मीरा प्रेम का अर्थ - 2 - अतीत की धुंधली तस्वीरें sunita maurya द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ

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मीरा प्रेम का अर्थ - 2 - अतीत की धुंधली तस्वीरें

माधव उन दोनो को एक टक देखे जा रहा था....वो काफी हेरानी से देख रहा था....उसके सामने 2 लड़कियां थी जो बेहोश हालत में थी...उसमे से एक लड़की जिसपर उसकी नज़र टिकी हुई थी... .. ....कुछ सोचते हुए उसके मुँह से निकला......ये यहाँ कैसे?......  

तभी माधव के कानो में एक लड़के की आवाज पड़ी...सर इनकी सांसे तो चल रही है ,. अब क्या करे?..माधव का ध्यान टूटा और वो हेरानी से उस लड़के की तरफ देखने लगा......इन्हे मेडिकल सुविधा नहीं मिली तो क्या पता ये ऐसे ही मर जाए......तभी दूसरे लड़के ने कहा... एक तो शायद प्रेग्नेंट भी है....... ये सुन माधव ने उस लड़की के पेट की तरफ देखा........फिर उस लड़की के चेहरे की तरफ देखा...उसके चेहरे पर काफी कटे फटे निशान थे...ठंड से उसके होठ और गाल पूरी तरह से लाल हो चुके थे....और ये लड़की कोई  और  नहीं बल्की मीरा थी...जिससे माधव 6 साल पहले बहुत प्यार करता था लेकिन उसने माधव को धोखा दिया और किसी और से शादी कर ली .........मीरा ने उसको ऐसा घाव दिया था जीसे वो ना कभी  भूल पा रहा था.... और ना ही अपनी  जिंदगी में आगे बढ़  पा रहा था .फिर भी वो अपनी जिंदगी जी रहा था  अपना दूसरे प्यार अपने देश से बहुत प्यार करता था .. लेकिन आज अपने सामने उस चेहरे को दोबारा देखकर वो सारी घटनाएं उसकी आंखों के सामने आने लगे... उसके दिल में गुस्सा उतरने लगा .और साथ ही वो ये भी सोच रहा था कि ये यहां इस हालात में कैसी आई.....उसके मन में हज़ारो सवाल घूम रहे थे कि तभी उसके कानो में एक आवाज पड़ी... 

सर बताइये अब हमें क्या करना चाहिए .......माधव अपनी सोच से बाहर आया और बोला...इन्हें केम्पस में बने हॉस्पिटल में चलो ......उसका ये ऑर्डर सुन एक लड़के ने पहली लड़की को उठा लिया.... जैसे ही एक लड़के ने मीरा को उठाने की कोशिश की... माधव ने उसका हाथ पकड़ा और पीछे रहने के लिए कहने लगा ......माधव का इशारा देख वो लड़का पीछे हट गया...माधव ने मीरा को अपने  हाथो में आराम से उठाया और केम्पस में बने अस्पताल में पहुंच गया...और मीरा को एक बिस्तर पर लेटा दिया....वहा डॉक्टर भी आ गये...मीरा को चेक करने लगे...उन्होनें मीरा को एक ऑक्सीजन मास्क लगाया....और हार्टबीट चेक करने लगे.....माधव वहा खड़ा होकर ये सब होता देख रहा था उसकी नज़रे मीरा पर थी ...तभी एक कंपाउंडर माधव के पास आया और बोला...... "सर आपको बाहर जाना होगा"..... ये सून माधव ने अपनी नजर हटा कर कंपाउंडर को देखा और फिर उस रूम से बाहर निकल गया.......वो तेज़ी से चलता हुआ सीधा होस्पीटल से बाहर निकल गया एक पेड़ के नीचे खड़ा होकर पेड़ पर अपना एक हाथ रखा और  लंबी लंबी सांसें लेना शुरू कर दिया......

तभी माधव को अपने कंधों पर किसी के स्पर्श का अहसास हुआ...उसने मुड़कर देखा तो सामने जनरल विनायक थे .....उन्होने माधव को परेशान देखकर उनसे पूछा... क्या हुआ माधव तुम ठीक तो हो ना अचानक तुम्हें क्या हो गया.......माधव बड़ी बड़ी आंखो से जनरल विनायक को देख रहा था... और लंबी लंबी सांसें लेता हुआ बोला...... ये वही है सर ये वही है... 

कौन माधव ?किसकी बात कर रहे हो ?.... जनरल विनायक ने माधव से पूछा .......जनरल विनायक के सवाल का जवाब में माधव ने कहा......मीरा !......ये वही मीरा है सर .....ये चेहरा मैं कभी भूल नहीं सकता.... ये कहते वक्त माधव के चेहरे पर हल्की सी खुशी थी... लेकिन माधव की ये खुशी अचानक गुस्से में बदल गई जब जनरल विनायक की बात माधव के कानो में पडी......जनरल विनायक ने  कहा......"वही मीरा जिसने तुम्हें धोखा दिया"........ये सुन माधव ने जनरल विनायक की तरफ देखने लगा ......

माधव देखो मैं जानता हूं कि तुम मीरा से बहुत प्यार करते थे लेकिन ये वो मीरा नहीं है बल्की ये तो एक मुजरिम है... जनरल के मुंह से ये बात सुनते ही माधव के चेहरे से गुस्सा गायब हो गया और एक कन्फ्यूजन नजर आने लगा ...

..जनरल विनायक ने माधव की आंखो में वो सवाल पढ़ लिया था....अपनी बात आगे बढ़ाते हुए जनरल विनायक कहा......तुम्हें शायद मेरी बातों पर विश्वास न हो लेकिन इस लड़की की तस्वीर में यहां आते वक्त एक पुलिस ऑफ़िसर के हाथ में देखी थी वो लोग कुछ बातें कर रहे थे कि ये लड़की किसी का खून करके भागी है...और पुलिस इसे काफी महिनो से ढूंढ रही है .....लेकिन ये कैसे ना कैसे करके उनसे बच जाती है मैं और हो सकता है की वो दूसरी लड़की उसकी साथी हो......

जनरल विनायक की बात सुनकर माधव पूरे शोक में चला गया...तभी उसने जनरल विनायक से पूछा... आप कौन सी लड़की की बात कर रहे हैं .... उन लड़कियों में से.......

माधव की बात जवाब देते हुए जनरल विनायक ने कहा...जिस लड़की को तुम हॉस्पिटल  वार्ड छोड़ कर आये मैं उसी लड़की की बात कर रहा हूं... और मैं तुम्हारे चेहरे के एक्सप्रेशन से ये समझ पा रहा हूं कि जिस लड़की को तुम अभी हॉस्पिटल वार्ड में छोड़कर आई हो वही मीरा है ना !.......ये बात सुन माधव के चेहरे का रंग उड़ गया और वो सोचने लगा... क्या ये सच था कि मीरा मुजरिम है... किसी का खून कर सकती है जो लड़की किसी को गलती से भी हर्ट नहीं कर सकती वो किसी का खून कैसे कर सकती है.....भोली भाली सी लड़की ऐसा कैसे...वो ये सब सोच ही रहा था कि उसके कंधे पर हाथ रखे और  जनरल विनायक ने कहा.....देखो माधव इसके बारे में हम बात करेंगे...लेकिन उससे पहले आज तुम हमारे घर आओ। मैं आज तुम्हें अपने घर डिनर के लिए इनवाइट करने वाला था....इसलिये कि आज तुम हमारे घर आओ और निशा से एक बार बात कर लो...तुम दोनो एक बार आमने सामने बैठ कर बात कर लो....क्या पता निशा की भावना तुम समझो ...तो क्या तुम आज आओगे?......माधव ने कानो में जनरल विनायक की बात तो जा रही थी लेकिन वो अपनी ही सोच में गुम था...... लेकिन उसने जनरल विनायक को देखा और कुछ सोचते हुए कहा... ठीक है मैं आज शाम को आऊंगा ......

माधव की बात सुन जनरल विनायक बहुत खुश हुए और बोले.... ठीक है तो फिर शाम को तुम मेरे साथ ही चलना। मुझे कुछ काम है वो मैं ख़तम कर लेता हूँ।  उनकी बात सुनकर माधव ने सिर्फ हाँ में अपना सर हिला दिया... उसके बाद जनरल विनायक वहा से चले गय...

माधव काफ़ी परेशान हो गया था। उसी पेड़ के साथ  लगे एक बेंच पर बैठ गया...अबतक दिन निकल आया था सुबह के 9 बज चुके थे....आसमान बिल्कुल साफ था... ठंडी हवाएं बह रही थी.... जिससे माधव के गाल और नाक एकदम टमाटर की तरह लाल हो गए थे....कुछ सोचते हुए उसने अपना फोन निकाला और अस्पताल में फोन लगाया.... कुछ देर की बेल के बाद किसी ने फोन उठाया तो माधव ने पूछा......डॉक्टर क्या  उन दोनो में से किसी को होश आया .... इस बात के जवाब में डॉक्टर ने  फोन की दूसरी तरफ से कहा...नहीं, अभी नहीं  .....

ये बात सुन माधव ने पूछा...वेसे अब कैसी हालत है दोनों की और जो प्रेग्नेंट है उस्की.....इस बात जवाब देते हुए डॉक्टर ने कहा...उनमें से एक की हालत अच्छी है लेकिन दूसरी...ये कह कर डॉक्टर रुक गया.....फिर अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बोला...




वो लड़की जो प्रेग्नेंट है.. उसकी हालत बहुत नाज़ुक है.... उसके शरीर पर काफी निशान है और उसका शरीर बहुत  कमज़ोर हैं...उसने शायद पिछले 2 दिन से कुछ खाया पिया नहीं है..जिससे उसके शरीर में पानी की कमी हो गई है। ऐसे में मैंने उसको ग्लूकोज और 2 3 इंजेक्शन दिए हैं। ताकी उसकी बॉडी में थोड़ी ताकत आये।  हमने अल्ट्रासाउण्ड करके ये भी चेक किया की बच्चा ठीक है या नहीं.... वो भी ठीक है लेकिन थोड़ा कमजोर है .......

डॉक्टर की बात ख़तम हुई तो माधव ने कहा.... अच्छा... अगर उनमें से किसी को होश आए तो मुझे तुरंत बताना.....इतना कहकर माधव ने कॉल कट कर दिया..... और वो वापस अपनी सोच में डूब गया.... उसने तो सुना था कि जिससे मीरा की शादी हुई है वो उसे बहुत प्यार करती थी फिर ऐसा क्या हुआ मीरा के साथ जो वो इस हालत में यहाँ ?......ये सब सोचते हुए उसने अपनी आंखे जोर से बंद कर दी और अपना सर उस बेंच पर टीका दिया। और आंखें खोल कर आसमान की तरफ देखने लगा....आसमान बिल्कुल साफ और नीला था...जिस में सफ़ेद बादल जिनमे अलग अलग आकार बने नजर आ रहे थे ....माधव उन बादलो को बहुत ध्यान से देख रहा था...धीरे-धीरे उन बदलो में माधव को अपने अतीत की कुछ धुँधली तस्वीर दिखाई देने लगी..जो अब साफ होने लगी...और माधव अपने अतीत के गुजरे पलो में जाने लगा.........




6 साल पहले .......उदयपुर, राजस्थान 

उदयपुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट कॉलेज में काफ़ी शोर गुल हो रहा था हर तरफ़ लड़के और लड़किया अपने नए कपड़ो को पहन कर घूम रहे थे... कोई अपने फोन से अपनी सेल्फी ले रहा था कोई ग्रुप फोटो ले रहा था....कॉलेज को पूरा सजाया हुआ था...कॉलेज में फ्रेशर पार्टी मनाइ जा रही थी। इसमें सभी नए बच्चों को उनके सीनियर उनका स्वागत करते थे .....कुछ बच्चे अपनी कॉलेज लाइफ को शुरू करने के लिए खुश भी थे और साथ ही नर्वस भी......

वही कॉलेज में कुछ बच्चे जिन्होनें नॉर्मल जींस और टी शर्ट और स्पोर्ट्स शूज पहने थे।  पिट्ठू बैग उठाए कॉलेज में चले जा रहे थे...उनमें से एक लड़का माधव था....उसकी उमर तकरीबन 21 साल की थी...काली आंखें 6 फ़ुट ऊँचाई..बाल छोटे छोटे कटे हुए थे....देखने में बिल्कुल किसी हीरो जैसा ...उसकी पर्सनैलिटी सिंपल कपड़ो में भी काफ़ी आकर्षक लग रही थी  उसके साथ में उसके दोस्त, जिनहोने माधव की तरह ही कपड़े पहनने थे...जिनके नाम सूरज, सागर, विशाल थे.... ये लोग आर्मी कॉलेज में थे वो लोग अपनी ट्रेनिंग खत्म करके यहां आए थे... उनके कॉलेज के ब्रिगेडियर थोड़े खुले मिजाज के थे उनका मनना था कि ट्रेनिंग और डिस्प्लिन के साथ बच्चों को मौज मस्ती भी करनी चाहिए.... इसलिए इस कॉलेज के प्रिंसिपल जो उनके काफी पुराने दोस्त हैं उनसे बात की थी उनके कॉलेज की फ्रेशर पार्टी में उनके कॉलेज के स्टूडेंट्स भी आए... तो वो भी इस बात पर मान गए .......इसलीये आर्मी कॉलेज के सारे बच्चे यहाँ आये थे.... 

माधव भी आया था माधव को पढ़ने लिखने में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी इसलिए उसने आर्मी कॉलेज में जाना सही लगा... उसकी हाइट और फिजिकल फिटनेस भी काफी अच्छी थी और वो काफी  एक्टिव भी था.....सभी हंसते खेलते कॉलेज के गेट से कॉलेज के अंदर चले गए... जैसा ही माधव अंदर गया उसके कानो में गाना और काफी शोर गुल की आवाज पड़ी..... उसने आस-पास का नजारा देखा तो उसकी आँखों में चमक दिखाई देने लगी....अंदर काफी लाइट जगमगा रही थी...बच्चे काफी खुश थे और गाने को एन्जॉय कर रहे थे ......आस-पास की माहोल देख कर माधव अपनी जगह पर ही जम गया...तभी मेन गेट से काफी सारे बच्चों का काफिला एक साथ आया उसी धक्का मुक्की में माधव का बैग नीचे गिर गया... जब वो काफिला हटा तो माधव की नजर नीचे गिरे अपने बैग पर गई भीड़ में थोड़ा आगे चला गया था...माधव अपने बैग के पास गया और उसको लेने के लिए नीचे झुका..फिर एक नजर उठाकर सामने देखा और फिर अपने बैग की तरफ देखा..तभी उसने एक झटके से अपना सर उठाया और सामने देखा... सामने देखते ही उसकी नजरें वही टीक गईं... उसकी पलकें भी नहीं झपक रही थी .......उसकी नज़रो के सामने जो चेहरा था वो बेहद ही खुबसूरत था....उस लड़की की कथई आँखे....उसने एक कथक का ड्रेस पहनना हुआ था.... उसकी आंखे बार बार इधर उधर देख रही थी....जैसे उसको डर लग रहा था कि कहीं कोई आ ना जाए.... हाथो में आलता लगा था...उसके दोनों हाथो लड्डू और एक लड्डू उसके मुँह में भी था...वो लगातार खाये जा रही थी....और इधर उधर देख रही थी ..... ऐसा करते हुए वो बेहद क्यूट लग रही थी...  उस लड़की को देखकर माधव के चेहरे पर मुस्कान कब आगइ उसको पता भी नहीं चला। माधव बड़े ही प्यार से उसको देखने लगा....तभी वो लड़की हड़बड़ा के उठी और लड्डू हाथ में लिए इधर उधर देखने लगी .........फिर उसने अपने लड्डुओं को अपने बैग में डाल दिया और बैग उठा के वहां से चली गई... वो दूसरे कमरे में थी....जिसे माधव कांच की खिड़की से देख रहा था आर पार कोई आवाज नहीं आ सकती थी .....देखते देखते ही वो लड़की उसकी नजरों के सामने से गायब हो गई.... लड़की गायब हो गई तो माधव भी बेचैन हो गया।  उसको इधर उधर देखने लगा....वो रास्ता देखने लगा कि वो उस कमरे से कहां गई...... काफ़ी देखने पर भी उसको वो लड़की उसके कमरे में कहीं दिखाई नहीं दी ......

तबी स्टेज पर एनाउन्समेंट हुई ...अब फंक्शन शुरू हो चुका था...कुछ बच्चे आते अपनी स्पीच देते...कुछ मजाक मस्ती होती...कुछ लड़के लड़कियां डांस करते.... स्टेज पर जो कुछ हो रहा था उसे माधव को लेना देना नहीं था उसकी नजर तो बस उस लड़की को ढूंढ रही थी ......तभी कमरे की लाइट डिम हुई और स्टेज पर एक लाइट से फोकस किया गया.. जिस पर फोकस हुआ था वो एक लड़की थी...उसने कथक ड्रेस पहनी थी....सब तरफ अंधेरा था..इसकी वजह से माधव भी स्टेज पर ही देख रहा था ........उसने जब देखा कि जिस कथक ड्रेस वाली लड़की को माधव इतनी सी देर से खोज रहा था। वो तो स्टेज पर है .....ये देख उसकी नजर उस पर टीक हो गई...वो लड़की मुड़ी और उसने आंखें खोली और हंसते हुए अपना डांस दिखाने लगी...वो बेहद खुबसूरत लग रही थी. उसके एक्सप्रेशन बहुत अच्छे  वो जो भी मूव करती है, भीड़ में खडी दर्शकों से शोर आने लगता है . वो  जिस पर गाने पर डांस कर रही थी वो हिंदी और इंग्लिश गाने का मिक्स था गाना अच्छा था लेकिन उसेन उस्मे अपने कथक और वेस्टर्न डांस के मूव्स को शामिल किया था जो लोगो को बहुत ही अच्छा लग रहा  था....... उस लड़की में  सब कुछ परफेक्ट था उसका डांस, उसकी चाल, उसकी एक्सप्रेशन, उसकी एनर्जी,उस्का पोशाक....सब कुछ .....जैसे ही उसका डांस ख़तम हुआ तालियों की गडगडाहत से पूरा हॉल गूंज उठा ...और लोग चिल्ला चिल्ला उसकी तारीफ  रहे थे .... कोई कहता बहुत अच्छा .... फेबुलस..कोई बोले माइंडब्लोइंग..... वो भी स्टेज पर खड़ी हो गई.... लाइट जली...उस लड़की ने हाथ हिलाया...और सबको नमस्ते करते हुए स्टेज से जाने लगी....जैसे ही माधव को लगा कि वो स्टेज से जाने वाली है वो उठा और भीड़ से जगह बनाते हुए उसके पीछे जाने लगा .........वो जैसे तैसे करके स्टेज के पीछे पहुंचा... वहा पर तो काफी सारे लोग थे........ सबने कई अतरंगी पोशाकें पेहनी  हुई थी.....वो इस भीड़ में कैसे ढूंढे उस लड़की को................