1.
ज़िंदगी आसान नही होती, आसान बनाना पड़ता है।
कुछ अन्दाज़ से तो कुछ नज़र - अन्दाज़ से।
2.
कब्र में दफनाते ही सारे रिश्ते टूट जाते...
चंद दिनों में अपने अपनों को भूल जाते हैं...
कोई नहीं रोता उम्र भर किसी के लिए...
वक्त के साथ आंसू भी सूख जाते हैं…
3.
तजुबेॅ ने शेरो को खामोश रहना सिखाया है,
क्योकी दहाड कर शिकार नहीं किया जाता ।
4.
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ उसकी ही खता थी,
लकीरों को मिटाना चाहा हमें पाने की खातिर…
5.
हम फकीरों से क्या पूछते हो दास्तान मोहब्बत की...
हम तो बेवफाओं को भी जीने की दुआ देते हैं...।।
6.
निकाल दे दिल से ख़याल उसका...!
यादें किसी की तक़दीर नहीं बदला करती...!!
7.
कोई खास फर्क नहीं पड़ता अब ख़्वाहिशें अधूरी रहने पर
ए दोस्तो
बहुत करीब से कुछ सपनों को टूटते हुये देखा है मैंने
8.
अनमोल मोती
ताश का जोकर
और
अपनों की ठोकर,
अक्सर बाज़ी घुमा देती है।
अपनी सहनशीलता को बढाइए।
छोटी मोटी घटना से हताश मत होईये।
जो चंदन घिस जाता है,
वह भगवान के मस्तक पर लगाया जाता है;
और
जो नही घिसता वह तो सिर्फ मुर्दे जलाने के काम ही आता है!
सदा मुस्कुराते रहिये
9.
इश्क में हमने वही किया जो फूल करते है बहारों में।
खामोशी से खिले ; महके ; और
बिखर गये ।
10.
*खुशी देने वाले भले ही*
*हंमेशा अपने नहीं होते...*
लेकिन...
*दर्द देने वाले हंमेशा*
*अपने ही होते हैं।*
11.
*ये जिंदगी है जनाब,*
*जीना सिखाये बगैर मरने नही देती...!!*
12.
एक मस्त नजर ने छेड़ा हैं
अब दर्द जिगर कां क्या होगा
जो जख्म बना हों
मरहम से
उस जख्म कां मरहम क्या होगा•••!!
13.
दिल में तुम्हारे अपनी कमी छोड जाऐंगे,
आँखों में इंतज़ार की लकीर छोड जाऐंगे,
याद रखना मुझे ढूँढते फिरोगे एक दिन,
जिन्दगी में देस्ती की कहानी छोड जाऐंगे
14.
मिलना किस काम का अगर दिल ना मिले
चलना बेकार है जो चलके मंज़िल ना मिले
15.
झूठ हमेशा इसलिए बिक जाता है क्योंकि
सच खरीदने की सबकी औकात नहीं होती
16.
उनका कहना था कि मेरी शायरी में अब वो दम नहीं
उन्हें क्या पता हम शायरी में दम नहीं दिल लगाते हैं
17.
हंसी आती है ये सोचकर कि दर्द कोई समझता नही
मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग
18.
जिस को भी सुनाते है हम अपना अफसाना ए उल्फत
हर शख्स अपनी आपबीती समझ कर रोने लगता है
19.
चिलम को पता है अंगारों से आशिकी का अंजाम,
दिल में धुआं और दामन में बस राख ही रह जाएगी
20.
ऐ ज़िन्दगी जरा आहिस्ता से औकात में रह,
हम तुझे मिले है तू मुझे नहीं...
21.
शिकायत करने से खामोश रहना बेहतर है
क्यूंकि
जब किसी को फर्क नही पड़ता तो शिकायत कैसी ?
22.
"शुकून तो बस 'खामोशियों' में होता है...
अल्फ़ाजों का क्या, वो तो मुकर जाते हैं हालात देखकर"...!!
23.
आप चाहे कितने भी अच्छे काम करो,
या फिर कितने भी ईमानदार बनो,
पर दुनिया तो बस आपकी
एक गलती का इंतजार कर रही है!
24.
शक से भी कई बार खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते
कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता
25.
ज़रा से गलतफहमी पर न छोड़ो किसी अपने का दामन
क्योंकि जिंदगी बीत जाती है किसी को अपना बनाने में
26.
एकांत को भी पिघला कर उसमें व्यस्त रहती हूँ...
इन्सान हूँ यारों मैं मुरझा कर भी मस्त रहती हूँ...!!
27.