बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 6 Sanju Sharma द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • आखेट महल - 19

    उन्नीस   यह सूचना मिलते ही सारे शहर में हर्ष की लहर दौड़...

  • अपराध ही अपराध - भाग 22

    अध्याय 22   “क्या बोल रहे हैं?” “जिसक...

  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

श्रेणी
शेयर करे

बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 6

बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा- भाग 6

पिछले भाग में आप सभी ने पढ़ा कि किस तरह मेरी बीवी ने मेरे ही सब्दों के जाल में इस तरह फसा दिया कि पहले मेरे नंबर पर कई मर्द फ़ोन करने लगे, कोई मुझे प्रिया समझ कर फ़ोन कर रहा था तो किसी के लिए मैं लता और पुष्पा बन गया
जब तंग आकर मैंने मोबाइल नंबर चेंज कर दिया पर रैंडम कॉल करने का सिलसिला रुका नही पर मुझे इतना पता चल गया कि इन् सबके पीछे मेरी बीवी ही थी क्योंकि नए नंबर की जानकारी सिर्फ उसे थी, दूसरों को नंबर बताने से पहले नए नंबर पर लोगों के भद्दे कॉल सुरु हो गए
पाठकों से निवेदन है कि भाग 5 जरूर पढ़ें और जाने मेरी बीवी की कारस्तानी
पर मुझे अंदर से जिज्ञासा थी कि उसने मेरा नंबर उन्न अनजान लोगों तक पहुंचाया कैसे

तो मैंने तपतिष सुरु कर दी, पता चला कि वो घर के प्रिंटर से प्रिंटआउट निकालकर, घर से निकलती है और एक स्टोर में जाकर कई ज़ेरॉक्स निकालती है और उसी स्टोर में काम करने वाले एक लेबर को वो ज़ेरॉक्स और कुछ पैसा देती
मैंने कई बार उस इंसान को फॉलो करने की कोशिश की पर ऐन मौके पर वो मेरी नज़रों से ओझल हो जाता,
मैं उसे स्टोर से फॉलो करता, फिर ट्रैन में छुप छुपाके उसे देखता रहता , दादर स्टेशन पर उसके पीछे उतरता और यही पर वो मेरी नज़रो को धोखा दे देता,शायद भीड़ की वजह से मेरे नज़रें उसे फॉलो नही कर पाते थे।

ऐसा कई दिनों तक चला, मैं हताश हो चुका था क्योंकि मैं घर से कॉलेज जा रहा हु, कह कर निकलता पर मेरी वाइफ के इस प्रैंक को डिकोड करना जरूरी था

घर में उसके लैपटॉप को भेदना बहुत मुश्किल था, सोचा ज़ेरॉक्स वाले को पटाऊ जिसे पता चले कि ज़ेरॉक्स किस चीज़ का करवाती है पर मुझे डर था कि कहीं वो मेरी बीवी को न बता दे

मुझे परेशान देख भगवान को मुझपर दया आ गयी, एक दिन मेरे दोस्त रवि का फ़ोन आया , वो ट्रैन से गांव जा रहा था, वो कहने लगा, "मेरी कोई जुड़वा बहन है क्या? " मैं बोला"पागल है क्या? " तो उसने मुझे एक फोटो भेजी मेरे व्हाट्सएप्प पर और वो फ़ोटो देखते ही सारा माजरा समझ में आ गया

मेरी बीवी मेरी फ़ोटो लैपटॉप और फोटोशॉप की मदत से, मेरे सिर पर लड़कियों जैसे लंबे बाल, मेक अप, ऑय लाइनर, होटों पर लिपिस्टिक और प्रिंटर से प्रिंटआउट निकालकर उसके ज़ेरॉक्स करवाती और उसी दुकान में काम करने वाले कर्मचारी को चिपकाने का जिम्मा देती, और यह भी समझ में आ गया कि वो इंसान दादर ही क्यों उतरता था और क्यों और कहां मेरी नज़रों से ओझल हो जाता, वो भाग कर गांव जाने वाली ट्रेनों की बाथरूमों में मेरे लड़की वाले अवतार का ज़ेरॉक्स चिपका देता, तभी मुझे भिन्न भिन्न भाषायों वाले लोग कॉल किया करते थे, कुछ के तो भाषाएं समझ में नही आती थी, शायद वो दक्षिण भारत लोग होंगे।

मैं यह समझ कर झलल्ला रहा था, अंदर से गुस्सा भी आ रहा था कि मेरी बीवी इतना भयंकर शरारत कर सकती है वो भी एक बयान के लिये जो मैंने अपनी सासु माँ से की थी,"मम्मीजी, थोड़ा मुझसे भी बात कर लीजिए, आपकी बेटी आपको अकेला छोड़ ही नही रही है" क्या गलत लग रहा है इन् वाक्यों में, पति पत्नी से इस तरह की बात नही करेगा तो किस से करेगा पर बीवी ने उल्टा ले लिया और यह प्रैंक मेरे लिये सजा बन गयी

मेरे मन में प्रैंक के बदले प्रैंक से बीवी को जवाब देने का मन कर रहा था पर मेरी बीवी की फ़ोटो ट्रेनों के बाथरूम में चिपकाना , यह मैं कर नही सकता क्योंकि बदनामी मेरी ही होगी तो बीवी की फ़ोटो वाला प्लान कैंसल।

किस तरीके से बीवी के प्रैंक का बदला लिया जाए, सोचते हुए घर पहुंचा, देखा बीवी पुरानी एल्बम में फ़ोटो देख रही थी और एक फोटो पर देख कर हस रही थी, उस फ़ोटो में ससुरजी बत्तीशी दिखा हस रहे थे और बीवी जीभ निकाले हुए थी, जैसे वो मुझे ही दिखा रही हो पर उस फ़ोटो को देख कर किस्से बदला लिया जाए यह तय कर लिया और वो थे ससुर जी, आखिर बाइप्रोडक्ट उन्ही की है तो कुछ क्रेडिट इन्ही को मिलना चाहिए।
अब मैंने प्रिंटआउट निकाला और ससुरजी का मोबाइल नंबर अंग्रेज़ी और हिंदी में भी लिखवाया और कई ज़ेरॉक्स निकलवाकर मैं खुद गांव जाने वाली ट्रेनों में चिपका आया और दूसरे दिन से इंतज़ार करने लगा कि कब ससुरजी अपनी सुपुत्री को फ़ोन करके इस कारनामे के बारे विस्तार से बताते ।
पर उल्टा हो गया मेरे ससुर जी के बजाय मेरे पिताजी ने मुझे फोन करके बताने लगे कि किस तरह से कोई उन्हें शारदा, अनजली और क्या क्या नही कह के बुला रहे है

हे भगवान यह पासा उल्टा कैसे पड़ गया,ससुरजी के बजाय , लोग मेरे पिताजी को क्यों काल करने लग गए।

यह राज भाग 7 में खुलेगा