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ये कैसी मुहब्बत?

भव्य और कृति दोनों को एक दूसरे से बेइंतहा मुहब्बत थी । प्यार में डूबे हुए दो प्रेमी परिंदे जो जिंदगी के एक बेहतरीन और खूबसूरत पढाव से गुजर रहे थे । जिंदगी कितनी रंगीन थी उनके लिए । चारों तरफ सिर्फ खुशियां ही खुशियां ,, गम का नामो निशान नहीं था ।
साथ में शॉपिंग ,मूवीज, डेट्स, डिनर, घूमना ,फिरना ।

लेकिन खुशियां ज्यादा टिकती ही नहीं । खुद हमारी नजर लग जाती है हमारी ही खुशियों को। इसी तरह नजर लग गई थी इन दोनों की भी खुशियों को ।

कृति वर्मा उम्र २१ साल ,, पिता का नाम रोहन वर्मा माता का नाम शीना वर्मा। पिता रोहन बहुत बड़े बिजनेस मेन ,, जानी मानी हस्ती । इसके विपरित ,,,,,
भव्य जोशी उम्र २३ साल ,, पिता का नाम जीतेश जोशी माता का नाम सौम्या जोशी। एक मिडिल क्लास फैमिली से ।
२ साल पहले,, भव्य अपनी पढ़ाई के लिए बॉम्बे आया था यहां कॉलेज में उसे कृति से प्यार हो गया था वह कुछ लड़को के साथ पीजी में रहता था । और पार्ट टाइम जॉब भी कर रहा था ।
कृति ने उसे कहा था कि वो उसके पापा से बात करके अच्छी नौकरी दिला देगी । लेकिन भव्य खुद्दार लडका था उसे किसी का एहसान नहीं लेना था । इसलिए वह एक होटल में सर्विस बॉय की तरह काम कर रहा था । होटल काफी बड़ी थी इसलिए सैलरी अच्छी मिल जाती थी।

दोनों दो साल तक साथ घूमते रहे और अचानक एक दिन उन्हें शॉपिंग के लिए जाते हुए रोहन देख लेता है। वह भव्य के बारे में अब सबकुछ जानना चाहता था ,,,
भव्य के पीछे वह एक जासूस लगाता है । जो भव्य के बारे में सारी इन्फॉर्मेशन निकाल कर रोहन को लेकर देता है।
रोहन इस बारे में कृति से पूछते है और भव्य से मिलने की इच्छा जाहिर करते है। कृति बहुत खुश हो जाती है।
भव्य को मिलने बुलाया जाता है ।
"हैलो भव्य" रोहन ने कहा।
"हैलो सर ,, भव्य ने खड़े होकर रोहन का अभिवादन किया।"
"अरे बैठो बैठो।" रोहन कहता है।
"तो मिस्टर भव्य जोशी,, आप यहां पढ़ने के लिए आए थे और एक होटल में जॉब भी करते है।"
कृति को आश्चर्य होता है कि इस बात की जानकारी इन्हे कैसे है क्योंकि उसने तो उन्हे कुछ बताया नही था।
भव्य ने कहा, "जी सर"
"आप मेरी बेटी से प्यार भी करते है?" रोहन ने कहा ।
"जी " भव्य ज्यादा कुछ कह नहीं पाता ।
" आपको नही लगता आप अपनी हैसियत से कुछ ज्यादा उम्मीद कर रहे है।" रोहन की इस बात पर कृति के चेहरे पर चिंता के भाव आने लगते है। भव्य को यह सुनकर काफी अपमानित सा महसूस होता है लेकिन वह धीरज के साथ जवाब देता है ।
"सर हैसियत का क्या है ,,, आपने भी अपना पूरा अंपायर खुद बिल्ड अप किया है ना आप भी तो मेरी तरह एक मिडिल क्लास फैमिली से थे।"

"लेकिन मैने किसी अमीर आदमी की बेटी को फंसा कर खुद को बड़ा नही बनाया है मिस्टर भव्य" रोहन कहता है
"पापा आप गलत समझ रहे है भव्य ऐसा नहीं है । उसे तो मेने आपकी कंपनी में जॉब दिलाने को कहा था पर उसने ना कह दिया "कृति बोल उठी।
"ये सब तुम्हे इंप्रेस करने के लिए बेटी मैं जानता हूं इस तरह के लड़कों को" रोहन घृणा से भव्य को देखता है।
भव्य बिना कुछ कहे वहां से उठकर जाने लगता है।
"भव्य ,, सुनो" कृति आवाज लगाती है।
भव्य कहता है, "कृति मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं अगर तुम अपना स्टेटस और पैसा छोड़कर मेरे साथ एक सादगी भरा जीवन जी सकती हो तो मेरे पास आ जाना ।मै तुम्हे तुम्हारे पापा की तरह ऐशो आराम भले न दु लेकिन तुम्हे दुखी नहीं होने दूंगा" भव्य कहता है।
"प्यार ही सबकुछ नही होता मिस्टर भव्य,,, और जीने के लिए पैसा चाहिए,, तुमने मेरी बेटी पर आजतक जितना खर्च किया है बताओ मैं तुम्हे अभी उसके दुगने दे देता हूं।"
"आप अपनी बेटी की कीमत लगा रहे है सर?" भव्य कहता है ।
कृति की आंख में आंसू आ जाते है ।
"भव्य" रोहन चीखते हुए कहता है।
"मैने आपकी बेटी पर जो खर्च किया वो मेरा प्यार था । दे सकते है वो आप मुझे तो दीजिए ।"
रोहन कुछ ना कह सका। भव्य जाने लगा । और कृति रोने लगी।

इस तरह उनके प्यार में कृति का पिता ही विलन बन गया।
"व्हाई पापा ? व्हाई डिड यू डू देट?" कृति रोते हुए पूछती है।
" बेटा ,, वो लड़का अच्छा नही है " रोहन उसे समझाने की कोशिश करता है।
"मै उसे आपसे अच्छे से जानती हूं पापा,, वो ऐसा नहीं है। ही इस माय लाइफ,, आई हेट यू पापा, आई हेट यू" कृति कहती है और अपने रूम में जाकर रोते हुए अपना बैग पैक करने लगती है ।

रोहन वहां आकर "कहां जा रही हो तुम ?"
"भव्य के पास ,, वही मेरा सबकुछ है।" कृति कहती है।
"शीना समझाओ इसे" रोहन अपनी पत्नी से कहता है।
"कृति ,, बेटा मेरी बात सुनो" शीना कहती है लेकिन तब तक कृति वहां से अपना बैग लेकर बाहर आ जाती है।
भव्य जा चुका था । कृति ऑटो करके भव्य के पीजी की पर जाती है।

भव्य पीजी में आकर अपना सिर पकड़ कर बैठ जाता है । रिहान ( भव्य का रूममेट) ने कहा, "भव्य क्या हुआ? आर यू ओके?"
भव्य उसके गले से लगकर रोने लगता है।
"कृति से झगड़ा हुआ तेरा? बता बात क्या है?" रिहान को फिर चिंता होती है । भव्य बस रोता है कुछ कह नहीं पाता।
इतने में बेल बजती है। रिहान दरवाजा खोलने जाता है
"कृति तुम?" बैग के साथ उसे देखकर रिहान पूछता है
"भव्य कहां है?" कृति पूछती है । रिहान खुद को दरवाजे से साइड हटाते हुए अंदर की और इशारा करता है।
कृति अंदर जाती है और भव्य के कंधे पर हाथ रखती है । भव्य चेहरा ऊपर उठाकर देखता है तो कृति का उसे देखकर दिल बैठ जाता है भव्य का चेहरा आंसुओ से भीगा हुआ था नाक भी बह रही थी नाक और आंखे लाल और सूजी हुई थी । वह कृति को देखकर उसके गले से लग जाता है
"कृति आई कांट लिव विदाउट यू माय लव,, मैं तुम्हारे पैसों से नही तुमसे प्यार करता हूं।"
"आई नो मेरी जान ,, इसलिए मैं सबकुछ छोड़कर आ गई हूं तुम्हारे पास तुम्हारे साथ रहने।"

रिहान उन दोनों की बात सुनकर समझ गया था इसलिए वह उन दोनों को अकेला छोड़ कर बाहर चला गया ।

"सच कृति? मैं पूरी कोशिश करूंगा कि तुम्हे एक बेहतर जिंदगी दूं।" भव्य कहता है।
"तुम्हारे साथ मेरी जिंदगी बेहतर ही होगी।" कृति कहती है।
"चलो शादी कर लेते है" भव्य कहता है।कृति उसे कहती है, "हम लिव इन में रहेंगे पापा मम्मी की मर्जी के और आशीर्वाद के बिना में शादी नही करूंगी । मैं जानती हु भव्य वो मान जायेंगे बहुत प्यार करते है मुझसे।"
भव्य को ये सुनकर अच्छा तो नही लगता पर वह तो बस कृति के साथ रहना चाहता था इसलिए मान गया।

रिहान उन दोनों के लिए कोल्ड्रिंक्स लेकर आता है ।
"रिहान अब हम दोनों,,,,"
" जानता हूं अब तुम दोनों साथ रहोगे।" मैं अकेला हो जाऊंगा यार" रिहान मायूस होते हुए कहता है पर अगले ही पल खुश होते हुए कहता है , "पर मैं तुम दोनों के लिए बहुत खुश हूं"
"रिहान तुम चाहो तो साथ रह सकते हो।" कृति कहती है।
"नहीं यार मुझे कोई और रूम मेट मिल जायेगा तुम अपना बंदोबस्त करो" रिहान कहता है।
दोनों उसी पीजी में एक नया फ्लैट ले लेते है। और साथ रहने लगते है।

इधर रोहन को किसी भी कीमत में अपनी इज्जत पर आंच न आए वो चिंता सताने लगती है और वो भव्य और कृति के बीच दरार पैदा करने की कोशिश करता है ।

वो भव्य की जिंदगी में परेशानी लाने के लिए एक लड़की को भेजता है लेकिन भव्य कृति के साथ धोखा नहीं करता । और उस लड़की से वह दूर रहता है । लड़की बहुत कोशिश करती है पर भव्य को रिझा ही नही पाती । रोहन को इस बात से बहुत गुस्सा आने लगता है। परंतु वह उस लड़की को एक लास्ट मौका देकर कहता है कि कुछ नही तो नशा करवा कर उसके साथ कुछ आपत्तिजनक पिक्स लेकर मुझे दो।

वह लड़की उसी के होटल में रुकने जाती है जहां भव्य नौकरी करता है और भव्य से माफी मांगने का नाटक करती है। और उसे अपने साथ कंफर्टेबल करके ड्रिंक ऑफर करती है । भव्य मना कर देता है । लेकिन वो लड़की उसे बहुत फोर्स करने के बाद जूस पीने को कहती है । भव्य जूस पीने के लिए तैयार हो जाता है । जूस पीने के बाद उसे जैसे ही चक्कर आने लगते है वह रूम से बाहर जाने को उठता है पर गिरने लगता है उस वक्त वो लड़की उसे संभालती है । उनके इस तरह के पिक्स कोई खीच लेता है और वो रोहन को भेज दिए जाते है। जब भव्य को होश आता है उसे वो लड़की रोते हुए नजर आती है भव्य को लगता है शायद उससे कोई गलती हो गई लेकिन उसे एहसास होता है कि अगर नशे में भी उसने कुछ किया होता तो उसे महसूस तो होता ही।
वह तुरंत कमरे से बाहर निकलता है। और अपने घर जाता है। घर जाकर वह पहले ही कृति को सब बता देता है। कृति पहले तो नाराज़ होती है लेकिन वह भव्य पर यकीन कर लेती है । जब रोहन उसे पिक्स दिखाते है तो वो कहती है
"पापा आप इतना नीचे गिर जायेंगे मुझे भव्य से अलग करने के लिए मैने सोचा नहीं था। " कृति ने कहा ।
रोहन की कुछ समझ नही आता वो चिढ़कर कहता है" तू अंधी हो चुकी है उसके प्यार में तेरे सामने सबूत है फिर भी तू मान नहीं रही। "
"पापा आप चले जाइए यहां से" कृति कठोरता से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाती है । रोहन हारा हुआ सा महसूस करता है ।

उसके मन में भव्य के लिए और भी ज्यादा नफरत पैदा हो जाती है।

परंतु इधर वो फोटोग्राफ्स देखकर कृति के दिल में शक पैदा हो जाता है। वह बहुत परेशान रहने लगती है । रोहन कृति के बचपन के दोस्त माहिर ओबेरॉय को जो कि कृति से बेहद प्यार करता था कृति और भव्य को दूर करने के लिए कहता है ।

माहिर कृति से मिलता है।
कृति उसे देख कर बहुत खुश होती है । कृति और माहिर अपने स्कूल के दिनों को याद करते है और फिर माहिर कृति से उसकी पर्सनल लाइफ और भव्य के साथ उसका सब कैसा चल रहा इस बारे में चर्चा करता है।
"कृति कुछ पुछू तुमसे?"
"हां?"
"तुम खुश हो?"
कृति थोड़ा मायूस हो जाती है।
"बोलो कृति" माहिर फिर कहता है।
"यार माहिर , मैं जब आई तब खुश थी अभी साथ रहते रहते ६ महीने हो गए है मुझे पता नही क्यों अब अपना घर पापा मम्मी की याद आती है। मेरे फ्रेंड्स , मेरी लाइफस्टाइल ,मेरी पार्टीज, भव्य कमाने में लगा रहता है । शायद वो एक्स्ट्रा समय मेरे लिए देता ताकि मुझे अच्छी जिंदगी दे सके लेकिन फिर भी वो पापा की तो बराबरी नहीं कर पाएगा। सारी जिंदगी में ऐसे नही रह सकती यार । मुझे लग रहा मुझसे गलती हो गई है। "

"तो अब भी कहां देर हुई है? छोड़ दो उसे" माहिर कहता है।
"इस तरह मैं कैसे छोड़ दू वो एक मौका भी नहीं देता कि मैं उससे नाराज़ हो जाऊ या लड़ाई करू।" कृति कहती है।

"तू प्यार नही करती उससे?" माहिर पूछता है।
"करती हूं,, पर कुछ समझ नही पा रही यार" कृति कहती है।
"अच्छा चल छोड़ ये सब बातें मूवी देखने चलेगी मेरे साथ?" माहिर पूछता है ।
वो दोनों पूरा दिन शॉपिंग करते है । मूवी देखते है। डिनर करते हुई कृति घर आती है।
उसे आने में लेट होता है।
"कहां गई थी कृति?" भव्य पूछता है।
"वो मैं,, वो माहिर के साथ थोड़ा घूमने गई थी।"कृति कहती है।
"माहिर? वो तुम्हारा बचपन का दोस्त?" भव्य पूछता है ।
"हां ,, और देखो उसने मुझे कितनी शॉपिंग कराई मैने उसे कितना मना किया पर वो नहीं माना ।"
"अच्छा" भव्य को यह सब अच्छा नही लग रहा था वह कृति की खुशी देख पा रहा था । लेकिन उसे बुरा लग रहा था कि वो ये सब नहीं कर सकता । इसलिए कृति के सामने वह चुप रह जाता है ।

अब कृति लगभग ज्यादातर समय माहिर के साथ बिताने लगी। भव्य और उसका इस बात को लेकर झगड़ा भी हुआ । पर कृति उसके बाद से बिना उसे बताए माहिर के साथ घूमने लगी ।
भव्य को एहसास हुआ कि कृति उस से कुछ छुपा रही है । इसलिए उसने उसके पीछे एक जासूस लगा दिया।

जासूस ने जासूसी कर के भव्य को बताया कि वह माहिर के साथ घूमती है। उसके फोटो भी लाकर दिए उसके साथ । भव्य अंदर तक टूट गया । वह बहुत रोया ।
मेरा प्यार हार गया कृति और पैसा जीत गया वो ये सोचता हुआ रोने लगा ।

उस दिन उसने बहुत शराब पी और कृति को न जाने क्या क्या कह गया नशे में कृति उस रात बहुत रोई अगले दिन माहिर के साथ घूमने गई तब भी वह रोने लगी माहिर उसे चुप कराने उसके करीब आया और उसे बाहों में भर लिया उसने उसे किस की कृति बहुत टूटा हुआ सा महसूस कर रही थी उसे माहिर का स्पर्श अच्छा लग रहा था । माहिर को कृति की स्वीकृति मिलने पर वह उसे होटल के रूम में ले गया । और वहां दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे। लेकिन कुछ देर के बाद कृति को एहसास हुआ की यह गलत है । वह इस तरह भव्य को धोखा नहीं दे सकती। वह तुरंत होटल से बाहर आ जाती है । माहिर उसे आवाज लगाता रह जाता है । माहिर को एहसास होता है कि उससे कितनी बड़ी गलती हो गई । वो उसके बचपन की दोस्त है और उसे कृति को समझना चाहिए । वह पछताने लगा।

एक जासूस उनके पीछे लगा था ये सारे फोटोग्राफ्स उसने भव्य को दिखाए । भव्य ने उसे जासूसी करने का मना करके उसे उसकी पेमेंट कर दी।
वो फोटोज को वो कमरे में टेबल पर रखकर सोफे पर बैठा था। तभी कृति आई । भव्य की हालत बहुत खराब थी वह बहुत रोया था आंखे लाल थी चेहरा आंसुओ से भरा। कृति ये सब देखकर बहुत तनाव में आ गई ।
धीमे कदमों से जब वो टेबल के पास आई उसने वो सारे फोटोग्राफ्स देखे।

"भव्य?" उसने धीमे से भव्य को आवाज लगाई।
"कृति क्या मैने जबरदस्ती की थी तुम्हारे साथ की तुम मेरे पास आओ ?"
"नहीं"
"तो फिर तुमने ऐसा क्यों किया, तुम खुश नही थी तो चली जाती वापिस ये धोखा क्यों?"
"भव्य ये सब गलती से हो गया । मैं कल की बात से परेशान थी प्लीज मेरा और माहिर का ऐसा कोई सीन नहीं है ।"
"बस करो कृति ,, जाओ यहां से" गुस्से में भव्य ने टेबल को लात मारते हुए कहा। कृति डर गई लेकिन उसने कहा
भव्य तुम्हारे भी ऐसे फोटोग्राफ मेरे पास आए थे बट आई ट्रस्ट यू।"
"मैं तुम्हारे बाप के जाल में फंसा था। तुमने अपनी मर्जी से किया जो किया फर्क है कृति । तुम जाओ अपनी दुनिया में"
कृति नही जाती दोनों अलग अलग कमरे में सोते है।
अगले दिन सुबह भव्य एक खत लिखकर जाता है कृति को हमेशा के लिए छोड़कर चला जाता है।
"प्यारी, कृति
मैने तुमसे बेइंतहा मुहब्बत की। सबकुछ जो कर रहा था तुम्हारे लिए ताकि तुम्हे ठीक वैसा रख सकूं जैसा तुम्हारे पापा ने रखा था लेकिन मै और मेरा प्यार हार गया । तुम मेरे साथ खुश नहीं हो इस बात की मुझे ज्यादा तकलीफ है बाकी कोई बात मेरे दिल में नही है। माहिर के साथ जो हुआ उसके लिए भी मैं तुम्हे माफ कर चुका हूं पर तुम खुश नही हो ये बात मुझे तकलीफ दे रही है । मै हमेशा के लिए तुमसे दूर जा रहा हूं तुम खुश रहना । और एक बात याद रखना । आई लव यू सो मच"
तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा
भव्य

कृति खत पढ़कर रोने लगी । अनवरत आंसुओ की धारा बहने लगी । वो सबकुछ खो चुकी थी । वो माहिर से मिलकर उसे सब बताती है तो माहिर उसे माफी मांग कर उसके पापा की सच्चाई बताता है ।
कृति अपने पापा से मिलकर उन्हें काफी सुनाती है। और वो भी शहर छोड़कर चली जाती है ।

5 साल बाद ,,,
अचानक दिल्ली एयरपोर्ट पर ,,,
"कृति"
"भव्य,, तुम?"
"कैसी हो?"
"बस ठीक हूं तुम बताओ"
"मैं भी ठीक ही हूं"
"क्या चल रहा है अभी?"
"मैं एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन हूं लाइक योर फादर एंड यू?"
"मैं एक एनजीओ चलाती हूं"
"क्यों पापा का बिजनेस नहीं संभालती तुम?"
"मैं उनके साथ नहीं रहती "
भव्य शॉक्ड हो जाता है।
"तो किसके साथ रहती हो? माहिर?"
"अकेले,, तुम्हारे जानें के बाद मैने भी वो शहर छोड़ दिया फिर यहां आ गई एक एनजीओ में पहले नौकरी की फिर उसी में रच बस गई और अब वो एनजीओ मेरा ही है । हां इसके लिए मुझे मेरे अकाउंट से पैसे निकलवाने पड़े। पर अच्छे काम में लग रहे थे इसलिए ,,,।" हल्के से मुस्कुराते हुए वह कहती है।
"ग्रेट" भव्य इतना ही कह पाता है।
" और तुम ? शादी कर ली तुमने?"
" नहीं तुम्हे भुला नहीं पाया कृति,, आई एम सॉरी मैं इस तरह चला आया पर मुझे लगा तुम खुश नहीं हो मेरे साथ। " भव्य शर्मिंदगी महसूस कर रहा था।
"भुला ना पाए तो आए क्यों नही वापिस?"
"हिम्मत नही बची थी यार"
"शादी करोगे मुझसे?"
भव्य आश्चर्य से कृति की और देखता है।
"तुम नाराज़ नहीं हो मुझसे?"
"हूं ,, उसकी ही सजा है ये " वो मुस्कुराते हुए कहती है।
भव्य उसे गले से लगा लेता है । दोनों उसी दिन मंदिर में जाकर शादी कर लेते है ।

और खुशी खुशी साथ रहने लगते है ।

दोस्तों रिश्तों में उतार चढाव और गलतफेमिया तो बहुत आती है । लेकिन क्या सही है क्या गलत इसका चुनाव हमको करना चाहिए और सामने वाले को एक मौका देना चाहिए । ऐसा मेरा मानना है । आप लोगो की क्या राय है?"


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