रोमांस - तेरे प्यार का सुरुर - 2 Saritashukla51 Shukla द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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रोमांस - तेरे प्यार का सुरुर - 2

प्राची अभिजीत के सवालों का कोई जवाब देती इससे पहले ही उसके कानों में रणवीर की नफरत भरी आवाज कानों में पड़ती है क्योंकि प्राची अभिजीत की बाहों में थी रणवीर गुस्से से प्राची और अभिजीत की तरफ देखता है उसके देखने से प्राची तुरंत अभिजीत से दूर हट जाती है तभी अभिजीत कहता है ,,,भाभी मैं ऑफिस जा रहा हूं अभिजीत वहां से निकल जाता है तभी रणवीर प्राची की ओर देखता है और कहता है मुझे नहीं पता कि तुम इतनी प्यासी हो की गैर मर्द को भी नहीं छोड़ती,,, दाद देनी होगी तुम्हारी,,, इतना कहते हुए वह निखिल से कहता है,, निखिल मुझे तुरंत मेरे कमरे में ले चलो, मुझे आफिस के लिए तैयार होना है,,,,, निखिल रणवीर की व्हीलचेयर को रणबीर के कमरे में ले जाकर उसके तैयार होने में मदद करता है,,,,,,,, प्राची को अपने ऊपर तरस आ रहा था कि रणवीर उसके बारे में इतना बुरा सोचता है,,,, इस परिवार में प्राची अपने मर्जी से शादी नहीं की है, वो तो ये शादी अपने मां बाप की कंपनी को बचाने के लिए मात्र एक समझौता अपनी जिंदगी के साथ किया,,,,जबकि उसे जोर-जबर्दस्ती इस परिवार में शादी करने के लिए मजबूर किया गया तब जाकर वह इस परिवार में शादी की वह तो खुद अपने जख्मों को भुला नहीं पाई थी ,,,और यहां उसे दूसरे जख्म मिलने शुरू हो,,, गए तभी एक नौकरानी प्राची के पास आती हैं,,, और कहती है ,,प्राची मैडम आपको मिस्टर कपूर सर ने अपने स्टडी रूम में बुलाया है ,,,,प्राची नौकरानी की बात सुनकर अपने बहते हुए आंसुओं को पोछकर, स्टडी रूम की तरफ बढ़ जाती है ,,,स्टडी रूम में रमेश कपूर बैठे हुए थे ,,,और प्राची को उसकी बहन के नाम से रिया नाम से संबोधित करते हैं , और बड़े ध्यान से प्राची को देखते हैं, प्राची उनको इस तरह से देखने पर अनकंफर्टेबल होने लगी, उसे डर लगने लगा कहीं। रणबीर कपूर के दादाजी भी उसे रणबीर कपूर की तरह पहचान तो नहीं लिया,, वो डर से अपने चेहरे को नीचे करके मन ही मन हे! भगवान कहीं ये तो मुझे पहचान गये,,, तभी प्राची से दादाजी कहते हैं ,,, आओ मैं तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था,, मैं रणबीर कपूर का दादा जी हूं,,, मैं तुमसे कुछ जरूरी बातें करना चाहता हूं,,,,, तभी प्राची दादाजी के पैर छुए और बोली,,,,,,हां दादा जी बोलिए मिस्टर कपूर ने प्राची से कहा ,,कि,,,, देखो प्राची मेरा पोता रणवीर पहले ऐसा नहीं था,,,, वह बस विकलांग होने की वजह से थोड़ा नाक चढ़ा है ,,,लेकिन मैं समझता हूं कि तुम मेरे पोते को समझने की कोशिश करोगी ,,,और वह कोई जो गलती कर रहा है ,,,उसको नजरअंदाज करोगी और तुम उसका पूरा साथ दोगी,,,,,, दादाजी की बात सुनकर प्राची ने कहा,,,,,हां  में ज़बाब देकर चुपचाप दादाजी के बात को सुनने लगी,,,,, तभी मिस्टर कपूर कहते हैं ,,,की प्राची मैं तुम्हें एक जिम्मेदारी और देता हूं ,,,तुम्हें रणबीर के साथ उसकी असिस्टेंट बनना होगा ,,ताकि तुम रणवीर का ऑफिस में भी ख्याल रख सको,,,, और उसके साथ कंपनी में भी उसके कामों में भी सहयोग कर सको ,,,प्राची मिस्टर रमेश कपूर की बात सुनकर हां,, मैं जवाब देती है ,,,मिस्टर कपूर बहुत खुश होते हैं,,, और रणवीर के साथ ऑफिस जाने के लिए कहते हैं ,, तभी रणबीर भी अपने दादाजी के कमरे में आता है, तभी रणबीर के दादाजी रणवीर से कहते हैं तुम्हें असिस्टेंट नहीं पसंद ना लेकिन आज से तुम्हारे प्राची असिस्टेंट रहेंगी,, रणवीर हमें जवाब देता है ठीक है,,, प्राची देखती है, दादा पोते की इतनी बात हुई,,, लेकिन उन दोनों का रवैया,,, एक दोनों के प्रति सख्त था,,,प्राची स्टडी रूम से रणवीर के गाड़ी तक आती है,,, तभी रणवीर कहता है क्या तुम मुझ पर नजर रखने के लिए मेरी ऑफिस चल रही हो,,,,, तुमने तो मेरे दादाजी पर जादू चला दिया,,, और किस-किस को रिझाने आई हो इस घर में,,,, रणबीर अपनी गाड़ी में बैठने के लिए जाने लगा,,, रणवीर के पीछे उसकी गाड़ी में आने लगी ,,, तभी निखिल ने कहा,,, मैम यह सर की गाड़ी है,,,, सर किसी को अपने साथ नहीं बिठाते,,, रणबीर की तरफ देखते हुए निखिल ने कहा,,, मैंने सही कहा ना सर,,,,,, हां मेरी गाड़ी में कोई नहीं बैठ सकता,,,,,,,,,जाओ तुम दूसरी गाड़ी करके आओ मेरी गाड़ी में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है,,, और अपनी गाड़ी लेकर रणबीर वहां से चला जाता है और प्राची दूसरी कैब बुक करके ऑफिस के लिए जाती है इधर गाड़ी में रणवीर निखिल से कहता है तुम उस लड़की का पता लगा सके निखिल कहता है ,,,सर उस दिन बारिश इतनी तेज थी कि सर आज तक 1 महीने हो गए अभी तक उस लड़की का मैं पता नहीं लगा पाया तभी रणवीर ने कहा हो सकता है कोई हॉस्पिटल में पता लगाओ क्योंकि हो सकता है वह प्रेग्नेंट हो क्योंकि वह लड़की वर्जन थी और मुझे पूरा शक है कि वह लड़की प्रेग्नेंट जरूर होगी तुम इस समय जाकर सभी हॉस्पिटल में देखो,,, और उस लड़की का पता जल्द से जल्द लगाओ इधर निखिल रणवीर के बातों को सुनकर हैरान हो गया कि वह कैसी ऐसे किसी लड़की का पता लगा ले इधर प्राची कपूर इंडस्ट्रीज पहुंचती है कपूर इंडस्ट्रीज में प्राची को कोई नहीं पहचानता था प्राची वहां सबके लिए अनजान थी गेट पर खड़ा चपरासी तक ऑफिस के अंदर नहीं जाने दे रहा तभी अभिजीत आता है अभिजीत की वजह से प्राची कंपनी के अंदर जा पाती है और वह लिफ्ट के मदद से ऊपर के फ्लोर पर जाती है प्राची जैसे ही लिफ्ट से ऑफिस के फ्लोर पर पहुंचती है तभी उसे आवाज सुनाई देती है एक लड़की की और लड़की कह रही होती है तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे ठुकराने की तुम एक अमीर घर से हो इसका क्या मतलब है कि तुम मेरी बेज्जती करोगे अपाहिज कहीं का तू तो खुद किसी के लायक नहीं है क्या तुझे कोई लड़की नहीं पसंद करेगी पहले अपने आप को शीशे में देख तू तो ऐसा ही है कि कोई लड़की तुझे भाव तक नहीं देगी किस घमंड करता है तू पैसे पर रणवीर इतनी बातें सुनते ही एकदम शांत हो गया तभी प्राची आकर उस लड़की से बोली प्राची ने कहा सुनिए में मैं जानती हूं कि सर विकलांग है लेकिन आप खुद उन्हें रिझाने का प्रयास कर रही थी अगर आपकी वह बात नहीं माने तो आप उनको इतना कुछ सुना रही हैं यह कोई बात तो नहीं हुई ना तुम तो उस लोमड़ी की तरह हो अंगूर ना मिलने पर कहती है खट्टे हैं इस पर इस पर वह लड़की प्राची से कहती है तुम होती कौन हो मुझसे इस तरह बात करने वाली और तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई इतना कहकर वह प्राची को मारने की कोशिश करती है तभी एक थप्पड़ प्राची उस लड़की के गालों पर मार देती है जिसकी वजह से पूरा ऑफिस थप्पड़ की मार से गूंज जाता है तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे थप्पड़ मारने की इतना ही वह लड़की कहती है तभी प्राची उसके दूसरे गाल पर भी पर मारती है और कहती है कि तुम जाना चाहती हूं मैं कौन हूं तुम जिस को रिझाने के लिए इतना प्रयास किए जा रही हो और तुमको उन्होंने ठुकरा दिया तो तुम उन्हें भला बुरा कह रही हो यहां तक कि उन्हें तुमने अपाहिज तक कह डाला तुम नहीं चाहती हो ना कि मैं कौन हूं तो सुनो मैं इनकी पत्नी हूं और तुम मेरे पति की बेइज्जती कर रही थी तो कोई भी औरत हर चीज बता तो सकती है अपने पति की बेइज्जती बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकती इसलिए मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा क्योंकि तुम मेरे पति की बेइज्जती कर रही थी और मैं यह सब कैसे सुन सकती हूं और मैं नफरत करती हूं ऐसी लड़कियों से मिल गया ना जवाब तुम्हे