जो मिले तुमसे भाग - 2 Manshi K द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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जो मिले तुमसे भाग - 2

मैं कुछ बोल रहा हूं तुम्हे सुनाई नहीं दे रहा है, वो तुम्हे छोड़ कर जा चुकी है कभी वापस न आने के लिए।।

समीर का सब्र का बांध टूटा ...... और वो जोर से तेज आवाज में चीखा " तारा आ आ आ "

मूसलाधार बारिश में सड़क के किनारे अपने घुटनों के बल बैठ गया ।
मानो उसका शरीर उसका साथ छोड़ रहा हो .....
एक मात्र लड़की के जाने से उसकी ऐसी हालत हो गई थी जैसे दर्दों से सना एक पन्ना हो जिसमें किसी के खोने का गम लिखा हो ।

तरुण ... सब खत्म हो गया !
वो मुझसे वादा की थी वो मुझे छोड़ कर कही नही जायेगी ...
देखो चली गई __ मुझसे बहुत दूर मुझे भीड़ में अकेला छोड़ कर ।

उसे किसने हक दिया था मुझे इस तरह रुलाने की , एक बार कहना चाहिए था मुझसे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है .... मैं तो उसके दिल में रहता था फिर भी उसने अपने जख्मों से अंजान रखा ।

I hate you Taraaa 💔

कहते हुए समीर चीखते हुए रोने लगा ।।।

तरुण जो समीर के पास घुटने के बल बैठा था

समीर के कंधों पर अपना मजबूती बनाते हुए उसे उठाने की कोशिश करता है " तारा गई नही है तुम्हारे आस पास तुम्हारे दिल में है , तुम्हारे यादों में है समीर खुद को संभालों "


तरुण समीर को संभालने की कोशिश कर रहा था , लेकिन समीर खुद को संभाल नही पा रहा था ।


कैसे भी तरुण समीर को अपने साथ रूम पर ले गया जहां


वो दोनों दोस्त एक ही किराए के कमरे में रह कर कोटा में जेईई की तैयारी करते थे ।


________________________________________________


समीर एक छोटे शहर का रहने वाला मिडिल क्लास फैमिली के रहने वाला था । बेगुसराय से कोटा राजस्थान


जेईई मेंस की तैयारी करने गया था ।


उसके पिता जी बड़ी उम्मीदों के साथ समीर को कोटा पढ़ाई करने भेजा था ,उसके लिए उन्होंने बैंक से लोन ले लिया था ताकि समीर की पढ़ाई पूरी अच्छे से हो और वो एक अच्छा इंजीनियर बन सके ।


दो बड़ी बहनों का लाडला छोटा भाई था ।


*******


पापा ( प्रकाश सिंह )आज मेरी कोटा की ट्रेन है , आपका आशीर्वाद चाहिए , मैं जेईई मेन में सिलेक्शन लेकर ही घर वापस आऊंगा ।


मेरा आशिर्वाद तो तुम्हारे साथ हमेशा रहता है बेटा ... बस कोटा में मन लगा कर पढ़ना । किसी चीज की जरूरत पड़ने पर बेझिझक मुझे फोन कर के बता देना ।


जी पापा .....!!


बेटा ये लो बेसन के लड्डू तुम्हे पसंद है न अपने बैग में रख लो .... रास्ते में खाने के काम आयेंगे । देसी घी में बनाई हूं


तुम इसे रोज खाना तुम्हे ताकत मिलेगी जिससे तुम्हे पढ़ाई करने में मन लगेगा ।


समीर की मां (सविता जी ) बड़े प्यार से उसे समझाते हुए दे रही थी ।


दोनों बड़ी बहनों का प्यार भी मिला .....


समीर निकल पड़ा अपनी मंजिल की ओर खुद के और सबके सपनों के साथ ।।।।


कोटा उसके साथ उसका दोस्त तरुण भी गया था ..... दोनों साथ साथ ही बचपन से रहते थे ।


कोटा पहुंचने के बाद किराए पर रूम ले लिया और कोटा के सबसे बड़े कोचिंग संस्थान ( S.T एडवांस्ड क्लासेस) में एडमिशन ले लिया ।


सब कुछ अच्छा चल रहा था ..... समीर के टेस्ट में मार्क्स भी अच्छे आते थे , आंखों में सपने बहुत बड़े थे इसलिए खूब मन लगा कर पढ़ता था । क्योंकि वो और उसका दोस्त अपने गांव में पहला लड़के थे जो कोटा राजस्थान पढ़ने गए थे।

एक दिन अचानक......




Continue....

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