नैना रुद्र का दिया हुआ समान पहन कर त्यार हो जाती है ।
अब आगे
रुद्र _ तो चले?
नैना_ कहा?
रुद्र_घर ओर कहा अब शादी हो गए है।घर तो जाना ही पेडेगा जा फिर नहीं रहना ही।
नैना_नहीं जी में के रही थी कि एक बार ऋषि रुद्र बीच में ही बोलता ही तुम ऋषि की टेंशन मत लो नर्स है उसके लिए बैसे भी तुम्हे अभी उससे मिलने नहीं दिया जायेगा। रुद्र कि बात सुनकर नैना कुछ नहीं बोलती।
रुद्र _ तो चले फिर?
नैना _ जी चलिए।
रुद्र नैना को अपनी गोद में उठा लेता है।तो नैना बोलती है जे आप क्या कर रहे हो।मुझे नीचे उतर दीजिए।तो रुद्र बोलता है kyu तुम्हे कोई problem हैं।तुम्हारे पैर पर चोट लगी है। अगर प्रेशर पड़ेगा तो तुम्हे दर्द होगा।इतना बोल कर रुद्र नैना को अपने केबिन कि प्राइवेट लिफ्ट में ले जाता है।ओर सीधा ग्राउंड फ्लोर पर आ जाता है।
रुद्र जैसे है नीचे आता है ड्राइवर जल्दी से कर का डोर ओपन करता है रुद्र नैना को ठीक से गाड़ी में बिठता है और फिर खुद भी बैठ जाता है।
करीब आधे घंटे बाद गाड़ी एक बड़े से गए से होते हुए बड़े से गार्डन में जाती है गार्डन से सीधे एक दरवाज़े के बाहर रुकती है ।गार्डन बहुत बड़ा था ।जिसमें तरह तरह के फूल लगे हुए थे।ओर साइड में झूला ओर चेयर्स और टेबल लगा हुआ था शाम में बैठने के लिए।
नैना गार्डन में इतनी खोई हुए थी कि उसको पता है नहीं चला कर रुक गई है।नैना का ध्यान रुद्र कि आवाज़ से टूटता है जो कि दरवाज़ा खोल कर नैना कि साइड खड़ा हो कर बोल रहा था चले?
नैना जल्दी से जी चलिए बोलती है।रुद्र नैना को अपनी बाहों में उठा लेता hai। जैसे है नैना का ध्यान घर पर जाता है ।तो नैना कि आंखे चोडी हो जाती है।नैना के मुंह से निकल जाता है आपका घर तो बहुत बड़ा है।रुद्र नैना कि बात सुनकर मुस्कुरा दैता है।घर एक व्हाइट color का था।हम इसको घर नहीं महल भी के सकते है।घर को बहुत अच्छी तरह से डेकोरेट किया गया था। रुद्र डेकोरेशन पर jiyada ध्यान नहीं देता kyu ki रुद्र को पता था जे काम किसका है।रुद्र नैना को ले कर दरवाजे आता है है जैसे है पैर अंदर रखने को होता है तो आरू के साथ उषा जी भी बाहर आती है जिनके हाथ में आरती कि थाल होती है।(उषा जी इस घर की केयर टेकर है जब रुद्र के मम्मी पापा थे तब से इस घर में काम कर रही है उषा को सब दाई मा बुलाते है)
रुद्र उनको देख कर रुक जाता है ।उषा ओर अारु के साथ रोहन कार्तिक ओर अनुज भी आते है। उषा जी रुद्र कि के नैना कि आरती करती है।जैसे नैना को तिलक करती है तो अरु का ध्यान नैना पर जाता है।ओर नैना का अरु पर तो आर्रू चेहकते हुए बोलती है नैना तू भाई कि बाहों में क्या कर रही हो।फिर अपने है सिर पर चपेट लगा कर बोलती है ओह हो अरु तू भी कैसी बारे करत है।फिर नैना कि तरफ देखते हुए बोलती है भाई ने तुमसे शादी की है ।
नैना बस हलका सा मुस्कुरा कर हां बोलती है तो अरु नाचते हुए बोलती है नैना कितना अच्छा होगा हम एक ही घर पर रहे गए साथ कॉलेज जायेगे ओर खुब मस्ती भी करे गए।कितना मजा आयेगा ।नैना कुछ नहीं बोलती क्यों कि नैना आरी को जानती थी।कि अरु ऐसी ही है।
रुद्र अरु को बोलता है अगर तुम बोलो तो अब में अंदर आयु।तो अरु बोलती है हां भाई आयो जल्दी मुझे नैना से बहुत सी बाते करनी है।तो रोहन विच में ही कूदते हुए बोलता है हमारी तो कोई value ही नहीं है हमारी किसी ने इंट्रोडक्शन नहीं करवाई जब तक रुद्र नैना को ला कर सोफे पर बिठा देता है।
तो रोहन ओर कार्तिक अपने साथ अनुज को भी के कर आते है और बोलते है हम खुद ही अपनी इंट्रोडक्शन दे देते है।जहा तो किसी का मूड नहीं है हमारी इंट्रोडक्शन करवाने का।
रोहन अपना हाथ हिला कर बोलता है hii भाभी मेरा नाम रोहन ही ओर में आपका पर सा देवर।
फिर कार्तिक भी आगे आता है और वो भी हाथ हिला कर बोलता है भाभी मेरा नाम कार्तिक है में आपका इससे (रोहन की तरफ इशारा करके) भी प्यार देवर हूं। फिर बारी आती है अनुज कि तो रोहन अनुज को इंट्रोड्यूस करवाते हुए बोलता हो भाभी जे अनुज है के भी आपका देवर है लेकिन जे रोहनbor or meri तरह नहीं है जे अपके पति की तरह ही है खड़ूस।जैसे है रोहन ऐसा बोलता है तो रुद्र रोहन को कहा जाने वाली नजरो से घूरता है।
रोहन अपने दांत दिखा देता है।फिर रुद्र के पास बैठ कर रोहन बोलता है अब तुमने शादी कर ली ही तो इसलिए अब हमरा रास्ता साफ हो गया है। रुद्र उसकी तरफ देख कर बोलता है मतलब तो रोहन बोलता है मतलब जही कि अब हम भी शादी कर लेंगे मुझे तो लगा था कि में तो कुआरा ही मरुग लेकिन शुक्र है तूने शादी कर ली।रुद्र रोहन कि तरफ देख कर बोली है लगता है आजकल तुम्हे कोई काम नहीं है इसलिए ऐसी बारे सोचते हो में क्या सोच रहा था कि अगर तुम्हारे पास इतना ही टाइम है तो हॉस्पिटल के साथ साथ थोड़ा सा बिजनेस भी देख लो ।रोहन रुद्र कि बात सुनकर जल्दी से बोलता है अरे यार में तो मजाक कर रहा था में ओर बिजनेस नहीं नहीं ।ओर तुझे किसने बोला की में free हूं मुझे बहुत काम है। इतना बोल कर चुप चाप बैठ जाता है।अनुज ओर कार्तिक जो दोनों की बाते सुन रहे थे दोनों मुंह दवा कर हसने लगते है। रोहन दोनों को खुद पर इस्तारह हास्ते देख कर धीरे से बोलता है कि तुम दोनों को तो में बाद में देखूंगा।
वहीं दूसरी तरफ अरु बार बार नैना को बोल रही थी।कि तू मेरा भाई से प्यार करती है तुमने मुझे बताया नहीं ओर तुझे जे चोट कैसे आई।नैना अरु को सिर्फ इतना है बताती है कि में रुद्र से कुछ टाइम पहले ही मिली थी और ऋषि के बारे में बताती है फिर बोलती है इसलिए जल्दबाजी में हमे शादी करनी पड़ी।अरु को ऋषि के बारे में सुनकर बहुत बुरा लगता है।फिर वो नैना से ऋषि के बारे में पूछती है।
ऐसे है सब बाते करने लगते है।फिर थोड़ी देर बाद दाई मा सब को डिनर करने बोलती है ।सब अपना अपना डिनर कर लेते है।
मिलते है next chapter me bye guys
Take care
Story like share coment jrur kario
Or review bhi jrur diya ha
Meri dusari story bhi hai ap log use bhi ek bar pade agar achi lage to like share comment jrur kario