सरोगेट मदर 2
Part - 2
नोट - अभी तक आपने पढ़ा कि अपनी सौतेली माँ और सौतेले भाई के लिए गंगा ने सरोगेट मदर बनने का फैसला किया , अब आगे पढ़ें …
कुछ दिनों के बाद क्लीनिक में गंगा के गर्भ में भ्रूण इम्प्लांट किया गया . गंगा ने दफ्तर से दो महीने के लिए छुट्टी ले ली . गौरी ने एक दिन गंगा से पूछा “ तुम्हें अचानक इतने रुपये कैसे मिले ? “
“ कुछ मैंने ऑफिस से एडवांस लिए और कुछ सूद पर बाजार से ली है, किश्तों में अदा कर देंगे . तुम लोग आम खाओ न , गुठली गिनने से क्या फायदा ? पर अब पगार आधी हो जाएगी और घर का खर्च कम पैसों में चलाना होगा . आखिर पैसे पेड़ पर तो नहीं उगते हैं न ? “
“ वह सब तो ठीक है पर तुम आजकल ऑफिस क्यों नहीं जा रही हो और बार बार तुम डॉक्टर के यहाँ क्यों जाती हो ? “
“ कुछ दिनों से तबीयत ठीक नहीं रह रही है , अक्सर पेट में दर्द रहता है . डॉक्टर ने कुछ टेस्ट्स लिखे हैं . टेस्ट रिपोर्ट आने में कुछ समय लगेगा तब तक मैंने छुट्टी ली है . “ गंगा ने सरोगेसी वाली बात छुपा लिया
प्रेगनेंसी तो छिपाए नहीं छिपती है . गौरी को जब यह बात पता चली तो उसने गंगा को खरी खोटी सुनाया “ एक बार पहले भी तुमने बिन बताये शादी किया और माँ बनी . तुम किसी कुल्टा और कलंकिनी से कम नहीं हो . बार बार यार बदलना और नाजायज बच्चा पैदा करना तुम्हें अच्छा लगता होगा पर यह सब हमें बर्दाश्त नहीं है . हम गरीब जरूर हैं पर इज्जत वाले हैं . “
“ माँ , मेरा मुंह न खुलवाओ . मैं खूब जानती हूँ इज्जत का ख्याल रखना और साथ साथ तुम दोनों माँ बेटा का भी . किन मुश्किलों से मैं पैसों का इंतजाम कर रही हूँ , मैं ही जानती हूँ . तुम लोग बस डिमांड करते रहते हो और मुझे उन्हें पूरा करना ही पड़ता है , हँस कर या रो कर या भीख मांग कर . “
कुछ सप्ताह के बाद गंगा को देख कर कोई भी कह सकता था कि वह माँ बनने वाली है . एक दिन थॉमस गंगा के घर आया . उसने गंगा से पूछा “ सब ठीक है न ? तुम्हें किसी तरह की शिकायत तो नहीं है ? कुछ और जरूरत हो तो बोलना . “
इस बीच उसकी माँ ने आ कर टोका “ जिस तरह यह तुमसे बात कर रहा है लगता है तुम्हारे पेट में इसी का बच्चा है . “
गंगा ने माँ से गुस्से में कहा “ किसी का बच्चा हो तुम से क्या मतलब ? तुम्हें तो पैसे चाहिए न , वे मिलते रहेंगे . तुम अपना मुंह बंद रखो और अब यहाँ से जाओ , बाकी बातें हम बाद में कर सकते हैं . “
गौरी पैर पटकते हुए वहां से चली गयी पर जाते जाते बोली “ यही हाल रहा तब तुम इस घर में नहीं रह सकती हो . “
“ ठीक है , चली जाऊंगी . “
थॉमस भी चला गया . उसने क्लिनिक में जा कर डॉक्टर से पूछा “ गंगा की डिलीवरी कब तक होने की उम्मीद है ? “
“ सम्भवतः छ सप्ताह और लगेंगे . पर बेहतर होगा डिलीवरी के एक महीना पहले गंगा हमारी निगरानी में रहती . पर बेहतर होगा उसे क्लिनिक में आज ही या जितना जल्द हो सके एडमिट कर दीजिये . “ डॉक्टर ने कहा
“ आपने मेरे मुँह की बात छीन ली . एक दो दिन में मैं फिर आपसे मिलता हूँ . “
डॉक्टर से बात कर थॉमस चला गया . वह फिर गंगा के घर गया . उसने कहा “ फ़िलहाल मैं अपने देश जा रहा हूँ . मैं अपनी पत्नी के साथ लगभग दो सप्ताह के अंदर आऊंगा और डिलीवरी के बाद अपने बच्चे को ले कर चला जाऊंगा . पर डॉक्टर ने कहा है कि डिलीवरी के कुछ पहले से तुम्हें क्लिनिक में एडमिट होना पड़ेगा ताकि जच्चा बच्चा दोनों की देखभाल ठीक से हो और डिलीवरी के समय कोई कम्प्लीकेशन नहीं हो . “
गौरी भी पास में खड़ी उन की बातें सुन रही थी . उसने कहा “ यही अच्छा होगा , इस कुल्टा का अब यहाँ रहना ठीक नहीं है .इसने मोहल्ले में हमारी नाक कटवा दी है . “
गंगा ने कहा “ आप इन से इस बारे में कुछ भी बात न करें . “ फिर धीरे से उसके कान में कहा “ अगर संभव हो तो तीन चार लाख रुपये आप और मुझे अभी दें . बाकी रकम बाद में दे देते . “
“ ठीक है , जाने के पहले मैं उसका इंतजाम कर दूंगा . “ थॉमस ने कहा
फिर कुछ देर में थॉमस गंगा को ले कर क्लिनिक गया . गंगा वहां एडमिट हुई .उसने डॉक्टर से कहा “ आप पर मुझे पूरा भरोसा है आप गंगा और बच्चे का ख्याल रखेंगे . इनका बेस्ट केयर होना चाहिए , आप पैसे की चिंता नहीं करें , मैं एडवांस जमा कर के जाऊंगा . मैं जल्द ही अपनी वाइफ के साथ आऊंगा और बाकी फॉर्मल्टिज पूरा कर बच्चे को ले जाऊँगा . “
थॉमस ने जाने के पहले चार लाख रुपये गंगा को दिए . इसके बाद वह अपने देश चला गया . वहां वह अपनी पत्नी के साथ इंडिया आ कर बच्चे को ले जाने की कल्पना करता और दोनों खुश होते . वे बच्चे के लिए रहने के लिए सब तैयारी करने में लगे थे . उनके इंडिया जाने में मात्र दो दिन बच गए थे कि एक दिन अचानक उनकी कार एक भीषण दुर्घटना का शिकार हुई . दोनों पति पत्नी गंभीर रूप से घायल हुए . पुलिस और एम्बुलेंस तत्काल उन्हें अस्पताल ले गयी पर थॉमस की पत्नी ने रास्ते में दम तोड़ दिया .
अस्पताल में डॉक्टर ने पुलिस से कहा “ इनके बचने की उम्मीद भी ना के बराबर है . इनके निकट संबंधियों को सूचित कर दें . “
पुलिस को थॉमस के पास से एक छोटी डायरी मिली जिसमें लिखा था हमारी अचानक मृत्यु हो जाये तो इसकी सूचना तत्काल इस नंबर पर दे दी जाए - वह नंबर उस फर्टिलिटी क्लिनिक का था जहाँ गंगा सरोगेट मदर बनने वाली थी . इसके अलावा थॉमस का मोबाइल फोन से कुछ नंबर निकाल कर पुलिस ने अंदाज़ से इस घटना की सूचना उन नंबर्स पर दिए , यह समझ कर कि इनमें शायद कोई इसका संबंधी या निकटतम मित्र हो . इत्तफ़ाक़ से उनमें एक उसका बड़ा भाई जॉन निकला . उसे फोन करने पर जॉन बोला “ मैंने रिटायरमेंट के बाद देश छोड़ दिया है और मैं आजकल दूसरे देश में सैटल कर गया हूँ . जल्द से जल्द पहुँचने का प्रयत्न करूंगा फिर भी चौबीस घंटे से ज्यादा ही लगेंगे . “
इधर थॉमस ने अस्पताल पहुँचने के चंद घंटों के अंदर ही दम तोड़ दिया . उसके बड़े भाई जॉन ने समय पर आ कर सभी कानूनी और अंतिम संस्कार आदि सामजिक फॉर्मल्टिज पूरा किये . पुलिस ने जॉन को उसके छोटे भाई के घर की चाभी और कुछ अन्य सामान , जो थॉमस दंपत्ति और उनकी कार से मिले थे , दिए . जॉन ने थॉमस के घर से कुछ कागजात के फाइल लिए और वह फिर वापस अपने देश चला गया .
इधर गंगा ने एक बेटी को जन्म दिया . बेबी बहुत खूबसूरत और स्वस्थ थी . अनुमानित डिलीवरी डेट से एक सप्ताह पहले ही डिलीवरी हो गयी . गंगा सोच रही थी थॉमस दंपत्ति बेबी को लेने के लिए आते ही होंगे . क्लिनिक को थॉमस दंपत्ति के दर्दनाक मौत की खबर मिल चुकी थी . अब ऐसे में क्लिनिक को समझ में नहीं आ रहा था कि बच्चा किसको दिया जाय . डॉक्टर ने पुलिस और वकील से सम्पर्क किया . सब ने मिलकर समाधान निकाला कि जब तक थॉमस का कोई लीगल उत्तराधिकारी बच्चे को क्लेम न करे तब तक बच्चे को सरोगेट मदर गंगा को सौंप दिया जाए . इसके अतिरिक्त गंगा से एक एग्रीमेंट पर साइन करा लिया जाय कि अगर भविष्य में बच्चे पर कोई लीगल उत्तराधिकारी क्लेम करे तब बच्चे को उसे सौंप देना होगा अन्यथा बच्चा गंगा के पास रहेगा . गंगा को जब यह सूचना मिली तो उसे ऐसा लगा कि उसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गयी हो . खैर फ़िलहाल गंगा को बेबी के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया . वह बेटी के साथ अपने घर आयी .
गौरी ने गंगा की गोद में बच्चा देख कर कहा “ कलमुंही , तुम कौन सा मुंह लेकर फिर यहाँ आयी हो . तुम्हारे जैसे चरित्रहीन के लिए इस घर में कोई जगह नहीं है . तुरंत यहाँ से दफा हो जाओ . “
“ ठीक है मैं यहाँ रहने के लिए नहीं आयी हूँ . मैं यहाँ से चली जाउंगी . मुझे कुछ सामान तो लेने दो . “ गंगा बोली
“ जा ले ले अपने कपड़े लत्ते . इसके अलावा तेरा और क्या है ही यहाँ . “
“ सही कहा आपने . अब मेरा यहाँ कुछ भी नहीं है . “
थोड़ी देर में गंगा ने एक बक्से में अपने कुछ सामन इकठ्ठा किये और कहा “ मैं एक घंटे में बैंक से लौट कर सामान ले जाऊंगी . “
“ तुम्हें लौट कर इस घर में वापस आने की कोई जरूरत नहीं है . तुम अपने सामान साथ लेती जाओ . “
“ ठीक है . मैं आपलोगों के लिए ही बैंक जा रही थी ताकि बैंक में मुन्ने की पढ़ाई के लिए पैसों का इंतजाम कर दूँ . अभी उसको तीन साल की ट्यूशन फी देनी होगी . “
गंगा सामान और बेबी को ले कर बैंक गयी . वहां उसने गौरी के अकाउंट में तीन लाख रुपये जमा किया . अब उसके अकाउंट एक लाख रुपये बच रहे थे . गंगा बेबी के साथ उसी शहर में गयी जहाँ उसने बच्चे को जन्म दिया था . वहां उसने डॉक्टर से कहा “ आपलोग मेरी स्थिति के बारे में जानते हैं . मेरे लायक कोई नौकरी हो तो मुझे दें . मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए था पर बेबी के लिए मुझे कुछ न कुछ करना होगा . “
“ हमें इतना पावर नहीं है . मैं मैनेजमेंट से बात कर एक दो दिन में तुमको बताऊंगी . “ ड्यूटी पर उपस्थित लेडी डॉक्टर ने कहा
“ तब तक मुझे किसी कोने में रहने दें . “
“ हम अस्पताल में तुम्हें नहीं रख सकते हैं . फिलहाल मेरा सर्वेंट क़्वार्टर खाली है , कुछ दिनों के लिए तुम वहां रुक सकती हो . जब हमारी मेड आएगी तब तुम्हें खाली करना होगा . “
क्रमशः - शेष अंतिम भाग 3 में पढ़ें