24 लाशें - 2 Umesh Singh द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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24 लाशें - 2

इस घटना के दो दिन बाद जबलपुर मध्यप्रदेश में दिया के घर पर, उसकी बड़ी बहन नताशा का बुरा हाल था।

उसके कालेज के दोस्त - तान्या,साहिल,करीना और विशाल उससे मिलने आए थे दो दिन हो गए हैं।

मम्मी बहुत परेशान हैं। पापा भी टूर से वापस आ रहे हैं। पुलिस में मिसिंग की कंप्लेंट भी लिखवाईं है, पर कुछ पता नहीं चल रहा है। नताशा, तू कह रही थी कि दिया के स्कूल से वापस आने वाले रास्ते पर तुझे एक सोने का मुखौटा और उसका स्कूल बैग मिला था। यह लेटर उसी बैंग में से मिला था ना!

इसमें कोई मैसेज तो नहीं लिखा हुआ है उसने! नहीं। यह लेटर दिया का नहीं है। किसी बस ड्राइवर मनोज का है! मनोज ने इस लेटर में किसी मनहूस चीज से बचने की सलाह दी है। पर वह चीज क्या है, यह कुछ साफ समझ नहीं आ रहा। कहीं ये बस ड्राइवर दिया को किडनैप तो नहीं करके ले गया??

इस नाम का कोई ड्राइवर इसके स्कूल की बस चालता है क्या?? नहीं।

यह लेटर 1995 में लिखा हुआ है। लेटर के अंत में ड्राइवर ने डेट लिखी हुई है। मैंने स्कूल में पता किया पर इस नाम का कोई ड्राइवर इनकी स्कूल में काम नहीं करता।

तू चिंता मत कर नताशा! मेरे पहचान में एक अंकल है पुलिस में। मैं उनसे बात करती हूं। वैसे ये बक्सा भी उसके स्कूल बैग में ही मिला था ना। यह तो बहुत ही प्राचीन लग रहा है कि इस मुखौटे के ही नाप का बना हुआ है। हां इस मुखौटे को इसी बक्से में डाल देते हैं। इसको बाद में देखते हैं। पहले तो दिया को ढूंढना है। मुझसे रहा नहीं जा रहा। डोंट वरी नताशा। इस जंग में हम सब तेरे साथ है। हम सब मिलकर जल्दी ही रास्ता ढूंढ लेंगे सब नताशा को सांत्वना देते जा रहे थे।

पर नताशा के मन में बढ़ रहे तुफ़ान को रोकना किसी के बस में नहीं था। थोड़ी देर बाद सब वहां से चले गए दिया तू कहां है रे!

तेरी बड़ी बहन नताशा बहुत परेशान हो रही है। मेरी प्यारी बच्ची थी तू तो! वापस आजा दिया! वापस आजा! मम्मी की भी बुरी हालत हो रखी है। दो रातों से सोई नहीं है। नताशा अपने मां के कमरे में जाती है।

मां मेरे दोस्त चले गए। वो सब भी दिया को ढूंढने में हमारी मदद करेंगे। तू परेशान मत हो मां। दिया जहां भी कहीं होगी हम उसे जरूर ढूंढ निकालेंगे।

नताशा तू नहीं समझेगी। मुझे बहुत डर लग रहा है। कुछ अनहोनी होने का आभास हो रहा है। अगर दिया का किसी ने अपहरण कर लिया होगा तो?

हम क्या करेंगे नताशा!! हम क्या करेंगे??

मां अगर किसी ने अपहरण किया होगा तो फिरौती की रकम के लिए कांल तो जरूर करेगा। एक बार कांल आयें तो सोचेंगे कि क्या करना है।

मां तू थोड़ी देर सो जा! तू दो रात से सोई नहीं है।

मैं इंटरनेट पर डिटेक्टिव ढूंढ रही हूं। कोई न कोई मदद करने वाला मिल जाएगा।

मुखौटा अब क्या करेंगे उनके साथ!!?? क्या उनकी जान भी खतरे में है?? जाने अगले भाग में!!!!!