Chapter -15
(बारिश और नजदीकियां )
तीनों लड़कियां खाने के बाद बाते करते हुए आगे बढ़ गई । ऋषि भी उनके पीछे जानें लगा तो मोहित ने उसका हाथ पकड़ रोकते हुए कहा " तुझे थोड़ा अजीब नहीं लगा "।
"क्या अजीब लगना था"
" सना का अर्जुन की सेक्रेट्री बनना "
"अजीब क्यों लगेगा । ये तो अच्छी बात है " ऋषि की बातों पर फ्रस्टेड होकर मोहित ने कहा " मैने एक मैगजीन में पढ़ा था। अर्जुन को लड़कियां पसंद नहीं, वो उनसे दूर ही रहना पसंद करता है अगर ये सच है तो उसने सना को कैसे अपनी सेक्रेट्री बनने दिया" ।
"ओ अब समझा तुझे जलन हो रही है । जब इतना सोंचता है उसके बारे में तो उसे परपोज क्यों नहीं करता " ऋषि अपनी बात कह कर आगे बढ़ गया पर मोहित वहीं खड़ा सोंचता रहा ।
सना लंच के बाद टॉप फ्लोर पर तो आ गई थी । पर उसे अर्जुन के कैबिन में जानें से डर लग रहा था। वो अर्जुन के कैबिन के बाहर कॉरिडोर में हाथों को मसलते हुए इधर से उधर चक्कर काटते हुए टहल रही थी।
तो वहीं एक शक्श अपने दोनों हाथ बांधे अपनी क्यूट आंखो से उसे देख रहा था। । जब काफ़ी देर तक सना ने अपनी नजरे उपर नहीं की तो उस शक्श ने कहा " तुम अंदर क्यों नहीं आ रही हों" आवाज सुन कर सना ने अपनी झुकी पलकों को उपर उठाया । सामने अर्जुन खड़ा उसे ही देख रहा था ।
सना ने अर्जुन से नज़रे मिलते ही कहा " हम आ ही रहे थे " अपनी बात कह कर सना धीमे कदमों से चल कर अंदर गई। उसने देखा अर्जुन की टेबल पर एक न्यू लैपटॉप था । सना समझ गई अर्जुन को अपने लैपटॉप के टूटने के बारे में पता चल गया है । पर उन्होंने हमे अभी तक कुछ कहा क्यों नहीं " सना ने सोंचते हुए खुद से ही कहा । अर्जुन अपनी चेयर पर जा कर बैठ गया । अर्जुन लैपटॉप पर अपनी उंगलियां चलाने लगा ।
हमने जान बुझ कर आपका लैपटॉप नहीं तोड़ा वो गलती से टूट गया " सना ने डरते हुए कहा । भुल जाओ ये सब और काम करों । अर्जुन को फॉलो करते हुए सना ने कुछ नहीं कहा और आगे बढ़ गई । तभी अर्जुन ने फिर से कहा " मेरे कैबिन के बराबर वाला कैबिन तुम्हारा है तुम वहां बैठ कर अपना काम कर सकती हों " । सना ने ओके कहा और चली गई। अपने कैबिन में पहुंच कर सना ने देखा वो कैबिन भी काफ़ी बड़ा और पॉश था सना चेयर पर बैठते हुए बोली " अब हम आराम से काम करेंगे यहां , अर्जुन सर के सामने बैठ कर काम करने में हमे तो डर लगता है "।
अर्जुन ने अपनी जेब से रिमोट निकाल कर एक बटन प्रेस किया। जो ग्लास वॉल ब्लैक कॉलर की थी अब वो विजिबल हो गई थी। अर्जुन अब सना को देख सकता था वो कैबिन में बैठे हुए ही सना को देख पा रहा था । सना को काम में पुरी तरह डूब चुकी थी उसे इस तरह मन लगा कर काम करते देख कर अर्जुन ने कहा " एंबिशियस गर्ल " और मुस्कुराते हुए भी अपना काम करने लगा ।
सना ने जब डेस्क पर रखी फाइलों को कंप्लीट कर टाईम देखा तो छः बज रहे थे । "ऑफिस आर्स तो खत्म हो गए । अर्जुन सर को ये फाईल दें दे फिर घर चले जाएंगे " कहते हुए सना ने फाईल को उठाया और अपने कैबिन से निकल कर अर्जुन के कैबिन में आ गई । अर्जुन अभी भी लैपटॉप पर काम कर रहा था । सना ने जब डोर पर नॉक किया तो अर्जुन ने उसे अंदर आने की परमिशन दी । सना ने अर्जुन की टेबल पर फाईल रखते हुए कहा " सर ये फाईल्स कंप्लीट हो गई, क्या हम घर जा सकते है "।
अर्जुन ने लैपटॉप से नज़रे हटाई और सना को देखने लगा। अर्जुन ने टाईम देखा और कहा " ठीक है तुम जाओ "।
एक दुसरे को बाय बोलकर सब चले गए । मोहित ने बाईक सना के सामने रोक कर कहा " चल तुझे में घर छोर देता हुं " ।
"तुम हमे घर छोड़ोगे"
"हां , यहीं तो कहा मैने । तुने कुछ ओर सुना क्या "? मोहित ने कहा।
"तुम्हारा घर हमारे घर के अपोजिट डायरेक्शन में है"
"तो क्या हुआ ? मैं छोड़ दुंगा ना"।
"हम चले जाएंगे "
"अच्छा घर तक नहीं ऑटो स्टैंड तक तो छोड़ ही सकता हूं ना तुझे " मोहित की बात मान कर सना उसकी बाईक पर बैठ गई । ।
सना के जानें के बाद अर्जुन फिर से काम में डूब गया था।
सना का घर ,
"तो कैसा रहा आपका पहला दिन ऑफिस में" अहद के पुछने पर सना सोँचने लगीं । "सच बता नहीं सकते झूठ बोल हम बोलेंगे नहीं । कहां फंस गई सना "
"आपा घर में इतना तोड़ फोड़ करती है पक्का ऑफिस में भी तोड़ फोड़ किया होगा "आरिफ ने सना को चिढ़ाते हुए कहां। "हम छोड़ेंगे नहीं तुम्हें आरिफ । कहां भाग रहे हों रुको अभी बताते है हम तुम्हें " आरिफ के पीछे भागते हुए सना ने कहा ।
उन दोनों को फिर से लड़ते झगड़ते देख कर अहद हंसने लगे । तभी जन्नत ने अहद को कुछ देते हुए कहा " ये आपका है "
अहद ने जन्नत के हाथ से उस छोटी सी पेनड्राइव को लेकर देखते हुए कहा " ये हमारा तो नहीं लग रहा । तुमने सना से पूछा " । "हां , पुछा था ये सना का भी नहीं है " अहद उस पेनड्राइव को देख कर सोंचने लगा और कुछ सोंचते हुए कहा " तुम्हें ये मिला कहां से "।
"जब हम कपड़े धोने के लिए डाल रहे थे तभी ये मिला हमे " जन्नत ने कहा । अहद को जैसे कुछ याद आया और उसने कहा " हां ये हमारा ही है " अपनी बात कह कर अहद अपने रूम आया और कॉबर्ड के ड्रॉ में पेनड्राइव को रखते हुए खुद से कहा " उस आदमी ने ये हमे क्यों दिया उसने ये कब किया होगा " । कहते हुए वो फिर से सोंचने लगा । तभी उसे याद आया वो आदमी उससे गले मिला था । "शायद तभी उसने ये पेनड्राइव हमारी पॉकेट में रखी होगी । तभी वो हमसे कह रहा था । वो हमसे मिलने आयेगा "।
इधर सना अहद के पीछे भागते हुए गार्डन में आ गई थी । सना हांफते हुए बैंच पर बैठ गईं । सना के बगल बैठते हुए आरिफ बोला " देखा बचा लिया ना आपको अब्बू से " ।
सना ने अपने हाथ में पकड़ी चॉकलेट को आरिफ की तरफ बढ़ाते हुए कहा " ये हमारी मदद करने के लिए"। "हां , आपा आप हमे रिसवत दे रही हैं, पापा ने कहा है न रिसवत लेना बुड़ी बात "
"खत्म करो अपनी नौटंकी और लो इसे वरना खां जाएंगे हम "
"अब आप इतनी जिद कर रही है तो ले ही लेता हुं " आरिफ ने सना के हाथ से चॉकलेट लेते हुए कहा ।
"क्या तुम्हें एक्टर बनना है "
"नहीं , मैं तो एक डॉक्टर बनना चाहता हुं "
"तो फिर ये इतनी नौटंकी क्यों करते हो " सना ने कहा
आपा आप मुझे ऐसे डांट नहीं सकती । आपको हर बार मैं ही बचाता हुं जब आप फंसती है तो " आरिफ ने मुंह बनाते हुए कहा ।
"हां तो भाई तुम हमारे हो , हमारी मदद करना तुम्हारा फर्ज है " सना ने आरिफ के गाल खींचते हुए कहा ।
"आह दर्द हो रहा आपा छोड़ो हमे । आप भी कभी बड़े होने का फर्ज निभाइए और अब्बू से कह कर हमे वीडियो गेम खेलने को परमिशन दिलाइए " ।
"सॉरी वो तो हम नहीं करेंगे "
"अत्याचारी आपा " आरिफ ने मुंह बनाते हुए कहा । आरिफ अपनी बात कह कर चॉकलेट खाने लगा ।
सना ने चॉकलेट के कुछ पिस तोड़ते हुए कहा " हमे भी दो थोड़ा " ।
"बच्चो पर अत्याचार भी करती है और उनकी चीजे छीन कर भी खाती है" आरिफ ने ये धीरे से कहा था पर सना ने उसे बड़बड़ाते हुए सुन लिया । "कुछ कहा तुमने " सना ने पुछा ।
"नहीं "
"मैं तो बस ये कह रहा था आप और लेंगी "
"नहीं तुम खाओ " सना ने कहा और दोनों बैंच पर बैठे चॉकलेट खाने लगे । इस बात से अंजान की दो आंखें उन दोनों को काफ़ी देर से देख रही है । दोनों भाई बहन अपनी मस्ती में लगे थे । अर्जुन अपनी कार में बैठा उन दोनों भाई बहन को मस्ती करते हुए देख रहा था। अर्जुन के होठों पर छोटी सी मुस्कान थी। उसकी आंखे सना के चेहरे पर ही थी उसे इतना खुश देख कर शौर्य को एक सुकून मिल रहा था।
रात के दस बज रहे थे और दोनों भाई बहन गार्डन में बैठे चॉकलेट खा रहे थे। आरिफ ने तेज हवा को फिल करते हुए कहा " लगता है आपा बारिश होने वाली है " । "अगर आज बारिश आई ना आरिफ तो कल हम दो चॉकलेट लाकर देंगे तुम्हें" । सना ने ये कहा ही था के तभी एक बूंद उसके गाल पर आकर गिरी सना ने अपनी आंखे बन्द की और मुस्कुराने लगीं । अर्जुन कार में बैठा सना की हर हरकत को देख रहा था।
आरिफ ने उठते हुए कहा " चलो आपा बारिश आ गई "।
सना ने कहा " तुम्हें पता है ना हमे बारिश कितनी पसंद हैं हम नहीं आ रहे तुम जाओ "
"हम जा रहे है और अम्मी से जा कर आपकी शिकायत करेंगे " आरिफ अपनी बात बोल कर अंदर चला गया।
सना बैंच से उठी और दोनों हाथ फैलाते हुए बारिश में भीगने लगीं । सना ने बेबी पिंक कॉलर का सूट पहना था बारिश में भीगने की वजह से सना के कपड़े उसकी स्किन से चिपक गए थे । जिसके वजह से उसका परफैक्ट फिगर शो रहा था। उसके लंबे बाल भी उसकी स्किन और बदन से चिपके हुए थे । बारिश की ठंडी बुंदो ने सना की गोरी रंगत को हल्का गुलाबी कर दिया था।
अर्जुन बिना पलके झपकाए सना को देख रहा था उसका जी चाह रहा था वो अभी सना के पास जाए और उसे हग कर ले । अर्जुन का अपनी फीलिंग्स पर अच्छा कंट्रोल था । पर आज उसके चेहरे को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वो अंदर ही अंदर खुद से लग रहा हों । अर्जुन ने अपना हाथ जोड़ से स्टेयरिंग पर मारा और अपनी लाल हो गई आंखों से सना को देखने लगा ।
अर्जुन बहुत मुश्किल से खुदको कंट्रोल कर पा रहा था खुद को काबू करने से उसके जिस्म में गर्मी बढ़ती जा रही थी। जिसकी झलक उसकी लाल आंखों में दिख रही थी। अर्जुन ने स्टेयरिंग पर हाथ रख उसे जोड़ से पकड़ लिया । उसकी आंखे कंटीनुअस्ली सना पर ही थी। सना जिसे अंदाजा भी नहीं था उसकी हर हरकत किसी की बैचैनियो को बढ़ा रही हैं । वो मस्त बे फिक्र भीग रही थी। बारिश की बूंदे जब उसके चेहरे से होकर उसके होठों पर ठहरती तो अर्जुन को उन्हें देख कर अपने होठों पर जलन महसूस होती ।
तभी एक आवाज़ ने दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा । सना की मां आवाज़ सना को देते हुए लॉन में आई । सना ने अपनी अम्मी को देखा और दोनों हाथों से अपने कान पकड़ते हुए क्यूट सा फेस बना कर सॉरी कहा ।
सना के ऐसे एक्सप्रेशन देख कर अर्जुन एक बार फिर मुस्कुरा दिया । सना अंदर चली गई । जैसे ही जन्नत अंदर जाने के लिए मुड़ी तो उसकी तिरछी नज़रे उस ब्लैक कार पर गई जो उनके घर से कुछ दूरी पर खड़ी थीं। कार की विंडो का ब्लैक ग्लास होने की वजह से जन्नत को कार में बैठा शक्श नहीं दिखा पर अर्जुन ने जन्नत को अपनी कार की तरफ देखते हुए देख लिया । अर्जुन ने बिना एक सेकंड की देरी किए कार स्टार्ट कर चला गया। जन्नत ने उस ब्लैक कार को जाते हुए देख कर कहा " किसकी कार थी वो, कोन था उस कार में और ये हमारे घर के बाहर क्यों थी । जन्नत अपने मन में सारे सवाल लिए अंदर चली गई।
अर्जुन कार ड्राइव कर काफी दूर आ गया था पर अभी भी सना का चेहरा उसकी आंखो के सामने से हट नहीं रहा था । अर्जुन ने एक दम से ब्रेक लगाया तो कार की फ्रिक्शन की आवाज़ बारिश की आवाज़ में घुल गई । ब्रेक लगाते ही अर्जुन ने अपनी आंखे बन्द कर ली थी । सड़क पूरी सुनसान थी सड़क के दोनों तरफ जंगल था और तेज़ बारिश की आवाज़ अर्जुन के कानों में जा रही थी।
अर्जुन ने अपनी आंखे खोली और सामने देखा । उसके जिस्म की गर्मी जो फिर से बढ़ गई थी। वो कार से बाहर आया और कार की बोनट से टिक कर खड़ा हो गया। "हमे बारिश बहुत पसंद है " ये आवाज अर्जुन के कानों में गूंज रही थी । अर्जुन ने अपने हाथ फैलाए और बारिश में भीगने लगा ।
उसकी आंखे बन्द थी चहरा ऊपर की ओर था। वो बन्द आंखो से सना के होने के एहसास को फिल कर रहा था। अर्जुन ने अपनी आंखे खोली और सामने देखा । जहां सना सड़क के बीचों बिच दोनों हाथ फैलाए भीग रही थी।
अर्जुन के कदम उसकी ओर बढ़ गए । अर्जुन सना के पास जा कर उसे देखने लगा । तभी सना ने अर्जुन को देखा और अपनी भौंहे उचका कर सवाल किया ।
अर्जुन ने अपना एक हाथ सना की गर्दन में डाला और उसे अपने क़रीब कर लिया । अर्जुन की नज़रे सना के होठों पर थी जो बारिश में भीगने से हल्के गुलाबी हो गए थे और कांप रहे थे। बारिश की बूंदे जो उसके होठों पर ठहरी हुई थी वो उनसे अपनी प्यास बुझाना चाहता था।
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उस आदमी ने क्यों अहद को वो पेनड्राइव दी थी?
क्या जन्नत अब सना पर शक करेगी ? क्या मोहित अर्जुन के इरादों को समझ जायेगा?
To be continued...
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " heartless demon Angel " और बने रहिए कहानी पर।।
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See you in the next chapter till then take care...
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