उनकी शरारती निगाहे देख
उनका शर्म से निगाहे झुकाना
उफ़्फ़्फ़्फ़!!
श्री और मायूर साथ में धानी के जाते हैं इस बीच दोनों के बीच सारी बाते होती बस उस दिन होस्पिटल वाली नहीं l मायूर बताने कि कोशिश भी करता है लेकिन श्री बात हि पूरी नहीं देती है l
दी....मु.... मुझे आपको कुछ बताना प्लीज आप सुन लो ना एक बार मनुहार करते हुये बोला l
नहीं नहीं अब सीधा धानी के घर बात होगी जो भी है समझे झूठी नाराजगी से बोली l
दीईई.... बेचारगी से बोला l
नो मीन्स नो समझ नहीं आता तुम्हें कि लगाऊ एक चपेट l कहकर धानी के घर जाने लगती है l मन हि मन श्री मायूर के मजे ले रही थी और ना बताओ बच्चू वो समझ रही थी कि मायूर किस बारे में बात करना चाहता है !!
नहीं नहीं दी हडबडाहट से बोला l तुरन्त हि अपने गाल पर हाथ धर लिया l मासूम सा चेहरा लिये अपनी दी को देखने लगा l मायूर मन में एक नजर श्री को देख खुद से हि अरे यार ई दी को का हुई गवा है हमाय तो तनिक सुन भी नहीं रही है ई ऐसन तो ना थी l अब दी तो सुन हि नहीं रही है लगता है जीजा जी से बात करेक का पडी l फिर मायूसी से श्री को देखने लगा l
"अब आयेगा भी कि वही खड़ा रहेगा" श्री जोर से बोली l
"आ रहा हूँ दि" झट से दौड पडा l
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धानी के घर...!
मम्मी ओ मम्मी हम लोग आ गये है स्वागत नहीं करोगे का हमारा जोर से बोली!
श्री कि आवाज सुन धानी झट से अपनी आँखें खोल दी जो मून्दे लेटी थी l
अब आयेगा मजा मेरी प्यारी धनिया मेरी आवाज तो सुन हि लि होगी इसलिए तो मैं जोर से बोली मन में कह कर मुस्कुरा पडी श्री !
पास खडा मायूर अवाक सा अपनी दी को देख रहा था उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसकी दी इतना अजीब क्यों व्यवहार कर रही है l
धानी कि मम्मी रसोईघर में कुछ कर रही थी श्री कि इतनी जोर आवाज सुनकर वो भागी भागी आई क्या हुआ श्री इतनी जोर से क्यों बोल रही हो मुझे सुनाई देता है प्यार से झिडकी दि l
अरे मम्मी कहकर झट से उनके गले लग गई l
मम्मी हम लोग धानी से मिलने जा रहे है कुछ बनाईयेगा वनाईयेगा नहीं हम लोग खा पि कर आ रहे है l गाल सहला दि l
चलो मायूर धानी से मिल लेते है l
धानी आंख मून्दे लेटी थी ख्यालो कि बौछार से डूबी हुई l
किनके ख्यालो में डूबी हो मैडम सिर पर हल्की से थपकी दे दि l श्री ने l
तुम्हारे अलावा कौन होगा जिनके ख्यालो में डूबुगी उसी लहजे में धानी भी बोली l
कौन किसके ख्यालो में डूबा है हमे भी जरा बताओ भई ठहरी सी आवाज पर उस ओर देखने लगे उस आवाज को सुन श्री कि धडकने बढ सी गई l मायूर को थोड़ी राहत मिली बड़े हि गर्म जोशी से मिला l
सामने तेज ह्वाईट शर्ट ब्लैक पैन्ट काईये से बाल सेट किये होठो पर सौम्य सी मुस्कुराहट लिये धानी कि मम्मी के साथ हाथ फ़ोल्ड किये हुये खड़ा था l
धानी तेज को देख जीजा जी क्या गजब के लग रहे हो मन तो कर रहा है आपके झप्पी दे दु कहकर आई विन्क कर दि l
उसके ऐसे बोलते हि मायूर "धानी" को घूरने लगा l
"हा हा क्यों नहीं भई आखिर आप हमारी एकलौती साली साहिबा है l पूरा हक बनता है आपका "कहकर तेज भी मुस्कुरा पडा तिरछी निगाहो से श्री को भी देख रहा था l
श्री तेज कि बात पर खुलकर मुस्कुरा पडी l एक नजर देख सभी को आप लोग सब बात करो मै मम्मी कि मदद कर दू l चलिये मम्मी तेज को स्माइल देकर चली गई l
अरे अरे तुम क्यों जा रही हो? धानी उसे रोकते हुये बोली l
क्रमशः!!!