Devil se Mohhabat - 15 aruhi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Devil se Mohhabat - 15

विराज लगभग 2 घंटे बाद कमरे में आता है ,,,,  तो देखता है ,,,,,कि अंजलि खुद को चादर से लपेट,,,,,किसी बैठे बैठे ही सो गई थी,,,,,जिसे देख वह इग्नोर कर ,,,,, उस कमरे में बने,,,,,स्टडी रूम में चला जाता है ,,,, 

अगली सुबह यह न्यूज़ किसी ,,,आग की तरह टीवी पर फैल चुकी थी,,,,,,कि अंजलि अरोड़ा ,,,,अंजलि अरोड़ा विराज सिंह  मलिक की बीवी है,,,, 

जिसे अंजलि के डैड चिखते हुए,,,,,,विराज के मेंशन मे आ खड़े होते हैं ,,,,,और फिर विराट मलिक सिंह ,,,,चिख कर,,  बुलाते हुए,,,,,,,,,, आरोड़ा,,,,,,पुलिस के साथ,,,,,उस मेंशन में खड़े थे,,, 

की तभी विराट बाहर आता है ,,,,,,और फिर वह मुस्कुराते हुए,,राघव अरोड़ा की तरफ देखते हुए ,,,ओ,,,तो ,,,तुम हो 

जिसे देख अंजलि के डैड गुस्से से,,,,विराज की तरफ देखते हुए ,,,,,तूने सही नहीं किया,,,,,मेरी बेटी के साथ ,,,,मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं,,,,,यह कहे,,,,,, वह पुलिस को,,,,,,विराट को गिरफ्तार करने को कहते हैं

और वही विराज अरोड़ा की बात सुन चिकते हुए,,,,खबर तार मिस्टर आरोड़ा,,, शायद तुम भूल गए हो कि इस वक्त तुम मेरे घर में खड़े हो,,,,,,

और तुम इतनी आसानी से,,,,,मेरे घर आ ,,,,,मुझे गिफतार करवाओगे ,,,,,क्या सबूत है,,,,,,कि मैं तुम्हारी बेटी को किडनैप करके ,,,,,,यह कहते हुए विराज पड़े एटीट्यूड से पौड़ियों से होते हुए ,,,,,राघव के सामने आ खड़ा होता है,,,,,,इस वक्त विराज की आंखों में ,,,,,, राघव के लिए ,,,,,सिर्फ नफरत गुस्सा और घिन भरी थी,,,  ,,अगर उसका बस चलता तो,,,,,,,वह अभी के अभी,,,,,,राघव की जान ले लेता,,,,,,,क्योंकि राघव को देख उसके पुराने जख्म ,, ,,फिर से ताजा हो गए थे,,,,,,जिससे ,,,,,उसे गुस्से से ,,,,,उसके हाथ के नशे भी उभरने लगी थी,,,, 

जिसे देख राघव भी,,,,,डर कर दो कदम पीछे हट जाता है,,,,,,उसे नहीं पता कि विराज ,,,,आखिर है कौन,,,,,क्या वजह थी ,,,,,,उसकी बेटी को  इस तरह किडनैप कर उसे शादी  करने की,,,,,,,

क्या वजह थी,,,उससे शादी करने की,,,,,बस उसे इतना पता है     कि उसकी बेटी को किडनैप कर ,,,,,उसके सामने खड़े लड़के ने ,,,,,,उसकी बेटी से शादी की,,,,,,,

क्योंकि उसकी बेटी अगर छीक भी मारती है,,,,,,तब भी वह उसके डैड से पूछ कर करती थी,,,,,,तो इतना बड़ा कदम उठाना ,,,,तो अंजलि की बस की बात ही नहीं है,,,,,,जिससे राघव विराज पर चीखते हुए,,,,,,सबूत नहीं मेरे पास,,,,, लेकिन पूरा यकीन है ,,    कि तुमने ही मेरी बेटी को किडनैप कर शादी की है,,,,,,,यह कहे ,, ,, वह चीखते हुए अंजलि अंजलि बुलाने लगता है ,,,,,



कि तभी अंजलि,,,,उसे कमरे से बाहर आते हुए दिखती है,,,,,,जो इस वक्त रेड साड़ी गोल्डन ,,,, डीप ब्लाउज पहने ,,,,,,बाल खुले हुए ,,,,,,उसके मांग में सिंदूर भरा होता,,,,,गले में मंगलसूत्र पहने हुए,     वह अपनी पलकें झुकाए पौड़ियों से नीचे आ रही थी ,,   

जिसे देख राघव कुछ पल के लिए अपनी बेटी को देखता रह जाता है ,,,,,उसे यकीन नहीं हो रहा था ,,,,,,कि अंजलि उसके सामने खड़ी है ,,,,,,जिससे वह दौड़कर ,,,,अंजलि के पास जा,,,,,,बेटा बोल ,,,,कि इसने तेरे साथ जबरदस्ती शादी की

उसका इतना ही कहना था,,,,,कि अंजलि की आंखों में आंसू आ जाता है ,,,,,,और वह बगैर देरी कीए अपने डैड के गले  लग जाती है,,,, 

की तभी राघव अंजलि को खुद से दूर कर,,,,, अंजलि की तरफ देखते हुए ,,,,,,अंजलि बेटा बोल ,,,,,बोल कि इसने तुझे जर्बदस्ती किडनैप कर ,,,,,,,तुझसे शादी की है,,,,

उसका इतना ही कहना था ,,,,, उसकी तरफ मुड जाती है ,,,,, और एक नजर विराज की तरफ देख,,,, नहीं डैड मैंने अपनी मर्जी से शादी की है ,,,,,,,क्योंकि मे विराज से बहुत प्यार करती हूं ,,,,,,,यह कहते हुए अंजलि की आंखों से आंसू बहे जा रहे थे,,,, 

जिसे देख राघव,,,अपनी बेटी की तरफ देख,,,,,बेटा देखो,,,डरो मत ,,,,,तुम्हारे डैड,,तुम्हारे साथ है,,,,,तो डरने की जरूरत नहीं है ,,,,,,तुम एक बार बोलो तो,,,,,सच बताओ,,,,जो भी  यहां हुआ है,,,,,,

सब कुछ बताओ,,,,,,मैं तुम्हारा साथ दूंगा,,,,,,यह कहे वह पुलिस की तरफ देखते हुए ,,,,,,नहीं नहीं मेरी बेटी सच नहीं ,,, बोल रही है,,,,ये डरी है ,,,,,,यह झूठ है,,,,,इस लड़के की बहकावे में आई है,,,,,यह ,,कह,,,,,वह दोबारा ,,,,अंजलि से बात करने लगता है,,,, 

जिसे सुन पुलिस वाला,,,,, अरोड़ा सर,,,,आप अपनी बेटी को फोर्स नहीं कर सकते,,,,,क्योंकि वह बालिक है ,,,,,और वह जिससे मर्जी ,,,,,जब मर्जी शादी कर सकती है,,,,,अगर उसने कबूल कर लिया ,,,,,तो हम फोर्स नहीं कर सकते,,,,,आई एम सॉरी ,,,,,यह कहे वह पुलिस वाले वहां चले जाते हैं,,,, 

जिसे सुन अरोड़ा दोबारा पुलिस की तरफ देखते हुए ,,,,,नहीं नहीं मेरी बेटी सच नहीं बोल रही है ,,,,, और फिर विराज की तरफ देखते हुए ,,,,,तूने यह सब क्यों किया ,,,,क्या दुश्मनी है,,,,,जो तू निकाल रहा है मुझसे,, 

जिसे सुन विराज अपने कदम धीरे-धीरे राघव की तरफ बढ़ाते हुए,,,,दुश्मनी है ,,,,,,

 गोरी सिंह मलिक को,, ,,,,,उसका इतना ही कहना था,,,,,कि राघव दो कदम पीछे हट जाता है,,,,,,और उसके सामने वह सीन घूमने लगता है,,,,,प्लीज राघव मुझसे दूर रहो,,,,,,प्लीज मुझे छोड़ो,,,,,, में मैं मर जाऊंगी,,,,,,

जिससे राघव गोरी की तरफ बढ़ते हुए ,,,,,अरे तू जैसी चिड़िया को ना छू ऐसा हो सकता है,,,,,,,तेरे लिए मैं कितना कुछ किया ,,,,,,,और तुझे लगता है ,,,,,कि मैं तुझे बगैर यहां से,,, छुए जाऊंगा ,,,,कभी नहीं,,,,,यह कहते हुए,,,,,,वह आब भी अपने कदम,,,,बढ़ाये जा रहा था,,, 

जिससे सोच उसकी आंखें हल्की-हल्की डर और उसके माथे पर पसीना आने लगता है,,,,,,जिससे वह राघव की तरफ देखते हुए ,,,,,,,,,,,

और वही विराट राघव की तरफ देखते हुए ,,,,,क्या हुआ कुछ याद आ रहा है,,,,और फिर अपना रुमाल निकाल उसके पसीना पूछते हुए,,,,,,यह तो बस शुरुआत है,,,,,देखते जाओ,,,,,तुम्हारा क्या हाल करता हूं,,,,,,,,तुमने हमारी जिंदगी ,,,, जला दी   ,,,उसी तरह,,,,,मैं तुम्हारी जिंदगी तहस कर दूंगा ,,,,,

और कैद हो चुकी है,,,,तुम्हारी बेटी ,,,,, और में तुम्हारी बेटी की भी जिंदगी नरक बना दूंगा,,,,,,जैसे तुमने मेरी बुआ की जिंदगी नर्क बना दी थी,,,,,,,तेरी बेटी को,,,,,,,मैं हर रात नोचूंगा ,,,,,जैसे तूने मेरी बुआ को नोचा था,,,, 

सोच कैसी लगेगी तेरी बेटी,,,,बेड पर तड़पते हुए,,,,,,जब मैं उसे उसकी मर्जी के बगैर  छूऊंगा ,,,,,सोच राघव,,, सोच,,,,,में उसे हर रात ,,,,उसकी आंखों में आंसू दूंगा,,,,,सोच वह हर रात वही दर्द जिएगी,,,,जो मेरी बुआ ने सहा था

जिसे सुन राघव चिल्लते हुए ,,,, नहीं नहीं विराज तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे ,,,,,इस सब में मेरी बेटी का क्या कसूर है ,,,,,वह तो बेकासुर है,,,, 

तो उस समय,,,,,मेरी बुआ का क्या कसूर था,,,,,,जिसके साथ तूने दरिदगी की थी ,,,,,उस समय मेरी मां का क्या कसूर था,,,,,जिसे तूने अपने हाथों से मारा था,,,,,उस समय मेरे डैड का क्या कसूर था,,,   जो तूने कुछ पैसों के लिए ,,,,मेरे डैड को मारा था,,,,,,क्या मिला तुझे मेरा घर तबाह करके,,,, 

जिसे सुन राघव, देख,,,,इस समय में,,,,मेरी गलती है,,,,,तो तुम मुझे मुझे,,,जो मर्जी सजा दे,,,,,,,पर मेरी बेटी को बीच में मत ला,,,,यह कहते हुए राघव के चेहरे पर डर और पसीना साफ देखा जा सकता था,,, 

और उन दोनों की बातें इतनी स्लो थी,,,,,कि उन्हें अंजलि को उन दोनों की बातें सुनाई नहीं दे रही थी ,,,,कि वह बातें कर तो कर ,,,,,,किस बात पर रहे हैं,,, 

क्योंकि तभी विराज गुस्से से राघव की आंखों में देखते हुए,,,,,वह अंजलि को इशारा कर,,, खुद के करीब बुलाता है,,,,,और फिर उसी तरह राघव  अरोड़ा की तरफ देखते हुए ,,    अंजलि को कमर से पकड़,,,,,अपने करीब खींच लेता है,,,,, 

और फिर बगैर मौका दिए ,,,,वह अंजलि के कमर पर अपनी पकड़ टाइट कर देता है,,,,,जिससे अंजलि की दर्द से एक आह निकल जाती है,,,,,,कि तभी विराज थोड़ा झुक,,,,,,अंजलि के होठों पर होट,,,, रख,,,,उसे,,राघव के सामने ही किस करने लगता है

और उसी के पीछे खड़ा विवेक , , ,  भी यह सब नजरा देख रहा था,,

 आज के लिए बस इतना,,,,,तो देखते हैं,,,,कि इस दुश्मनी में ,,,,किसकी हार और किसकी जीत होगी ,,,,,अब आगे राघव क्या करेगा,,,,,,अपनी बेटी को बचाने के लिए,,,,,,और क्या सच में राघव ने ही गोरी की जान ली थी ,,,,,या फिर यह है कोई गहरा राज ,,,,,,,जाने के लिए बढ़ते रहें,,,,