,,,,,,मैं अपने भाई को बोल कर,,,,,वह तुम्हें दे देंगे ,,,,पर मुझे जाने दो ,,,

गॉड प्रॉमिस में वादा करती हूं ,,,,,मेरा मेरे भाई मेरी बात कभी नहीं टालते ,,,,,,वह तुम्हें जितने पैसे चाहिए ,,,,,वह दे देंगे ,,,,,,बस मुझे जाने दो ,,,,,,उसका इतना ही कहना था ,,,,,,,की अनिरुद्ध के की हंसी गूंज उठती है,,,,,,जो की विधि को डराने के लिए काफी थी,,,,उसकी हंसी ऐसा था ,,,,,,,जैसे कि वह विधि का मजाक उड़ा रहा हूं,,,,, 

कि तभी एका एक विधि को,,,,, आपने कंधों के पास ,,,,,, गरम सांस ,,,,,और कमर पर किसी की छूवन महसूस होती है,,,,,,,जो एकदम से उसे अपने करीब खींच लिया था ,,,

जिसे महसूस कर,,,विधि की सांस भारी होने लगी थी ,,,,,,उसके माथे पर पसीने की बूंदे उठ आई थी ,,,,,,और उसका शरीर,,,, डर से काप उठा था ,,,,,क्योंकि इतने करीब से,,,पहली बार किसी ने उसे छुआ था ,,,,,,वह भी इस तरह,,,,,,वरना एक बार ,,,,,विवेक ने छुआ था,,,,,,,जो कि उसे सिर्फ छुवन का मतलब बता रहा था,,,,

की तबी , उसे अपने कानों में अनिरुद्ध की आवाज आती है ,,,,, तुम्हें लगता है ,,,,कि मुझे पैसे की जरूरत है,,,,,मुझे तुम चाहिए,,

तुम्हारी जिंदगी चाहिए ,,,,,,जिसे में तबाह करना चाहता हूं ,,,,,मैं तुम्हें तड़पाना चाहता हूं,,,,,,,तुम्हें रोता हुआ देखना चाहता हूं ,,,,,,,यह कहते हुए अनिरुद्ध एकदम से ,,,,,,अपने होंठ विधि के गर्दन पर रख देता है ,,,,,

जिसे महसूस कर विधि की तो जैसे जानचली गई हो,,,,,उसका पूरा शरीर ठंडा पड़ गया था ,,,,,ऐसा लग रह रहा था,,,,,, विधि को,,,, जैसे की धरती फट जाएगी ,,,,,,,,उसकी सांसे लेना मुश्किल हो रहा था ,,,,,,जिससे वह छटपटा उठी थी,,,,,,,और खुद को अनुरुध से दूर करने की कोशिश करने लगी थी,,,

और वही अनिरुद्ध विधि को कोशिश करता देख,,,,,,उसकी पकड़ विधि पर और टाइट हो गई थी ,,,,,जिसे महसूस कर विधि की आंखों में बस आंसू आने लगे थे ,,,,,,,उसका डर,,, आखिरी सीमा पर पहुंच चुका था,,,,,

उसे कॉलेज में हुई ,,,,अपनी फ्रेंड से कहीं बातें,,,,,,,,एक-एक कर उसके दिमाग में घूमने लगी थी,,,,,,की उस लड़की पर क्या बीता होगा ,,,,,,,जो उसे,,,,,उसके बगैर पूछे,,,,उसे छुआ होगा,,,,,,उस पर क्या बिटा होगा,,,,,,,,जो उसे उसकी मर्जी के बगैर,,,,,,,उसे देखा होगा ,,,,,उसे कितनी घिन आई होगी खुद से ,,,,,यह सोच काप उठी थी,,,

कि तभी विधि ,,,,,अपनी पूरी जान लगा,,,,खुद को अनिरुद्ध से बचाने की कोशिश करने लगी थी,,,,,लेकिन वह छोटी सी नन्ही सी जान ,,,,,खुद को कैसे बचा सकती थी,,,,,,,जिससे उसने बगैर कुछ सोचे समझे,,,,,,अपने चेहरे को घुमा,,,,,,,,अनिरुद्ध जो अब भी ,,,,,थोड़ा झुक ,,,,,,अपने होंठ विधि के कंधे पर रखा था ,,,,,,उसे गरदन पर एक तेज दर्द का एहसास होता है ,,,,,,क्योंकि विधि ने बगैर कोई मौका दिए ,,,,,,अपने तीखी नुकिली दांत,,,,,अनुरोध के गले में गड़ा दिया था ,,,,,,जिस दर्द से अनुरोध दो कदम पीछे हट गया था

की तभी उसे विधि की चिखनी की आवाज आती है,,,,, दूर दूर रहो मुझसे,,,,,,मैं कोई कमज यां अबला नारि नहीं हूं ,,,,,,,मैं तुम्हें जान से मार दूंगी ,,,,,अगर तुमने मेरे साथ कुछ भी,,,,,ऐसा वैसा करने की कोशिश की तो ,,,,,,,सुना तुमने,,,,,,दूर हो जाओ,,,,

या कहते हुए वह हाफ रही थी,,,,,,,कि तभी अनिरुद्ध गुस्से से चिखते हुए,,,,,,तेरी इतनी हिम्मत की तूने मुझे,,,,,,,यह कहते हुए ,,,,वह आब भी अपने गरदन को,,,,छू रहा था ,,,,,,कि उसने गर्दन पर कुछ चिपचिपा सा फील होता है,,,,,,,जिससे वह अपने नोज के पास ला,,,,,उसकी सुगंध लेता है ,,,,

तब उसे एहसास होता है,,,,,,कि यह गंध तो खून की थी,, जिसे महसूस कर,,,,,अनिरुद्ध गुस्से से आगे बढ़ ,,,,,वह विधि को खींच के ,,,,थप्पड़ मारता है ,,,,,,जिससे विधि सीधा जमीन पर,,,जा गिकती है ,,,,,,और कुछ पल के लिए विधि,,,,,,

आज के लिए बस इतना,,,,तो देखते हैं ,,,,,कल क्या होने वाला है,,,,,,क्या विधि खुद को बचा पाएगी अनिरुद्ध से,,,,,और कौन है यह एंजेल ,,,,,जिसे अनिरुद्ध माफी मांग रहा है

क्या विधि खुद को बचा पाएगी,,,,,किस हद तक गिरेगा अनिरुद्ध ,,,की नफरत जाने के लिए बढ़ते रहे,,,,,,,लव्स बींस की रिवेंज