रास्ते में भिड़ बड़ी लगी हुई थी, ट्रैफिक जाम था ,और सब रास्ता खुल ने की राह में ऑफिस जाने के लिए राह देख रहे थे।
तभी पुलिस वाले सबको साइड में करने लगे ,और रास्ते एकदम साफ,धूल मिट्टी रोज जैसी नही थी,पहरा एकदम सख्त बनाए हुए सैनिक।
हजारों लोगो को रोक के रखा था ,सब परेशान खड़े है,उसमे बीच में में भी!!पीछे लगातार एंबुलेंस 🚑 बार बार हॉर्न बजा रही है लेकिन आगे जाने का रास्ता ही नही।सब जगह से रास्ते बंद थे,कोई वैकल्पिक रास्ता खुला नही था।
एम्बुलेंस से बार बार आवाज आने के बाद भी रास्ता बंद था।।ना ट्रैफिक हट रहा था ना रास्ते खोले जा रहे थे ।
एम्बुलेंस में एक आदमी उतरा आंखो में आंसू के साथ और लोगो को रास्ते देने के लिए समझा रहा था,लोग वो आदमी को सहयोग देने लगे ,रास्ता एम्बुलेंस के लिए वहा तक धीरे धीरे खोला गया , जहा तक नागरिक ट्रैफिक में खड़े थे।
लेकिन सिर्फ एक रास्ता खुला था जहां से देश के प्रधान की गाड़ी आने वाली थी,वो आदमी पुलिस वालो को बिनती कर रहा था की अस्पताल नही पहुंचाया गया तो उसकी बीवी की मौत हो सकती है,पुलिस वाला ने आदमी को कहा की देखो अगर मैने एंबुलेंस जाने दी यही रास्ते से तो मेरी नौकरी चली जायेगी। उपर से आदेश है की किसी को ये रास्ते से न जाने दे जबतक प्रधान की गाड़ी यहां से निकल ना जाए।
भाई में मजबूर हूं मुझे माफ करना!! अफसोस के साथ पुलिसवाले के मुंह से निकल गया। ३० मिनट से भी ज्यादा वो एंबुलेंस में वो आदमी की पत्नी बहुत ही ज्यादा नाजुक स्थिति में थी। वो आदमी पागल हुआ जा रहा था ,सब उसको देख रहे थे कोई मदद करने नही जा रहा था बस अफसोस व्यक्त कर रहे थे।
मुझसे वो देखा नही गया,आदमी का रोना और किसी की जान का खोना,दोनो तकलीफ ज्यादा देता है।मेने पुलिस वाले से बात करी की बस एक ही तो एंबुलेंस जाने देनी है भाई,अगर कुछ हुआ तो में उसका जिम्मेदार बनूंगा आपको नौकरी से नही निकलने दूंगा।।कानूनी कार्यवाही भी में खुद जाऊंगा आपको बस किसी की जान बचाने का पुण्य मिलेगा।बहुत आनाकानी के बाद वो पुलिस वाला डरते डरते एंबुलेंस जाने देने के लिए तैयार हुआ,जब एंबुलेंस जा रही थी वो आदमी की आंखे मेरी तरफ थी बहुत दुआ के साथ।देख के बहुत सुकून मिला मुझे।
आंखो में आंसू और एक तरफ पत्नी को समय पर इलाज हो जायेगा उसकी खुशी भी।
•क्या हमारे देश में किसी के जीवन से भी ज्यादा हमारा देश का प्रधान है????
•क्या सामान्य नागरिक के जीवन का कोई मूल्य नहीं है?
•क्या हमारा राजा ऐसा होना चाहिए?
जिस राजा से प्रजा को दुख मिले वो राजा कैसे राजा कहलाएगा? कैसे प्रजा के दुखो का हल निकलेगा जब की वो खुद दुख दे रहा है?
राजा, राजा विक्रमादित्य जैसा होना चाहिए,राजा छत्रपति शिवाजी जैसा होना चाहिए,राजा महाराणा प्रताप जैसा होना चाहिए,
राजा भगवान राम जैसा होना चाहिए!
राजा वो होता है जो प्रजा की बात सुने ,राजा वो नही की गलत काम पे उंगली उठाए प्रजा और सामने प्रश्न करे तो राजा उसको बंदी बनाले ।
हमारे देश में प्रजा का मूल्य राजा से कम क्यू है?लोकशाही होते हुए भी हम गुलाम क्यू है?।।।।।।।।।।।