मेरा सुहाग Miss lekhikha द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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मेरा सुहाग



मुंबई

गर्ल्स कॉलेज

कॉलेज की छुट्टी होने के बाद सब लड़कियां कॉलेज से निकलती है तभी सबसे पीछे दो लड़कियां निकलती है एक का नाम है। भक्ति और दूसरे का नाम है रिया। रिया और भक्ति दोनों ही बहुत अच्छे दोस्त हैं दोनों शुरू से ही अनाथ हैं इनका कोई नहीं है खुद के दम पर यह स्कॉलरशिप पा कर यहां तक आई है और अब यह गर्ल्स हॉस्टल में रहती हैं।

भक्ति- 5 फुट 4 इंच हाइट गोरा रंग काली आंखें और कमर तक लंबे बालों की बनाई हुई चोटी सफेद अनारकली सूट पहने हुए आंखों में काजल माथे पर छोटी सी बिंदी और कानों में झुमके पहने हुए बहुत सुंदर लग रही है।

रिया धीरे से भक्ति के कान में कहती है भक्ति देख आज फिर तेरा लवर यहां पर आ गया है। भक्ति एक नजर सामने देखती है उसके थोड़ी ही दूरी पर एक बीएमडब्ल्यू खड़ी थी और उससे टेक लगाए एक लड़का खड़ा था वाइट शर्ट ब्लैक कोट ब्लैक फॉर्मल पैंट हाथों में वॉच आंखों पर गॉगल्स और पैरों में ब्लैक जूते हर एक चीज ब्रांडेड थी। भक्ति एक नजर उसे देखती है और फिर उसे नजरअंदाज करते हुए रिया का हाथ पकड़कर अपने साथ अपने हॉस्टल ले जाती है रिया पूरे रास्ते भक्ति से बस यही कहते हुए आती है मैं क्या करूं वह पिछले 2 साल से यहां पर खड़ा है और तू पिछले 2 साल से से नजरअंदाज कर रही है अगर तुम दोनों के बीच कुछ है तो आपस में बोल क्यों नहीं देते भक्ति थोड़ा गुस्से में कहती है यह कैसी बातें कर रही है रिया तू जानती है ना हम दोनों अनाथ है और हम दोनों का कोई भविष्य है भी या नहीं हमें नहीं पता आगे आने वाली जिंदगी में हमारा कोई अपना होगा या हम हमेशा साथ रहेंगे हम तो यह भी नहीं जानते और हमें यह समझ नहीं आता वह रोज इसी टाइम पर क्यों आ जाते हैं। उन्हें हमारी जैसी एक मामूली लड़की में क्या दिख गया है वह खुद इतने अमीर परिवार से ताल्लुक रखते हैं फिर वो रोज इतने समय पर यहां पर क्या करने चले आते हैं। रिया भक्ति को मुस्कुरा कर देखती है और कहती है ओहो मतलब अभी से तुम्हें उनकी चिंता हो रही है भक्ति कहती है नहीं रिया ऐसी कोई बात नहीं है हम बस यह नहीं चाहते हमारी वजह से किसी की जिंदगी में कोई प्रॉब्लम आए या फिर हमारी वजह से कोई भी इंसान परेशान हो। रिया अपने सिर पर हाथ मारते हुए कहती है तूने एक नजर उन्हें ढंग से देखा भी है क्या लगते हैं इतनी बड़ी कंपनी सिंघानिया कंपनी के सीईओ है 6 फुट 2 इंच हाइट गोरा रंग नीली आंखें परफेक्ट होठ क्या लगते हैं वह अरे कोई भी लड़की देखती है तो पागल हो जाती है और एक तू है जो उनसे बात करने में भी कतराती है भक्ति को अब गुस्सा आने लगा था वह गुस्से में रिया को कहती है रिया अगर तुम्हें ऐसी ही बकवास करनी है तो करो फिर भूल जाना कि तुम्हारी कोई दोस्त भी है रिया कहती है ओके अब मैं कुछ नहीं बोलूंगी जैसी तुम्हारी मर्जी इतना कहकर दोनों अपनी पढ़ाई करने के लिए बैठ जाती है।
और वही कॉलेज के बाहर भक्ति और रिया के चले जाने के बाद उस कार में से उसे की उम्र का एक नौजवान बाहर निकलता है जो कार के बाहर खड़ा था और उसे देख कर कहता है सम्राट आखिर कब तक तुझे ऐसे ही खड़े रहने का इरादा है आज भी वह तुझे नजरअंदाज करके चली गई मैं कह रहा हूं मेरे भाई चल कर अपनी कंपनी से माल सिंघानिया कंपनी जो कि इस वक्त तेरी वजह से टॉप वन से तेरी मेहनत से तो 5 तक पहुंच चुका है अब उससे नीचे मत ला😏 ना तुझे कुछ कहना होता है और ना ही उसे कुछ सुनना होता है सम्राट मुड़कर उस लड़के को देखता है और उससे कहता है दीपक मैं भी बात करना चाहता हूं उससे पर वह है कि एक नजर ढंग से देखती तक नहीं है दीपक एक गहरी लंबी सांस लेता है और सम्राट को देख कर कहता है मुझे तो यह समझ नहीं आता कि जिस सम्राट सिंघानिया के पीछे हर कोई लड़की पड़ी है उसे एक सिंपल सी कॉलेज गर्ल में क्या दिख गया सम्राट एक नजर दीपक को देखता है और थोड़े गुस्से में कहता है पहली बात मुझे उस लड़की की सादगी पसंद आई है और दूसरी बात सम्राट सिंघानिया जिस चीज को पसंद कर लेता है वह कोई मामूली चीज नहीं होती दीपक भी अब कुछ नहीं कहता तभी वह कहता है मां का फोन आ रहा है लगता है तुझे घर पर बुला रही है क्योंकि आजकल तो जनाब ऑफिस से ज्यादा कहीं और देखे जा रहे हैं तो उन्हें भी पता चलना ही था इतना कहकर सम्राट और दीपक अपनी कार में बैठ जाते हैं और अपने घर के लिए निकल जाते हैं।

उन दोनों के जाने के बाद कॉलेज के बाहर जहां पर साफ मौसम था अब काले काले बादल छा गए थे ऐसा लग रहा था बहुत भयंकर तूफान आने वाला है तभी उस फिजाओं में एक आवाज गूंजती है तुम्हें जो करना है कर लो सम्राट पर तुम मेरे थे और मेरे ही रहोगे मैं तुम्हें किसी और का होने नहीं दूंगी जो चीज तुम्हें मुझसे दूर करने की कोशिश करेगी मैं उसे इस दुनिया से दूर कर दूंगी और एक हंसी के साथ वह आवाज गुम हो जाती है।


थोड़ी ही देर में सम्राट और दीपक की गारी एक बंगलो के बाहर रूकती है चौकीदार वहां का दरवाजा खोलता है और गाड़ी मेंशन में एंटर करती है दोनों तरफ बगीचे बने हुए बीच में रास्ता बना हुआ और सामने एक बड़ा सा घर बहुत सुंदर। सम्राट और दीपक दोनों अपने घर में इंटर करते हैं सम्राट की मां सम्राट को देखकर कहती है आ गए आप बेटा यहां पर सोफे पर बैठिए हमें आप दोनों से कुछ बात करनी है सम्राट और दीपक सामने के सोफे पर बैठ जाते हैं सम्राट की मां सुशीला सम्राट को देखकर कहती है बेटा हमने सुना है आजकल आप का ध्यान अपने काम पर नहीं है आप पहले ऐसे तो नहीं थे कोई चीज है जो आपको मन ही मन परेशान कर रही है हम आपकी मां है आप हमें बता सकते हैं सम्राट उन्हें देख कर कहता है नहीं मैं ऐसी कोई बात नहीं है तभी दीपक कहता है आंटी ऐसी ही बात है दरअसल यह किसी लड़की को पसंद करता है पर यह उससे बात करने में डरता है सम्राट दीपक को रोकने की कोशिश करता तब तक दीपक सब बातें सुशीला जी को बता देता है सुशीला जी सम्राट को देखकर कहती है जब हम आप को कहते थे कि अगर आपको कोई पसंद है तो हमें बता दें या फिर हमारी पसंद की गई लड़की से शादी कर ले। पर तब तो आपने हमें कुछ नहीं बताया था अब वह लड़की जो भी है हम उसे जल्द से जल्द मिलना चाहते हैं हम भी तो देखें आखिरकार हमारे बेटे की पसंद कैसी है सम्राट अपनी मां को देखकर कहता है मां दरअसल वह अनाथ है उसकी बस एक दोस्त है और कोई नहीं तभी दीपक कहता है मतलब जनाब ने सब कुछ पता करके रखा हुआ है मैडम के बारे में फिर मां को देखकर कहता है आंटी अब तो मैं कहता हूं इसकी सीधा शादी करवाओ सुशीला जी एक नजर सम्राट को देख कर कहती है सम्राट हम तुम्हारी पसंद की गई लड़की से मिलना चाहते हैं आप जल्द से जल्द उनसे बात कर लीजिए इतना कहकर सुशीला जी अपने कमरे में चली जाती हैं। सम्राट और दीपक भी अपने ऑफिस के लिए निकल जाते हैं। अगली सुबह कॉलेज से निकलते वक्त भक्ति और रिया फिर देखते हैं कि सम्राट रोज की तरह वहीं पर खड़ा है और आसपास की जितनी भी लड़कियां है वह उसे देख रही थी और भक्ति को यह है सब बहुत अजीब लगता है पर वह आज हॉस्टल जाने की जगह सम्राट के पास आ जाती है आज सम्राट भी यह सोच कर आया था कि वह अपने प्यार के इजहार करेंगा। भक्ति सम्राट के पास आती हैं और उसे देखकर कहती है आप यहां पर रोज-रोज क्या करने आते हैं और इस तरह से यहां पर आना क्या आपको अच्छा लगता है या आपको शोभा देता है सम्राट एक नजर भक्ति को देखता है और उससे कहता हैं भक्ति हम आपसे मोहब्बत करते हैं यह बात आप अच्छी तरह से जानती है ना भक्ति जैसे ही यह बात सुनती है वह अपनी आंखें कसके बंद कर लेती है और दो पल बात खोल दी है और सम्राट को देखकर कहती है पर हम आप से मोहब्बत नहीं करते हैं और ना ही करना चाहते हैं सम्राट उसे देख कर कहता है फिर आप हमसे इस तरह से नजरें क्यों चुराते हैं कि कहीं हम आपके एहसासहो को आपकी आंखों में ना देखें भक्ति इस बार थोड़े गुस्से में कहती है आपको एक बार में समझ नहीं आता आप चाहते क्या हैं सम्राट उसे देख कर कहता है मैं आपको चाहता हूं और फिलहाल के लिए मैं आपको अपनी मा से मिलवाना चाहता हूं भक्ति कहती है पर ऐसा कुछ नहीं हो सकता सम्राट कहता है क्यों भक्ति कहती है क्योंकि क्योंकि आप एक बहुत अमीर परिवार से आते हैं और मैं एक ऐसी अनाथ लड़की हूं जिसे यह तक नहीं पता उसके असली मां बाप कौन है ना कुल का पता है ना ही खानदान का सम्राट उसकी दोनों बाजुओं को पकड़कर अपनी करीब खींचता है और उससे कहता है हमें कोई फर्क नहीं पड़ता मैं बस इतना जानता हूं आप सिर्फ मेरी है और मैं सिर्फ आपसे ही शादी करूंगा अगर आप भी मुझसे प्यार करती हैं तो आप कल शिवजी के मंदिर आएंगी और मेरी मां से भी मिलेगी आपके पास 1 दिन का समय है सोच समझ कर फैसला कीजिएगा इतना कहकर सम्राट उसे छोड़ देता है। पर तभी न जाने कहां से एक ट्रक भक्ति की तरफ पर आने लगता है पर सही मौके पर सम्राट भक्ति को अपने करीब खींचकर बचा लेता है इससे उसके हाथों पर थोड़ी सी चोट लग जाती हैं भक्ति तुरंत अपना दुपट्टा फाड़ कर सम्राट के हाथ पर पट्टी बांध दी है और उससे अपना ख्याल रखने के लिए कहती है और तभी धूल भरी आंधी आने लगती है और आसपास के लोग अपने अपने घर जाने के लिए निकल जाते हैं सम्राट भी जब देखता है यह तूफान थमने वाला नहीं है तो वह भक्ति और रिया को गाड़ी में बैठने के लिए कहता है और कहता है मैं आप दोनों को हॉस्टल छोड़ दूंगा आप दोनों बैठ जाओ। रिया तुरंत पीछे वाली पैसेंजर सीट पर जाकर बैठ जाती है तो वह देखती है वहां पर पहले से ही दीपक बैठा हुआ है तो मजबूरी में भक्ति को सम्राट के साथ आगे बैठना पड़ता है। गाड़ी में कोई कुछ भी नहीं बोलता थोड़ी ही दूरी पर उनका हॉस्टल आ जाता है और तब तक तूफान भी शांत हो जाता है रिया और भक्ति अपने हॉस्टल चली जाती हैं और सम्राट दीपक के साथ अपने ऑफिस।

अगले दिन कॉलेज की छुट्टी होने के कारण रिया और भक्ति अपने हॉस्टल में ही रहती हैं पर शाम के कारण भक्ति अपने ही सोच में गुम होती है कि उसे सम्राट की बात माननी चाहिए या नहीं प्यार तो वह भी कहीं ना कहीं करती थी पर हर बार उनका स्टेटस बीच में आ जाता था रिया के समझाने पर वह मंदिर जाने के लिए तैयार हो जाती हैं भक्ति मंदिर जाते हैं तो देखती है आज मंदिर में काफी भीड़ थी शायद कोई पूजा रखवा रहा था मंदिर में सम्राट के लिए ही उसकी मां ने मंदिर में पूजा रखवाई थी। क्योंकि सम्राट की मां को लगता है उसकी जान को किसी से खतरा है सम्राट को एक जरूरी फोन आता है तो वह बात करने के लिए बाहर चला जाता है तभी भक्ति की नजर शिव जी की मूर्ति के पास रखें थाली पर जाती है उसमें से थाली नीचे जमीन पर गिरने वाली थी और नीचे सब बैठे हुए थे अगर दीया जमीन पर गिर जाता तो कोई ना कोई जल जाता भक्ति तुरंत जाकर दीया और थाली संभालती है और साथ ही साथ देखती है एक और हाथ है जिसने उसके साथ थाली संभाली हुई है फिर वह अपने बगल में देखती है वह और कोई नहीं बल्कि सम्राट होता है और तभी पंडित जी की नजर उन दोनों पर पड़ती है और वह कहते हैं वाह दोनों हमेशा खुश रहो साक्षात शिव और पार्वती का रूप लग रहे हो दोनों सम्राट की मां भी वही होती है पंडित जी की ऐसी बातें सुनकर वह भी एक नजर दोनों को देखती है पंडित जी कहते हैं आज शाम की आरती तुम दोनों ही मिलकर करो सब मंगलमय होगा उनके कहने पर सम्राट और भक्ति शिवजी की आरती करते हैं। पूजा करने के बाद सम्राट अपनी मां से भक्ति को मिलवाता है। सम्राट की मां भक्ति के सर पर हाथ रख कर के कहती है हमें आपकी पसंद बहुत पसंद आई हम जल्द से जल्द शादी का मुहूर्त निकालते हैं इतना कहकर सम्राट की मां पंडित जी के पास चली जाती है। सम्राट की मां पंडित जी से मिलती है और उनसे कहते हैं पंडित जी आपने कहा था मेरे सम्राट की रक्षा वही लड़की कर सकती है जिस पर खुद महादेव का आशीर्वाद हो मैंने अभी-अभी भक्ति के हाथों में ओम का निशान देखा है जो यह बताने के लिए काफी है वह निशान उसका जन्मजात है पंडित जी कहते हैं भक्ति बिटिया को तो हम शुरू से जानते हैं बहुत प्यारी बच्ची है और आपके सम्राट के लिए भी और आपके परिवार के लिए भी भक्ति बहुत अच्छी रहेगी मैं बस यह कहना चाहता हूं कि जल्द से जल्द उनकी शादी करवा दीजिए क्योंकि जो साया उनके पीछे पड़ा है वह उन्हें इतनी जल्दी एक नहीं होने देगा कुछ ना कुछ अर्चन तो जरूर आएगी आप जल्द से जल्द 2 दिन के अंदर ही सम्राट की शादी करवा दीजिए वरना इससे सम्राट और भक्ति दोनों की आने वाली जिंदगी को खतरा हो सकता है और भक्ति भी शायद आगे आने वाली मुसीबतों का सामना नहीं कर पाएगी। पंडित जी की ऐसी बातें सुनकर सुशीला जी काफी परेशान हो जाती हैं और वही मंदिर के बाहर सम्राट और भक्ति मिलकर गरीबों में खाना बांट रहे थे और एक दूसरे के साथ अपनी पसंद और नापसंद के बारे में बता रहे थे। सुशीला जी पंडित जी से मिलकर बाहर आती हैं और भक्ति और सम्राट से मिलती है और उन्हें बताते हैं कि उनकी शादी का मुहूर्त 2 दिन बाद है वरना अगले 3 साल तक कोई मुहूर्त नहीं है सम्राट थोड़े गुस्से में कहता है पर इतनी जल्दी शादी क्यों अभी तो भक्ति अपने कॉलेज की लास्ट ईयर में ही है सुशीला जी भक्ति का हाथ थाम कर के कहती है बेटा आप कम से कम हमारी बात समझने की कोशिश कीजिए हमारी भी कुछ मजबूरियां है हम वादा करते हैं आपकी पढ़ाई नहीं रुकेगी आप जैसे चाहे वैसे जिंदगी जीए पर अगर यह शादी नहीं हुई तो इससे सम्राट की जिंदगी को खतरा है भक्ति भी सुशीला जी की ऐसी बातें सुनकर परेशान हो जाती हैं और सम्राट को देखकर कहती हैं हम सम्राट जी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं सम्राट जैसे ही कुछ कहने के लिए होता है सुशीला जी तुरंत कहती है हम जल्द से जल्द शादी की तैयारियां करवाते हैं आप अपनी दोस्त के साथ ही हमारे घर में आ जाइए सारे फंक्शन वही होंगे बस शादी मंदिर में होगी। सम्राट भक्ति को उसके हॉस्टल छोड़ देता है और खुद सुशीला जी के साथ अपने घर आ जाता है भक्ति अपने कमरे में आती है तो वह देखती है रिया तो वहां पर थी ही नहीं वह फोन ऑन करती है और रिया को मिलाकर कहती है कहां है तू मुझे तुझे कुछ बताना है रिया कहती है मैं एक फ्रेंड के घर आई थी हॉस्टल से थोड़ी ही दूरी पर हूं आती हूं भक्ति भी फोन रखती है और अपने कपड़े चेंज करने के लिए बाथरूम में चली जाती है भक्ति जैसे ही अपने कपड़े साइड में रखती है और मिरर में देखती है तो उस की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं क्योंकि सामने मिरर पर लिखा था सम्राट तुम्हारा कभी नहीं हो सकता तुम्हें उसकी जिंदगी से दूर जाना ही होगा मैं उसे कभी तुम्हारा होने नहीं दूंगी कभी नहीं। भक्ति यह जैसी ही यह पड़ती वह डर जाती है और बाथरूम से बाहर निकलती है तब तक रिया भी आ जाती है रिया जब उसे इतना डरा हुआ देखती है तो उसे पूछती है क्या हुआ भक्ति उसे सारी बातें बताती है रिया जब अंदर जाकर चेक करती है तो वहां पर कोई नहीं होता ना ही कुछ लिखा होता है रिया कहती है मुझे लगता है तेरी तबीयत खराब हो रही है तो थोड़ी देर आराम कर ले और वैसे भी कांग्रेचुलेशन दो-तीन बात तेरी शादी है मैं उसकी तैयारियां देख लेती हूं। भक्ति भी यही सोचती है शायद यह उसका वहम है शाम के समय सम्राट खुद भक्ति और रिया को लेने आता है तो सबसे पहले सुशीला जी सम्राट और भक्ति को एक कलावा बांधती है जब सम्राट उससे पूछता है यह क्या है तब सम्राट की मां कहती है यह तुम्हारी और भक्ति की रक्षा करेगा हर मुसीबत से सम्राट उन्हें देख कर कहता है मां आप जानते हो ना मैं यह सब नहीं मानता सम्राट की मां कहती है बस कुछ नहीं बात है जब तक सब कुछ अच्छा नहीं हो जाता तब तक तुम दोनों में से कोई भी यह कलावा नहीं खोलेगा सम्राट और भक्ति भी सुशीला जी की बात मान जाते हैं। रात के समय जब भक्ति अपने कमरे में सो रही थी उसे ऐसा लग रहा था कोई है उसके कमरे में वह अचानक से अपनी आंखें खोल दी है और आसपास दिखती है पर कोई नहीं होता वह फिर से सोने की कोशिश करती है पर उसे ऐसा लग रहा था कोई नकारात्मक शक्ति उस कमरे में मौजूद है आखिरकार किसी तरह से नींद आ ही जाती है तभी वह सपने में देखती है कि उसे किसी ने कैद कर लिया है और जैसे ही एक औरत का भयानक रूप सामने आता है वह चिल्ला कर अपनी आंखें खोल देती है और तभी उठ कर बैठ जाती है तो वह सामने देखती है रिया है रिया उस से कहती है कहती है मैं कब से तुझे आवाज लगा रही थी तुझे हुआ क्या है भक्ति कहते हैं कुछ नहीं शायद कोई बुरा सपना देखा था रिया कहती है अब फटाफट से तैयार हो जाओ आज तुम्हारी हल्दी मेहंदी और संगीत है और कल शादी भक्ति भी अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चेंज करने चली जाती हैं। सुशीला जी ने ज्यादा मेहमानों को बुलाया नहीं था जो उनके करीब रिश्तेदार थे उन्हीं बुलाया गया था हल्दी मेहंदी और संगीत तीनों रश्म अच्छी तरह से हो जाती हैं पर भक्ति को फिर भी लग रहा होता है कि कोई उस पर नजर बनाए हुए हैं पर वह इस बात का पता नहीं लगा पा रही थी और इतने मेहमानों के बीच वह भी ज्यादा ध्यान नहीं देती। अगले दिन भक्ति और सम्राट की शादी थी दीपक सुशीला जी सब मंदिर में शादी की तैयारियां करवा रहे थे सम्राट भी सब की हेल्प करने के लिए मंदिर चला गया था भक्ति के साथ रिया आने वाली थी भक्ति तैयार होकर रिया के साथ मंदिर जाने के लिए निकल जाती है पर रास्ते में उसकी गाड़ी खराब हो जाती है रिया और भक्ति गाड़ी से बाहर निकलते हैं और ड्राइवर को देख कर कहते हैं क्या हुआ ड्राइवर कहता है लगता है गाड़ी खराब हो गई है थोड़ा टाइम लगेगा तभी धूल भरी आंधी या वापस चलने लगती है और एक साया आ जाता है वह जैसे ही भक्ति को कोई नुकसान पहुंचाने वाला होता है और उसे छूने की कोशिश करता है तभी उसे झटका लगता है और वह दूर हो जाता है और एक भयानक चीख पूरे वातावरण में होनी लगती है भक्ति भी रिया के साथ आसपास का एरिया देखकर थोड़ा डर जाती है फिर अपने मन में कहती हैं महादेव यह सब हो क्या रहा है हमारी रक्षा करिए तभी वहां पर दीपक आता है और उन दोनों से कहता है आप तो यहां पर है हम कब से आपका इंतजार कर रहे थे आप लोग जल्दी चले दोनों साथ में गाड़ियों में बैठती हैं वहां से चली जाती हैं। भक्ति और सम्राट दोनों की शादी होती है कन्यादान के समय दीपक एक बड़े भाई की तरह भक्ति का हाथ सम्राट के हाथों में देता है और उससे कहता है मेरी बहन का ख्याल रखना। भक्ति भी खुश हो जाती है कि अब उसका परिवार भी है थोड़ी ही देर में दोनों की शादी हो जाती हैं पर जैसे ही वह दोनों मंदिर से बाहर निकलने होते हैं अचानक आंधी तूफान बारिश सब एक साथ चलने लगता है मंदिर की घंटियां बजने लगती है जानवरों की चिल्लाने की आवाज आने लगती हैं सब मंदिर में ही खड़े हो जाते हैं पंडित जी सुशीला जी से कहते हैं आत्मा अब उग्र हो गई है अब सम्राट और भक्ति का रिश्ता ही उस से लड़ सकता है आपको बस यह ध्यान रखना है यह दोनों कभी अलग ना हो सुशीला जी भी कहीं ना कहीं परेशान हो जाती हैं। थोड़ी ही देर में वह लोग घर के लिए निकल जाते हैं रिया भी वहां से अपने हॉस्टल आ जाती है सुशीला जी भक्ति का स्वागत एक बहू के रूप में करती हैं और जब भक्ति उनके पैर छूने के लिए नीचे झुकते हैं तब वह से उठा कर कहती हैं बेटा हमेशा एक बात याद रखना अब तुम किसी की बहू और खासकर किसी की पत्नी हो और अपने पत्नी के फर्ज के साथ-साथ अपना धर्म भी जरूर निभाना क्योंकि एक पत्नी की शक्ति के आगे कोई भी नहीं टिक सकता भक्ति को उनकी ऐसी बातें समझ में तो नहीं आती पर वह हां मे अपना सर हिला देती है। भक्ति मंदिर में पूजा करती है और बाद में सुशीला जी उसे अपने कमरे में भेज देती है थोड़ी देर बाद सम्राट कमरे में आता है तो देखता है भक्ति बेड पर लेटी हुई है सम्राट उसके पास जाता है और उसके सर को छूता है पर तभी उसे पता चलता है उसे बहुत तेज बुखार है वह तुरंत सुशीला जी को बताता है और घर के नौकर को डॉक्टर को बुलाने के लिए कहता है सुशीला जी अपने मन में कहती है आखिर वह इन दोनों को एक इतनी जल्दी तो नहीं होने देगी वह तुरंत डॉक्टर को फोन करती है और जल्द से जल्द उन्हें आने के लिए कहती है सम्राट है तब तक भक्ति की देखभाल करता है डॉक्टर आते हैं और सब को देख कर कहते हैं इन्हें बुखार है अगर कल सुबह तक इनका बुखार नहीं उतरा तो इन्हें सुबह हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ेगा मैंने इन्हें इंजेक्शन लगा दिया है अब देखते हैं कब तक होश आता है आप लोग इनका ध्यान रखिए मैं चलता हूं इतना कहकर डॉक्टर वहां से चले जाते हैं। अगली सुबह जब भक्ति की आंख खुलती है तो वह देखती है उसके बगल में सम्राट उसका हाथ पकड़े हो लेटा हुआ था सम्राट को देखकर उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट आ जाती है पर तभी उसको कल रात की सारी बातें याद आती है की जब वो बालकनी के पास गए थे तब तक सब ठीक था थोड़ी देर बाद हवाओं का रुख बदला और उसे अपने अंदर कुछ बदलाव महसूस हुए और थकान के कारण उसे नींद आ गई तब तक सम्राट भी जग जाता है और उसे देख कर कहता है अब कैसी तबीयत है आपकी भक्ति कहते हैं हमें माफ कर दीजिए हमने कल रात की नींद खराब कर दी और हमारी वजह से आप परेशान हो गए सम्राट भक्ति के सर पर किस करके कहता है कोई बात नहीं आप बस अपना ख्याल रखिए और आराम करिए तब तक सुशीला जी भी उसके कमरे में आ जाती हैं और भक्ति जैसे ही उठने की कोशिश करती है सुशीला जी उसे आराम करने के लिए कहती हैं और वहां से चली आती हैं। तभी सम्राट को एक फोन आता है सम्राट सुशीला जी और भक्ति को कहता है ऑफिस से एक जरूरी फोन आया था मेरा जाना बहुत जरूरी है भक्ति भी उसे जाने के लिए कहती है सम्राट तैयार होकर अपने ऑफिस चला जाता है तब तक भक्ति की भी तबीयत काफी ठीक हो जाती है शाम का रसोई का खाना वही बनाती है शाम को जब सम्राट अपने ऑफिस से आता है तो कुछ परेशान सा रहता है भक्ति और सुशीला जी जब उससे ऐसे देखते हैं तो उसके परेशानी का कारण पूछते हैं सम्राट कहता है उसे 6 महीने के लिए बिजनेस मीटिंग के लिए यूरोप जाना पड़ेगा यह बात सुनकर सब परेशान हो जाते हैं पर भक्ति कहीं ना कहीं जानती थी काम कितना इंपॉर्टेंट है इसलिए वह सम्राट को जाने के लिए कहती है सुशीला जी कहती है पर बेटा तुम्हारी कल ही शादी हुई थी और तुम आज ही जा रहे हो भक्ति कहती है मां काम पहले और रही बात वक्त बिताने की तो अभी मैं भी बिजी हूं अपनी पढ़ाई के कारण तब तक मेरा एग्जाम भी हो जाएंगे सुशीला जी भी कुछ नहीं कहती अगली सुबह सम्राट की फ्लाइट थी वह उन दोनों को मिलकर और अपना ख्याल रखने के लिए बोल कर यूरोप चला जाता है। अब भक्ति सुबह-सुबह घर का सारा काम खुद देखती और फिर अपने कॉलेज जाती है और जब वापस आती तो सुशीला जी का ध्यान रखती। सुशीला जी भक्ति से पूछती कहीं उसे कोई परेशानी तो नहीं पर भक्ति हर बार बात टाल देती उसे बस यही लगता जो सपने उसे आते हैं या जो चीजें उसके साथ हो रही है वह उसका वहम है।

6 महीने बाद

आज सम्राट यूरोप से वापस आने वाला था घर में भक्ति और सुशीला जी उसके आने से बहुत खुश थे पर तभी उन्हें फोन आता है जो दीपक का था और कह रहा था सम्राट का एक्सीडेंट हो गया है यह सुन कर सुशीला जी और भक्ति दोनों अंदर से टूट जाते हैं पर भक्ति खुद को संभालती है और सुशीला जी के साथ हॉस्पिटल के लिए चली जाती है वहां पर जाकर पता चलता है सम्राट का एक्सीडेंट हो गया है और उसका इलाज चल रहा है उसे काफी ज्यादा चोटें आई थी भक्ति सीधा सुशीला जी के पास जाती हैं और कहती है मा जी सच-सच बताइएगा आप इतने दिनों से क्यों परेशान थी और शादी के बाद ही सब चीजें हमारे साथ ही क्यों हो रही है मुझे खुद बहुत अजीब लगता है ऐसा लगता है कोई है जो हर वक्त मुझ पर नजर बनाए हुए रखा है सुशीला जी कहती हैं एक साया तुम्हारी जिंदगी खतरे में डाल रहा है भक्ति उनसे कहती हैं पर ऐसा कैसे हो सकता है सुशीला जी कहती हैं कुछ सालों पहले सम्राट के पापा अशोक सिंघानिया एक बिजनेस मीटिंग के लिए गए थे सम्राट के साथ पर सम्राट मीटिंग के तुरंत बाद ही अपने किसी काम से चला गया था और अशोक सिंघानिया जी जिनके साथ मीटिंग कर रहे थे उनका बिजनेस में उनका नाम तो था पर उन लोगों का व्यवहार अच्छा नहीं था रंजीत तनेजा जिनके साथ अशोक सिंघानिया की मीटिंग थी उनके साथ उनकी एक बेटी भी आई हुई थी जिसने पहली नजर में ही सम्राट को पसंद कर लिया था और शादी करने के लिए उसके पीछे पड़ गई थी पर सम्राट का इस बात पर कभी ध्यान गया ही नहीं सम्राट के चले जाने के बाद रंजीत तनेजा अशोक जी से कहते हैं वह उनके घर में अपनी बेटी का रिश्ता तय करना चाहते हैं और जब रंजीत तनेजा इसकी वजह पूछते हैं अशोक सिंघानिया कहते हैं आपकी बेटी आसना यह अच्छी लड़की नहीं है क्योंकि अशोक जी ने देखा था आसना कैसी लड़की थी आज उसका बॉयफ्रेंड कोई और है और कल कोई और उसे बस पैसों से मतलब था और यही बात आसना जी और रंजीत जी को बुरी लग जाती है और आंशना भी अपने मन में ठान लेती है कि वह सम्राट को किसी और का नहीं होने देगी और उसी रात वह एक क्लब में जाती है और बहुत सारा नशा कर लेती है और खुद ही गाड़ी ड्राइव करने लगती है पर नशे में होने के कारण वह गाड़ी ढंग से चला नहीं पाती और उसकी गाड़ी का एक ट्रक से बुरी तरह एक्सीडेंट हो जाता है और वह उसी वक्त मर जाती है उसकी कुछ दिनों बाद रंजीत तनेजा की भी मौत हो गई थी। और कुछ दिनों बाद पता चला था अशोक जी कभी उसी तरह एक्सीडेंट हुआ था जिस तरह से आसना का हुआ मैं हॉस्पिटल आई थी तब मुझे अशोक जी ने सारी बातें बताई थी और कहा था कि मैं अपने सम्राट के लिए एक ऐसी लड़की ढूंढू जो हमेशा उसका साथ दें और उस के बाद अशोक सिंघानिया जी भी इस दुनिया से चले गए। आसना मर गई है पर उसकी कुछ इच्छाएं अधूरी रह गई है इसलिए उसे अभी तक मुक्ति प्राप्त नहीं हुई है और इसलिए वह तुम दोनों के जीवन में काल बन के आ रही है। भक्ति को जब यह सारी बातें पता चलती है उसका दिमाग एकदम ब्लैंक हो जाता है उससे कुछ भी सोचने समझने की शक्ति नहीं थी तभी कुछ डॉक्टर्स भागते भागते आते हैं और सुशीला और दीपक जी से कहते हैं सम्राट सिंघानिया अपने रूम में नहीं है उनकी ऐसी बातें सुनकर सब हैरान हो जाते हैं और सब कमरे की तरफ जाते हैं तभी उन्हें बेड पर एक चिट्ठी मिलती है जिसमें लिखा होता है सम्राट मेरा था और मेरा ही रहेगा मैं इसे किसी का होने नहीं दूंगी मैं आज सम्राट को हमेशा हमेशा के लिए अपने साथ लेकर जा रही हूं। सुशीला जी जैसे ही चिट्ठी दीपक के मुंह से सुनती है वह वहीं पर बैठकर रोने लग जाती हैं भक्ति और दीपक दोनों उन्हें संभालते हैं तब तक रिया भी आ जाती हैं भक्ति खड़ी होती है और खुद से कहती है बस जो होना था अब हो गया अब एक बुरी आत्मा एक सुहागन की शक्ति देखेगी मैं भी देखती हूं मेरे रहते हुए मैं अपने पति पर कोई भी आंच नहीं आने दूंगी अब यह लड़ाई एक पत्नी के विश्वास की और एक शैतानी आत्मा की है दीपक और रिया भक्ति को रोकने की कोशिश करते हैं पर भक्ति कहती हैं आप दोनों मां जी का ख्याल रखिए आज सम्राट को मेरी जरूरत है और मुझे उनके पास जाना ही होगा मैं अपने पति को ऐसे ही किसी को लेकर जाने नहीं दे सकती। सुशीला जी खड़ी होती है और मंदिर के पास जाती हैं और छोटी सी सी सी में एक गंगाजल डाल कर देती हुई कहते हैं बेटा जब तुम्हें लगे तुम उस शैतान से और सामना नहीं कर सकती तभी इसका प्रयोग करना यह हर किसी का विनाश करने की शक्ति रखती हैं। भक्ति उनसे आर्शीवाद लेती है और महादेव के सामने हाथ जोड़ कर कहती है महादेव आज मेरे सुहाग की परीक्षा है मैं यह तो नहीं कहूंगी कि उस शैतान से लड़ना मेरे बस में है पर मुझे आज सबसे ज्यादा आपके आशीर्वाद की जरूरत है तभी मैं यह लड़ाई लड़ सकती हूं अपना आर्शीवाद मुझ पर मेरे पति पर बनाए रखना। इतना कहकर भक्ति वहां से हॉस्पिटल से बाहर आ जाती है भक्ति को इतना तो पता था कि वह आसना की आत्मा और सम्राट इस वक्त कहां होंगे वह उसी जगह जाती है जहां पर उसका एक्सीडेंट हुआ था और से थोड़ी ही दूरी पर एक कब्रिस्तान था जहां पर कोई आता जाता नहीं था यह जगह काफी डरावना लग रहा था भक्ति हिम्मत करके आगे बढ़ती है पर तभी उसे एक हंसी की आवाज सुनाई देती है और धीरे-धीरे उसके सामने आत्मा आती है वह आत्मा देखने में इतनी भयंकर लग रही थी की भक्ति की हिम्मत नहीं हुई कि वह दोबारा उसका चेहरा देख सके वह आत्मा भयंकर हंसी हंसते हुए कहती है मैं जानती थी तुम आओगी अब मैं तुझे भी मौत दूंगी और अपने सम्राट हमेशा हमेशा के लिए अपने साथ ले जाऊंगी इतना कहकर आसना उस पर हमला कर देती है भक्ति को समझने का मौका ही नहीं मिलता और वह पत्थर से जा टकराती है और आसना को देखकर कहती हैं सम्राट को भी तुमसे प्यार नहीं करते थे और ना ही तुम करती हो बस अपनी एक जिद के कारण उनके पीछे पड़ी हुई हो वह पति है मेरे उन्हें छोड़ दो पर आसना तो जैसे कुछ सुनना ही नहीं चाहती थी वह भक्ति पर हमला कर देती है और भक्ति मन ही मन एक मंत्र का उच्चारण करती है।

नमो नमो अंबे सुख हरनी
नमो नमो अंबे दुख हरनी
निराकार है ज्योति तुम्हारी
तीहूं लोक फैली उजियारी
शशि ललाट मुख महा विशाला
नेत्र लाल भक्ति विक्राला
रूप मातु को अधिक सुहावे
दरश करत जन अति सुख पावे
तुम संसार शक्ति लय कीना
पालन हेतु आन धन देना
अन्नपूर्णा हुई जग पाला
तुम ही आदि सुंदरी बाला
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पूरी चालीसा खत्म करने के बाद वह देखती है आसना एक गोलाकार शक्ति में बंद हो गई थी और वहां से निकलने की कोशिश कर रही थी पर वह निकल नहीं पा रही थी भक्ति तुरंत खड़ी होती है और सम्राट को ढूंढने के लिए आगे निकल पड़ती है वह देखती है सम्राट एक जगह कुर्सी पर बैठा हुआ है उसके पास जाती है और देखती है वह थोड़ा बहुत तो ठीक है वह उसे जैसे ही छूती है सम्राट उसके पेट पर एक चाकू मार देता है जिससे वह कई कदम पीछे हो जाती है और सम्राट को देखती है वह देखती है सम्राट के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान है उसे पता चल जाता है आसना ने सम्राट को अपने वश में कर लिया है वह धीरे-धीरे पीछे होने की कोशिश करती है पर उसके कदम लड़खड़ा रहे थे और आसना से भी लड़ने में उसने अपनी काफी शक्ति खत्म कर दी सम्राट धीरे-धीरे उसके करीब आने लगता है और जैसे ही वह उस पर दूसरा हमला करता भक्ति के पास जो गंगाजल की बोतल थी वह टूट जाती है और उसके कुछ छीटे सम्राट के चेहरे पर पड़ तब जाकर वह होश में आता है और जब वह भक्ति को ऐसे देखता है तो उसके पास जाता है पर भक्ति सम्राट से बस यही कहते हैं कि यह जो थोड़ा सा गंगाजल है वह जल्द से जल्द आसना की आत्मा के ऊपर डालें ताकि उसे मुक्ति प्राप्त हो और जो सम्राट उसकी बात नहीं सुनता तो वह खुद वहां पर जाने की कोशिश करती है सम्राट उसे ऐसा करते हुए रोकता है और खुद उसे साथ लेकर वहां पर जाता है आसना जब उसके हाथ में गंगाजल की बोतल देखती है तो वह हंसते हुए कहती हैं यह साधारण सा पानी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता पर जैसे ही भक्ति गंगाजल का पानी आशना पर डालती है और साथ ही साथ बोलती है ओम नमः शिवाय तब आंशना के पूरे बदन पर वह पानी जलने लगता है और उसकी चीखने की आवाजें चारों दिशाओं में गूंजने लगती है थोड़ी देर में उसकी आवाज आने बंद हो जाती है और भक्ति अपने मन में प्रार्थना करते हैं की आसना को मुक्ति मिल जाए। वह हर बंधन से मुक्त हो जाए। पर तभी उसे चक्कर आने लगते हैं वह गिरती उससे पहले ही सम्राट उसे अपनी बाहों में थाम लेता है तब तक दीपक और रिया भी वहां आ जाते हैं और भक्ति को ऐसी हालत में देखकर कहते हैं इसे जल्द से जल्द हॉस्पिटल लेकर जाना होगा। सब भक्ति को हॉस्पिटल में एडमिट करवाते हैं डॉक्टर उसका इलाज करते हैं और बाहर आकर सब को बताते हैं ऐसा लगता है उनके शरीर में इस वक्त कोई जान नहीं है उन्हें जल्द से जल्द होश में लाना होगा वरना वह कोमा में भी जा सकती है डॉक्टर की ऐसी बातें सुनकर सब परेशान हो जाते हैं डॉ सम्राट को भी आराम करने की सलाह देते हैं पर वह सीधा भक्ति के कमरे में जाता है और उसका हाथ थाम लेता है उसकी आंखों में से अपने आप आंसू बहने लग जाते हैं और वह कहते हैं मुझे माफ कर दो भक्ति मैं तुम्हारा ध्यान नहीं रख पाया ।

मेरी किस्मत के
हर एक पन्ने पे
मेरे जीते जी
बाद मरने के
मेरे हर एक पल
हर एक लम्हे में
तू लिख दे मेरा उसे
हर कहानी में
सारे किस्सों में
दिल की दुनिया के
सच्चे रिश्तो में
जिंदगानी के
सारे हिस्सों में
तू लिख दे मेरा उसे
ए खुदा ए खुदा
जब बना उसका ही बना
ए खुदा ए खुदा
जब बना उसका ही बना

सुबह का समय जब खिड़की की रोशनी से भक्ति की आंखें खुलती है और वह अपने बगैर में देखती है सम्राट आंख बंद करके उसका हाथ पकड़ कर बैठा हुआ था उसकी आंखें रो रो कर लाल हो गई थी भक्ति उसका चेहरा छूती है सम्राट तुरंत अपनी आंखें खोल देता है और जब वह देखता है भक्ति को होश आ गया वह तुरंत उसे अपने गले से लगा लेता है और उससे कहता है मुझे माफ कर दो मैं तुम्हारे काबिल नहीं हूं मैंने तुमसे वादा किया था मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा पर मैं अपना फर्ज नहीं निभा पाया भक्ति उसका चेहरा अपने हाथों में लेती है और उसके आंसू पूछते हो जाती है आप खुद को दोषी मत दीजिए जो होना था वह हो गया मैं अब एकदम ठीक हूं तभी वहां पर डॉक्टर आते हैं और भक्ति का चेकअप करते हैं एक-एक करके सब भक्ति से मिलने आते हैं भक्ति को 2 दिन हॉस्पिटल में ही रुकना था इसलिए सम्राट अपना सारा काम दीपक को संभालने के लिए कह देता है और खुद भक्ति की देखभाल करता है। 2 दिन बाद भक्ति को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिलता है अब वह काफी अच्छी हो गई थी थोड़ी कमजोरी थी पर सब उसका अच्छे से ख्याल रख रहे थे रात के समय जब सम्राट अपने कमरे में आता है तो वह देखता है भक्ति बालकनी से चांद को देख रही थी सम्राट पीछे से जाकर उससे गले लगा लेता हैं भक्ति भी कुछ नहीं कहती तभी सम्राट कहता है उस रात मैं बहुत डर गया था कि कहीं मैं आपको खो ना दूं भक्ति भी उसे कस के गले लगा लेती है और कहती है मुझे पर बहुत डर लग रहा था क्योंकि मैं आप लोगों को छोड़कर नहीं जाना चाहती थी सम्राट भक्ति का चेहरा ऊपर करता है और उसके माथे पर किस करके कहता है मैं आपको वैसे भी कहीं जाने नहीं देता भक्ति भी उसकी यह बातें सुनकर मुस्कुराने लग जाती है और कहती है मैं जानती हूं मुझे हमारे रिश्ते पर पूरा विश्वास है और इतना कहकर वह फिर से सम्राट की बाहों में समा जाती है और सम्राट भी उसे गले लगा लेता है।


3 साल बाद

एक बड़े से घर में एक लड़की ने लाल रंग की साड़ी गले में मंगलसूत्र मांग में सिंदूर और बाल जुड़ा बनाया हुआ था और वह किसी के पीछे भाग भागकर चिल्ला रही थी रिहान आप जल्दी तैयार हो जाइए हमें जल्दी से दीपक चाचू और रिया मौसी की बेटी के नामकरण में भी जाना है और रिहान सोफे के पीछे भाग कर कहता है नहीं मम्मा पहले आप मुझे मेरी फेवरेट चॉकलेट दो वह औरत और कोई नहीं बल्कि भक्ति होती है। भक्ति थोड़ी गुस्से में कहती है बिल्कुल नहीं फिर आपके दांत दर्द करने लग जाएंगे अभी आपने थोड़ी देर पहले ही इतनी सारी चॉकलेट खाई थी आप पहले वहां पर चलेंगे और उसके बाद ही आपको चॉकलेट्स मिलेगी तभी ऊपर कमरे से सम्राट नीचे आता है और रिहान को गोद में लेकर कहता है गलत बात बेटा आप हर बार मम्मा को ऐसे ही परेशान नहीं कर सकते आप फटाफट से तैयार हो जाइए फिर हम आपके साथ आइसक्रीम खाने जाएंगे रिहान भी खुश होकर भक्ति से कहता है मम्मा मुझे जल्दी से तैयार कर दो भक्ति रिहान को गोद में लेकर कहती है बदमाश बच्चा कभी मेरी बात नहीं सुनता और उसके गालों पर किस कर देती हैं। तभी सम्राट कहता है रिहान आपको आपका एक और गिफ्ट मिलने वाला है रिहान खुश होकर पूछता है वह क्या पापा सम्राट कहता है कल आपकी दादी आने वाली है रिहान भी खुश हो जाता है और भक्ति रिहान को उसके कमरे में ले कर चली जाती है।
💐💐💐 समाप्त🌹🌹🌹

मिस लेखिका 💕