एक गाओं की रहने वालीहेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम है करिश्मा और मई एक गाओं की रहने वाली साधारण सी लड़की हूँ। मैंने कभी भी अपनी ज़िन्दगी में शहर की दुनिता नहीं देखि थी। लेकिन जब मै बड़ी हुई, मै आगे पढ़ना चाहती थी। इसलिए, मेरे बाबा ने मुझे पहाड़ी करने के लिए शहर भेजा। जब मैंने एडमिशन करवाई, उस समय मै बहुत ही ज़्यादा खुश थी। लेकिन जब मै क्लास में पहुंची तो सब मेरा मज़ाक उड़ाने लगे। सभी मुझे बुरा-भला कहने लगे। उस समय मई बिलकुल अकेला महसूस कर रही थी। तभी मेरी हेल्प राजू ने की। राजू भी मेरी ही तरह गरीब परिवार से था। उसने मुझको लड़ने और आगे बढ़ने की ताकत दी। इस तरह मेरे अंदर हौसला बड़ा। धीरे-धीरे राजू और मई बहुत अचे दोस्त बन गए। हमारी दोस्ती प्यार में बदल गयी। ये बिलकुल सच्चा प्यार था। राजू भी मुझसे बहुत प्यार करने लगा। लेकिन इस बात की खबर हमारे घर में नहीं थी। राजू की एक बेहेन भी थी। उसका नाम सुषमा था। सुषमा राजू की छोटी बेहेन थी। एक दिन सुषमा ने मुझे और राजू को इकठे देख लिया। उसने यह बात राजू के परिवार वालों को बता दी। राजू के पापा लव मैरिज के सख्त खिलाफ थे। वो राजू को अपने डॉक्टर बनाना चाहते थे। जब राजू घर गया, तब उसने देखा सभी बहुत ही ज़्यादा दुखी थे। पिता ने राजू को बहुत दन्त लगायी और अगले दिन राजू को कॉलेज भी नहीं आने दिया। फिर कुछ दिनों बाद मेरी और राजू की मुलाकात हुई। उसने मुझको साड़ी बात समझाई। इस तरह कॉलेज ख़तम होने के बाद हम कभी दुबारा नहीं मिल पाए। जिस दिन कॉलेज का आखरी दिन था, राजू बहुत उदास था। वो मुझसे दूर नहीं जाना चाहता था। लेकिन हमारी किस्मत में यही लिखा था। मै आज भी राजू की उडीक में हूँ। मुझे पूरा यकीन है के हम दुबारा ज़रूर मिलेंगे और एक दिन हमारी प्रेम कहानी पूरी ज़रूर होगी।
मेरी ज़िन्दगी सवारहेलो फ्रेंड्स, प्यार दर्द देता है ये तो सबने सुना ही होगा,मगर इतना दर्द है प्यार में ये मैंने आज जाना। मै अपनी प्रेम कहानी आप सब लोगो के साथ शेयर करना चाहता था इसीलिए आज मैंने ये ब्लोग लिखा। दोस्तों, मै प्यार में विशवास न करने वाला एक आम सा व्यक्ति था। एक दिन मेरी ज़िन्दगी में एक हसीन लड़की आयी। शुरू शुरू में मैंने उसे बिलकुल भाव नहीं दिया। फिर एक दिन अचानक पता नहीं क्या हुआ वो मेरे सपनो में आने लगी। फिर धीरे-धीरे मै उसकी ओर आकर्षित होने लग पढ़ा। कुछ दिनों बाद लगा बस ये ही है जो मेरी ज़िन्दगी सवार सकती है और ये ही मेरी सब कुछ है। एक दिन मैंने उसे बुलाया और मुझे उसके साथ बात करके बहुत अच्छा लगा। इसी तरह वो मेरी और आकर्षित होने लगी और हम बहुत अचे दोस्त बन गए. कब हमारी दोस्ती प्यार में बदल गयी, ये मुझे पता ही नहीं लगा। एक दिन मैंने उसे अपने दिल की साड़ी बात बता दी। उसने मुझसे कुछ नहीं कहा मगर उसके चेहरे की ख़ुशी बता रही थी कि उसकी हाँ है। फ्रेंड्स, मै पूरी तरह दीवानेपन के साथ उसे चाहने लग गया था। मई इतना खुश था के उसके लिए गुलाब का गुलदस्ता अपने हाथों से बनाकर लेके गया। वो सिर्फ एक गुलाब का गुलदस्ता ही नहीं था, असल में वो मेरे प्यार की निशानी थी जो मई उसे देना चाहता था। मैंने उसे मिलने के लिए पार्क में बुलाया। फिर अगले दिन जब वो मुझसे मिलने आयी तो बहुत उदास लग रही थी। उसने मुझसे कहा ” ये आखरी समय है युवराज जब मै तुम्हे देखने आयी हूँ और तुमसे मिलने आयी हूँ। इसके बाद मुझे नहीं लगता के हम इस ज़िन्दगी में कभी मिल पाएंगे और एक हो पाएंगे। हम दोनों के प्यार की बात मेरे भाइयों को पता लग गयी है और वो मुझे लेकर किसी और शहर जा रहे है। उन्होंने मुझे बोलै है की अगर मै युम्हे उस उस शहर के बारे में बताऊँगी या तुमसे मिलेंगी तो वो तुमको नुक्सान पहुंचाएंगे। हो सके तो मुझे माफ़ करना युवराज। अलविदा !!” मेरा प्यार तो अभी शुरू हुआ था और उसने मुझे अलविदा भी कह दिया। दोस्तों इस बात ने मुझे बहुत दुःख दिया। भगवान करे किसी की ज़िन्दगी में ये लम्हा न आये। वो मेरा पहला और आखरी प्यार था और हमेशा आखरी रहेगा।