मेरी जिंदगी है तु - 4 Ziya Bagde द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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मेरी जिंदगी है तु - 4

बो खड़ा ये सब सोच ही रहा होता है , की अंश का असिस्टेंट शिवम आकर बोला , सर हमने जो नया प्रोजेक्ट साइन किया है , उसके लिए हमे मुंबई जाना होगा । अंश एक ठंडी आह भर कर बोला क्या उसका पता चला।

शिवम अपना सिर चुका कर बोला नही बॉस हमने उन्हे हर जगह ढुंढ लिया मगर उनका कोई पता ही नही चला...... अंश उसको जाने का इशारा करता है , तो शिवम बहा से चला जाता हैं ।

और अंश अपनी आँखे बन्द करता है , तो उसे निवि का चेहरा नजर आने लगता हैं। बही निवि अपनी दोनों बेटियों के साथ शाम को घर आती हैं , तो उसे सामने ही अपनी बुआ लीला नजर आती है , जो किसी फाइल को पड़ रही होती हैं .....!!!

रिद्धि उन्हे देख उनके पास जाकर बोली बड़ी बुआ हम आ गये... रिद्धि की आवाज सुन लीला जी उसकी तरफ देखती है , उन तीनो को देख उनके चेहरे पर भी एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती हैं , फिर वो अपनी फाइल समेट उनके साथ अंदर चली जाती है ।

रिद्धि - सिद्धि उन्हे दिन भर की सारी बाते बताने लगती हैं , और लीला जी शांति से बैठ कर उनकी सारी बाते सुन रही होती हैं , निवि उन तीनो को ऐसे बात करते देख खुश हो जाती हैं , और फिर वो फ्रेश होकर किचन मे चली जाती रात का खाना बनाने के लिए....!!!

रात के समय सब अपना खाना खाने के बाद अपने रूम में चले जाते हैं , निवि अपने स्टडी रूम में जाकर कुछ डिजाइन पर काम करती है , तो बही रिद्धि और सिद्धि अपने लेपटॉप पर कुछ बड़े ही ध्यान से देखे जा रही थी , रिद्धि अपनी बड़ी बेहन सिद्धि से बोली दी मुझे ना एक भी लड़का पसंद नही आ रहा हैं , जिससे हम अपनी मम्मा की शादी करा सके....!!!

सिद्धि भी कुछ सोच कर बोली लगता हैं , भगवान जी ने एक भी बैसा लड़का नही बनाया.... जैसा हम अपनी मम्मा के लिए ढुंढ रहे है , हमने कितनी ही सारी प्रोफाइल देख लिए मगर हमे एक भी ऐसा लड़का नही दिखा । जो हमारी मम्मी के लिए परफेक्ट हो.....!!!

वो दोनों भी ऐसे ही बाते करते हुये... सो जाते है , अगले दिन निवि का ऑफिस निवि जब अपने ऑफिस जाती है , तो उसे अपने ऑफिस में कुछ अजीब लगता हैं , हर कोई आपस में ही कुछ बाते कर रहे होते है , बो उन्ही मे से एक से पूछती हैं । सुनो आज कुछ हुआ है , क्या जो सब यहाँ पर ऐसे आपस में ही बाते कर रहे है ।

इस पर वो लड़का रोहित बोला अरे तुम्हे नहीं पता ....... क्या हमारे बॉस आने है , उनके बारे में सुना हैं , की बो बहुत ही खडूस टाइप के इंशान है , और तो और बहुत से लोगो का कहना है , की वो दिखने में जितने गुड लूकिंग है , असल जिंदगी में उससे भी कई ज्यादा खतर नाक है , और उन्हे लड़कियों से सख्त नफरत है ।

इस लिए यहाँ पर सबकी हालत टाइट है , और तो और उन्हे काम मे लपरबाह लोग भी बिल्कुल पसंद नहीं है , इतना बोल रोहित भी अपने काम मे लग जाता हैं , और निवि भी अपने केबिन मे आ जाती हैं , उसे रोहित की बातो से जरा सा भी डर नही लगा था , क्योकि उसे अच्छे से पता था ।

" की वो अपने काम को कितने ही इमान दारी से करती हैं , और जब वो अपना काम इमान दारी से करती हैं , तो उसे किसी से भी डरने की जरूरत नही है , फिर निवि अपनी चेयर पर बैठ कर अपना काम करने लगती हैं।

बही अंश भी अपने ऑफिस आ चुका था , और अपने केबिन मे बैठा.... कुछ डिजाइन देख रहा था , शिवम उसके केबिन मे आकर बोला बॉस इस बार हमने जो डील मिस्टर रॉय के साथ की है , तो मिस्टर रॉय चाहते है , मॉडल रश्मिका है , जो इस समय सबसे फेमस मॉडल और एक्ट्रेस है , वोही हमारी ड्रेस और जुलरी को प्रेजेंट करे ....!!

अंश ने उसे कुछ सोच कर कहा... इस समय हमारी ब्रांड एम्बेसडर कौन है , तो इस पर शिवम कुछ सोच कर बोला बॉस इस समय तो मिस रश्मिका ही हमारी ब्रांड एम्बेसडर है , तो अंश बोला फिर प्रॉब्लम क्या है , फिर शिवम बहा से जाने लगता हैं , तो अंश उसे बोला तुम उस डिजाइनर को भेजो जिसकी डिजाइन सिलेक्ट की गयी है ।

शिवम बोला क्या हुआ बॉस क्या आपको ये डिजाइन पसंद नहीं आयी .... या फिर इसमें कुछ चेंज करना है , तो इस पर अंश बोला नही डिजाइन ठीक है , पर मे उस डिजाइनर से ये जानना चाहता हूँ , की उसने क्या सोच कर ये डिजाइन बनाई है , इस डिजाइन के पीछे उनका क्या मोटिव है , मुझे जानना है , ( फिर मन मे बोला क्योकि ये डिजाइन बिल्कुल बैसे ही है , जिसे मैने सोचा था , और वो कौन हो सकती है , जिसने मेरे मन के आईडीआस समझ लिया हो)....!

शिवम जी बॉस बोल बहा से चला जाता है , और अंश अपना काम करने लगता हैं ।

बही स्कूल में रिद्धि और सिद्धि लाइबेरी मे बैठ कुछ किताबे पड़ रही होतीं हैं , इस वक़्त वो दोनों जो किताबे पड़ रही होती हैं , वो उनकी नही बल्कि उनसे बड़े बच्चो की किताब होती हैं , तभी बहा पर 7th का एक लड़का जो बहुत ही शरारती था । ' बो उनके पास आकर बोला तुम दोनों ये क्या कर रही हो तुम्हे अपनी किताब के qwestion सोल्व करना चाहिए ना.....!

' की 7th क्लास के बोल कर वो उनके हाथ से बुक छिन लेता है , तो सिद्धि उसे देख कर बोली क्या तुम्हे इसके प्रशनो को हल करना आता है , इस पर वो लड़का अपनी कॉलर को ऊपर करते हुए....! बोला हँ , " मुझे सारे प्रशनो को हल करना आता हैं , तुम्हारे जैसे नही जो बुक को देख कर ही अपना मन बेहला ले ....!!

इस पर रिद्धि बोली ठीक है , तो तुम कोई भी क्वाशचं सोल्ब कर के हमे दिखाओ हम मान लेंगे... की तुम होशियार हो नही तो हम सोचेंगे तुम्हे बस बोलना आता है , कुछ करना नही ... इस पर वो लड़का बुक खोलकर उसमे देखने लगा.....!!

बुक को कई बार उलट - पलट करने के बाद भी उस लड़के को समझ नही आता हैं , की वो कौन से क्वाशचं को हल करे.... पर फिर भी उसे करना तो था , ही बरना सारे बच्चे जो उन्हे ऐसे देख जमा हो गए थे , बो सभी उस पर हँसते..... !!

" इसीलिए वो एक क्वाशचन को खोल उसे करने लगता हैं , मगर उसे समझ ही नही आता की उसे कैसे सोल्व करना है , लगभग 5 मिनट तक उसे करने के बाद भी उसे समझ नही आता...... और फिर से 5 मिनट हो जाते हैं , पूरे 10 लगा कर भी उस लड़के से क्वाशचन हल नहीं होता है , तो सारे बच्चे उस पर हसने लगते है ।

फिर सिद्धि बोली एक आसान सा क्वाशचन तुमसे हल नही हो सकता बोल कर वो खुद उसे सोल्ब करने लगती हैं , बो बस 1 मिनट के अंदर ही उसे हल कर देती हैं , जिसे देख सारे बच्चे हैरान हो जाते है , तो बो लड़का बोला तुम्हे ये पहले से ही पता होगा.... इसीलिए तुमने इसे आसानी से हल कर लिया ।।

तो रिद्धि बोली तुम कोई और क्वाशचन दे सकते हो ... तो फिर वो लड़का बहुत देर देखने के बाद एक और क्वाशचन निकाल कर देता है , तो सिद्धि उसे भी 1 मिनट मे ही सोल्ब कर देती है , जिसे देख सारे बच्चे उसके लिए ताली बजाने लगते है , और उस लड़के को चिड़ाने लगते है , जिससे वो लड़का शर्मिंदा होकर बहा से चला जाता है।

उसके जाने के बाद बेल बज जाती हैं , तो सभी बच्चे अपनी क्लास मे चले जाते हैं ।

उधर ऑफिस में शिवम मैनेजर को बोल उस डिजाइनर को अंश के केविन मे भेजने को बोलता है , जिसकी जूलरी डिजाइन सिलेक्ट हुई है , तो मैनेजर आकर उसे जाने का बोल देता है , बही सारे ये इंप्लॉइ ये देख कर हैरान और परेशान दोनों हो जाते है , की अब जरूर या तो निवि की जॉब जायेगी ।

या फिर उसे बॉस से जमकर डाट पड़ने बाली है , सब निवि के लिए दुआ... कर रहे होते है , की बो बॉस के कहर से बच जाये....!!

" बही " निवि को इससे कोई फर्क नही पड़ता था , की बॉस उसे डाटेगा... या जॉब से निकालेगा... उसे अपनी काबिलियत पर पुरा भरोशा था , इसलिए वो अपनी और कुछ डिजाइन लेकर बॉस के केविन के तरफ चली जाती हैं।

बही अंश अपनी चेयर पर बैठ कुछ काम कर रहा होता हैं , निवि उसके केविन मे जाकर डोर नोक करती हैं , तो अंश उसे अंदर आने का इशारा करता है , तो निवि अंदर आ जाती है , अंश का सिर अभी भी नीचे ही था , तो बो निवि को देख नही पाता.... निवि आकर सामने खड़ी हो जाती हैं , तो अंश उसे बैठने का इशारा करता है ।

और जब अंश अपना सर उठा कर अपने सामने देखता है , तो हैरान हो जाता है , और उसकी खुशी का कोई ठिकाना ही नही रहता.... वो बस एक टक निवि को देखते रहता है ।



अगले भाग मे जारी है,,,,,,,