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समन्दर के लुटेरे




पूरे कायनात में पचहत्तर प्रतिशत पानी और मात्र पच्चीस प्रतिशत भाग जल है झरने झील नदियाँ तालाब और फिर विशालकाय समंदर और समंदर में लगभग पच्चीस लाख प्रजातियों के प्राणि पाए जाते है देखा जाय तो पृथ्वी से अधिक प्राणि जलीय प्राणि कायनात में मौजूदगी समन्दर की अजीबो गरीब दुनिया की सच्चाई है और इंसान समंदर से अपने मतलब के लिये उसका दोहन करता है हिन्दू धर्म ग्रंथो में समन्दर की महत्ता को कई संदर्भो में वर्णित किया गया है जैसे समुद्र मंथन एव उससे प्राप्त होने वाले रत्न भगवान राम द्वारा लंका पर आक्रमण करने से पूर्व समुद्र की आराधना साथ ही साथ भगवान कृष्ण का समुद्र में स्थित नाग लोग जाना आदि समुद्र को अब तक किसी ने नापने की हिम्मत नही जुताई समुद्र में रहने वाले प्राणियो का जीवन भी समुद्र की दुनियां से ही चलता है कोई समुद्री प्राणि पृथ्वी पर नही आता है आज भी काले सागर का वरमुदा ट्राएंगल रहस्य बना हुआ है दुनिया के सारे देश समन्दर को अपने सामरिक आर्थिक दृष्टिकोण से संरक्षित संवर्द्धित करते रहते है।।
मनमोल माँ पाप का लाड़ला दुलारा बेटा और मानवी छोटी बहन मनमोल के पिता मनमोल और मानवी कपिलेश्वर सिंह की दो संताने थी दोनों ही बहुत खूबसूरत एव आकर्षक तो थे ही साथ ही साथ दोनों बेहद इंटेलिजेंट और हँसमुख थे जो भी भाई बहन की जोड़ी को देखता उनका मन उनसे ढेर सारी बाते करने के लिये कहता कपिलेश्वर सिंह की पत्नी जान्हवी पढ़ी लिखी आधुनिक और बहुत बड़े घराने की लड़की थी और पेशे से डॉक्टर थी
कपिलेश्वर के पिता शिव मंगल भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में उच्च पदस्थ थे कपिलेश्वर स्वय भी मर्चेंट नेवी में बड़े पद पर कार्यरत थे कपिलेश्वर को छ महीने बाहर और छः महीने घर रहना होता था पत्नी जाह्नवी का अपना खुद का नर्सिंग होम था वह मुम्बई के मसहूर चिकित्सको में शुमार थी कपिलेश्वर जब भी छः महीनों के लिये जाता घर का माहौल कुछ उदास सा हो जाता और कभी कभी छ महीने घर पर छुट्टियों में भी बीच मे बुलाहट और कपिलेश्वर को जाना पड़ता कपिलेश्वर के पिता सेवा निबृत्त नही हुये थे अतः वह भी अपनी नियुक्ति स्थान पर मा शोभना के साथ रहते कुल मिलजुलकर आधुनिक माइक्रो फैमिली थी जो आधुनिक सुख सुविधाओं से परिपूर्ण थी और किसी तरह की कोई आर्थिक या संमजिक परेशानी नही थी।कपिलेश्वर अपने रूटीन ड्यूटी में बाहर गए हुये थे कि अचानक एक दक्षिण अफ्रीकी व्यक्ति मरीज के तौर पर आया और अपने को नर्सिंग होम में एडमिट करने के लिये डॉ जान्हवी से टूटी फूटी अंग्रेजी भाषा मे अनुरोध करने लगा उसने अपना ना इमाईल बताया और भारत घूमने के उद्देश्य से आया है ऐसा बताया अपना वीजा पासपोर्ट दिखाया डॉ का कार्य होता है किसी भी बीमार का इलाज करना अतः पासपोर्ट और वीजा आदि आवश्यक कागजात देखने के बाद डॉ जान्हवी ने इस्माइल की प्रारंभिक औपचारिक जांच किया उंसे कोई खास बीमारी नही थी जिसके लिये उंसे नर्सिंग होम में एडमिट किया जाय उन्होंने कुछ आवश्यक दवाएं लिख कर एतिहात के लिये आवश्यक निर्देश देने के बाद कहा आपको भर्ती होने की कोई आवश्यकता नही है यदि आपको फिर तकलीफ़ ज्यादा हो तो आईयेगा नही तो एक सप्ताह की दवाएं खाने के बाद आप दिखाने एक बार फिर आ जाये इतना कह कर डॉ जान्हवी ने उसे जाने को कहा मगर इस्माइल जार्ज ने जिद पकड़ लिया कि हम होटल में रहेंगे या नर्सिंग होम में मेरे खर्चे पर तो कोई असर नही पड़ेगा आप मुझे नर्सिंग होम में ही एडमिट कर ले और जिद्द करने लगा डॉ जान्हवी के लाख मना करने एव समझने के बाद भी जब वह नही माना तब डॉ जान्हवी ने उससे कहा आप विदेशी नागरिक है मैं पुलिस को इन्फॉर्म कर देती हूँ उसके द्वारा सत्यापन के बाद मैँ आपको नर्सिंग होम में एडमिट करने की बात सोच सकती हूँ ज्यो ही डॉ जान्हवी ने नजदीक के पुलीस स्टेशन को फोन मिलाने लगी इस्माइल उठा और बिना फीस और दवाओं के दाम चुकाए ही चला गया जब तक उस पर डॉ जान्हवी का ध्यान जाता तब तक वह गायब हो चुका था सी सी टी वी में उसके आने जाने और नर्सिंग होम में डॉ जान्हवी से हुए वार्ता का फुटेज मौजूद था लगभग दस मिनट में पुलिस नर्सिंग होम पर आ धमकी और डॉ जान्हवी से सारी घटना का विवरण जानने के बाद सी सी टी बी के फुटेज निकाल कर उस इस्माइल नाम के कथित विदेशी नागरिक की तलाश का प्रायास करने लगी डॉ जान्हवी को लगा कि इस बात की खबर पति कपिलेश्वर एव श्वसुर शिवमंगल सिंह को अवश्य देनी चाहिये और डॉ जान्हवी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वीडियो फुटेज के साथ सारी सच्चाई बता दी कपिलेश्वर को अक्सर अपनी टीम के साथ समंदर की यात्रा के दिनों अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था खास कर समुद्री लुटेरों एव भयंकर समुद्री जीवों का अतः कपिलेश्वर को कुछ अशुभ होने के संकेत स्पष्ठ दिखाई देने लगें उसने अपने पिता जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी थे को डॉ जान्हवी और मनमोल मानवी की सुरक्षा व्यवस्था के लिये कहा शिवमंगल सिंह ने भी बढ़ी सतर्कता से बहु और पोते पोतियों की सुरक्षा की व्यवस्था हेतु प्रशासन एव शासन स्तर पर व्यवस्था के लिये प्रयास किया और सुरक्षा व्यवस्था मुहैया हुई लेकिन अपराधी सदैव खतरों को भांप लेते है और संजग हो जाते है उसी तरह स्माइल भी बहुत शातिर अपराधी था उसको डॉ जान्हवी की पहुँच का अंदाज़ा तो था ही उसने अपनी शातिर योजना को और खतरनाक तरीके से अंजाम देने की मंशा बना रखी थी । ईधर कपिलेश्वर का समुद्री दौर अनेक सागर के किनारों से होता हुआ आगे बढ़ता जाता एका एक एक दिन स्माइल ने डॉ जान्हवी के कार की दिग्गी में जा कर चुप गया सुरक्षा में तैनात किसी भी व्यक्ति को यह आभास भी नही हुआ और जब जान्हवी नर्सिंग होम के कार्यो से खाली होकर घर रवाना हुई और अपनी कार गैरेज में खड़ी कर दी इस्माईल उसी में छुपा बैठा रहा और मध्य रात्रि में गैरेज से निकल कर पाइप के रास्ते छत छत की तमाम बाधाओं को काट कर जब डॉ जान्हवी के बेडरूम में दाखिल हुआ अचानक जान्हवी की नींद खुली और इस्माईल को देखकर हैरत में पड़ गयी उनको संमझ नही आ रहा था कि यह बेड रम तक कैसे पहुंचा ज्यो ही डॉ जान्हवी जागी तुरंत इस्माइल ने उनको अत्यधुनिक हथियारों से कवर कर लिया और फिर उनके मुंह पर मजबूत टेब लगा दिया फिर वह सोते मनमोल और मानवी के कमरे से उन्हें जबरन जगा कर जान्हवी के साथ बांध दिया फिर उसने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कपिलेश्वर से सम्पर्क करते हुये सबसे पहले कब्जे में डॉ जान्हवी और मनमोल एव मानवी को दिखाया कपिलेश्वर आबे से बाहर हो गया और उसने अपनी शिप के सभी साथियों को बुलाया और इमाईल जार्ज की कारस्तानी को वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिखाया पूरी शिप की टीम समझ गयी कि यह डॉ जान्हवी मनमोल या मानवी के लिये नही बल्कि शिप को ही टारगेट करके इमाईल जार्ज द्वारा यह जघन्य अपराध किया गया है जब तक शिप की टीम किसी नतीजे पर पहुंचे तब तक इमाईल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही शिप को जाने के लोकसन भेजे और कहा कि यदि उसके कहे लोकसन पर शिप को लेकर नही पहुंचे तो डॉ जान्हवी और मनमोल मानवी की ह्त्या कर देगा इमाईल जार्ज जहाँ था वहां रात्रि के एक बजे रहे थे जहाँ कपिलेश्वर की शिप थी वहाँ सुबह के दस बज रहे थे और जहाँ शिप ले जाने के लिये कह रहा था इमाईल जार्जे वह लगभग एक सौ बीस नॉटिकल मिल दूरी थी जिसे तीन से चार घण्टे में तय किया जा सकता था इमाईल जार्ज लगातार विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शिप को जल्दी से जल्दी बताये लोकेशन पर ले जाने। को बाध्य कर रहा था इधर शिप की पूरी टीम ने मिलकर फैसला किया कि जल्द से जल्द डॉ जान्हवी मनमोल और मानवी की जिंदगी बचाने के लिये शिप को इस्माइल जार्ज के बताए लोकसन कि तरफ मजबूरन ले जाना पड़ेगा और बहुत शीघ सम्बंधित अधिकारीयो से वार्ता करके शिप को इमाईल जार्ज के लोकसन पर ले जाने के लिये अनुमति मांगी अनुमति तो नही मिली मात्र इतना ही निर्देश मिला कि जो सिचुएशन कहती हो करो अब सारी जिम्मेदारी शिप के टीम पर थी शिप की टीम ने आनन फानन फैसल किया कि शिप को इस्माइल जार्ज के बताए लोकसन पर ले चलते है और शिप उस लोकसन के लिये रवाना हो गयी इमाईल जार्ज वीडियो कांफ्रेंसिंग से शिप को गाइड करता जा रहा था ठीक साढ़े चार बजे भोर भारतीय समय और जहाँ शिप पहुंची वहाँ दिन के ढाई तीन बजे पहुंची पहले से इंतज़ार कर रहे कुछ अज्ञात लांगो ने आकर शिप पर कब्जा कर लिया और शिप टीम को बंधक बना लिया ज्यो ही शिप को इस्माइल जार्ज के साथियों ने बंधक बनाया तुरन्त ही इमाईल जार्ज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिस कनेक्ट करते हुये लैप टॉप एव सम्बंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को साथ लाया था समेटा और बोला गुड बाय मैडम डॉ एंड क्यूट चाइल्ड फ़ॉर पीसफुल कोऑपरेशन और जिस रास्ते वह आया सही रास्ते चला गया सुबह जब आठ बजे गए और डॉ साहब का दरवाजा नही खुला तब विशेष सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को संदेह हुआ उन्होंने ने डोर बेल बजाई दरवाजा जोरो से खटखटाया जब कोई जबाब नही मिला तब दरवाजों को तोड़ दिया अन्दर का दृश्य देखकर सारे सुरक्षा कर्मी हतप्रभ रह गए उनको समझ मे नही आ रहा था कि यह कैसे सम्भव हो सकता है जबकी हम लोग बड़ी मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे है जल्दी जल्दी से डॉ जान्हवी और मनमोल एव मानवी को खोल कर उनके मुंह से चिपके टेप को हटाया और सच्चाई जानने की कोशिश करने लगें डॉ जान्हवी ने एक काम किया था अपना मोबाइल चोरी से वीडियो ऑन कर अपने नाईट गाउन में छुपा रखा था जिसके कारण इस्माइल जार्ज की कारगुजारियों का लग्भग पूरा विवरण तुरन्त मिल गया इस्माइल जार्ज ने डॉ जान्हवी के पास मोबाइल खोजने की बहुत कोशिश की थी मगर असफल रहा था तुरन्त यह खबर बिजली की तरह सारे देश मे फैल गयी कि समुंदर के लुटेरों ने जिनका संबंध सोमालिया से हो सकता है द्वारा शिप का अपहरण कर लिया गया है अब पूरे विश्व समुदाय को अपहरणकर्ताओं की तरफ से आने वाले मांग का इंतजार था दोपहर होते होते उनकी मांग भी आ गयी उनके द्वारा दस अरब अमेरिकी डॉलर की मांग की गई अनयथा अपहृत शिप को तहस नहस करने की धमकी दी गयी और शिप के टीम की हत्या की धमकी दी गयी पूरा अंतराष्ट्रीय समुदाय सकते में आ गया लुटेरे तो जमीन पर मिलते या पाए जाते है ये समन्दर में अपराध एव अपराधियों की नई शैली कैसे ईजाद हुई ।विश्व के सभी संगठनों ने अपहरण कर्ताओं से शिप और शिप कर्मचारियों को छोड़ने की पुरजोर अपील की गई और सोमालिया को हर संभव आर्थिक सहायता सहयोग देने का आश्वासन दिया गया मगर अपहरण कर्ता टस से मस नही हुये इधर भारत मे इमाईल जार्ज की तलाश जारी हुई और हर तरह के सघन अभियान खुफिया और अन्य सभी तरह के मगर उसका कही पता नही चला दस दिन बाद वह उन्ही आपरकर्ताओ के साथ दिखा शिप को छुड़ाने के सारे प्रयास व्यर्थ सावित हो रहे थे अंत मे अपहरण कर्ताओं से वार्ता के लिये अंतराष्ट्रीय समिति का गठन किया गया जिसमें सभी अंतराष्ट्रीय संगठनों के सम्नांनित सदस्य थे वार्ता शुरू हुई वार्ताओं के दौर चले इसके अतिरिक्त अपहरण कर्ताओं के चंगुल से शिप को मुक्त कराने के और भी उपाय नेवल सेना और अन्य सैन्य बल द्वारा किये गए मगर मुश्किल इस बात की थी कि शिप और अपहरण कर्ता अपने मन पसंद मांद में थे जिसे भेद पाना सम्भव नही था और मिसाइल आदि शस्त्रों का सीधा प्रयोग सम्भव नही था अंतराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सभी प्रायास किया गया लेकिन कोई नतीजा नही निकलता देख अंत मे अपहरण कर्ताओं की मांगों के मानने के अलावा कोई विकल्प शेष नही रहा अंत मे उनकी मांगों को पूरा करने के बाद उनके द्वारा शिप रिहा किया गया कपिलेश्वर
अपने घर पहुंचे और मर्चेंट नेवी की नौकरी से इस्तीफा दे दिया समंदर में वैसे भी खतनाक जीव जंतु पर्याप्त है अब इंसान भी समन्दर को अपने अनैतिक कार्यो अपराध के लिये नए स्थान के तौर पर अपना लिया है जो शुभ संकेत नही हैं।।

कहानीकार---नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।

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