वो निगाहे.....!! - 18 Madhu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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वो निगाहे.....!! - 18

होठो से भला इकरार ना हुआ
निगाहे तुम्हारी इकरार कर गई!!






अरे हम तो झूठी नाराजगी लिये बोले आप तो परेशान हि हो गई l हम आज हि बात करते है भाई साहब से कि उनकी क्या राय है कहकर अपनी पत्नी को गले लगा लिया l
जी उर्मी जी भी गले लग गई l दोनों को हि आत्मिक शान्ति मिली l

उन्हु उन्हु..... श्री बोली तो श्री माँ पापा झट से अलग हो गये l दोनों हि लोग असहज हो गये l
उन दोनों को असहज देख श्री माँ हम और मायूर धानी के घर जा रहे है यही बताने आये थे आते वक़्त देर भी हो सकती है तो आप लोग परेशान मत होईयेगा l

उर्मी जी सहज होते हुये हा हो सके तो जल्दी आ जाना तुम लोगों के बिना अच्छा नहीं लगता है l

जी माँ दोनों को एक नजर देख मुस्कुरा चली गई l

श्री के जाते ही प्रकाश जी उर्मी जी को फिर से मुस्कुरा कर गले लगा लिये l उर्मी जी भी अपनी झेप मिटाने के लिये उनकी सीने में छिप गई वो भी मन्द मन्द मुस्कुरा पडी थी l
आप आज भी नई नवेली दुल्हन जैसे शर्माती हो कहकर प्रकाश जी खिलखिला पड़े l
"आप भी "उर्मी जी कि बाहे प्रकाश जी पर और कस गई l

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वामा पिक अप दा फोन वेद कई बार काल कर चुका था वामा काल ना उठाई थी l
फिर से फोन मिलाया इस बार काल उठ गया l वेद गुस्से से फोन रखती हि क्यों हो जब उठाना नहीं होता है मै कितने देर से फोन लगा रहा हूँ पता नहीं तुम्हे फोन नहीं उठाती मेरी जान निकलने लगती है अब कुछ बोलोगी भी या नहीं!

क्यों तुम्हारी जान क्यों निकल रही है वामा के फोन ना उठाने से उखडी सी आवाज आई l

अस्फ़ुट सा ....ते.....ज... वेद बोला l

हा मै हूँ वामा पापा के साथ कुछ काम से बाहर गई मोबाइल लेकर नहीं गई है l तुम क्यों वामा फोन मिला रहे थे l कुछ काम था क्या?

वेद को संयत कर नहीं वामा को कुछ टिप्स बताने थे कुछ दिनो बाद वामा इन्टरव्यू है ना इसलिए ! और तू आज घर पर ढाबे नहीं गया क्या?

अच्छा! मुझे लगा कुछ और बात है पक्का यही बात है ना? उसके मजे लेते तेज बोला l

नहीं नहीं सच्ची यही बात है वेद जल्दी से बोला l घबराहट से वेद पसीने पसीने हो गया था l मन में यार ऐसी घबराहट तो काम के सिलसिले में भी नहीं होता है l धाकड धाकड गुण्डे लोगों को मारने में भी नहीं होता है ऐसे बाते कर रहा है जैसे मै इसकी बहन को शादी के लिये देखने आया हूँ हुन्ह!

ठीक है तुम कह रहे हो मै मान लेता हूँ वैसे मुझे कुछ काम था घर पर इसलिए आया था अभी चला जाऊगा l वामा आयेगी बता दूँगा अपना ख्याल रखना अब रखता हूँ उसकी बात सुने बिना हि काल कट कर दिया l

तेज खुद से जब तक तुम खुद मुझे नहीं बताते मै भी कुछ नहीं कहुगा कि मुझे पता है तुम्हारा और वामा का रिश्ता l
हूँ तुम्हारे मजे तू लुगा मेरे लाल शरारत से मुस्कुरा दिया l

बाल बाल बच गए घबराहट से बोला
जेब से रुमाल निकाल अपना पसीना पोछा !!
कैसे कहु गा अपने यार से! जल्द हि बताना पड़ेगा कही और से पता चल गया तो बहुत बात बिगड जायेगी घर बसने से पहले उजडना ना हो जाय l
नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा थिन्क पोसोटिव दिल पर हाथ धरे बोला l

जारी है.....!