मां। - भाग 2 Anita Sinha द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

मां। - भाग 2

मां

दुनिया में कोई हस्ती नहीं बनी है जो मां की बराबरी
कर सके। मां ही है वो कश्ती जो भवसागर से नैया
पार करा सके।

चाहे कितने तीर्थ कर लें हम आठों याम।
मां के चरणों में ही मिलेंगे सारे तीर्थ धाम।

मां बिना ना देने वाले हैं कोई भी सुख शांति
और अमन चैन।
मां मनाती है हर हमेशा बच्चों की सलामती
दिन रैन।

प्यार भी मां है बहार भी मां है और सावन की
रिमझिम फुहार भी है मां।

कोशिश हमारी यही हो कि मां के आंसू नहीं बहे।
बस अनहद परिश्रम करके मां के लिए सुख के
साधनों को उपलब्ध कराएं।

दिल के साज और सितार भी है मां।
बरगद वृक्ष जैसा शीतल आच्छादन है मां।

मां के लिए दिल में जगह बनाईए।
सुनिए अब मां को दिल का दोस्त बना कर
वृद्धाश्रम से दूर रखिए।

मां दुनिया की वेदना झेल कर बच्चों को बचाती है।
हो ऐसा हमारा कर्तव्य कि मां पर जो आंख तरेरे
तो मां रक्षा के लिए समर्पित रहें जो हमारे लिए
नित नित पीड़ा सहती है।

मां को दूर नहीं कीजिए और मां के समीप रहिए।
मां ही है जिंदगी का नूर उसे कोहिनूर समझिए।

मां बच्चों के लिए शीतल छाया बनकर रहती है।
मां शत्रुओं से बच्चों की रक्षा करती है।
वो बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित होती है।
मां बच्चों की हमदर्द होती है।
मां बच्चों का दुःख दूर करती है।
मां बच्चों का संसार होती है।
मां के आंचल में बच्चे सुरक्षित रहते हैं।
मां का प्यार अनमोल उपहार है।
जिसे न कोई सकते हैं तोल।
मां के लिए समय निकाल कर मिलें।
मां को साथ रखिए मित्र बनाकर।
वृद्धाश्रम नहीं भेजिए मां को।
बस दो रोटी का आसरा मां चाहती है।
मां का सहारा बनिए और जीवन सफल बनाएं।
मां से मृदु बानी बोलिए।
मां की पूजा करें और मनोवांछित फल प्राप्त करें।
मां बच्चों की रक्षक होती है।
मां बच्चों की मार्ग दर्शक होती है।
मां महान हैं।
मां के चरणों में दुनिया जहान है।
मां के लिए भी समर्पित रहिए।
मां बार बार नहीं मिलती है।
मां का मान सम्मान कीजिए और दुनिया में मान
सम्मान पाइए।
मां को अकेले मत छोड़िए।
मां का साथ दीजिए।
मां पर अपना प्यार लुटाएगी।
मां को अपने साथ रखिए।
मां का कहा मानिए।
मां का भरोसा मत तोडिए।
मां से प्यार से बात करिए।
मां को घर परिवार में ऊंचा दर्जा दीजिए।
घर परिवार में निर्णय लेते समय मां को नजरंदाज
मत कीजिए।
मां के आंसु ना गिरे ऐसा प्रयास कीजिए।
सबसे पहले मां के लिए थाली निकालिए।
मां प्यार का सागर है।
मां का दिल मत दुखाईए।
मां को सबके साथ रखिए
मां को अलग रखकर परिवार मत तोडिए।
मां के स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए।
मां हर समय बच्चों की राह देखती है।
मां के लिए मन में चाह पैदा कीजिए।
मां के आंचल में आशीर्वाद का खजाना है।
मां का सम्मान करके आशीर्वाद प्राप्त कीजिए।
मां के लिए वक्त निकाल कर सत्संग ले जाइए।
मां को भी बाहर घुमाइए।
मां को घर में मत कैद कीजिए।
मां बच्चों के लिए राक्षस से भी मुकाबला करती है।
मां कभी नहीं डरती है और बच्चों को निर्भीक बनाती है।
आत्मिक बल और साहस का संचार करती है मां।
मां बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम होती है।
मां खुशी और उल्लास बच्चों को देती है।
मां से शिष्टाचार सीखिए।
मां के संस्कार को अपनाइए।
मां का सम्मान ईश्वर का पूजन हैं।
जय हो मातृ शक्ति।



मां के चरणों में शत-शत नमन।