सपनो का शुभ अशुभ फल - भाग 29 Captain Dharnidhar द्वारा ज्योतिष शास्त्र में हिंदी पीडीएफ

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सपनो का शुभ अशुभ फल - भाग 29

सपने -स्वप्न में वमन करते हुए देखने से मरण, दस्त लगना देखने से धन नाश और यान आदि के छत्र के ग्रहण करने से धन धान्य का अभाव होता है। स्वप्न में गाना देखने से रोना पड़ता है, नाचना देखने से वध वंधन होता है, हँसना देखने से शोक, पढ़ना देखने से कलह, बंधन देखने से स्थान प्राप्ति और छूटना देखने से परदेश गमन होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में तालाब, नदी, पर्वत, कलश और गृहों को शोकार्त देखता है उसे शोक बढ़ता है। स्वप्न में रक्त कमल, नील कमलों का दर्शन, ग्रहण और तोड़ना देखने से प्रयाण होता है। जटाधारी, सिरमुंडित, विरूपाकृति वाली मलीन नीले वस्त्र वाली स्त्री को स्वप्न में ग्लानिपूर्वक देखता है तो सामूहिक भय का सूचक है। तपस्वी पुण्डरीक तथा नवीन कमलों को स्वप्न में देखते ही जाग जाता है तो ग्लानि फल की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति भूमि पर विकीर्ण (पैâल जाना) और जल में नाश को प्राप्त हो जाना देखता है उस व्यक्ति को महान भय होता है। स्वप्न में लाल माला या लाल सूत्र के द्वारा जो अंग बांधा जावे तो उसी में क्लेश होता है। यदि स्वप्न में रुधिर से अभिषिक्त होता हुआ देखता है वह व्यक्ति चिरकाल तक धन धान्य से युक्त नहीं होता।

अतिअशुभ फलदायक स्वप्न -

जो व्यक्ति स्वप्न में शीशा, राँगा, जस्ता, पीतल, रज्जू, सिक्का तथा मधु का दान करता देखता है उसका मरण निश्चय होता है। जो स्वप्न में प्रेतयुद्ध गर्दभ (गधा) युक्त रथ में आरूढ़ दक्षिण दिशा में जाता हुआ देखता है वह मनुष्य शीघ्र की मरण को प्राप्त होता है। यदि रात्रि के उत्तरार्ध में स्वप्न में कोई सूकरयुक्त नारी किसी की बंधी हुई गर्दन को खींचे तो उसकी पर्वत पर मृत्यु होती है। स्वप्न में कोई व्यक्ति गर्दभ, सूकर, ऊँट, भेड़िया सहित रथ से दक्षिण दिशा को जावे तो शीघ्र ही उस व्यक्ति का मरण होता है। स्वप्न में दिन में घर में प्रवेश करता हुआ देखे उसका धन नाश वा मृत्यु का निर्देश होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में काले वस्त्र धारणकर काले घोड़े पर सवार होकर खिन्न ही दक्षिण दिशा की तरफ गमन करता है वह निश्चय ही मृत्यु को प्राप्त होता है। भयंकर विकृति वाली काली स्त्री यदि स्वप्न में उत्तर या दक्षिण दिशा की तरफ खींचे तो शीघ्र ही मृत्यु को प्राप्त होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में अपने शरीर पर लता गुल्म, वृक्ष, वामी आदि का होना देखता है उसके शरीर का विनाश होता है। स्वप्न में जो व्यक्ति अपने मस्तक पर माला, बाँस, गुल्म, खजूर और हरे वृक्षों को उपजते देखता है उसकी एक सप्ताह में मृत्यु हो जाती है। यदि हृदय में वृक्षादिकों का उत्पन्न होना देखे तो उसका हृदय रोग से विनाश को प्राप्त होता है। जिस अंग में वृक्षादिकों का उत्पन्न होना स्वप्न में दिखलाई पड़ता है उसी अंग का बीमारी द्वारा विनाश हो जाता है।

तिथियों के अनुसार स्वप्नफल:- 

शुक्ल पक्ष—प्रतिपदा को स्वप्न देखने से विलम्ब में फल मिलता है। शुक्ल पक्ष की द्वितीया—इस तिथि में स्वप्न देखने से विपरीत फल मिलता है, अपने को देखने से दूसरे को और दूसरे को देखने से अपने को फल मिलता है। शुक्लपक्ष की तृतीया—इस तिथि के स्वप्न का विपरीत फल मिलता है, फल की प्राप्ति देर से होती है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और पंचमी इन तिथियों में स्वप्न देखने से दो महीने से लेकर दो साल तक फल मिलता है।