सरोगेट मदर - 3 (अंतिम भाग) S Sinha द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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सरोगेट मदर - 3 (अंतिम भाग)

  

                                                               सरोगेट मदर 

Last Part - 3


नोट - अभी तक आपने पढ़ा कि गंगा को सरोगेट बेबी को लेकर अपना घर छोड़ कर एक क्लिनिक में शरण लेना पड़ा , अब आगे इस अंतिम भाग में पढ़ें  … 


“ थैंक यू डॉक्टर , तब तक मैं कुछ इंतजाम कर लूंगी   . “  गंगा ने कहा 


दूसरे दिन डॉक्टर ने गंगा से कहा “ सॉरी गंगा , मैनेजमेंट के पास फिलहाल तुम्हारे लायक कोई नौकरी नहीं है   . जब तक मेरी मेड नहीं आती है तुम मेरे ही घर का काम कर दिया करो   . तब तक सब मिल कर कोई समाधान निकालने का प्रयास करते रहेंगे   . “ 


गंगा उस डॉक्टर यहाँ रुकी   . डॉक्टर ने पूछा “ बेबी  का कोई नाम रखा है या नहीं ? “ 


“ नहीं मैडम , इस तरफ सोचने का मौका ही नहीं मिला है   . आप ही कोई नाम रख दें   . “ 


डॉक्टर ने कुछ सोच कर कहा “ मेरे विचार से मोनिका नाम ठीक रहेगा   . लड़कियों के लिए यह नाम भारत और विदेश में भी कॉमन है   . क्यों तुम्हारा क्या कहना है ? “


“ आपने ठीक सोचा है , बहुत अच्छा नाम है  . आज से इसका नाम मोनिका होगा   . “


 गंगा को डॉक्टर मैडम के यहाँ आये एक सप्ताह  हुआ था  . क्लिनिक से लौट कर डॉक्टर ने गंगा से कहा “ यहाँ तुम्हारे लायक कोई काम मिलना कठिन है  . मैनेजमेंट ने एक नया ब्रांच दूसरी जगह खोलने का फैसला किया है  . अगर तुम कहो तो तुम्हारी नौकरी के लिए बात करूँ ? “


“ नेकी और पूछ , मेरी तरफ से हाँ है  . “  गंगा ने खुश हो कर कहा 


 “ पर वह शहर एक सुदूर प्रान्त में है  . वह उत्तर पूर्व का एक शहर है जहाँ जाने के लिए लोग जल्दी तैयार नहीं होते हैं  .ठीक से  सोच लो  . “


“ मेरे लिए सोचने के लिए कुछ नहीं बचा है  . आखिर मुझे अपने और मोनिका के जीने के लिए कोई सहारा तो चाहिए , मोनिका के लिए मैं नर्क में भी जाने से नहीं डरती   . “ 


“ ठीक है , शुरू में एक दो सप्ताह के लिए मैं भी वहां के लोगों को ट्रेनिंग देने जाऊंगी  . वहां जाने में अभी कुछ दिन शेष हैं तब तक तुम यहीं की क्लिनिक में कुछ काम सीख लो  . मोनिका को वहीँ क्रेच में रख देना  .  “ 


“ जी मैम  . “ 


“ हाँ , एक बात और थॉमस ने काफी रुपये एडवांस में जमा करवा दिया था  . कुछ पैसे उन्हें लौटाने थे   .  मैनेजमेंट ने कहा है कि यह रकम तुम्हें दे दिया जाये  . मोनिका के पालन पोषण में काम आएगा  . “ 


“ आपलोग जैसा चाहें , वैसे कुछ पैसे मेरे पास भी हैं जिनसे कुछ दिनों तक हम दोनों का गुजारा हो जायेगा  . “ 


कुछ दिनों के बाद  डॉक्टर मैडम के साथ गंगा और मोनिका उत्तर पूर्व के शहर में गयीं   . डॉक्टर मैडम  दो सप्ताह  में लौट आयीं  . इस बीच उन्होंने गंगा को क्लिनिक का  काम सिखा  दिया था  . गंगा ने अपने लिए एक रूम का फ्लैट भी किराये पर ले लिया  . उसकी जिंदगी अब ख़ुशी से चलने लगी थी  . अभी गंगा को यहाँ आये करीब एक साल हुआ था कि अचानक उसे फर्टिलिटी क्लिनिक से डॉक्टर मैडम का फोन आया “ गंगा , तुम कैसी  हो ? और मोनिका अब बड़ी हो गई होगी  . उसने बोलना शुरू किया कि नहीं ? “


“ जी मैडम , हम दोनों आपकी कृपा से अच्छे हैं  . मोनिका  अब थोड़ा थोड़ा बोलने लगी है  . “


“ गुड , तुमसे  एक जरूरी बात करनी  है  . “


 “ यस मैम , बोलिये  . “ 


“ कल हमसे मिलने एक मिस्टर जॉन आये थे  . वे मिस्टर थॉमस के बड़े भाई हैं  . थॉमस के बच्चे के बारे में पूछ रहे थे  . अभी तक हमने उन्हें कुछ नहीं बताया है  . पर वे वहां के कोर्ट से लीगल उत्तराधिकारी का डॉक्यूमेंट ले कर आये हैं  . उन्हें बेबी के बारे में सब कुछ बताना पड़ेगा  . मैंने उनको एक दो दिन बाद बुलाया है  . फिर वे तुमसे मिलने जरूर जायेंगे  . “ 


यह सुन कर गंगा उदास हुई और कुछ देर खामोश रही  . तब डॉक्टर ने आगे कहा “ क्या बात है गंगा , लगता है तुम यह सं सुनकर उदास हो गयी  . “


“ मोनिका  को मैंने अपनी बेटी मान लिया है और मेरे जीवन का वही  एकमात्र उद्देश्य है  .उस से बिछड़ कर मुझे बहुत दुःख होगा हालांकि मैं जानती हूँ कानूनन उस पर मेरा हक़ नहीं है  .  मिस्टर जॉन ने मोनिका के बारे में और क्या कहा है , वे क्या चाहते हैं ? “   गंगा ने सिसकते हुए कहा 


“ यह तो जॉन ने मुझे नहीं बताया है  . उसने कहा है कि वह तुमसे और बेबी से मिलना चाहता है  . हम उसे रोक भी नहीं सकते हैं  . “


“ ठीक है मैम , आप जब चाहें उन्हें यहाँ भेज दें  . आखिर मोनिका के असली हक़दार वही हैं  . पर उनको घर पर ही मिलने को कहें , क्लिनिक में नहीं  . “


“ नो प्रॉब्लम  . मैं उसे बोल दूँगी  . “ 


चंद दिनों के बाद जॉन गंगा से मिलने पहुंचा  . उसने अपना परिचय दिया , गंगा ने उसका आदरपूर्वक स्वागत किया  . जॉन ने कहा “ मुझे उम्मीद है मेरे बारे में आपको डॉक्टर मैडम ने पहले से ही बता रखा है  . मैं थॉमस का बड़ा भाई हूँ  और देश के कानून के अनुसार मैं थॉमस के एसेट और लायबिलिटी दोनों का उत्तराधिकारी  हूँ   . “ 


“ मैं समझती हूँ , आप दूर से आये हैं  . चाहें तो हाथ मुंह धो लें , तब तक मैं आपके लिए कुछ लाती हूँ  . चाय या कॉफी आप क्या पसंद करेंगे ? “   गंगा बोली 


“ थैंक्स मैम , मैं होटल से फ्रेश हो कर आया हूँ  . मुझे कुछ भी नहीं चाहिए  . “ 


“ सर , ऐसा कैसे हो सकता है ? आप मेरे देश में अतिथि हैं और अतिथि को हमलोग भगवान् का दर्जा देते हैं  . “


जॉन ने हँस कर कहा “ थैंक्स , फिर आप मेरे लिए कॉफ़ी ला सकती हैं , अगर आपको कोई प्रॉब्लम नहीं है तब  . “ 


“ नो प्रॉब्लम , अभी आती हूँ  . “    बोल कर गंगा अंदर गयी  . किचेन में दूध गर्म करने के लिए रख दिया  . फिर वह मोनिका के रूम में गयी  .  उस समय मोनिका सो रही थी और उसके दूध पीने का टाइम था  .जैसे ही  वह उस पर झुकी आंसू की  कुछ बूँद मोनिका के गाल पर गिर पड़ीं  . मोनिका ने हँसते हुए आँखें खोली और गंगा की गोद में जाने के लिए बाहें फैला दिए  .  गोद में उठा कर गंगा उसे चूमने लगी  . फिर उसने मोनिका को दूध की बोतल दी और कॉफ़ी ले कर जॉन के पास ड्राइंग रूम में गयी  . कॉफ़ी टेबल पर रखते हुए बोली “ मैं अभी आयी  . “ 


कुछ मिनट बाद मोनिका को गोद में लिए आयी और जॉन के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी  और बोली “ यह मोनिका है , थॉमस की बेटी  . “ 


जॉन ने उठ कर उसे गोद में लिया और प्यार करने लगा  . वह बोला “ हाउ ब्यूटीफुल एंड सो क्यूट  . “ 


फिर उसने मोनिका को चेयर पर बैठाया और अपना बैग खोला  . बैग से उसने मोनिका  के लिए लाये उपहार दिए  , स्वीट्स , खिलौने और कपड़े आदि  . मोनिका ने एक बार्बी डॉल अपने हाथ में लिया  . वह कुछ पल उसके साथ खेली  फिर गंगा की गोद में जाने के लिए उसकी ओर अपने हाथ फैलाये   . जॉन बोला “ मोनिका मम्मा के पास जाएगी , कोई बात नहीं जाओ  .”  और उसने बेबी को गंगा को दे दिया 


कुछ देर तक  जॉन और गंगा इधर उधर की बातें करते रहे फिर जॉन बोला “ मैम , आप जानती होंगी कि मैं थॉमस का लीगल उत्तराधिकारी हूँ  .”     बोल कर उसने अपने बैग से अपने देश की कचहरी से मिले कुछ डॉक्यूमेंट गंगा को दिए   .  


गंगा ने उन पर एक नजर डाली और कहा “ हाँ , वह सब सही है  . मैं जानती हूँ , आप अपने भाई की बेटी को लेने आये हैं   .मोनिका मेरी अपनी बेटी नहीं है फिर भी मैंने इसे जी जान से पाला है  .इसके लिए मुझे कितने लोगों से मदद लेनी पड़ी है और आज  विषम स्थिति में इस दूर दराज शहर में पड़ी हूँ  .” 


“ मुझे डॉक्टर मैडम ने सब बताया है और मोनिका के प्रति आपके प्यार और पालन पोषण में कोई कमी नहीं दिख रही है  . मोनिका आपके पास बहुत खुश और सुरक्षित है  .” 


“ आप मोनिका को ले जा सकते हैं  . हम लोग  वकील से सलाह ले कर डॉक्यूमेंट बनवा लेते हैं फिर आप बेबी की परमानेंट कस्टडी ले सकते हैं  .” 


“ मैडम , मेरे यहाँ आने का हर किसी ने यही मतलब निकाला है कि मैं बेबी की कस्टडी लेने आया हूँ  . पर आप तक पहुँचने के पहले मैंने अपना सही मकसद किसी को नहीं बताया है  .”  जॉन ने हँसते हुए कहा 


गंगा आश्चर्यचकित हो कर उसकी तरफ देखने लगी फिर बोली “ आपके यहाँ आने का और क्या उद्देश्य हो सकता है ? इसमें  रहस्य की क्या बात है ? आप साफ साफ़ बताएं  .”


जॉन ने आगे बोलना शुरू किया “ मेरी भी उम्र काफी हो चुकी है और मैं विधुर हूँ  . मैं अकेले मोनिका के पालन पोषण की जिम्मेदारी लेने में सक्षम नहीं हूँ  . आप चिंता न करें बेबी आपकी ही कस्टडी में रहेगी  .आप  उसकी बायोलॉजिकल मदर तो नहीं बन सकती हैं पर आप मोनिका की लीगल मदर आप बनी  रहेंगी  .मैंने इस तरह का पेपर कोर्ट से बनवा लिया है  .”     बोल कर जॉन ने फाइल से एक पेपर निकाल  कर गंगा को दिया  और आगे कहा “ आप इसे पढ़ लें और साइन कर बेबी की माँ बनीं रह सकती हैं  .हाँ अगर यह आपको मंजूर नहीं है तब मुझे बेबी को अपने साथ ले जाना होगा  . बोलिये मंजूर है ? “


“  मंजूर न करने का प्रश्न ही नहीं है  .मोनिका की माँ बन कर मैं अपने को बहुत खुशनसीब समझूंगी  .”  बोल कर वह मोनिका को बार बार चूमने लगी  .


गंगा और जॉन दोनों ने कुछ डॉक्यूमेंट पर साइन किये  . जॉन बोला “ अब मैं अपने देश में चैन से जी सकता हूँ  . वरना ऊपर जा कर थॉमस को कौन सा मुंह दिखाता  . अब एक और आखिरी काम करना बच गया है  .” 


“ अब और क्या रह गया है ? “ 


जॉन ने फाइल से एक लिफाफा निकाल कर गंगा को दिया और कहा “  कानूनन थॉमस के बैंक में बचे रुपयों का हक़दार मैं हूँ  . एग्रीमेंट  डॉक्यूमेंट देखने के बाद मुझे पता चला है कि आपको  छः लाख रूपये देने बाकी हैं  . इस लिफाफे में छः लाख रुपयों का चेक है  . ये रूपये आपके हैं , इसे रख लें  .” 


गंगा बोली “ मुझे मोनिका मिल गयी तो मैं सब तरह से सम्पूर्ण हो गयी , उस से बड़ा धन मेरे लिए और क्या हो सकता है  .आप इसे अपने पास ही रखें  .” 


“ नहीं , इस पर कानूनी और नैतिक हक़ आपका है  .और वैसे भी मुझे रुपयों की जरूरत नहीं है पर मोनिका के लिए ये काम आएंगे  . आप इसे रख लें  . ” 


जॉन ने टेबल पर चेक वाला लिफाफा रख दिया और कहा “ अब मुझे चलना चाहिए  .”  बोल कर वह बाहर निकल गया 


मोनिका को गोद में लिए गंगा जॉन को देखती रही  . 

 

                                                          समाप्त  

 

 नोट - यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है  .