शतरंज की बिसात - भाग 3 शिखा श्रीवास्तव द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

शतरंज की बिसात - भाग 3

विवेक से बात करने के बाद इंस्पेक्टर अजय ने अब कांस्टेबल राखी को फोन लगाया।

"मिसेज अनिका की स्थिति अब कैसी है?"

"वो खतरे से बाहर है सर लेकिन होश अभी तक नहीं आया है।"

"डॉक्टर ने क्या बताया?"

"डॉक्टर का कहना है कि उनके गले को जोर से दबाने की कोशिश की गई थी जिसकी वजह से उन्हें घुटन हुई और वो बेहोश हो गई।
उनके गले पर ऊँगलियों के स्पष्ट निशान हैं सर।"

"ओहह। अच्छा हुआ कि संजय ने उनके शरीर से भी ऊँगलियों वगैरह के निशान ले लिए वर्ना तुम्हारी भी नज़र इस निशान पर नहीं गई थी।
है ना?"

"जी सर। दरअसल उनकी साड़ी का भारी आँचल उनसे बेतरतीब तरीके से लिपटा हुआ था तो मेरा ध्यान नहीं गया।"

"ठीक है। अगली बार से ऐसी लापरवाही मत करना और एकदम मुस्तैदी से वहीं अस्पताल में अपनी नज़रें जमाये रखो।
कब उन्हें होश आता है और कौन-कौन उनसे मिलने आता है सबकी ख़बर चाहिए मुझे।"

"जी सर। जय हिंद।"

"जय हिंद।"

इंस्पेक्टर अजय के दिमाग में हर वक्त बस यही घटना घूमे जा रही थी लेकिन जब तक उन्हें सारे रिपोर्ट्स और मिसेज अनिका का बयान नहीं मिलता तब तक वो अपनी जाँच की दिशा तय करके उसे आगे बढ़ाने में सक्षम नहीं थे।

अभी वो फोरेंसिक विभाग से बात करने ही जा रहे थे कि उनके फोन की घँटी बजी।
उन्होंर देखा स्क्रीन पर राखी का नाम फ़्लैश हो रहा था।

"सर, मिसेज अनिका से मिलने कोई मिस्टर अजित आए हैं जो उनके और मिस्टर साहिल के वकील भी हैं।"

"लेकिन मिसेज अनिका तो अभी होश में नहीं आई हैं ना?"

"नहीं सर। मिस्टर अजित का कहना है कि वो बस एक बार उन्हें देखना चाहते हैं।"

"हम्म अगर डॉक्टर कहते हैं तो उन्हें मिलने दो और फिर उनसे कहो कि तुरंत आकर मुझसे मिले।"

"ठीक है सर।"

लगभग दस मिनट के बाद कांस्टेबल राखी ने इंस्पेक्टर अजय को बताया कि मिस्टर अजित उनसे मिलने पुलिस थाने के लिए निकल चुके हैं।

हैरान-परेशान से मिस्टर अजित थाने पहुँचे तो इंस्पेक्टर अजय ने उनके माथे पर पसीना देखते हुए कहा "आप तो ऐसे घबरा रहे हैं जैसे इस सबके पीछे आपका ही हाथ है।"

"अरे सर ये आप क्या कह रहे हैं। मेरा काम कानून की सेवा करना है उसे तोड़ना नहीं।"

"हम्म तो फिर आराम से बैठिये और बस मेरे कुछ सवालों के जवाब मुझे दे दीजिए।"

"जी सर।"

"सबसे पहले तो ये बताइये की आप मिस्टर साहिल और उनकी पत्नी को कब से जानते हैं।"

"कॉलेज के जमाने से सर। हम पाँचों ने साथ में ही पढ़ाई की है। तब से ही हमारा ग्रुप बना हुआ है।"

"पाँचों?"

"मतलब मैं, साहिल, अनिका, प्रकाश और निशा।"

"ये वही निशा तो नहीं है जिससे साहिल अनिका को तलाक देने के बाद शादी करने वाला था?"

"जी सर वही है।"

"और ये मिस्टर प्रकाश कौन है? कहाँ रहते हैं?"

"सर प्रकाश का बंगला साहिल के बंगले के ठीक सामने है।"

"लेकिन वहाँ तो मिस्टर अशोक रहते हैं ना?"

"अशोक प्रकाश का छोटा भाई है। पहले वो अमेरिका में रहता था। प्रकाश की मौत के बाद यहाँ आकर रहने लगा।"

"ओहह अच्छा। तो क्या ये अशोक कभी निशा से मिला है?"

"नहीं सर मुझे नहीं लगता। मैं, साहिल और अनिका उससे पहली बार छह महीने पहले ही मिले हैं जब वो भारत आया। तब तक तो निशा लापता हो चुकी थी।
और अभी एक महीने पहले जब अचानक साहिल ने कहा कि वो निशा से शादी करने वाला है तब भी ये नहीं बताया कि वो अचानक कहाँ से आ गई और ना मुझसे उसे मिलवाया।

जब उसने अपने बेस्ट फ्रेंड को ही निशा से नहीं मिलवाया तो अशोक उससे कैसे मिलेगा?"

"अच्छा तो अब जरा प्रकाश की मौत और निशा के गायब होने पर भी कुछ रोशनी डालिए।"

"दरअसल सर ये कहानी जरा उलझी हुई है। मैं भी आज तक नहीं समझ पाया कि बात असल में है क्या?
कॉलेज के ज़माने से ही हम सब जानते थे कि साहिल और निशा शादी करने वाले हैं। प्रकाश भी मन ही मन अनिका को चाहता था और ऐसा लगता था कि अनिका भी उसे पसंद करती है।

फिर एक दिन अचानक साहिल और अनिका ने मन्दिर में शादी कर ली और हमें तब पता चला जब उन्होंने रिसेप्शन पार्टी रखी।

उस पार्टी में निशा का उतरा हुआ चेहरा देखकर प्रकाश ने उसे प्रोपोज किया लेकिन उसने सबके सामने उसे थप्पड़ मार दिया और वहाँ से चली गई।

उसके बाद कभी निशा की कोई खबर नहीं मिली। उसके माँ-पापा से पूछने पर उन्होंने मुझे दो टूक जवाब दिया कि वो इस शहर को छोड़कर जा चुकी है और अब किसी से नहीं मिलना चाहती है।

फिर इस घटना के एक सप्ताह के बाद प्रकाश की मौत की खबर आई। उसने अपनी गाड़ी जानबूझकर खाई में कूदा दी थी।

उसके बंगले पर हमें उसका सुसाइड नोट मिला था जिसमें उसने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया था और अपना सब कुछ अपने भाई के नाम कर दिया था।"

"इस सबको लगभग कितना वक्त हो चुका है?"

"दो साल सर।"

"हम्म और कोई ऐसी बात है जो आपको लगता है मुझे बतानी चाहिए?"

"नहीं सर। मैं जो कुछ भी जानता था वो सब आपको बता चुका हूँ।"

"सबसे जरूरी बात तो हमने की ही नहीं वकील साहब।
आपको क्या लगता है अचानक मिस्टर साहिल की मौत के पीछे क्या वजह हो सकती है?"

"ये बात तो मैं खुद भी नहीं समझ पा रहा हूँ सर। जहाँ तक मैं जानता हूँ साहिल का कोई ऐसा दुश्मन नहीं है जो उसकी जान ले सके।"

"अच्छा मिस्टर साहिल और मिसेज अनिका के संबंध कैसे थे? क्या उनके बीच हाथापाई भी होती थी?"

"नहीं सर कभी नहीं। साहिल इस तरह का इंसान बिल्कुल भी नहीं था कि अपनी पत्नी या किसी भी स्त्री पर हाथ उठाए।
जहाँ तक उनके रिश्ते की बात है देखने में तो सब ठीक ही लगता था।
अब अंदर की बात तो मुझे नहीं पता है।"

"हम्म और मिस्टर साहिल की वसीयत और उनका तलाक? क्या आपको कभी लगा की वो मिसेज अनिका को पचास प्रतिशत संपत्ति नहीं देना चाह रहे हैं या फिर वो इस तलाक से ही दुखी है?"

"अनिका को संपत्ति देने से तो उसे कोई ऐतराज नहीं था सर लेकिन तलाक की बात पर उसका चेहरा बता रहा था कि वो दुखी है लेकिन मेरे बहुत पूछने पर भी उसने कुछ नहीं बताया कि अचानक निशा कैसे वापस आ गई और वो ये सब क्यों कर रहा है?"

"अच्छा अब जब मिस्टर साहिल इस दुनिया में नहीं हैं तब उनकी संपत्ति किसे मिलेगी?"

"वो तो अब अनिका को ही मिलेगी क्योंकि अभी उनका तलाक नहीं हुआ है और अनिका के सिवा साहिल के परिवार में दूसरा कोई नहीं है।"

"हम्म ठीक है। अभी आप जा सकते हैं। अगर फिर जरूरत पड़ी तो मैं आपसे संपर्क करूँगा।"

"जी सर, जरूर।"

अजित के जाने के बाद इंस्पेक्टर अजय ऑंखें बन्द करके सोच में पड़ गए।
इस केस की गुत्थियां उनके दिमाग में और भी बुरी तरह उलझने लगी थीं।
क्रमशः