फर्स्ट लव - 9 Mr Rishi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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फर्स्ट लव - 9

ये सुनने के बाद अमीषा गुस्से में कहती है"राज तुम सच में पागल हो क्या एक तो मेरा पहले से तबियत खराब है और तुम्हे पता है मेरा क्या हाल रहता है आज कल उप्पर से तुम ये सब करके मुझे और डरा रहे हो।"

ये कहते कहते अमीषा के आंखें भर आती है,राज जल्दी जल्दी अमीषा के पास जा कर उसे शांत करते हुए कहता है "सच में मुझे नहीं पता था कि तुम्हे मेरा ऐसा करना पसंद नहीं आएगा दिल से माफी मांग रहा हू सॉरी,,"

अमीषा अपने फेस को साफ करते हुए कहती है।"इट्स ओके,वैसे यहां क्यों आए हो?"राज अपने फोन का टॉर्च ऑन करता है।और जो समान लाया हुआ था वो अमीषा को दिखाता है! वो सब देखने के बाद अमीषा चौक कर कहती है"ये सब क्यों ले हो?"राज उसे सारी बात बताता है "आज तुमने जो बताया उसे में यूट्यूब पर देखा अगर ऐसे हालात में किसी भी तरह का कपड़ा उसे करोगी तो इससे आगे चल कर दिक्कत हो सकती है। तो मैंने सोचा ये तुम्हे देना सही रहेगा।"


तभी अमीषा शरमाते हुए कहती है"अच्छा,और तुम्हे कैसे पता मैं ऐसा वैसा कपड़ा यूज करती हू??"राज हिचकिचाते हुए कहता है"जब तुमने मुझे कपड़ा गर्म करने बोला था तो बाहर मैने देखा था।"राज के इतना कहते ही अमीषा एक दम से चुप हो जाती है।फिर राज कहता है"अब छोड़ो ये सब ये लो तुम्हारे लिए कुछ खाने के लिए लाया हु, और ये पर दर्द की दवा खाने के बाद इसे खा लो।"

अमीषा ये सब देख का राज के तरफ देखने लगती है,और उससे कहती है"सच में मुझे नही पता बाकी लडको जैसे तुम हो की नही पर सच कहूं तो बाकियों से तुम बहुत अलग हो।"

तभी राज हँसते हुए कहता है"हां वो तो है।"और स्माइल करने लगता है।दोनो राज और अमीषा खाते हुए दोनो बाते करते है। तभी राज कहता है"अच्छा सुनो आज मैं अपने खेत में ही सोने वाला हु।"ये सुन कर अमीषा उससे पूछती है"क्या??इतनी रात में यार इधर में मुझे सियार और कुत्तों की आवाज सुनकर ही डर लगता है और तुम खेत में सोने वाले हो?"


राज स्माइल करते हुए कहता है"हां पापा बाहर गए हुए है तो ऐसे में मुझे ही रहना पड़ेगा वरना सब्जियां खरीद कर खानी पड़ेगी।"ये कहते हुए राज रुक जाता है और अमीषा से पुछता है"वैसे तुम क्या खाती हो?"राज के इतना पूछते ही वो बोलती है"खाना खाती हू सुबह में सिमरन रोटी सब्जी दे देती है और रात में पर मुझे चावल दाल खाना है बहुत दिन से नही खाई हू बहुत मन कर रहा है।"


अमीषा के ऐसे भोलेपन को देखा कर राज उससे प्यार से कहता है"वैसे मेरी एक इच्छा है क्या पूरी करोगी?"अमीषा सोचते हुए कहती है, हां अगर मेरे हाथ में होगा तो जरूर करूंगी.।बोलो कैसी इच्छा है??"

राज हिचकिचाते हुए कहता है"क्या ,, क्या मैं तुम्हे एक बार गले लगा सकता हू?देखो बुरा मत मानना वो गले लगाने से दिल में जो भी बोझ होता है वो कम हो जाता है तो बस मैं भी चाहता हू की तुम खुदको अकेली न समझो , मैं तुम्हारे साथ हू।"

राज अभी ये सब बोल ही रहा होता है की तभी अमीषा रोते हुए राज के गले लग जाति है और उसे कस कर अपनी बाहों में जकड़ लेती है।राज के चेहरे पर खुशी छा जाती है की अमीषा ने उसे गले लगा लिया पर अमीषा के आँखें भर आती है।

जहां अमीषा ने भगवान को हजार दफा कोशा की उसने उसके माँ और पापा को उससे छिन लिया अब वो उसी भगवान को शुक्रिया कर रही थी की उसने राज जैसे लड़के को उसके जिंदगी में भेजा।

अमीषा राज को गले लगा कर बहुत ही अच्छा फील कर रही थी । राज ये सोच रहा था की वो अब अमीषा से कह दे जो भी उसके दिल में है। तभी अमीषा बोल पड़ती है"राज अब मुझे तुमसे एक वादा चाहिए कि तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे।"राज का तो खुशी से मन फुल उठता है और झट से कहता है"पक्का हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा और तुम्हारे हर एक जरूरत को भी पूरा करूंगा।"



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