The Monk Who Sold His Farrari iQ Yogesh द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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The Monk Who Sold His Farrari

जूलियन मेंटल एक सफल वकील था, जिनके पास सुख सुबिधा देने वाले सारे luxury चीजें थी | बड़ा बंगला, गाड़ी, जेट बिमान आदि का वो मालिक था | परन्तु उसका जीवन बहोत व्यस्त था, उसपर हमेसा काम का बहोत भार रहता था | खुद के लिए और अपने परिवार के लिए उसके पास बिलकुल समय नहीं था |

सारे सुख सुबिधा होने के बाद भी वो अपने जीवन में खुस नहीं था, नाहीं उसके मन में शांति थी | 50 की उम्र में वो 70 दिखने लगा था|सिर्फ काम के धुन में वो अपना सारा जीवन को बर्बाद कर चला था |

 
एक दिन courtroom में एक केस के सिलसिले में बहस के दौरान उसे दिल का दौरा पडा और वो फ़र्स पे गिर गया|हॉस्पिटल में पहोंच ने के बाद डॉक्टर ने इलाज करके उसकी जान तो बचा ली पर साथ ही चेताबनी भी दी की उसकी जीवन जीने का तरिका उसका काम का धुन उसकी जान लेकर रहेगा |

ये बात सुनकर जूलियन सोच में पड जाता है की आज तक वो अदालत में कोई भी केस नहीं हारा | पर जीवन की अदालत में वो अपना जीवन हार रहा है | क्या मूल्य है इस शानो सौकत का, धन सम्पति का | जो उसे सिवाय तनाव और अशांति के कुछ नहीं दे रहा है |

तभी वो अपना वकालत छोड़ने का निर्णय लेता है | वो अपनी सम्पति बेच कर भारत चला जाता है जहां वो जीवन का सही लक्ष्य, सुख और शांति की तलाश करने लगता है |

काफी खोज के बाद वहां उसे सिवाना के ऋषियों के बारे में पता चलता है जो १०० बर्स से भी अधिक आयु जीतें हैं वो भी पूरी युवा उर्जा और स्वास्थ के साथ | काफी तलाश के बाद जूलियन उन ऋषियों को ढूंड लेता है |

 
उन ऋषियों के प्रमुख रमन योगी जूलियन को, जीवन को सफलपुर्ब जीने के  7 रहस्य की शिक्षा देतें हैं | जिसे वो एक कहानी के जरिये समझाते हैं |
कहानी:
एक सुंदर पुष्पों से भरा बगीचा है, और उसी बगीचे के बिच में एक बड़ा प्रकाश घर है | उस प्रकाश घर  के निचले दरवाज़े से एक सूमो पहलवान बाहर आता है | वो सूमो पहलवान काफी लम्बा और बड़ा होता है, उसने और कुछ नहीं सिर्फ लाल cable wire से बना लंगोट पहना होता है |

पहलवान उस बगीचे में टहलने लगता है | बगिचे में टहलते हुवे उसकी नज़र एक पुरानी गोल्डन घडी पे पड़ती है | घडी को उठाने के लिए वो आगे बढ़ता है, तभी वो फिसल कर गिर जाता है और बिलकुल बेजान पड़ा रहता है |

थोड़ी ही देर बाद वो एक पास में खिल रहे  गुलाब की खुसबू से उठ जाता है और अपने बायीं तरफ हीरो से सजे रास्तों को देखता है और उस रास्ते में चलने लगता है |

ये कहानी जूलियन को बहोत अजीब लगती है, वो योगी रमण से पूछता है ये क्या था कोई मजाक ! मुझे तो इस कहानी में कोई बात समझ नहीं आई | तभी योगी रमन इस कहानी में छुपे सारे तथ्य को समझातें हैं जो निचे 7 principles में बताएं गएँ हैं |

वो  7 Priciples हैं :

बगीचा (हमारा मन)
प्रकाश घर (जीवन का लक्ष्य)
सूमो पहलवान (लगातार सीखना और खुद में अच्छे बदलाब लाना)
लाल cable wire (आत्म अनुशासन और नियंत्रण)
गोल्डन घडी (समय)
गुलाब (निस्वार्थ भाब से दुसरो की सहायता करना)
हीरो से सजा रास्ता (बर्तमान में जीना)
पहला Principle - बगीचा (हमारा मन)
हमारा मन एक बगीचे की तरह है | जैसे एक बगीचे में अच्छे बिच डालने से, उसे  उबजाऊ बनाने से | बगीचा सुन्दर फूलों और फलों से भर जाता है और खुबसुरत लगता है | इसके बदले अगर हम उसमे कचरा डालेंगें या उसमें जहरीली झाड़ियाँ उगने के लिए छोड़ देंगें | तो वो बगीचा एक गन्दी जगह बन जाएगी |

इसीलिए एक माली हमेसा अपनी बगीचे की रखवाली करता है, उसे कीड़े मकोड़ों से और खराफ पौधो से सुरक्षित रखता है |

ऐसे ही हमारा मन है जैसा विचार हम इसमें डालतें हैं, वैसा हमारा जीवन बनता है | इसी लिए जरुरी है हम अपने अपने मन का गार्ड बने | मन को किसी भी तरह की नकारात्मक बिचार जैसे चिंता, क्रोध, भय आदि से दूर रखें | 

नकारात्म बिचार पुरे दिमाग की अधिकतर उर्जा को सोख लेती है | अगर हम इसे अच्छे बिचारों से पोषित करेंगें तो हम जीवन में हमारे उम्मीदों से भी ज्यादा सफल, सुखी और शांति पा सकेंगें |

यहाँ माली हमारा चेतन मन है और बगीचा अबचेतन मन | चेतन मन के बिचार हि अबचेतन मन को दिशा देती है|

इसीलिए अपने बिचारों को सही दिशा दें |

इसके लिए किताब में ३ उपाय बताये गए हैं:

गुलाब का रहस्य 
बिपरीत बिचार
झील का रहस्य
गुलाब का रहस्य: कुछ समय निकाल कर रोज़ एक गुलाब के फुल को 5 min के लिए देखें | उसका रंग, आकार, खुसबू आदि को सही से ध्यान दें | ऐसा करना सुरु में अजीब लगेगा पर लगातार अभ्यास से ये आपको अपने मन पर और बिचारों पर नियत्रण करने में सहायता करेगी |

बिपरीत बिचार: इसका अर्थ है जैसे हि कोई नकारत्मक बिचार मन में आये उसे बदलकर कोई सकारत्मक बिचार मन में लायें |

झील का रहस्य: इसका अर्थ है रोज़ सुबह कुछ समय निकालकर खुद को उस व्यक्ति के रूप कल्पना करें जैसा आप बनना चाहतें हैं | जो कुछ आप पाना चाहतें उसे imagine करें |

कोई भी चीज दो बार बनती है पहले हमारे कल्पना में दूसरी वास्तव में |

हमारे कल्पना हि हमारे इच्छाओं को दिशा देती है और जो हम पाना चाहतें उसे वो reality बनाती हे |
दूसरा Principle - प्रकास घर (जीवन का लक्ष्य)
पहले के समय में समुन्द्र के किनारे प्रकाश घर जहाजों को सही दिशा बताती थी |  इस कहानी में प्रकाश घर जीवन का उदेश्य को बता रही है |

“एक उदेश्य पूर्ण जीवन हि जीवन का सही उदेश्य है ! ”

आप अपने जीवन के उदेश्य निर्धारित करें | शारीरिक, मानशिक, भौतिक और आध्यात्मिक रूप से आप क्या पाना चाहते हैं वो निर्धारित करें |

अगर जाना कहाँ हे ये पता हि ना हो तो, अगर वहां पहोंच भी जायें तो कैसे पता चलेगा | इसीलिए एक सफल और सुखी जीवन के लिए जीवन का लक्ष्य पता होना बहोत जरुरी है |

लक्ष्य जानने के बाद उस पर काम करना सुरु करदें |

अपने लक्ष को इस तरह steps में डाल सुरु करें |

लक्ष्य निर्धारित करना 
अपने प्रिय जनों को इस बारें में बताना (बताने का कारण: क्यों की इंसान कभी भी दूसरों के सामने हारा हुआ महसूस नहीं करना चाहता )
एक समय सीमा निर्धारित करना (deadline) (जब हम एक time bound देंगें खुद्को तभी हम अपने लक्ष्य पे काम करतें रहेंगें)
लक्ष्य पे काम करते रहने के लिए  खुद पर अच्छे दबाब डालना (बार बार हमारा ध्यान भटकेगा, हम नीराश भी होंगे, पर खुदको motivate करते रहने से हि हम लक्ष को पा सकेंगे)
तीसरा Principle - सूमो पहेलबान (KAIZEN का अभ्यास )
इस कहानी में सूमो पहलबान KAIZEN को दर्शाता है | KAIZEN एक जापानी philosophy है। KAI मतलब बदलाब(change) और ZEN मतलब अच्छा(Good) | यह एक निरंतर सीखने और सुधार की प्रक्रिया है |

इसका simple meaning है रोज़ छोटे छोटे step लेकर खुदको बेहतर बनाना | खुदमें और खुदके कामो में छोटे छोटे improvement लाना | और यही सब छोटे छोटे steps कुछ समय बाद बड़े result देंगे |

सेल्फ मास्टरी जीवन के महारत का डीएनए है। (Self master is the DNA of life mastery)
 
जब आप KAIZEN principle का उपयोग करतें हैं | तब आप mastery हासिल करलेते हैं | इस बुनियाद पे आप फिर आपकी बाहरी स्तीथी में जैसे की:  एक सफल business खड़ा करना या एक सफल relation की नीव डालना, सब में महारत हासिल कर सकते हें।
 
आत्मज्ञान आपके मन, शरीर और आत्मा की निरंतर साधना के माध्यम से आती है। लगातार साधना का अर्थ है अपने मन का विकास और अनुकूलन।
चौथा Principle - cable wire (आत्म अनुशासन और नियंत्रण)
cable wire कई सारे तारों के गुच्छे से बना होता है, अकेले एक पतली तार कमजोर होती है जो आसानी से टूट सकती है | मगर वही तारों के गुच्छे एक साथ लोहे से भी ज्यादा मजबूत होतें हैं |

इसका मतलब  हमारे रोज़ के छोटी छोटी अच्छी आदोतें जो हर रोज़ देखने से मामूली लगेगी |पर लम्बे समय बाद यही छोटे छोटे बदलाव हमे वैसा बनाती है जैसा हम बनना चाहते हैं |

जैसे healthy रहने के लिए healthy खाना खाना, रोज़ थोड़ी exercise करना, unhealthy के बदले healthy चीजें चुनना, बेकार की विडियो के बदले अच्छी बुक पढ़ लेना | ये सब खुद में बहोत मामूली और छोटे लग सकतें हें |

पर इन्ही आदतों को रोजाना करते रहने से हम खुद में बेहतर बदलाव ला सकतें हैं, जो आगे जाकर हमे अच्छे परिणाम देते हैं |
पांचवां Principle - गोल्डन घडी (समय)
हर इंसान के पास दिन के 24 घंटे होतें हैं | सही से समय का उपयोग हि एक सफल इंसान को एक आम इंसान से अलग करता है | समय हाथों से रेत की दानों की  तराह फिसल जाती है | यह इंसान की सबसे कीमती चीज है जो एक बार गया तो वापस लौट कर नहीं आता |

इसीलिए अपनी time की क़द्र करें और उसका सही इस्तेमाल करें | जो अपने समय का उपयोग समझ्दारी से करता है उसे हि सफलता, सुख, समृध्धि मिलती है |
छठा Principle - पिला गुलाब (निस्वार्थ भाव से दुसरो की सहायता करना)
chinese में ये कहावत है की जो हाथ दुसरो को फूल देता है थोड़ी खुसबू उसके हाथ में रह जाती है | इसका मतलब है जब हम दूसरों की निस्वार्थ रूप से सहायता करतें हैं चाहे वो छोटी हो या बड़ी, उस्से हमें भी खुसी मिलती है | एक सम्पूर्णता तभी  मिलती है जब हम दूसरों के लिए कुछ भला करतें हैं |

इसीलिए जीवन में दूसरों की सहायत का भी लक्ष्य होना चाहिए तभी हम पूरी तरह से खुस हो पायेंगें और जीवन में परिपूर्ण हो पाएंगे|
सातवां Principle - हीरो से भरा रास्ता (बर्तमान में जीना)
जब कहानी का सूमो पहलबान हीरों से भरा रास्ते को देखता है तब उसके मन में ये बिचार आता है, वही रास्ता उसे असली खुसी और सफलता देगी |

ये रास्ता हमें बर्तमान(present) को दर्शाता है|वो हीरें कुछ और नहीं  बल्कि बर्तमान की छोटी छोटी खुशियाँ और लम्हें हें जिसे हम जीना भूल जातें हैं|

ज्यादातर लोग बीते हुए बातों को सोचने और चिंता करने में | या फिर आने वाले भविष्य के बारे में सोचने में लगे रहते हैं | मगर जो बित गया वो बर्तमान का कुछ पल था और जो आयेगा वो भी बर्तमान का कुछ पल हि होगा |

जो अभी है पहले उसे तो जी लें | सफलता एक यात्रा है कोई मंजिल नहीं | इसके हर एक पल को जी भरके जियें तभी हम पूर्णतः खुसी और आनंद का अनुभब कर पायेगें |
सारांस Conclusion
जीवन अनमोल है, इसके हर एक पल को जी भर के जियें|सुख दुःख आते हैं और चले भी जातें हैं|गलतियाँ कुछ नहीं होती ये हमे एक शीख देती है और हमे बेहतर इंसान बनाती है |

अपने जीवन को एक सही दिशा और लक्ष्य दें | अपने स्वास्थ का ध्यान रखें |

आशा है आपको ये book summary अच्छी लोगी होगी और कुछ नयी प्रेरणा मिली होगी |

पूरी आर्टिकल पढने के लिए धन्यवाद !