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एडमिट कार्ड
अब निहाल ने अम्मा बापू को समझाते हुए कहा, “वैसे भैया, ठीक कह रहें है I” उसके अम्मा बापू भी उसकी तरफ देखने लगेI “हाँ बापू, दिवाली से पहले घर में लक्ष्मी का आना सुबह शुभ शगुन होता है फिर अम्मा को भी रसोई के काम में मदद मिल जाएगी और पहली दिवाली पर घर में भैया के ससुराल से तोहफ़े का ढेर लग जायेगाI “ काजल ने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाईI अब सरला सोचते हुए बोली, “वैसे नन्हें बात तो सही कर रहा हैI” उसके बापू भी सोच में पड़ गएI “ठीक है, मैं बृजमोहन से करता हूँ”, उनके मुँह से यह सुनकर किशोर का चेहरा खिल गयाI
रात को छत पर सोते समय उसने निहाल को गले लगा लिया तो उसने भी तेवर दिखाते हुए कहा, तुम्हारी मदद ऐसे नहीं की है, मुझे भी तुम्हारी मदद चाहिएI
कैसी मदद ?
अब उसने पेपर देने के बात उसे बता दीI
पर नन्हें यह कैसे होगा?
हो जायेगा, मेरा पैर चोटिल हुआ है, दिमाग नहीं I उसने मुँह पर चादर तानते हुए कहा तो वह भी चारपाई पर लेट गया, ‘अब मुझे और राधा को मिलने से कोई नहीं रोक सकता I’ यह सोचते ही उसके चेहरे पर चमक आ गई, आज उसे भी चाँद में अपनी राधा का चेहरा दिख रहा हैI
अगले दिन रिमझिम ने सोनाली को कहा कि “कॉलेज चलते है, वहाँ की लाइब्रेरी में पढ़ेंगे, “ वह भी मान गईI दोनों अभी रास्ते में है कि तभी राजवीर अपनी बाइक के साथ वही पहुँच गया, “ आओ सोना, मैं भी कॉलेज ही जा रहा हूँ I” उसने रिमझिम की तरफ देखते हुए मना कर दियाI “ सोना अगर तुम जाना चाहती हो तो जाओ, मैं बस से निकल जाऊँगीI” “नहीं कोई नहीं, मैं भी बस से ही चलूँगीI” उसके जाते ही राजवीर ने बाइक को ग्रेस देते हुए कहा, “एक बार मैं पुलिस में भर्ती हो जाओ, उसके बाद तुम मेरे आगे पीछे घूमोंगी, फिर मैं तुम्हें बताऊँगा कि राजवीर चीज़ क्या है I “
कॉलेज के अंदर जाकर पता चला कि एडमिट कार्ड वेबसाइट पर अपलोड हो गए हैंI रिमझिम तो क्लर्क की तैयारी कर रही है, इसलिए उसका पेपर देर से है, मगर सोना जल्दी से लाइब्रेरी गई और अपना एडमिट कॉर्ड कंप्यूटर से निकालने लगीI उसका मन किया कि वह नन्हें का भी एडमिट कार्ड निकाल लें, मगर फिर उसे नंदना का ख्याल आया, उसने तो नन्हें का एडमिट कार्ड निकाल ही लिया होगाI
लक्ष्मण प्रसाद अपनी पत्नी सरला को लेकर बृजमोहन के घर गए और वहां पर शादी सावन के महीने के आसपास रखने की बात कही तो वो लोग सोच में पड़ गएI
क्या हुआ समधी जी, कोई बात है?
नहीं बात तो कोई नहीं है बस थोड़ा और वख़्त मिल जाता तो अच्छे से तैयारी करते I अब उन्होंने अपनी पत्नी पार्वती की तरफ देखा तो उसने ईशारे से उन्हें एक कमरे के अंदर चलने के लिए कहाI
खेतों में काम करता किशोर भगवान से यही प्रार्थना कर रहा है कि किसी भी तरह राधा के माँ बापू मान जाए I अब उसे अपने बापू खेतों में आते दिखाई दिए तो उससे रहा नहीं गया, वह दौड़कर उनके पास आया और बोला, “क्या हुआ बापू?”
“क्यों इतना बावला हो रहा है, अभी से यह हाल है तो ब्याह के बाद क्या करेगा, जा अपना काम करI” यह कहकर उन्होंने उसे झिड़क दियाI वह भी मन मसोसता हुआ खेतो में काम करने लगाI
कॉलेज से लौटते वक्त नंदन, सोनाली, रिमझिम और कॉलेज के अन्य छात्र, अंकुश अंकुर और सुनील भी उसी बस में हैI अंकुर ने नंदन को सीट देते हुए पूछा, “और निहाल का क्या हाल है?”
ठीक है !!!
कुछ पता चला कि किसने उसे मारा था ?
फ़िलहाल तो कुछ पता नहीं चलाI
ओह !! वो पेपर देगा ?
कह तो रहा है?
तूने उसका एडमिट कार्ड निकाल लिया हैI
हम्म, उसने अब नन्हें का एडमिट कार्ड अंकुर को दिखाया I
चलो अच्छा है, वैसे भी वो पढ़ाई में होशियार हैI अंकुर अब खिड़की से बाहर देखने लग गयाI
जब किशोर से नहीं रहा गया तो वह घर जाकर अम्मा से बात करने पहुँच गयाI अरे! किशोर तू इतनी जल्दी घर कैसे आ गया?
अम्मा ! राधा के घर में क्या बात हुई?
तो तू इसलिए आया है I
अब नाटक मत करो, बापू भी कुछ नहीं बता रहें हैंI उसकी अम्मा ने चूल्हे पर रोटियाँ सेंकते हुआ कहा,
हमने उन्हें बहुत कहा और वो ....... वह अब चुप हो गईI
और वो क्या अम्मा .. यह पहेलियाँ न बुझाएI अब अम्मा हँसते हुए बोली कि फिर क्या था, “वो मान गए I” उसने यह सुनते ही ख़ुशी से अपनी अम्मा को गोद में उठा लियाI “ अरे !! बेशर्म छोड़ मुझे, इतना बावला हो रहा है, ब्याह के बाद तो अम्मा को भूल जायेगाI “ अब उसने अम्मा को अपनी गोद से उतारा और उनके गाल को स्नेह से चूमते हुए कहा, “आपको कभी भूल सकता हूँI” धत्त !!! उसने उसे धक्का मारा, “घोड़ा हो गया है पर माँ की चूमियाँ ले रहा हैI”
“यह भी क्या करें अम्मा, अभी बीवी की तो चुम्मी ले नहीं सकते, इसलिए आपकी ले रहें हैंI” काजल के मुँह से यह सुनकर वह उसे मारने दौड़ाI
शाम को उसी नदी के किनारे लगे पेड़ के नीचे बैठा नन्हें सोमेश के साथ पढ़ाई कर रहा हैI अब सोनाली और रिमझिम भी किताबें उठायें, वही आ गएI सोनाली ने उसे एडमिट कार्ड के बारे में बताया तो उसने कहा कि “मेरी नंदन से बात हो गयी है, वह मेरा एडमिट कार्ड ला रहा हैI “ फिर सोनाली पढ़ाई से सम्बंधित उससे कुछ सवाल पूछने लगी तो उसने भी बताना शुरू कर दियाI
राजवीर और उसके दोस्तों ने दूर से यह नज़ारा देखा तो वह उसे बोले,
भाई ! पढ़ाई के चक्कर में कुछ ज़्यादा ही याराना हो रहा है I
हम्म!! मैं भी वही देख रहा हूँ I पेपर खत्म हो जाने दो, फिर देखते है, यह याराना कितना चलता हैI उसने चिढ़कर कहाI
अब नंदन हाथ में किताबें उठायें, उनके पास आ गया और वही बैठ गयाI नन्हें ने उससे अपना एडमिट कार्ड माँगा तो पहले उसने अपनी किताब के अंदर देखा फिर अपनी जेब देखीं, फिर कुछ सोचते हुए बोला, “घर देखकर आता हूँ, “ वह दौड़ता हुआ घर गया और थोड़ी देर हाँफता हुआ वापिस आया और परेशान होते हुए बोला, “ पूरे घर में देख लिया कहीं नहीं हैI “ “फिर कहाँ गया?” अब नन्हें भी परेशान हो गयाI
“यार! मैं माता रानी की कसम खाता हूँ कि मैंने बस में अंकुर को एडमिट दिखाने के बाद, अपना और तेरा एडमिट कार्ड अपनी जेब में से निकालकर किताब में रख लिया था और घर में किताब तो मैंने खोली ही नहीं, सीधा उठाकर यही ले आया I “ “कहीं ऐसा तो नहीं कि तूने अपना तो किताब में रख लिया पर मेरा उस बस में ही गिर गयाI” “कहीं चोरी तो नहीं हो गया?” अब सोनाली भी बोल पड़ी, “अगर ऐसा कुछ भी हुआ है तो बिना एडमिट कार्ड के पेपर देना नामुमकिन है I” रिमझिम के मुँह से यह सुनकर सब सकते में आ गए I