वो निगाहे.....!! - 5 Madhu द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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वो निगाहे.....!! - 5

भाई आप तो अभी से भाभी के चमचे बन गये.... अरे पगलि तू चमचे कि बात क्या करती है मै तेरी भाभी के इश्क में चम्चा कूकर सीटी सब गया खुलकर मुस्कुराते हुये तेज कहता है.... वही वामा अपने भाई कि इस निश्चल मुस्कान को देखकर उसकी आँखें भीग गई.......भाई आप ऐसे हि मुस्कुराते रहा किजिये कितने प्यारे लगते है आप.... अरे छुटकी मै हमेशा खुश रहता हूं पगलि तू भी हमेशा खुश रहा कर पगलि,,,,,,ये कहकर एक दूसरे को गले लगाते लेते हैं.... वही इन दोनों को देखकर जहा तेज की माँ मुह बनाती हुई अन्दर चली जाती है वही उसके पापा दूर से ढेरो बलाईया ले लेते हैं....
तेज और उसके पापा कि कुछ खास बनती है नहीं ना आज उन्हें अपने बेटे की तरक्की से लेकर उसके हमसफ़र के लिये बेहद सुकून छलक रहा था उन्हें......!!



तेज वामा से रुक अपनी ज़िन्दगी सबसे अनमोल खुशी तो अपने यारा को बताई हि नहीं अगर उसे कही और से पता चल गया तो मेरा कचुमड बना देगा मार मार कर और बहुत नाराज भी होगा मेरा यारा(वेदान्श उर्फ़ वेद )वेद का जिक्र आते ही वामा के चेहरे कि मुस्कुराहट गायब हो गई फ़िकि मुस्कान के साथ हा भाई बिल्कुल बताना चाहिए नहीं तो आपको पता है वेद क्या करेगा आपके साथ अभी तो फ़िलहाल अपने काम वजह से यहा है नहीं तो सोच लिजिये क्या करना है आपको.... तेज हा तू सही कह रही है चल अब मै चलता हूँ तू भी वक़्त पर सो जाना इतना कहकर तेज वामा को साइड से गले लगाता उसके सिर पर हाथ फ़ेर कर चला जाता है.... वही वामा किसी गहरी सोच मे डूब जाती है


उस रोज वामा ब्लू टीशर्ट ब्लू जीन्स सफ़ेद रन्ग जूते पहने बाल तो उसके कान तक होते है उसे अपने हाथ से ही फ़ेर कर हि जल्दी जल्दी सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिये लाईबेरी में कुछ किताबे लेनी होती है क्योंकि लाईब्रेरी 9बजे बन्द हो जाती क्योकि उसे आने मे देर हो गई थी फ़टाफ़ट अपने लिये किताबे सेलेक्ट करती है लाईब्रेरियन के पास जाकर बताती है....सारी किताबे बैग मे रखती हुई वापस आने लगती है तो कोई उसे उसकी कमर से जोरो से पकडते हुये अपनी कार में ले आता है इस स्पर्श को पहचानते हि वो उस व्यक्ति को छोटी छोटी आँखो से घूरने लगती है.......

इन निगाहो से मत घूरिये मोहतरमा.....
नहीं तो इश्क में कुछ गुस्ताखिया हो जायेगी.....!!

इसको सुनते हि वामा उसे और भी घूरने लगती है और कहती गुस्ताखिया का तो पता नहीं मै तुम्हारा सिर जरुर फ़ोड दुगी समझे वेद के बच्चे ........
वेद इतना सुनते हि शरमाने कि एक्टिग करते हुये अरे मोहतरमा अभी तो हमाय शादी भी नहीं हुई तुम तो इतनी आगे बढ़ गई....बच्चच्च्च्चे कहता हुआ मुस्कुरा पडता है,,,,,फिर आगे कहता है

इन घूरती निगाहे के इश्क में हम इस कदर डूब गये सनम.....
खुद को भूलाकर तुममे हि गुम हो गये सनम .....!!

वामा सुनते हि उसे अपने हाथों से उसके पीठ पर तेजी से मुक्का जड देती है वेद कराह उठता है और खुद भी तेजी से उसके दोनों हाथों को मजबूती से थाम कर खुद से हि सटा लेता है खुद को छुडाने कि वामा पर छूट नहीं पाती है और कसमसा कर रह जाती है तेज उससे कहता रहने दे मैडम आप IPSवेदान्श कि गिरफ़्त में है और किस बात कि नाराजगी ऐसे तुम्हे पकडने से या बिन बताय जाने से या तुमसे इतने दिनों से बात नहीं कर पाया इसलिए......तुम्हे तो पता हि क्यों गया था और कहा उस वक़्त मै तुमसे बात नहीं कर पाउगा हा तुम्हे जाते वक़्त नहीं बताया था तुम्हे बता कर जाता तो मै जा हि नहीं पाता ना
तुम्हारी आंखों मे आन्सु मुझे कतई हि नहीं पसंद है बस इस लिये नहीं बता पाया मेरी जान इतना कहकर वो वामा को अपनी बाहो में भर लेता है वही वामा भी उसकी पीठ पर हाथ धर देती है .......!!
और उसे कल मिलने का वादा लेकर उसे उसके घर छोडकर अपने घर चला जाता है जो सिर्फ़ कहने भर का था.... क्योंकि वेद अनाथ होता है उसके परिवार के नाम पर तेज और वामा हि होते हैं......l

अपनी यादो से बाहर आती वामा, फिर से नाराज है उससे फिर बिना बताय चला गया अपने काम के सिलसिले में वेद कई दिनों से बाहर है l इस बीच एक बार भी बात ना हुई है ना काल से या msg द्वारा l आने दो इस बार बात हि नहीं करुगी तब समझ आयगा l समझती हूँ अच्छे से काम रहता जरुरी नहीं हर बात बताई जाय फिर जाने का तो बता सकता था ना हुन्ह कहते हुये अपने कमरे में जाकर अपने interview कि तैयारी का देखने लगती है क्योंकि वामा ने pre और mains क्लियर कर लिया अब बस interview रह गया है
l
वामा......
उस उडान से उम्मीदॆ है हमारी...
जो खुद हमारी उडान से होगी....!!

जारी है ....
स्वस्थ रहिये खुश रहिये 🙏🙏