सब कुछ अच्छा चल रहा था ..... समीर के टेस्ट में मार्क्स भी अच्छे आते थे , आंखों में सपने बहुत बड़े थे इसलिए खूब मन लगा कर पढ़ता था । क्योंकि वो और उसका दोस्त अपने गांव में पहला लड़के थे जो कोटा राजस्थान पढ़ने गए थे।
एक दिन अचानक......
एक लड़की का आना हुआ पीले रंग के कुर्ती और ब्लैक कलर का जींस , खुले सुनहरे बाल जो हवाओं के शरारत से लहराते हुए उसके गालों को चूम रहे थे । रेडिश ब्राउन बड़े बड़े आंखें बिना काजल के ही आकर्षक लग रहे थे,
माथे पर काले रंग का बिंदी जो उस लड़की के खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी ।
कद काठी से लंबी थी और शरीर की बनावट अत्यधिक आकर्षक लग रही थी । रंग गोरा के साथ उस लड़की के चेहरे पर मासूमियत जिसे देख कर कोई भी लड़का उसकी ओर आकर्षित हो जाए यूं कहूं पहली मुलाकात में अपना दिल हार बैठे ।
तरुण उस लड़की पर नजर जाते ही समीर को कोहनी से मारा जो सवालों में उलझा था ।
क्या हुआ यार तरुण समीर झुंझलाते हुए बोला ?
तरुण दरवाजे के तरफ इशारा किया तो समीर की नजरे
बाहर दरवाजे के तरफ गई ।
समीर की नजर उस लड़की पर जाते ही मानो ठहर सी गई । उस लड़की के मासूमियत में खो चुका था ।
वैसे समीर लड़कियों से दूरी बना कर ही रखता था लेकिन आज पता नहीं उसे क्या हो गया था ?
उस लड़की से चाह कर भी अपनी नजरे नही हटा पा रहा था ।
" तुम परी हो या परियों की रानी
तुझे फलक से उतारा गया है जमीं पर सिर्फ मेरे लिए
अदा तेरी कातिलाना नही , तेरी मासूमियत मेरी जान ले गई "
समीर के दिल से ये आवाज आई उसका दिल चाह रहा था ..... उसे अभी पूरे क्लास में खड़ा होकर बोल दे ।
लेकिन तब तक तरुण फिर से कोहनी मारा " दरवाजे के तरफ नही पागल सर के तरफ देखो तुम्हे आवाज दे रहे हैं "
हड़बड़ा कर समीर अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ ,
सॉरी सर ... क्वेश्चंस सॉल्व हो गए झटके में बोल दिया ।
जिस तरीके से समीर लड़खड़ा कर बोला दरवाजे पे खड़ी लड़की मुस्कुराने लगी ।
और समीर उसे मुस्कुराता हुआ अपनी तिरछी निगाहों से देख रहा था ।
Well done समीर..... अपने सीट पर बैठ जाओ .... समीर के हाथ से नोटबुक लेते हुए उस समय क्लास में पढ़ा रहे शिक्षक बोले ।
मैथ का क्लास खत्म होते ही ब्रेक मिला , समीर अभी दरवाजे पर खड़ी उस लड़की के बारे में सोच रहा था ।
जो अब वहां से जा चुकी थी ।
ब्रेक खत्म होते ही फिजिक्स के टीचर आए और उसके पीछे पीछे वो लड़की ।
हेलो students!!!
आज हमारे साथ एक और स्टूडेंट जुड़ने वाली है जिसका नाम तारा सिंह है और अपने स्टेट की टॉपर रह चुकी है ।
कुछ देर शिक्षक तारा के बारे में प्रशंसा करते हैं फिर तारा को बैठने को बोल पढ़ाने लगते हैं ।
समीर का दिल जोड़ों से धड़कने लगा था क्योंकि तारा उसके पीछे वाले बेंच पर बैठी थी ।
गहरी सांस भरते हुए समीर अपने दिल पर काबू पाया .... फिर स्टडी में ध्यान केंद्रित करने की कोशिश किया ।
कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा .... दोनों की नजरे एक दूसरे से अकसर टकरा ही जाती थीं ।
समीर खुद को बहुत रोकने की कोशिश किया लेकिन दिन प्रति दिन तारा को मन ही मन चाहने लगा ।
Continue........
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