सपनो का शुभ अशुभ फल - भाग 28 Captain Dharnidhar द्वारा ज्योतिष शास्त्र में हिंदी पीडीएफ

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सपनो का शुभ अशुभ फल - भाग 28

सपने - 

स्वप्न में दूध, तेल, घी का दर्शन शुभ है, खाना शुभ नहीं। विशेष रूप से दर्शन शुभ माना गया है। स्वप्न में जिस व्यक्ति की गोद सुन्दर धन, धान्य, फल, पुष्प से भर जाय वह धन प्राप्त करता है। यदि सुन्दर रूपयुक्त कन्या आती दिखाई पड़े तो क्षत्रियों को राज्य की प्राप्ति और अन्य वर्ण वालों की वृद्धि होती है। स्वप्न में श्वेत गाय बंधी हुई, चलती हुई, ठहरी हुई अथवा खूंटे से शूली दिखलाई पड़े तो हमेशा यश की प्राप्ति होती है। स्वप्न में सफेद वस्त्र अलंकारों से युक्त सुन्दर स्त्री आिंलगन करती दिखलाई पड़े तो उसे सम्पत्ति की प्राप्ति होती है। जो स्वप्न में उदयाचल पर सूर्य और चन्द्रमा को उदय होते हुए देखे उसे धन की प्राप्ति होती है, उसका दु:ख नष्ट होता है। जो स्वप्न में अपने को हाथी पर बांधे देखता है उसे पुत्र प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति स्वप्न में अपने दाहिनी ओर श्वेत सांप को देखता है और स्वप्न दर्शन के पश्चात् तत्काल उठ जाता है उसे अति लाभ होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में चाँदी के बर्तन में स्थित पैâन सहित दूध को पीते देखता है उसे धन धान्यादि सम्पत्ति की प्राप्ति तथा विद्या का लाभ होता है। जो व्यक्ति स्वप्न में स्वर्ण भूषण स्वर्ण पीत पुष्प या फल को अन्य किसी द्वारा ग्रहण करते देखता है उसे स्वर्णाभूषणों की प्राप्ति होती है। स्वप्न में दही से सज्जन—प्रेम की प्राप्ति, गेहूं के दर्शन सुख की प्राप्ति, जौ दर्शन से जिन पूजा की प्राप्ति, पीली सरसों के दर्शन से शुभ फल की प्राप्ति होती है। स्वप्न में देवपूजा पूजिका व्यन्तरआदि या देवभक्ति या देव का आिंलगन करने वाली नारी जिस प्रकार का वरदान को देती हुई दिखलाई पड़े, उसी प्रकार का फल जानना चाहिए। जो स्वप्न में श्वेत छत्र, श्वेत चन्दन एवं कपूर आदि वस्तुओं को प्राप्त करते देखता है, उसे अभ्युदय प्राप्त होते हैं। यदि स्वप्न में लाल तलवार धारण किये वीर पुरुषों के जूते का दर्शन या लाभ हो तो यात्रा की सफलता समझना चाहिये।

अशुभ फलदायक स्वप्न - 

जो व्यक्ति स्वप्न में श्मशान में सूखे वृक्ष एवं लकड़ी को देखता है अथवा यज्ञ के खूंटे पर अपने को चढ़ता हुआ देखता है वह विपत्ति को प्राप्त होता है। स्वप्न में जिस घर में लाक्षा रस, रोग अथवा वायु का अभाव देखा जावे तो घर में आग लगती है या चोरों द्वारा शस्त्र का घात होता है। स्वप्न में निर्जन चौराहा मार्ग में प्रविष्ट होता देखे पश्चात् जागृत हो जावे तो सुन्दर गुणयुक्त पुत्र की प्राप्ति उनकी स्त्री को नहीं होती। यदि स्वप्न में कोई व्यक्ति आसव और उसका पान करते हुए देखे अथवा नि:सहाय अपने को मरता हुआ देखे तो इस अशुभ स्वप्न की शांति के लिये सत्य वचन बोलना चाहिये, क्योंकि थोड़ा सा भी असत्य भाषण विकास के लिये हितकारी नहीं होता। जो व्यक्ति रात्रि के पिछले भाग में स्वप्न में यज्ञ स्तंभ गंधर्व शूल पर आरोहित होते देखता है वह कल्याण को प्राप्त नहीं होता। जो व्यक्ति श्रेष्ठ महल के परकोटे पर चढ़ता हुआ देखे, तो वह शेष लक्ष्मी का त्याग करता है, भयंकर कष्ट पाता है। स्वप्न में पक्व मांस दर्शन, ग्रहण और भक्षण व्यक्ति को घोर कष्टोत्पादक माना गया है।