प्रेम - मेरे प्यार की शुरूआत - 2 alaywritss द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्रेम - मेरे प्यार की शुरूआत - 2

मेरे प्यार की शुरूआत सोशल मीडिया पर बात करके हुई थी और उसके बाद भी हम सोशल मीडिया पर ही बाते किया करते थे , बाते करते करते प्यार बहुत बढ़ रहा था । इसी तरह हम रोजाना रात - दिन बाते किया करते थे , पर मुझे लगता था की उसकी और मेरी कुछ बाते मिलती नही हैं ।मेरी सोच प्यार को लेके कुछ और थी और उनकी सोच कुछ और थी।

मेरी ओर उनकी सोच में बहुत ही ज्यादा फर्क था क्योंकि वो ठहरी शहर में पली बढ़ी लड़की और आज के 4 G जमाने की तरह वो भी 4 G मॉडर्न थी , और में ठहरा गांव का लड़का जो इज्जत देने वाला और नाही मेरे पास कुछ और था देने को , मेरी प्यार के बारे में सोच थोड़ी इस जमाने से अलग हैं । में वो इंसान हूं जो इस मॉर्डन जमाने में राधा - कृष्ण जैसे प्यार की अपेक्षा करता था , पर ये 4 G के जमाने में ऐसा प्रेम मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा हैं । मुझे उस तरह का प्रेम चाहिए था जो सिर्फ एक समय पर एक से ही हो और किसी और से नहीं , मुझे ऐसा प्रेम चाहिए था में किसी के साथ हूं तो उसे किसी और की जरूरत ना लगे , पर में इन सब चीजों में गलत था । 

मैने कहा 4 G जमाना हैं उसी तरह लोग और उनकी प्रेम की परिभाषा बदल सी गई हैं और मैं इस जमाने में वही पुराना प्रेम ढूंढ रहा था । 

मानता हूं लोग और उनकी सोच मॉर्डन हो गई हैं पर इतनी बुरी हो गई हैं ये मैंने सोचा नही था , हुआ कुछ ऐसा की हम हर रोज की तरह बाते कर रहे थे पर अचानक से उसने जवाब देना बंद कर दिया , मुझे लगा कोई काम होगा या सो गई होगी , सुबह जवाब आएगा ।

सुबह जवाब आया हुआ था और बाते की पर ऐसा हर रोज होने लगा , धीरे धीरे उसने बाते कम करना शुरू किया और रोज किसी न किसी बहाने से  बात न करती थी ।

मुझे लगा उसको कोई परेशानी होगी और ऐसे ही चलता रहा , अचानक उसने मुझे सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया ।मुझे लगा कुछ हुआ होगा और अनब्लॉक करके मैसेज करेगी , पर ऐसा नहीं हुआ।

फिर में अपने कामों में लग गया पढ़ाई और अन्य काम , एक दिन मुझे पता चला की वो किसी और से प्यार करती है और वो कब से साथ में हैं । फिर मैंने उसकी एक बेस्ट फ्रेंड थी उसको पूछा क्या ये सच हैं तब उसने बताया की हा ये सच हैं और कब का हैं। 

तब मुझे पता लगा की वो मेरे साथ पहले से ही टाइम पास कर रही थी , और बीच में जो हुआ था जिसे वो प्रेम करने लगी थी और वो उसे धोका दे रहा था वो कोई और नहीं वही इंसान था पर वो जब वो मेरे पास आईं तब उसने बताया की उसकी पहले से ही कोई और लड़की के साथ चक्कर है और मेरे साथ टाइम पास कर रहा था , पर तब हुआ कुछ yu tha की उसकी उसके साथ लड़ाई हुई थी ।

इसीलिए वो मुझसे बात करने लगी थी और टाइम पास कर रही थी, मैने सोचा नहीं था की वो ऐसी होगी पर क्या करे जैसी हमारी किस्मत ।

मेरी और उसकी सोच कभी मिल नही पाई क्योंकि वो एक मॉर्डन टाइप लड़की जो प्यार को सिर्फ टाइम पास के नजरिए से देखती थी और में प्यार को सब कुछ मानता था ।वो लड़की मेरे दिल और दिमाग से नकल नहीं रही थी क्योंकि भले ही वो टाइम पास कर रही थी पर मैंने तो उसे कब का प्यार करता था , तब से मैंने आज तक कभी किसी लड़की पर भरोसा न करा क्योंकि मुझे अब किसी भी लड़की पर भरोसा नही हैं मानता हूं की सब लड़कियां एक जैसी नहीं होती लेकिन अब भरोसा करने से डर लगता हैं ।

फिर उसके बाद जिग्नेशा उसके साथ और में अपने रास्ते चल पड़ा , वो उसके साथ खुश थी तो हम कर भी क्या सकते है हम ठहरे गरीब और गांव का देशी लड़का और उसे पसंद था शहर का मॉर्डन और पैसों वाला लड़का तब वो तो खुश ही रहेगी।

मेरी सोच और मेरे विचार मुझे ये सब करने से रोक लेते हैं बाकी हम भी मॉर्डन जमाने के हैं पर मान और मर्यादा हमे बहुत ही पसंद हैं जो इंसान मर्यादा में रहता हो और कोई लड़की मर्यादा से सजी हो तो उससे सुंदर कोई और नहीं ही सकता ये मेरा मानना हैं , पर आज का समय ही ऐसा हैं की लोग अपनी मर्यादा भूल चुके हैं । आज सोशल मीडिया पर कई लड़कियां अपना जिस्म दिखा का अपने आपको सेलेब्रिटी समझती हैं पर हकीकत ये नही है आपको कोई सेलेब्रिटी नही समझता आपको सिर्फ खिलौने की गुड़िया समझते हैं जिसकी कोई इज्जत नहीं करता ।

में ऐसी सोच में भी रख सकता हूं और कुछ भी प्रेम के नाम पर किसी को भी फसा कर कर सकता हूं पर ये मेरी सोच और उसूल के खिलाफ हैं , क्योंकि ये सब मुझे पसंद ही नही हैं जब मैंने उसे पसंद किया था तब मुझे नही पता था की वो मेरी सोच के विरुद्ध सोच रखती होगी । 

मेरी और उनकी सोच में जमीन आसमान का फर्क था वो मुझे कुछ समय पहले ही पता चला , फिर मैंने कभी किसी लड़की से प्यार ना करने का और किसी भी लड़की पर भरोसा ना करने का वादा किया अपने आप को , फिर अपने प्यार का अंत कर दिया । अंत कर दिया मतलब की उसे बात ना करना और उससे दूर रहना , पर ये शायद बहुत ही मुश्किल था क्योंकि किसी को सोशल मीडिया और मोबाइल से तो निकल सकते है पर दिल , दिमाग और मन से कैसे निकले , वो बहुत कठिन था पर मैंने कोशिश जारी रखी उसके बारे में ना सोचने की और उसे भुलाने की , पर शायद मैं अब भी उसी भुला नहीं पाया हूं क्योंकि तभी उसके बारे में लिख रहा हूं ।

कुछ इस तरह हुआ हमारा प्रेम का अंत और नई शुरुआत पर वो और उसकी बाते हमेशा दिल में रहेगी शायद...!! 🖤🥺

 

!! समाप्त !!