ख्वाइशें - 1 Kishanlal Sharma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ख्वाइशें - 1

योर वाट्सएप नम्बर
मोबाइल पर वह यूटुबेर के वीडियो बहुत देखता था।इनमे राजनीतिक बहस और समाचार के ज्यादा होते थे।
पाकिस्तान के भी काफी पत्रकार यूट्यूब पर वीडियो डालने लगें थे।जब से सोशल । मीडिया का जमाना आया है छोटी से छोटी बात पलक झपकते ही दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने में पहुचं जाती है।
यू ट्यूब या सोशल मीडिया पर जो आता है वो सब सही नही होता।फेक और झूठ भी बहुत होता है।सनसनी और अफवाह फैलाने के लिए भी खूब पोस्ट की जाती हैं।हम कोरोना के समय देख चुके है।लोगो ने अफवाह फैलाने में कोई कमी नही रखी थी।लेकिन एक बात और है
पाकिस्तान के मेन स्ट्रीम मीडिया पर बहुत कुछ नही आता अब आप इसे सरकर का दबाव समझे या कुछ और
लेकिन सरकर चाहे जितना प्रयास कर ले सोशल मीडिया के जमाने मे चाहे जितना प्रयास कर लो सच को नही छिपा सकते
और पाकिस्तान के यूटूबेर यही काम कर रहे थे।पाकिस्तान आतंकवादियों, दश्तगार्डो अलगाववादी की पनाह गह था।सरकार को उनका संरक्षण था।बहुत से आतंकवादी जिन्हें यू एन ओ ने भी हिट लिस्ट में डालरखा था।जो ग्लोबली टेरेरिस्ट थे। पाकिस्तान सरकर के मेहमान बने हुए थे।पूरी दुनिया जानती थी कि पाकिस्तान दहशतगर्दो की सुरकुशित पनाहगाह है।पूरी दुनिया मे आतंक यही से फैलता है।
पाकिस्तान इनकार करता था।पर सोशल मीडिया के आने से सरकार चाहे जितना मना करे, बात को किछुपाये सोशल मीडिया अपनी ही सरकार की पोल खोल देता था
ओसामा बिन लादेन को ही देख लो।अमेरिका उसे अफगानिस्तान में तलाश कर रहा था।और आखिर किसी सूत्र से पता चला वह पाकिस्तान में है लेकिन सरकार मना करती रही।और सालो लग गये अमेरिका को और उसे पता चल गया कि पाकिस्तान की सेना के संरक्षण में वह सैनिक छावनी के पास ही गुप्त जगह रह रहा है और एक रात अमेरिकीसैनिक आये और उसे मारकर अपने साथ ले गए।
सबीना एक पाकिस्तानी yutueber थी।युवती और पत्रकार और जैसे एक पत्रकार होता है।वैसे ही वीडियो बनाती थी।उसके चेनल पर आने वाले मेहमान बेबाक और साफ़गोई से अपनी बात रखते और अपनी ही सरकार की आलोचना में पीछे न रहते।
कांत ने एक बार सबीना का वीडियो क्या देखा कि वह उसके वीडियो देखने लगा।अपना कॉमेंट करना भी न भूलता।और एक दिन उसने उसका वाट्सएप न।र माँग लिया।उसने कोई जवाब नही दिया लेकिन जब वह रोज मेसेज करने लगा तब वह मैसेज करके बोली
मेरे वीडियो पर कॉमेंट करते हो यहां से मैं जवाब दे रहीं हू पर वाट सेप क्यो
कुछ और बात भी हो सकती है आखिर जब कांत ने ज्यादा आग्रह किया तो उसने नम्बर दे ही दिया
"तुम्हे डर नही लगता"कांत ने सबसे पहला प्रश्न या कहे उससे बातचीत की शरुआत इस तरह कि थी
"डर मतलब
"तुम दहसतगर्दो के बारे में जो वीडियो बनाती हो।
"मैं भी तुम्हारी तरह एक आम इंसान हूँ।और जैसे गुड बदमाशों और माफियो से डर औरो को लगता है । मुझे भी लगता है लेकिन
"लेकिन क्या
"मैं एक पत्रकार हूँ और पत्रकार का धर्म है सच को जनता के सामने लाना और मेरे लाखो देखने वाले है उनकी दुआए मेरे साथ है।जो मेरा सम्बल है।मेरी रक्षा करती है