तूं मेरी मोहब्बत हों ?? - 2 Muskan Gupta द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तूं मेरी मोहब्बत हों ?? - 2

संस्कृति हॉस्पिटल... ( काल्पनिक नाम )

पुणे शहर के बड़े – बड़े हॉस्पिटल में इसका नाम लिया जाता है...!! इस हॉस्पिटल का ऑनर और ट्रस्टी... जो इस हॉस्पिटल का ही किंग नहीं बल्कि पुणे शहर का डेविल किंग था...!!

उसका नाम ही नहीं सिर्फ डेविल था बल्कि वो सच्च में डेविल था...!! किसी को बर्बाद करना उसके लिए बड़ी बात नहीं थी...!! वो रातों रात किसकी लाइफ बर्बाद या संवारने की छमता रखता था....!! उसके मर्जी के बिना इस शहर के बाहर कोई नहीं जा सकता था...!! वो और कोई नहीं बल्कि इस शहर का ही नहीं बल्कि इंडिया का नंबर वन कंपनी कपूर इंडस्ट्रीज का सीईओ दिव्यांश कपूर था...!!

कपूर इंडस्ट्रीज इंडियन आर्मी के लिए हथियार बनाती थी...!! उसके हथियार सिर्फ इंडिया में ही नहीं बल्कि बाहर देशों में भी सप्लाई होते थे....!!

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उसी हॉस्पिटल में वो इंसान जिसका नाम समर्थ मलिक था...! वो उस लड़की को लाया था जिसका ऐक्सिडेंट उसी की कार से हुआ था....!! समर्थ जल्दी से भागते हुए अपने हाथों से इस्टेय को खींचते हुए हॉस्पिटल के कोरिडोर चिल्लाते हुए बोल : हट जाओ सब सामने से डॉक्टर जल्दी ले चलो इसको.... अगर इसको कुछ भी हो गया...!! तो आप सोच भी नहीं सकती है कि आपके साथ क्या हों सकता है...!! आपका इतने सालों का करियर दो मिनट मे बर्बाद हो जाएगा...!!

मिस्टर. मलिक आप इसको जानते हैं...! आखिर ये हैं कौन...!! डॉक्टर घबराते हुए समर्थ से बोली...!!

अभी ये सब बताने का वक्त नहीं है डॉ. पहले आप इसका इलाज कीजिए....!! समर्थ डॉक्टर पर चिल्लाते हुए बोला...!

डॉक्टर हां में सर हिला देती है और उसको आईसीओ में भर्ती कर लेती है...!!

डॉक्टर ने समर्थ को बाहर ही रहने को बोल कर अन्दर चली जाती है...!!

समर्थ परेशान होते हुए इधर उधर घूम रहा था...!! उसको समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें...!!

मैं क्या करूं...!! क्या मुझे ये बात उसको बतानी चाहिए...!! कि जिसको वो एक साल से ढूंढ रहा है...!! वो आखिर कार मिल गई है...!!

हां बता देना चाहिए...!! अब मुझसे उसका दर्द नहीं देखा जाता है...!! उसके आंखों की वो तड़प जो इन एक साल में इसके बिना रोज उसकी आंखों में मुझे दिखता था...!!

वो दर्द जिसको उसने कभी किसी से नहीं बताया पर वो अकेली राते जब वो शराब में इसको भुलाने के लिए पिता था...!! तूं सोच क्या रहा है समर्थ तुझे बता देना चाहिए...!! समर्थ ये सोचते हुए अपने पोकेट से फ़ोन निकालता ही है कि तभी आइसीओ से नर्स बाहर आती है...!!

समर्थ नर्स को बाहर आते हुए देख कर उससे पूछता है कि अब वो कैसी है...!!

नर्स अभी तो उसे कुछ नहीं बताती है...!! बस उसे सांत्वना देकर चली जाती है...!!

कुछ देर बाद समर्थ वहीं थक कर बैठ जाता है...!!! वो अपने सर पर हाथ फेराते हुए अपने बालों को उपर करता है और अपने सर को दिवाल से लगाते हुए छत की तरफ कुछ सोचने लगता है...!!

एक साल हों गए हैं उस हादसे को हुए फिर भी लगता है कि कल की बात है जब ये लड़की मेरे दोस्त की लाइफ़ में आई थी और मेरे हंसते खेलते दोस्त की लाइफ़ तहस- नहस करके कहीं गायब हो गई...!! मेरा तो दिल कर रहा था कि मैं इस लड़की को उसी हालत में वहीं छोड़ दू पर एक इंसान होने के नाते मैं ऐसा नहीं कर सकता... समर्थ यही सब सोच रहा था कि आईसीओ से डॉक्टर बाहर आ जाती है...!!

समर्थ डॉक्टर को बाहर आता देख कर उसके पास जाता है...! समर्थ के कुछ बोलने से पहले डॉक्टर मुस्कुराते हुए बोली : घबराने वाली बात नहीं है मिस्टर मलिक वो अब ठीक है....!! कुछ देर बाद हम उन्हें रूम में सिफ्थ कर देंगे...!! आप उनसे फिर मिल सकते हैं ये बोल कर डॉक्टर वहां से चलीं जाती है...!!

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To be Continue.....
मुस्कान 🙂