दो गुना, दो गुना, दोगुना ...
आइए सीखे की देश की इकॉनमी, मिनटों में डबल कैसे होती है।
●●
तो पहले आपको चुनाव जीतना है।
शपथ लेनी है।
फिर आपको पता चलेगा कि देश का बजट, मात्र 14 लाख करोड़ है। अब आपको इसको डबल करना है।
●●
तो देखिए कि राज्यो का बजट कितना है। किसी का पचास हजार करोड़, किसी का साठ हजार करोड़।
मगर कुल मिलाकर 30 राज्यो का है, 15 लाख करोड़।
आप चुनाव जीत चुके हैं। तो एक मनी बिल लाइये। मनी बिल को राज्यसभा से पास कराने की जरूरत नही पड़ती। वैसे भी वहां आपका बहुमत नही।
मनी बिल से आप पूरा टैक्स कलेक्शन और वितरण का स्ट्रक्चर बदल दीजिए। राज्यो को कहिये की एक गुड और सिम्पल टैक्स लाएंगे। सबकी इनकम डबल हो जाएगी।
राज्य मान जायेगे। कंसॉलिडेट बजट बनेगा।
- केंद्र का 14 लाख करोड़
- जिसमे जुड़ गया राज्य का 15 लाख करोड़
- अब टोटल बना 29 लाख करोड़।
हो गया न दुगना..!!!
हिहिहि
विकास, विकास, विकास।
●●
लेकिन अभी और रास्ता है।
2 लाख करोड़ का एक और बजट होता है। रेल बजट कहते हैं। उसको भी मर्ज कर दो।
- टोटल बना 31 लाख करोड़।
दोगुने से ज्यादा।
बिन कुछ किये।
विकास, विकास, विकास।
●●
अब फिर चुनाव जीतो।
टैक्स बढा दो।
चार पांच लाख करोड़ टैक्स का भार बढा, तो प्रति व्यक्ति कितना बढ़ा?? खास नही, इतना तो देशभक्त जनता सह सकती है।।
बजट हुआ 35-36 लाख करोड़।
विकास, विकास, विकास।
●●
फिर महंगाई बढ़ाओ।
जैसे 100 रुपये की चीज पर 18 रुपये टैक्स था। वो डेढ़ सौ की हो जाएगी, तो टैक्स कितना मिलेगा - 27 रुपये न??
तो बढ़ती हुई महंगाई से आपका कोष दो चार लाख करोड़ एक्स्ट्रा बढ़ जाएगा।
अबकी बार 40 लाख करोड़ पार।
विकास, विकास, विकास।
उम्मीद से चौगुना।
●●
लेकिन 40 लाख करोड़ कमाओगे, तो 40 लाख करोड़ खर्च करोगे। इससे ज्यादा कैसे दिखाएं।
तो एक काम करो। जबरन, टैक्स का हाई टारगेट रखो।
याने कहो कि इतना विकास हो गया है कि इस साल 50 लाख करोड़ टैक्स आयेगा। और तब हम विकास पर 50 लाख करोड़ खर्च करेंगे।
याने लोगो को लगेगा कि देश का बजट 50 लाख करोड़ पहुँच गया है।
मीडिया गायेगा।
विकास, विकास, विकास।
हालांकि आपको पता है, 10 लाख करोड़ जबरन फिगर है, आयेगा नही, तो दे पाओगे नही।
लेकिन आप उतने लाख करोड़ के प्रोजेक्ट सैंक्शन कर दो, फीते काट दो। हर प्रोजेक्ट में कागजी एलॉटमेंट कर दो। सब फाइलों पर 2%-5% फंड भी एलॉट कर दो।
फिर काम अटका दो।
दोष स्टेट गवर्मेन्ट पर डाल दो।
हिहिहि
●●
इस तरह दोनो हाथों से बजट दोगुना
याने टोटल चार गुना हो जायेगा।
मेरे पास अभी और भी आइडिया है। कर्जा काढने वाला फंडा तो बताया नही। उसे तो अपनी बुद्धि लगाकर, पहले ही इस्तेमाल कर रहे हो। तो मेरी तरफ से अभी इतना ही...
अगर इतने में कुछ गड़बड़ हो जाये तो दोष नेहरू जी पर डाल कर इतिश्री कर लो 😂😂😂😂😂
ठीक से कर लो। ठीक से कर लो
थैंक्स मि लेटर
😎😍🙏
(तस्वीर- प्रतीकात्मक)