Love Contract - 5 Manshi K द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • द्वारावती - 69

    69                                         “भ्रमण से पूर्व भ...

  • साथिया - 123

    मनु ने सांझ को ले जाकर अक्षत के कमरे में  बेड  पर बिठाया  और...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 33

    पिछले भाग में हम ने देखा कि मोमल और अब्राहम की अच्छी तरह शाद...

  • Venom Mafiya - 6

    अब आगे अंश की ज़िंदगी जैसे दो राहों पर खड़ी थी – एक तरफ उसकी...

  • आत्मा की देहरी पर

    अध्याय 1: एक अधूरी खोज   रात का सन्नाटा चारों ओर पसरा था। हल...

श्रेणी
शेयर करे

Love Contract - 5

विराज को कार में जा कर बैठने के लिए कहता है , दौड़ते हुए एक घर के पास पहुंचा मेन गेट पर ताला देखकर अपना मुंह लटकाए कार में अा कर चुप चाप बैठ जाता है । अंकल आप घर के तरफ कार को ले लो ।

अरुण मितल अपने बेटे के अभी तक घर न पहुंचने पर बखौलाए हुए थे बहुत ज्यादा ही गुस्से में थे ।
सावरी मितल (अरुण मितल की धर्म पत्नी ) अपने पति को गुस्से में देख कर ' अरे अब आपको क्या हुआ जी टमाटर की तरह लाल क्यों हुए हैं ? ' आता होगा अभी हमारा बेटा ऐसे आग बबूला होने से वो क्या जल्दी अा जाएगा ....??
आपको पता भी है शहर में आज कितना बड़ा ट्रैफिक लगा है ट्रैफिक हटने के बाद ही न वो घर आएगा ।
कितने दिनों के बाद वो घर अा रहा है आते ही आप उसपर बरस मत पड़ना । समझा देती हूं आपको पहले ही अगर अपने मेरे बेटे को डाटा न तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ।

कल रिवान की आने की खुशी में बहुत बड़ा पूजा रखा है मैंने और अपना ये मितल मैंशन फूलों से सजाया जाएगा ।
शाम को पार्टी भी होगा वैसे भी अपने रिश्तेदारों से मिले हुए भी बहुत दिन हो गया है , पार्टी के बहाने उनसे मिलना भी हो जाएगा ।

अरुण मितल ( कुछ सोचते हुए ) - ' अरे क्या आप भी रिश्तेदारों के बुलाने के चक्कर में पड़ी है बेकार में बहुत खर्चे बढ़ जाएगा । बेटा ही अा रहा है सबको यहां बुला कर क्या करना है यहां ?? '
पूजा रखी है तो ठीक बात है हम बस परिवार वाले ही काफी है इसके लिए , झूठ - मुठ का दोस्तों को रिश्तेदारों को बुला कर ...
सावरी अपने पति के बात को बीच में काटते हुए ' सुनो जी आप कान खोल के आप मेरे काम में अपना टांग अड़ाये न तो देख लेना ठीक नहीं होगा ' इकलौता बेटा है मेरा खुशियां उसके आने पर न मनाऊं तो क्या करूं? ।

हद करते है आप भी मुझे आपसे शादी के पहले ही पता चल जाता आप इतने कंजूस आदमी हो तो अपने घर के नौकर के साथ इससे अच्छा भाग कर शादी कर लेती लेकिन आपके साथ कभी नहीं करती ।
क्या फायदा इतने बड़े बिजनेस मैन की बीबी होने का ।
आपसे अच्छे तो मेरी सहेली बिदुं के पति है मामूली बैंक के मैनेजर है फिर भी देखो मुझसे ज्यादा अच्छे और महंगे साड़ी और गहने पहनती है ।

अपने पड़ोस वाले शर्मा जी को देखो हो आप उनका तो सिर्फ एक छोटा सा मेडिकल का दुकान है फिर भी देखो हमेशा घूमने - फिरने जाते है , हाल ही में दोनों मसूरी घूम कर आए । आप तो आज तक मेरे मायका भी नहीं ले गए हैं।

' मेरी तो किस्मत ही फूटी निकली जिस दिन आपसे मेरी शादी हुई । मुझे तो समझ में नहीं आता आप इतने पैसों का करोगे क्या ?? '
मैं तो आपसे तंग आ चुकी हूं हर चीज के लिए रोक - टोक करते ।

सावरी मीतल और अरुण मितल दोनों पति - पत्नी के बीच बात - बात पर आपस में लड़ाई हो जाता है ।

सावरी मितल ( अपने पति को घूरते हुए ) - " मैं तो कल पूजा के साथ पार्टी कर के रहूंगी " देखती हूं आखिर मुझे कौन रोकेगा ??
इतना कहकर वो वहां से किचेन के तरफ बढ़ जाती हैं।

अरुण मित्तल ठीक है जो आपकी मर्जी हो करो आप ,
बस मुझे अकेले छोड़ दो ।
हॉल में बैठ कर मितल साहब कुछ सोच रहे थे
तभी अचानक उनका (अरुण मित्तल ) फोन वाइब्रेट होता है मितल साहब अपना फोन शर्ट के पैकेट से निकाल कर देखते हैं तो ' मैसेज आया होता है मैसेज पढ़ने के बाद मितल साहब तेज़ आवाज़ में हाय मैं लूट गया बर्बाद हो गया , किसी ने मुझे लूट लिया ' ...

अपने पति की आवाज़ सुनकर सावरी किचेन से भागती हुई हॉल में अाई ' क्या हुआ जी आपको अचानक ऐसे क्यों बोलने लगे ' ???

मितल साहब किसी ने मेरे क्रेडिट कार्ड से 1 लाख रुपए निकाल लिया ये देखो मैसेज फोन को दिखाते हुए कहा ।
लगता है किसी को मेरे क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड मालूम चल गया । फिर अचानक बेहोश होकर नीचे फर्श पर गिर पड़ते है ।

दूसरी तरफ विराज रिवान को उदास देख ' क्या हुआ रिवान तेरा मुंह अचानक लटक क्यों गया ? अभी कुछ देर पहले तक तुम तो बहुत खुश थे लेकिन अब क्या हुआ ?
रिवान खामोश अपनी आंखे बंद किए हुए विराज के बात को वो सुन रहा था ।

विराज बहुत कोशिश करता है लेकिन रिवान कुछ जवाब नहीं देता है।

कुछ समय बाद मितल मैंशन के सामने ड्राइवर कार रोकता है ...
कार के हॉर्न के आवाज़ सुनकर सावरी आरती की थाली लेकर झटके में गेट के पास अा जाती है ।
आरती उतारने के बाद दोनों सावरी का आशीर्वाद लेते है फिर दोनों घर के अंदर आते है ।

रिवान इधर उधर देखने के बाद पापा कही दिखाई नहीं दे रहे हैं । सावरी वो अपने कमड़े में आराम कर रहे हैं , बेटे के आने के खुशी में वो नाच रहे थे इसीलिए उनका पैर फिसल गया और वो फर्श पर गिर पड़े जिससे
उनको कमर में चोट लग गया है । अभी दवा लेकर सोए है , अभी बेटा तुम उनसे ना मिलो तो तुम्हारे पापा के लिए बेहतर होगा ।

बेटा तुम दोनों मुंह - हाथ धोकर फ्रेश हो जाओ , तुम्हे भूख लगी होगी ... रिवान बेटा बहुत सालों बाद मैं तुम्हारे पसंद कि सारी खाना बनाई हूं ।

रिवान हल्की सी मुस्कान देकर अपने रूम के तरफ बढ़ जाता है , विराज भी उसके साथ रूम में चला जाता है ।
विराज क्या हुआ यार उस गांव से ही तुम उदास हो , कुछ बता भी नहीं रहे ।

रिवान कुछ नहीं भाई ' बस इतना समझ लो मैं अपने मंजिल के पास जाकर भी हार गया '
खैर चलो जल्दी से अब फ्रेश हो जाओ तुम वरना तुम्हारे पेट से सारे चूहे बाहर निकल आएंगे फिर दोनों हंसने लग जाते है ।😂😂

दूसरी तरफ आदिया बाबा का इंतेज़ार करते - करते पता नहीं कब उसकी आंख लग गया और वो सो जाती है, उसे पता भी नहीं चलता है।
कुछ देर बाद आदिया चीखते हुए उठ कर बैठ जाती है ' फिर से वही सपना आया मैं हूं और एक लड़का जो मेरे हम उम्र का दोनों बचपन में साथ खेल रहे है लेकिन उस लड़का का चेहरा बिल्कुल धुंधला दिखाई देता है और वो घर जो मेरे घर के पड़ोस में पड़ता है वो साफ - साफ दिखाई पड़ता है उस घर से मेरा क्या सम्बन्ध है मुझे समझ में नहीं आता ।

लेकिन उस घर के पास से मैं जब भी गुजरती हूं मुझे ऐसा क्यों एहसास होता है वो लड़का मुझे आवाज़ लगा रहा है अपने पास बुला रहा है और मेरा दिल उस वक़्त यही सवाल करता है क्या उसे मैं याद हूं या वो मुझे पहचान पाएगा ।
समझ में नहीं आता ये आखिर क्यों होता है ?? मेरा कोई दोस्त था जो मेरे लिए बहुत खास था ।
मुझे समझ में नहीं आता आखिर वो मुझे क्यों चुहिया कह कर बुलाता है ??
अगर ये सपना मेरे बचपन से सम्बन्ध रखता है तो वो मुझे याद क्यों नहीं है ???
शायद मम्मा के खोने के बाद मेरे सिर पर जो गहरा चोट लगा था इसीलिए भूल गई मैं ।

वो कबूतर भी मेरे आस पास अपने पंख फड़फड़ाते हुए आता है मानो वो मुझे कुछ याद दिलाने की कोशिश कर रहा हो या कुछ दिखाने की कोशिश।

उसी वक़्त बाबा का आवाज़ आदिया को सुनाई दिया , झटके से निकल कर बाहर आयी ... आज बाबा बहुत तेज खास रहे थे ।

बाबा आपको कितनी बार माना करूं आप इतना काम मत किया करो , अब आपकी उम्र खेतों में खटने की नहीं है ।
मैं हूं सब कुछ संभाल लूंगी ।
आदिया बाबा को दवा पिलाकर आराम करने के लिए कहती है फिर वो फूलों के खेत के तरफ निकल जाती है ।

ऑडर का पैसा मिलते ही बावा को शहर के सबसे बड़े डॉ के पास दिखवाने के लिए ले जाऊंगी ।

विराज वाह आंटी जी , आपके हाथों में तो जादू है जादू
मज़ा आ गया खाना खा कर ... बहुत दिनों बाद घर का इतना अच्छा खाना खाने को मिला है मां बहुत मिस करता था आपके हाथों का खाना ।
सावरी इमोस्नल हो जाती हैं , अब तो रोज मैं अपने हाथों से बना कर खिलाऊंगी बेटा ।

नेक्स्ट डे
________

आदिया फूलों का ऑर्डर लेकर रिवान के घर पहुंची जहां
🤔🤔🤔🤔🤔



मेरे द्वारा रचित कहानी आपको पढ़ने में अच्छी लगती है तो plz आप सभी पूरी कहानी पढ़ने के लिए फॉलो करें ।🙏🙏🙏🙏





Continue ........