एक तरफा प्यार... - 2 Lotus द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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एक तरफा प्यार... - 2

क्योंकि अब तो मुझे भी ये लग रहा था की
कुछ दिनों बाद कॉलेज बंद हो जाएगा सभी की छुट्टियां हो जायेगी फिर
अब कोन सा कोन कॉलेज में नामांकन कर आएगा तो सभी अपने अपने घर जाकर अपने शहर में पढ़ाई करने वाले थे
ऐसे में रोहित ज्यादा दुखी रहने लगा एक दिन जब आखरी एग्जाम चल रहा था
तुम सभी का बिछड़ने का वक्त आने ही वाला था
में चाहता था की नेहा से मिलकर उसे
अपने प्यार के बारे मे बता दू और उसे उसका फोन no लेकर उससे सारा दिन बात करने के बारे में रोहित डीसोच रहा था
और उसी दिन तो last एग्जाम और कॉलेज का आखरी दिन भी था और इसके बाद कोई किसी से नही मिलने वाला था जैसे ही सब लोग अपने अपने घर जानें लगे थे
मेरा घर भी काफी दूर था सेऔर नेहा का घर भी दूर ही था
और एग्जाम खत्म होते ही सब अपने अपने घर की और चल पढ़े
साथ साथ में और नेहा भी घर की तरफ चल पढ़े थे
वैसे तो नेहा को लेने उसके पिताजी आया करते थे
लेकीन उस दिन एग्जाम की दुसरी पाली में चल रहा था
और काफी टाइम तक शाम भी होने वाली थी उस दिन नेहा के पापा को कोई खास काम था तो वो उसे लेने नही आ पाए
और नेहा को इस बात की जानकारी पहले से ही थी इसलिए वो बस या ट्रेन की और चल पड़ी थी
फिर वो स्टेशन पहुंची
लेकीन में कर रोज़ ट्रेन से ही अपने घर जाया करता था 25 km दूर मेरा घर था क्योंकि ऑटो रिक्शा बस का किराया ज्यादा था तो ट्रेन से जाया करता था
हमेशा की तरह में उस दिन भी स्टेशन पर ट्रेन का आने का इंतजार कर रहा था ठिक उसी वक्त नेहा भी उधर से गुजर रही थी जैसे ही मेरी नजर नेहा पर पड़ी में हैरान हो गया
मेने सोचा आज नेहा यहां क्या कर रही हैं हो सकता हैं नेहा भी उसे ट्रेन में जानें वाली है जिसमे में जाउंगा
जैसे ही नेहा ने मुझे देखा मेरे पास आ गई और बोली में भी आज ट्रेन से घर जाऊंगी अच्छा हुआ रोहित तुम मिल गए अब हम साथ ही अपने घर चलेंगे मेने भी कहा ठिक है दोनो साथ जायेंगे
नेहा ने पुछा ट्रेन कितने बजे आयेगी मेने कहा अभी वक्त लगेगा नेहा कुछ टाइम बाद आएगी ट्रेन
फिर हम दोनो मे बातचीत सुरु हो जाती हैं
हम दोनों ने करीबन 1घंटा बात की वहा बैठे हुए
फिर ट्रेन आती हैं वहा भिड़ बहुत थी ट्रेन फिर भी हम दोनों ने मोबाइल नंबर शेयर कर लिया था
बहुत मुस्किल से no मीला था
उसके घर जाते ही दो दिन बाद मेने उसे कॉल किया इस तरह हम रोज़ बाते करने लगे और धीरे धीरे हम दोनों को प्यार भी हो गया था अब मुझे लग रहा था कि मुझे मेरी जिंदगी मिलने वाली है में बहुत खुश था
क्योंकि मेरे मन में जो एक तरफा प्यार चल रहा था वो पूरा होने वाला था और हमे बात करते करते 1 साल हो गया था
हम दोनो ने शादी करने का फैसला किया फिर उसके घर वाले आए मेरे घर फिर हमारी शादी हो गई और अब में और नेहा काफी खुश हैं