आँसू D.H. द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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आँसू

केसे हो मित्रों ? काफी समय के बाद हम फिर से एक नई कहानी के साथ मिल रहे है । कहानी तो नहीं बोलेंगे, एक नए लेसन के साथ मिल रहे है।
मे आप सबसे माफी चाहता हु । क्युकी इतने समय से मेने कोई भी स्टोरी पोस्ट नहीं कि ।
आज हम मिल रहे है एक नए लेसन के साथ । अच्छे से पढिए और आप लोगोकी टिपणी मुजे अवश्य चाहिए । तो कृपईया आप मुजे थोड़ा सपोर्ट करना, लेसन केसा है?, आप लोको के लिए उपयोगी है?, या जिस भी तरीके से आपको ठीक लगे वेसे मुजे सपोर्ट करना ।

आपका प्रिय मित्र हर्ष....

आपकी आंखो मे आँसू क्यों है ? किसकी वजह से है ? क्या कोई व्यक्ति के कारण है ? या फिर कोई परिस्थिति के कारण ? बहुत सारी वजह हो सकती है ।
अगर कोई व्यक्ति के कारण आपकी आँखों मे आँसू है, तो वो व्यक्ति आपके लिए अच्छा है ? क्युकी एसा नहीं होता की जिस किसिने भी आपको रुलाया, वो बुरा ही हो। अपने आप से पूछो की वो व्यक्ति अच्छा है या बुरा । अगर आज तक उसने आपके लिए अच्छा किया है, और आज उसकी वजह से आपकी आँखों मे आँसू है तो उसका मतलब ये नहीं की हम उसे बुरा मान ले। ये आँसू देने के पीछे भी कुछ कारण हो सकता है। आज व्यक्ति दो पल की खुसी के लिए कोई एसे कदम उठाते है की जिससे वह जिंदगी भर रोते है। कुछ लोग एसे होते है जो दो पल की खुसी के लिए जिंदगी भर रोते है, और कुछ लोग एसे होते है जो दो पल आँसू बहाकर जिंदगी भर हसते है। आप उनमेसे कॉनसे व्यक्ति है ? अवश्य विचार कीजिएगा।

“दुख से डग मत जाओ, और सुख से छग मत जाओ।”

सुख और दुख ये दोनों एक सिक्के के दो पहेलू है। बार-बार छाप या बार-बार काट नहीं आएगा। अगर किसी वजह से आँसू आते भी है तो उसे आने दो, बहने दो जितना बहे। उससे मन हल्का हो जाएगा। अकेले मे रोना है तो अकेले सही, किसी के सामने रोना है तो उसके सामने भी सही, अगर भगवान के सामने तो वो भी सही, पर आँसू एक बार बहा दो। अगर आप दुखी हो तो। उसे मन मे या ह्रदय मे लेके मत घूमो।

जीवन मे रोना किसको नहीं आता ? प्रत्येक इंसान के लिए रोने के पीछे अलग अलग वजह होती है। कोई अपनी पढ़ाए की वजह से, कोई भविष्य की चिंता करके, कुछ अपने संघर्ष को ले कर, तो कुछ अपने कार्यों को ले कर। किसी ना किसी वजह से आज व्यक्ति रोता फिरता है। अपने आप मे अशांत रहेता है। आज एक करोड़पति को भी शांति नहीं है, और जुपड़े मे रहेने वाले को भी शांति नहीं है। मन को शांत करने के लिए सरवोतम मार्ग है “भगवान की भक्ति”। भगवान को सच्छे मन से भजो मन शांत रहेगा ही।

“प्रेम की वजह से आँसू।”

प्रेम कभी रुलाता है, तो कभी जीवन का परम आनंद देता है। अगर आप किसी से प्रेम करते है और कभी-कबार उसकी वजह से रोना पड़ता है, तो उसका मतलब ये नहीं की आप उसे छोड़ दे। क्युकी मे अक्सर ये बात कहता हु की प्रेम कोई दो क्षण मे पकने वाला पकवान नहीं है। उसके लिए आपको जीवनभर का समय भी देना पड़ेगा। ये जगत मे अगर किसिको देने के लिए सबसे बढ़िया तोफा अगर कुछ है तो वह है, “प्रेम” और “समय”। या कहो “प्रेम मे समय”। छोटे मोटे दुखों से आप प्रेम छोड़ दो, या छोटी सी बात से आँसू बहाकर उसके साथ प्रेम भी बहा देते हो, तो वह कभी प्रेम था ही नहीं। प्रेम जन्मों जनम का संबंध है। प्रेम परीक्षा रूपी अग्नि मे जलेगा नहीं तो वो निखर कर बाहर केसे आएगा ? जैसे सोने को निखारने लिए खूब तपना पड़ता है, हीरे को चमक ने के लिए खूब पीटना पड़ता है, वैसे ही प्रेम को उतिर्ण होने के लिए दुखों रूपी परीक्षा को पास करना पड़ता है। अग्नि रूपी परीक्षा पास करनी पड़ेगी, किसीके हाथ से पीटना पड़ेगा, किसीकी बाते सुननी पड़ेगी, आँसू भी बहेंगे, लेकिन इन सब बातों से पीछे हट जाना प्रेम नहीं है। प्रेम कभी भी जीवन मे आपको demotivate नहीं करता, अगर आप एसा अनुभव करते भी हो तो वो प्रेम नहीं है। हा, शरुआत मे एसा हो सकता है, लेकिन आगे जाके भी आप नहीं समज पाते तो फिर वो आपकी गलती है, आपकी अधूरी समज है। प्रेम नहीं है। “प्रेम” शब्द ही अपने आपमे पूर्ण है। हमारे सब भगवान की शक्ति भी प्रेम ही था। जेसे राधाकृष्ण, शिवपार्वती, सीताराम।
जीवन मे दुख एक प्रकार से उपयोगी होते है और एक प्रकार से निरुपयोगी भी होते है। आप वो परिस्थिति को केसे देखते हो वो आप पर निर्भर करता है।

“तो आँसू को अपनी दुर्बलता नहीं अपनी शक्ति बनाओ।”