वो निगाहे.....!! - 4 Madhu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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वो निगाहे.....!! - 4

जब वो खिला रहा होता है उसे महसूस होता है कोई उसे लगातार देखे हि जा रहा है जब वो नजर उठाकर देखता सामने दो लड़कियां आपस में बाते कर रही होती है l


अपना वहम समझकर वापस उन्हे भोजन कराने लगता है खाने खिलाने के बाद तेज उन्ही के पास बैठ जाता है फिर उसे लगता कोई देख रहा उसी वक़्त वो भी अपनी निगाह उठाता उस लडकी से जाकर उसकी निगाह मिलती वो बस एक निगाह उसे हि देखे जा रही थी उसके चेहरे कि मासूम सी मुस्कराहट उसे और भी प्यारी बना रही थी वो लडकी तेज को देखने मे इतनी मसरुफ़ होती उसे ये ध्यान नहीं रहता वो लडका भी उसे देख रहा है पास बैठी धानी जब देखती वो लड़का भी श्री को देख रहा है तो वो उसे घूर कर देखती जिससे तेज सकपका जाता है और अपनी निगाह उस तरफ़ हटा लेता है l वो उन स्त्री को अन्दर को लेकर बढ जाता क्यों कि आज रति का बर्थ डे होता है सब लोग मिलकर रति का बर्थ डे मनाते है सभी ढाबे पर आय हुये लोगों को छेना (मिठाई) अरे फ़्री देने का आर्डर करता है सब खुश हो जाते है वो सबको लेकर आश्रम पहुंचा देता है.... फिर वापस आकर ढाबे पर देखता है वो दोनों लडकिया जा चुकी होती है l तेज के सामने उसका प्यारा सा चेहरा फिर ध्यान आ जाता है जिससे उसके चेहरे पर सौम्य सी मुस्कराहट आ जाती है.....!!
अपनी यादो से बाहर आता है वो बात लगभग दो साल हो जाते इन दो सालो मे ऐसा कोई दिन नहीं होता है जब वो उन मासूम निगाहो को भूला हो सारी खोज खबर करके आज फ़ाईनली वो रिशता लेकर श्री के घर आता है तो देखता श्री उसे हि देखे जा रही है..... वो आवाज करता जिससे श्री होश में आती है आप कुछ कह रहे थे क्या... तेज नहीं नहीं वैसे आपको हमारा नाम तो पता है. श्री.... नहीं हमे नहीं पता तेज.... हमारा नाम तेज है और हमारी बहन का वामा है फिर जब आप घर आयेगी सभी से तो परिचय हो जायगा.... श्री.... हूँ

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उधर धानी को लगता है कोई उस पर नजर रखे हुये है जैसे वो देखती श्री का भाई मयूर उसे देख रहा है वो उसे घूरती है ओ उसे ऐसे घूरते देखता है तो फुर से देखकर भाग जाता है उसे ऐसा करते देख धानी खिलखिला कर हस पडती है उसके ऐसे हसने से सबकी नजरे उसी कि तरफ़ चली जाती वो झेप जाती है वो दान्त दिखाते हुये कहती है वो वो मुझे कुछ याद आ गया था सब वापस अपने मे मसरुफ़ हो जाते है......श्री और तेज सबके बीच कर बैठ जाते है उनकी रजा मन्दी होते हि दोनों की सगाई बहुत सादगी से करा दी जाती है.... श्री और तेज दोनों अभी भी यकीन नहीं होता कि वो दोनों एक दूसरे से एक पवित्र बन्धन मे बधने वाले है.....!!
सब लोग एक दूसरे से मिलकर चले जाते है.... आज हर किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट तो कुछ के बैचेनी थी.......!!

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घर आते ही वामा नाचते हुये ओये होये मेरे भाई कि शादी है करते हुये खूब नाची हाथ पकडकर तेज को भी खूब नचाया भाईईईईईईईईईई अब तो आपकी खामोश मोहब्बत कूबूल हो गई....!!
तेज भी हा वामा तू सही कह रही है.....वामा सुन एक शेर अर्ज किया है वो भी तेज स्टाईल में


कुछ इस कदर मेरहबा हुई
मेरी किस्मत मुझ पर.....
कुछ इस कदर मेरहबा हुई
मेरी किस्मत मुझ पर ....
मेरे महबूब को हि मेरा
हमसफ़र बना गई.....!!


वामा....वाह वाह वाह वाह मेरे भाई वाह भाभी मोहब्बत में आप तो शायर हि बन गये भाया.....हि हि हि !!


जारी है.....!!
स्वस्थ रहिये खुश रहिये 🙏🙏