तुर्कलिश - 5 - अंतिम भाग Makvana Bhavek द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तुर्कलिश - 5 - अंतिम भाग

"प्यारे आलोक,"

"मरहबा!"

 

"मैं चिट्ठी की शुरुआत में ही आपसे माफी माँगती हूँ, इसलिए आगे जो आप पढ़नेवाले हैं, उसके लिए मुझे पहले ही माफ कर दें।"

 

"मैं जानती हूँ कि मुझे पहले ही अपनी दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाना चाहिए था। मगर मैं अकेली थी और मेरा दिल टूट गया था।"

 

"मैंने फ्रेडरिक विल्हेम नीत्शे के फैन पेज पर आपका कमेंट पढ़ा, फिर आपके फेसबुक प्रोफाइल को देखकर मैंने जाना कि आप एक रोमांटिक कवि हैं।"

 

"मैं आपसे आमने-सामने नही मिली हूँ, लेकिन आप मुझे किसी की याद दिलाते हैं, जिससे मैं प्यार करती थी। मैं जिससे प्यार करती थी, उसकी मौत हो चुकी है। मुझे लगा कि आपमें मुझे वह आदमी मिल जाएगा, इसलिए मैंने आपके बारे में जानना चाहा।"

 

"आपसे बात करके और जीवन में आपके दर्शन को समझकर, आपको स्काइप पर मुसकराते देखकर मुझे अपने खोए प्यार की याद आती थी। यहाँ तक कि वह भी मेरे लिए कविताएँ लिखता था।"

 

"मैंने जब उन कविताओं को पढ़ा, जो आपने मेरे लिए लिखी थीं, तो मेरी आँखों से खुशी के आँसू बहने लगे।"

 

"मैं जानती हूँ कि सैकड़ों मील दूर बैठकर मैंने आपमें उस आदमी को ढूँढ़कर अच्छा नहीं किया। मुझे लगा था कि ऐसा कर पाना संभव है।"

 

"मैंने आपको तुर्की सिखाने का प्रयास कर यह सोचा कि एक दिन हम साथ हो सकते हैं और आपमें भी तुर्की सीखने की इच्छा थी, लेकिन मैं जान चुकी थी कि टर्की में कुर्द लोगों के लिए हालात बिगड़ते जा रहे हैं।"

 

आपको याद होगा कि मैं आधी जज्जाकी और आधी कुर्द हूँ। न तो रिसेप तैयब एर्दोगन की सरकार न ही उसके पहले की सरकारें हमारे लिए अच्छी थीं।"

 

"साल 2012 की शुरुआत में जब टर्की सरकार और पीकेके के बीच युद्धविराम का समझौता हुआ, तब जाकर शांति लौटी।"

 

"मैं पीकेके की सक्रिय सदस्य थी और पिछले 8 साल से छिपकर रह रही थी। मैं जब 16 साल की थी, तभी पीकेके में शामिल हो गई थी।"

 

"मेरे अब्बा, मेरा भाई और मेरे कई रिश्तेदार पीकेके के सक्रिय सदस्य हैं और उन्होंने टर्की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। और मैं जिस आदमी से प्यार करती थी, वह भी मेरा दूर का भाई था और पीकेके का लड़ाका था। उसका नाम दियार टेकिन था।"

 

"साल 2012 में कुछ ऐसा हुआ, जिसकी उम्मीद नहीं थी। पीकेके और सरकार के बीच युद्धविराम का समझौता हुआ था, जिसके बाद सरकार ने हमें टर्की के अंदर ही ज्यादा अधिकार और स्वायत्तता देने का फैसला किया।"

 

"हम यह सोचकर खुश थे कि हमारे मुल्क में अब अमन रहेगा और हम सामान्य जिंदगी जी सकेंगे, लेकिन मई 2013 मे एर्दोगन सरकार के खिलाफ प्रेस, अभिव्यक्ति, इक‌ट्ठा होने की आजादी को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए। धर्मनिरपेक्षता में सरकार के दखल के खिलाफ इस्तांबुल के गीजी पार्क में शुरू हुआ प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया।"

 

"मैं इन प्रदर्शनों में कभी शामिल नहीं होना चाहती थी, लेकिन दियार कुछ भी बरदाश्त कर सकता था, लेकिन नाइनसाफी से उसे नफरत थी। वह एक धर्मनिरपेक्ष टर्की चाहता था, जहाँ बोलने की आजादी हो।"

 

"उसे लगता था कि यही कुर्द लोगों और दूसरे अल्पसंख्यकों के हक में होगा और इस वजह से मेरी मर्जी के खिलाफ और मेरी चेतावनी के बावजूद वह तकसिम गीजी पार्क में अपना समर्थन जताने के लिए प्रदर्शन में शामिल हो गया। वहाँ से वह फिर कभी नहीं लौटा।"

 

"दियार को खोने के बाद मैं पूरी तरह बिखर गई। टर्की में कुर्द लोगों की किस्मत में लंबे समय बाद अमन आया था, लेकिन मेरे लिए इस अमन का कोई मतलब नहीं था।"

 

"मैं बिल्कुल अकेली हो गई थी और समझ नहीं पा रही थी कि दियार खो देने के दुःख से कैसे उबर पाऊँगी। इसलिए मैंने इंटरनेट का सहारा लिया और वहीं जब मैं आपसे मिली तो मुझे लगा, जैसे कोई अपना मुझे मिल गया है।'

 

"मगर हमारी दोस्ती जब से शुरू हुई अरकदासिम तब से इराक और सीरिया में आई.एस.आई.एस. की शक्ल में एक और मुसीबत बढ़ने लगी, जो उन देशों के कुर्द लोगों के लिए खतरा बन गई थी।"

 

"मैं जानती थी कि आज नहीं तो कल मुझे आई.एस.आई.एस. से लड़ने के लिए सीरिया या इराक में कुर्द सैनिकों के साथ शामिल होना पड़ेगा। लेकिन आपने मुझे जो प्यार, अपनापन और सुकून दिया, उसकी वजह से मैंने उसे टाल दिया, जो आज नहीं तो कल होना ही था।"

 

"मगर अब मैं लड़ने के लिए जा रही हूँ। मैं जानती हूँ कि जब तक यह चिट्ठी आपको मिलेगी, तब तक मैं जा चुकी होऊँगी। कविताओं के लिए शुक्रिया। मैं युद्ध के मैदान में उन्हें साथ ले जा रही हूँ। मुझे जब आपकी याद आएगी मैं उन्हें पढ़ लूँगी।"

 

"मैं आपके लिए छोटा सा तोहफा भेज रही हूँ। कुचुक तावसन (छोटा खरगोश) की चेन, टेबल क्लॉक, विंड चाइम और कुदाँ के संघर्ष पर हिस्टरी की किताब।"

 

"चूँकि आपने मुझे छोटी खरगोश कहा था, इसलिए मैंने सोचा कि मैं लिटिल रैबिट की चेन आपको गिफ्ट करूँ। यह आपको मेरी याद दिलाएगी। प्लीज टेबल क्लॉक को टर्की के टाइम से सेट कर लेना, ताकि आप मेरे टाइम जोन में रह सकें। विंड चाइम को खिड़की के पास टाँग देना। जब भी उसकी आवाज होगी तो आपको लोगों के हक के लिए लड़नेवाली लड़की हजाल का नाम याद आएगा।"

 

"मैं नहीं जानती कि इस युद्ध से मैं वापस जिंदा लौटूंगी या नहीं, लेकिन आप मुझे अपनी यादों में जिंदा रखना। मुझे याद करते रहना।"

 

"आपकी कुचुक तवसन (छोटी खरगोश)"

"हजाल देमिर"

 

चिट्ठी को खत्म करते-करते मेरी आँखें धुँधली हो चुकी थीं। मैंने चिट्ठी को अपनी शर्ट से पोंछकर आँसू को सुखाने की कोशिश की, जिससे वह भीग चुकी थी। 

 

मैंने उसे बार-बार पढ़ा। आखिर में मैंने उसे सँभालकर मोड़ा और उन तोहफों के साथ वापस उस बॉक्स में रख दिया, जिन्हें हजाल ने मेरे लिए भेजा था। 

 

मैं इस महिला से जिंदगी में कभी नहीं मिला था! लेकिन मैंने जिस उदासी का अहसास किया था, वह मेरे नाकाम रिश्तों से कहीं अधिक दर्दनाक था।

 

उस रात अंकित से बात कर भी मन हलका नहीं हुआ। अपने जीवन में पहली बार मेरे मन में खयाल आया कि खुदकुशी करना बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है। यहाँ तक कि दिन-रात अंकित की परेशानी से भरे खयाल और अगर साक्षी उसे नहीं मिली तो खुदकुशी करने के उसके प्लान भी मुझे दिलचस्प लग रहे थे। तब तक, मैं खुदकुशी की बात सोचने के लिए अंकित का मजाक उड़ाया करता था। लेकिन उस रात, मैं जानता था कि उसकी हालत क्या थी, क्योंकि हम दोनों एक ही नाव पर सवार थे। 

 

रोता-रोता मैं सुबह के लगभग 5 बजे सो गया। उसके बाद हजाल ने फिर कभी मुझसे संपर्क नहीं किया।

 

.......समाप्त.......