बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 8 Dev Srivastava द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 8




सुबह का समय,

सेंट एंड्रयूज कॉलेज, सिविल लाइंस गोरखपुर,

पूर्वी ने सिद्धांत के हाथ से लंच बॉक्स लेकर खोला और फिर एक्साइटमेंट के साथ कहा, " वाह, तेरे फेवरेट स्नैक्स ! "

सिद्धांत ने कहा, " हां, और पता है कहां से आए हैं ये ! "

पूर्वी ने एक स्नैक्स लेते हुए कहा, " कहां से ? "

सिद्धांत ने कहा, " हमारी दूसरी बहन के यहां से ! "

पूर्वी ने उन स्नैक्स को खाते हुए कहा, " तेरे तो मजे हैं । "

सिद्धांत ने कहा, " वो तो है । "

वो बातें तो कर रहा था लेकिन नाश्ता नहीं कर रहा था । ये देख कर पूर्वी ने कहा, " तू खा क्यों नहीं रहा है ? "

सिद्धांत ने कहा, " आप जानती हैं न, हम अपना मास्क नहीं उतारते हैं । "

पूर्वी ने उसे डांटते हुए कहा, " चल - चल ! यहां तेरा चेहरा कोई नहीं देखेगा । तू इतना भी कोई VIP नहीं है । "

फिर उसने वो लंच बॉक्स उसकी ओर बढ़ा कर कहा, " चल, खा चुपचाप ! "

सिद्धांत ने अपना सिर ना में हिला कर कहा, " गलती कर दी, आपको माता श्री से मिला कर ! "

पूर्वी ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " क्यों ? "

सिद्धांत ने मुंह बना कर कहा, " घर में वो और बाहर आप ! दोनों ही खाने के लिए हमारे पीछे पड़ी रहती हैं । "

पूर्वी ने आराम से कहा, " सच में ! "

सिद्धांत ने भी कहा, " और नहीं तो क्या ! घर में वो और बाहर आप उनकी ड्यूटी पूरी करने लग जाती हैं । मतलब इतना तो वो भी नहीं डांटती हैं, जितना आप ! "

पूर्वी ने उसकी बातों को पूरी तरह से इग्नोर करके कहा, " बातें हो गई हों तो नाश्ता करो । "

सिद्धांत ने अपना मास्क बायीं ओर से थोड़ा सा हटाया और खाना शुरू किया लेकिन उसका चेहरा अभी भी नजर नहीं आ रहा था ।

कुछ देर बाद पूर्वी ने कहा, " वैसे आगे क्या सोचा है ? "

सिद्धांत ने नासमझी से कहा, " आगे मतलब ! "

पूर्वी ने कहा, " मतलब कि ग्रेजुएशन के बाद क्या करना है ? "

सिद्धांत ने सोचते हुए कहा, " अभी..., कुछ सोचा नहीं है । "

पूर्वी ने मुंह बना कर कहा, " नहीं बताना है तो मत बताओ बट ऐसे बेवकूफ तो मत बनाओ । "

सिद्धांत ने अपना सिर ना में हिला कर कहा, " हम आपको बेवकूफ नहीं बना रहे हैं । बस बात ऐसी है कि अपने फ्यूचर प्लांस किसी को बताए नहीं जाते हैं और वैसे भी इंसान जो सोचता है, वो होता थोड़ी न है । "

वो दोनों अभी बातें कर ही रहे थे कि इतने में उनके कान में एक आवाज पड़ी, " मुझे पहले ही पता था पूर्वी, कि ये कुछ नहीं बताएगा । "

उस आवाज को सिद्धांत और पूर्वी, दोनों ही पहचानते थे । सिद्धांत ने पीछे देख कर एनॉयिंग फेस के साथ कहा, " ओ हेलो, श्रेष्ठ ब्रो ! "

श्रेष्ठ ने उसकी ओर देख कर खुद को प्वाइंट करके कहा, " आर यू टॉकिंग टू मी ( क्या तुम मुझसे बात कर रहे हो ) ? "

सिद्धांत ने भी अकड़ कर कहा, " यस, आई एम टॉकिंग टू यू ( हां, हम आपसे बात कर रहे हैं ) । "

श्रेष्ठ ने अपनी गर्दन सामने की ओर घुमा कर कहा, " बोलो । "

सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " आपको कोई और टॉपिक नहीं मिलता है बात करने के लिए ! "

श्रेष्ठ ने उसके गले में हाथ डाल कर कहा, " नहीं, मेरे लिए सबसे इंटरेस्टिंग टॉपिक तू ही है । "

सिद्धांत ने नकली हंसी हंसते हुए कहा, " हा, हा, हा, वेरी फनी ! "

इससे पहले कि श्रेष्ठ कुछ कहता, सिद्धांत का फोन बज उठा ।

सिद्धांत ने अपनी जेब से फोन निकालते हुए कहा, " अब किसे हमारी याद आ रही है । "

उसने फोन देख कर कहा, " मान ब्रो ! "

फिर उन तीनों ने अपनी गर्दन क्लास की ओर घुमाईं तो एक लड़का अपना हाथ हिला कर उन सबको अंदर आने का इशारा कर रहा था ।

सिद्धांत ने खड़े होते हुए कहा, " चलिए, सबसे ज्यादा इंटरेस्टिंग टॉपिक तो अब मिलने वाला है । "

इसी के साथ सारे बच्चे क्लास में चले गए । उनका पूरा दिन प्रैक्टिकल में ही बीत गया ।


शाम के पांच बजे के करीब, सारे बच्चे केमिस्ट्री लैब से बाहर निकले । सबने गेट के बाहर आकर एक दूसरे को बाय कहा और अपने अपने रास्ते चल दिए । सिद्धांत और पूर्वी एक साथ चल रहे थें ।

पूर्वी ने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " अब यहां से कहां जाना है ? "

सिद्धांत ने उखड़ी हुई आवाज में कहा, " जिम ! "

उसने अपना रूबिक्स क्यूब निकाल लिया था ।

पूर्वी ने हैरानी के साथ कहा, " इस वक्त भी ! "

सिद्धांत ने उसकी ओर देख कर कहा, " यू नो, सम पीपल आर क्रेजी अबाउट देयर फिटनेस ( आप तो जानती हैं न, कुछ लोग अपनी फिटनेस के लिए दीवाने होते हैं ) । "

फिर उसने सामने की ओर देख कर अपना क्यूब सॉल्व हुए कहा, " और वैसे भी इसी बहाने हमारा डेब्ट भी तो जल्दी ही खत्म हो जाएगा । "

पूर्वी ने उसकी ओर देख कर कहा, " क्या मतलब ? "

सिद्धांत ने अपनी कॉलर उठा कर कहा, " ये हैंडसम सा सर्वांश माथुर लोगों का, खास कर लड़कियों का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन जो है । "

पूर्वी ने मजाकिया अंदाज में कहा, " हां, हां, ऐसा हैंडसम जो कभी अपने मुंह पर से मास्क भी नहीं हटाता । "

सिद्धांत ने भी मजाकिया अंदाज में कहा, " अब ये आंखें हैं ही इतनी नशीली तो हम क्या ही कर सकते हैं ! "

पूर्वी फिर कुछ बोलने को हुई ही थी कि तभी उसका ध्यान एक बाइक की आवाज पर गया तो उसने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " वैसे तेरी बाइक को क्या हुआ ? "

सिद्धांत ने अपना सॉल्व ही चुका रूबिक्स क्यूब उसकी ओर उछाल कर कहा, " वो, आज सर्विसिंग के लिए गई है । "

पूर्वी ने उस क्यूब को कैच करके कहा, " तभी मैं सोचूं कि सिड पैदल क्यों चल रहा है ! "

सिद्धांत ने उसकी बातों को इग्नोर करके अपना बैग उसकी ओर बढ़ा कर कहा, " अच्छा पूर्वी जी, विल यू होल्ड इट फॉर मी ? "

पूर्वी ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " क्यों ? "

सिद्धांत ने अपना बैग उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा, " पकड़िए न ! "

पूर्वी ने उसका बैग पकड़ लिया तो सिद्धांत ने पहले अपनी कैप उतारी, फिर अपनी जैकेट और फिर अपनी टी शर्ट उतारने लगा तो पूर्वी ने उसका हाथ पकड़ कर कहा, " सिड, वी आर ऑन द रोड । ये क्या कर रहे हो तुम ? "

सिद्धांत ने अपना हाथ छुड़ा कर अपना काम जारी रखते हुए कहा, " नथिंग, जस्ट वियरिंग माय यूनिफॉर्म । "

पूर्वी ने चिढ़ कर कहा, " तुम कुछ पहन नहीं रहे, बल्कि उतार रहे हो । "

जैसे ही सिद्धांत ने अपनी टी शर्ट उतारी उसके अंदर उसकी जिम वाली टी शर्ट दिखने लगी ।

पूर्वी ने अपनी आँखें बड़ी करके कहा, " यू आर इनसेन ! "

सिद्धांत ने मुस्करा कर कहा, " थैंक्स फॉर योर कंप्लीमेंट । "

पूर्वी ने अपना सिर ना में हिला कर कहा, " तेरा कुछ नहीं हो सकता ! "

सिद्धांत ने आराम से अपना बैग वापस लेते हुए कहा, " तो ट्राई भी मत ही करिए । "


कुछ देर बाद सिद्धांत जिम पहुंचा तो वहां पहले से ही बहुत भीड़ थी और राहुल उन सबको शांत रहने के लिए कह रहा था ।

जैसे ही उसकी नजर सिद्धांत पर पड़ी, उसने कहा, " एंड हियर कम्स आवर सर्वांश ! "

सिद्धांत ने अपना सिर ना में हिलाया और आगे बढ़ गया । उसे देखते ही सब लोग एक्साइटेड हो गए जिसका फायदा उठा कर राहुल अपने केबिन में भाग गया और सिद्धांत को लोगों ने घेर लिया ।

सिद्धांत ने तुरंत कहा, " जस्ट वन मिनट ! " और वो भी दौड़ कर कैसे भी राहुल के केबिन में चला गया ।

उसने चिढ़ कर राहुल से कहा, " भाई, आप किसी नए ट्रेनर को क्यों नहीं बुलाते ? "

राहुल ने नॉर्मली कहा, " मैं बुला लूंगा । अभी के लिए तू संभाल ले न ! "

सिद्धांत ने अपनी उंगली दिखा कर कहा, " आप ये डेब्ट के नाम पर जो इमोशनल अत्याचार करते हैं न, महंगा पड़ेगा आपको । "

राहुल ने बेफिक्री से कहा, " अरे हां, हां, महंगा सस्ता, जो भी है मैं संभाल लूंगा । फिलहाल तू इन लड़कियों को संभाल न ! "

सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " अगेन गर्ल्स, इन्हें कुछ काम वाम रहता भी है या नहीं ! "

राहुल ने केबिन का दरवाजा खोल कर उसे बाहर की ओर धक्का देकर कहा, " तू जा ना ! "

धक्के की वजह से सिद्धांत लड़खड़ा गया लेकिन उसने खुद को संभाल कर बड़े ही स्टाइल से सबके सामने जाते हुए कहा, " हाई गर्ल्स ! "


शाम के करीब सात बज कर तीस बजे,

सिद्धांत जिम से बाहर आया और फिर एक डांस स्कूल में चला गया । वहां पर वो डांस सिखाता था । रात के करीब दस बजे वो वहां से निकला और अपने घर की ओर चल दिया ।

तभी उसे कुछ याद आया और उसने खुद से ही कहा, " हमें तो बाइक लेने जाना था । "

फिर उसने अपने हाथ की मुट्ठी बना कर हवा में मार कर कहा, " डैम इट ! "

उसने इतना ही कहा था कि उसके पीछे से किसी की आवाज आई, " सिड, भैया ! "

सिद्धांत ने अपनी गर्दन उस आवाज की दिशा में घुमाई तो वहां पर एक पंद्रह साल का लड़का बाइक लेकर खड़ा था ।

उसे देख कर सिद्धांत ने कहा, " अरे छोटू, तू यहां ! "

छोटू ने उतरते हुए कहा, " वो, आप बाइक लेने नहीं आ पाए न, तो पापा ने मुझे भेज दिया । "

सिद्धांत ने बाइक पर बैठते हुए कहा, " थैंक्स छोटे ! "

छोटू ने अपनी गर्दन झुका कर कहा, " थैंक्स वाली कोई बात नहीं है भैया, आप भी तो पढ़ाई में हमारी मदद करते हैं और वैसे भी हम जानते हैं कि आप कितनी मेहनत करते हैं। "

सिद्धांत ने उसके बाल बिखेर कर कहा, " बस, बस, हमारी तारीफ बंद करो और बैठो, तुम्हें वापस छोड़ देते हैं । "

छोटू ने मना करते हुए कहा, " अरे नहीं, हम चले जाएंगे । "

सिद्धांत ने थोड़ी कड़क आवाज में कहा, " हमने कहा न, बैठो । "

छोटू ने तुरंत सिद्धांत के पीछे बैठते हुए कहा, " ठीक है, बैठ रहे हैं । "

रात के करीब दस बज कर पंद्रह मिनट पर,

सिद्धांत की बाइक एक गैरेज के सामने आकर रुकी । बाइक की आवाज सुन कर एक आदमी (अमन, उस गैरेज का मालिक) बाहर आया । उसकी उम्र कोई पैंतालिस - छियालिस साल रही होगी ।

उसने सिद्धांत को देख कर कहा, " तुम्हें आने की क्या जरूरत थी सिड, वो चला आता । "

सिद्धांत ने कहा, " हां, हां, आपका बस चले तो इसे अभी ही बॉर्डर पर भी भेज देंगे । "

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सिद्धांत कभी अपना मास्क क्यों नहीं उतारता था ?

क्या है उसका सच ?

इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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लेखक : देव श्रीवास्तव