बात करते करते समय कब बीत जाता है पता ही नही चलता है,फिर राज अमीषा को अपने साथ बाहर चलने को कहता है"अमीषा मेरे साथ बाहर चलो तुम्हे कुछ दिखाना है।"
अमीषा स्माइल करते हुए कहती है"कहां?? रात भी हो गई है।"अभी चलो बस मेरे साथ जो मैं तुम्हे दिखाना चाहता हू वो रात में ही देख सकते है।"इतना कह कर अमीषा को अपने साथ लेकर अपने खेत के तरफ चल देता है। राज के खेत में एक बहुत ही ऊपर बेड लगा हुआ होता है जिस पर सो कर उप्पर से खेत की निगरानी करता था।
राज अमीषा को ऊपर चढ़ने को कहता है,अमीषा डरते हुए ऊपर चढ़ती है।तभी राज उसका हाथ थाम लेता है जिससे अमीषा स्माइल करती है और ऊपर चढ़ जाती है।उसके बाद राज उपर जाता है। और दोनो उपर बैठ जाते है ।अमीषा राज से पुछती है"अब बताओ मुझे यहां क्यों बुलाए??"राज स्माइल करते हुए अमीषा के चेहरे के तरफ देखते हुए आसमान के तरफ उंगली दिखाते हुए कहता है।"वो देखो !"
आसमान में देखते हुए अमीषा राज से कहती है"वाव यहां से कितना प्यारा दिखता है ना आसमान? मैं पहली बार ऐसा नजारा देख रही हू सच में बहुत ही प्यारा नजारा है।"
राज अमीषा के करीब आते हुए उसके हां में हां मिलता है और कहता है"हां सच में बहुत ही प्यारा नजारा है। बिलकुल तुम्हारी तरह।"जैसे ही राज ये बोलता है अमीषा राज के तरफ देखने लगती है और कहती है"क्या कहां तुमने??"
राज अमीषा को खुदके तरफ देखते हुए हिचकिचाते हुए कहता है"म,, म,, मेरा मतलब "अभी वो ऐसे ही हकला रहा होता है तभी अमीषा कहती है"हां मैं समझ गई तुम्हारा मतलब अब म,म,,करना बन्द करो और मुंह पर हाथ रख कर हँसने लगती है उसे ऐसे हँसते देख राज शर्मा जाता है। और अपना हाथ अमीषा के हाथ पर रखने की कोशिश करता है अमीषा ये देख कर मन ही मन मुस्करा रही थी।पर राज कैसे उसके हाथ पर हाथ रखे अभी सोच ही रहा था की अमीषा झट से उसका हाथ नीचे करके उसके हाथ के उपर अपना हाथ रख देती है।
जैसे ही अमीषा ऐसे करती है राज की धड़कने तेज हो उठी और वो अमीषा के चेहरे पर गौर से देखने लगता है उसके चेहरे पर एक अलग ही नूर था । अब राज को ऐसा लगने लगा था की कही न कही अमीषा भी अब उसे पसन्द करने लगी है।अभी ये सोच ही रहा था की तभी अमीषा आसमान में देखते हुए कहती है।"पता है कल नया साल है, 1जनवरी और आज कि ये रात इस साल की आखिरी रात है। इस साल में मेरे लाइफ में बहुत सी अच्छी यादें मिली और कुछ बुरी भी जैसे मेरे मां और पापा मुझे छोड़ गए।"तभी राज थोड़ा हमदर्दी जताते हुए कहता है"मैं समझ सकता हू तुम्हारे दिल पर क्या बीत रही होगी अभी पर मैं आज इस जाते हुए साल से ये जरूर कहना चाहता हू की इस साल ने तुम्हे जितना दुख और दर्द दिया है उससे कही ज्यादा खुशी मैं तुम्हे आने वाले नए साल में देना चाहता हू।"
राज के इतना कहते ही अमीषा राज के चेहरे को घूरते हुए कहती है"कही तुम मुझे इंडिरेक्टली परपोज तो नही कर रहे ना?"राज मन में ही सोचता है"राज देख आज ही अच्छा मौका है जो तेरे दिल में है बोल दे।और वैसे भी अगर इसके दिल में तेरे लिए प्यार ना होता तो ये तेरे साथ इतनी रात को क्यों आती??देख मतलब साफ है इसे भी तेरे अंदर इंट्रेस्ट है अब ये सुनहरा मौका हाथ से जाने मत देना हिम्मत करके बोल दे तो तेरे दिल में है ,,,"
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