द 7 हैबिट्स ऑफ हाईली इफेक्टिव पीपल पुस्तक परिचय Chetna द्वारा पुस्तक समीक्षाएं में हिंदी पीडीएफ

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द 7 हैबिट्स ऑफ हाईली इफेक्टिव पीपल पुस्तक परिचय

द 7 हैबिट्स ऑफ हाईली इफेक्टिव पीपल (*The 7 Habits of Highly Effective People*) स्टीफन आर. कोवी द्वारा लिखा गया एक महत्वपूर्ण और प्रचलित स्व-सहायता पुस्तक है। इस पुस्तक में कोवी ने उन सात आदतों का वर्णन किया है जो किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में प्रभावी बना सकती हैं। ये आदतें स्थायी सफलता और जीवन में संतुलन प्राप्त करने में मदद करती हैं। यहाँ इस पुस्तक का विस्तृत सारांश प्रस्तुत है:


 1. पहली आदत: प्रोएक्टिव बनें (Be Proactive)

प्रोएक्टिव होना का मतलब है अपनी परिस्थितियों के प्रति प्रतिक्रियात्मक न होकर उनके नियंत्रण में रहना। स्टीफन कोवी का कहना है कि हमारा जीवन हमारी प्रतिक्रियाओं का परिणाम है, न कि हमारी परिस्थितियों का। प्रोएक्टिव व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को समझता है और अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेता है। वे बाहरी परिस्थितियों से प्रभावित नहीं होते और अपनी प्रतिक्रिया का चुनाव सोच-समझकर करते हैं। इसका मतलब है कि हमें अपनी सोच, भावनाओं, और कार्यों पर नियंत्रण रखना चाहिए और किसी बाहरी परिस्थिति या व्यक्ति को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।


 2. दूसरी आदत: अंत को ध्यान में रखते हुए शुरुआत करें (Begin with the End in Mind)

दूसरी आदत में कोवी कहते हैं कि हमें अपने जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट रूप से समझना चाहिए। यह आदत हमें यह सोचने के लिए प्रेरित करती है कि हम अपने जीवन के अंत में क्या हासिल करना चाहते हैं। कोवी ने सुझाव दिया कि हमें अपनी व्यक्तिगत दृष्टि बनानी चाहिए और उसी के अनुसार कार्य करना चाहिए। इससे हमें यह स्पष्ट हो जाता है कि हम क्या बनना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं। यह आदत दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करने और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने में मदद करती है।


 3. तीसरी आदत: सबसे महत्वपूर्ण चीजों को पहले रखें (Put First Things First)

यह आदत प्राथमिकताओं को निर्धारित करने पर जोर देती है। कोवी ने बताया कि हमें सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को पहले करना चाहिए और उन कार्यों को टालना नहीं चाहिए जो हमारे लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करते हैं। यह आदत हमें समय प्रबंधन और अनुशासन सिखाती है। कोवी ने "महत्वपूर्ण और तात्कालिक" और "महत्वपूर्ण लेकिन गैर-तात्कालिक" कार्यों को अलग-अलग करने पर जोर दिया। हमें अपने महत्वपूर्ण लेकिन गैर-तात्कालिक कार्यों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वे हमारे दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।


 4. चौथी आदत: जीत-जीत की सोच अपनाएं (Think Win-Win)

यह आदत व्यक्तिगत और पेशेवर संबंधों में सफलता प्राप्त करने के लिए है। जीत-जीत की सोच का मतलब है कि सभी पक्षों के लिए लाभकारी समाधान तलाशना। यह सोच प्रतिस्पर्धात्मक मानसिकता को छोड़कर सहयोगात्मक दृष्टिकोण को अपनाने की वकालत करती है। स्टीफन कोवी ने बताया कि जब हम अपनी सोच को "मैं जीतूं और तुम भी जीतो" के रूप में बदलते हैं, तो हम सभी के लिए एक सकारात्मक और संतुलित वातावरण बना सकते हैं। इस आदत से आपसी सम्मान और विश्वास में वृद्धि होती है और संबंध मजबूत बनते हैं।


 5. पांचवी आदत: पहले समझें, फिर समझाएं (Seek First to Understand, Then to Be Understood)

यह आदत सही संवाद स्थापित करने के लिए है। स्टीफन कोवी कहते हैं कि हमें पहले दूसरों को समझने का प्रयास करना चाहिए, उसके बाद ही अपनी बात कहनी चाहिए। इसका मतलब है कि हमें सहानुभूति के साथ सुनने की आदत डालनी चाहिए, ताकि हम यह समझ सकें कि सामने वाला व्यक्ति क्या महसूस कर रहा है और क्या कहना चाहता है। जब हम दूसरों को सही तरीके से समझने की कोशिश करते हैं, तो वे हमें बेहतर तरीके से सुनने और समझने के लिए तैयार होते हैं। इस आदत से मजबूत संबंध और बेहतर संवाद विकसित होते हैं।


 6. छठी आदत: सिनर्जी बनाएं (Synergize)

सिनर्जी का मतलब है कि मिलकर काम करना और समूह की ताकत का उपयोग करना। यह आदत यह समझाती है कि दो या दो से अधिक लोग जब मिलकर काम करते हैं, तो उनके सामूहिक प्रयासों का परिणाम उनके व्यक्तिगत प्रयासों से अधिक प्रभावी होता है। सिनर्जी बनाने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारों को समझने और उन्हें मिलाकर एक नया और बेहतर समाधान निकालने की क्षमता होनी चाहिए। कोवी ने बताया कि टीमवर्क, सहयोग, और एक दूसरे के विचारों का सम्मान करके हम अधिक रचनात्मक और प्रभावी परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।


 7. सातवीं आदत: आरी को तेज करें (Sharpen the Saw)

यह आदत आत्म-नवीनीकरण और व्यक्तिगत विकास पर केंद्रित है। इसका मतलब है कि हमें अपनी शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, और आध्यात्मिक क्षमताओं को लगातार सुधारते रहना चाहिए। स्टीफन कोवी ने चार मुख्य आयामों पर ध्यान देने की सलाह दी: 

1. शारीरिक – नियमित व्यायाम, सही खानपान, और आराम।

2. मानसिक – अध्ययन, पढ़ाई, और नये कौशल सीखना।

3. आध्यात्मिक – ध्यान, प्रार्थना, और अपने जीवन के उद्देश्य पर चिंतन।

4. भावनात्मक/सामाजिक – रिश्तों को मजबूत करना और दूसरों की मदद करना।


यह आदत जीवनभर चलने वाले व्यक्तिगत विकास के महत्व को दर्शाती है। अपने जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बनाकर, हम अपनी प्रभावशीलता को बढ़ा सकते हैं और जीवन में संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं।

द 7 हैबिट्स ऑफ हाईली इफेक्टिव पीपल में स्टीफन कोवी ने जीवन के हर क्षेत्र में प्रभावी बनने के लिए व्यावहारिक और स्थायी सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं। ये आदतें न केवल हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सुधार लाने में मदद करती हैं, बल्कि हमें एक संतुलित, सामंजस्यपूर्ण और सफल जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन भी देती हैं। 


ये सात आदतें हमें सिखाती हैं कि कैसे हम जिम्मेदार बनें, दीर्घकालिक सोच अपनाएं, प्राथमिकताओं का सही चयन करें, रिश्तों में संतुलन और सहयोग स्थापित करें, और आत्म-विकास की दिशा में निरंतर प्रयास करते रहें।